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हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राहुल है, मेरी हिंदी गे कहानी आपके लिए पेश कर रहा हूँ.
मैं गुडगांव में एक प्राइवेट कंपनी में कैब चलाता हूं.. जिधर मेरी नाइट शिफ्ट रहती है. इस वक्त मेरी उम्र 28 साल है. मैं अक्सर अपनी गांड और छाती के बाल साफ़ करता रहता हूं. मैंने आज तक चार आदमियों के लंड अपनी गांड में लिए हैं और कम से कम 10 आदमियों का लंड चूस भी चुका हूं.
मैं नाइट शिफ्ट होने के कारण अक्सर अपने स्टाफ को आनंद विहार छोड़कर आता था और वहां से वापस आने में मेरे को दो तीन जो गुड़गांव सवारी मिल जाती हैं, मैं उनको लेकर आता था.
एक दिन की बात है, सर्दियों का टाइम था. मैं अपने स्टॉप को छोड़कर अन्दर बस स्टॉप पर गया, वहां एक चाय वाला बैठा हुआ था. मैंने चाय पी और वहीं इंतजार में बैठ गया. कुछ देर बाद कोई 40-45 साल का आदमी मेरे पास आया.
वो बोला- बेटा… गुडगांव चलोगे? मैंने कहा- हां अंकल जी बैठिए. वो बोले- सर्दी बहुत हो गई है. मैंने कहा- हां अंकल आज बहुत सर्दी है.
वे अगली वाली सीट पर गाड़ी में बैठ गए. कुछ देर रुकने के बाद दो तीन आदमी और आकर गाड़ी में बैठ गए. फिर अंकल बोले- चल बेटा. मैंने कहा- हां, बस चलते हैं. फिर हम चल पड़े.
अंकल मेरे से बात करने लगे और उन्होंने पूछा- क्या आप अक्सर इस स्टॉप पर आते हैं? मैंने कहा- हां हफ्ते में दो या तीन बार तो आता ही हूं. पीछे से एक आदमी बोला- बस भैया यहीं रोक दो.
मैंने गाड़ी साइड में लगा दी और वह भैया उतरा और किराया देकर चला गया. मैं लाजपत नगर चौक आया तो वहां बाक़ी की दोनों सवारी भी उतर गईं.
अब मैं और अंकल अकेले ही रह गए थे. हम दोनों बात करने लगे.
अंकल ने पूछा- दिल्ली में इतनी सर्दी ही होती है क्या? मैंने कहा- हां अंकल. इस तरह हम बात करते हुए चले जा रहे थे. इसी बीच अंकल का हाथ मेरी जांघों पर आया. वे बोले- बेटा फोन में देखूँ, टाइम क्या हुआ है?
फोन मेरी टांगों के बीच में रखा था. अंकल ने फोन उठाने के बहाने मेरे लंड को स्पर्श किया और फोन में टाइम देख कर वापस रखने लगे और बोले- क्या बारिश हो रही है जो फोन टांगों के बीच में रखता है.
ये कह कर अंकल ने मेरे लंड को दोबारा स्पर्श किया. मेरा लंड उस टाइम पर सो रहा था और मुझे मालूम ही नहीं था कि वह क्या करने वाले हैं. अंकल ने पूछा- अक्सर लड़कियां कैब में आती हैं? मैंने कहा- नहीं, हमारे ऑफिस में लड़कियां डे शिफ्ट करती हैं और मैं नाइट में गाड़ी चलाता हूं.
इस पर अंकल हंसने लगे. उन्होंने मेरी जांघों पर हाथ रख दिया और मेरी जाँघों को सहलाने लगे. फिर मुझे महसूस हुआ कि अंकल मेरे लंड को ढूंढ रहे हैं. मेरा लंड सो रहा था. अंकल पूछने लगे- फिर बेटा सर्दी में काम कैसे चलता है? मैंने कहा- बस ऐसे ही चल जाता है. बोले- अच्छा ठीक है. अंकल मेरे लंड को पैंट के ऊपर से सहलाने लगे, मेरा लंड खड़ा हो गया था और मुझे मजा आने लगा. उसके बाद अंकल ने पूछा- मजा आ रहा है? मैंने कहा- जो मजा गांड देने में है, वो लेने में कहां है अंकल.
अब बात खुल गई थी. अंकल बोले- आपकी शादी हो गई? मैंने कहा- नहीं.. अंकल चुप रहे.
उसके बाद मैंने पूछा- अंकल आपकी हो गई है ना? बोले- हां मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं, मैंने लेट शादी की थी. मैं अक्सर घर से दूर ही रहता हूं. मैं गुडगांव मानेसर में जॉब करता हूं. एक प्राइवेट कंपनी है, मैं वहीं फ्लैट में ही रहता हूं. उसके बाद अंकल मेरे लंड को दबा रहे थे. उन्होंने मेरा एक हाथ अपने लंड को स्पर्श करवाया, उनका लंड काफी मोटा और लंबा था.
उन्होंने पूछा- गांड मारते हो? मैंने कहा- नहीं गांड मरवाता हूं. अंकल- मुझे आप पर शक तो वहीं चाय वाले के पास हो गया, जब मैंने आपकी गांड देखी थी.
अब अंकल ने मेरी पैंट का हुक खोल दिया और हाथ पीछे ले जा कर मेरी गांड को दबाने लगे. फिर अपनी पैंट का हुक खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और लंड को सहलाने लगे. मेरे शरीर में एक करंट से दौड़ गया. उनके स्पर्श से मैं गरम हो रहा था. तभी उन्होंने मेरा एक हाथ अपने लंड पर रखवा दिया. मैं उनके लंड को हिलाने लगा, मेरे हाथ में उनका लंड आ गया था, जो काफी मोटा और तगड़ा था. उनका लंड इस वक्त बड़ा टाइट हो रहा था. उसके बाद वह बोले- लंड चूसता भी है?
मैंने हां में सिर हिला दिया. अंकल बोले- तो गाड़ी साइड में लगा लो.
मैंने जगह देखकर गाड़ी साइड में लगा ली, वहां रोड की लाइट नहीं चल रही थी.. अँधेरा सा था, जिससे हमें कोई देख नहीं सकता.
उसके बाद उन्होंने मेरा सिर पकड़ा और अपने लंड पर टिका दिया. वह सीधे बैठे रहे ताकि किसी को हम पर शक ना हो. उसके बाद मैंने उनका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा. मैं अंकल का लंड चूस रहा था और वह गर्म बातें कर रहे थे.
अंकल- हां मेरी रानी, लंड चूस ले.. बहुत दिन हो गए.. किसी से नहीं चुसवाया है.
मुझे डर था कि कहीं पुलिस वाला ना आ जाए. इसलिए मैंने अपना मुँह हटा लिया.
अंकल बोले- क्या हुआ? मैंने कहा- यहां सेफ नहीं है. अंकल बोले- ओके चलो मेरे फ्लैट पर चलोगे? मैं कुछ नहीं बोला.
उन्होंने कहा- मुझ पर विश्वास करो मेरे फ्लैट में मैं अकेला रहता हूं. मैंने कहा- ठीक है चलो. अंकल बोले- मैं अब गाड़ी चला लूंगा.
वह मेरी सीट पर आ गए और गाड़ी चलाने लगे. मैं अंकल का लंड सहलाते हुए उनको मजा देने लगा.
इसके बाद हम दोनों चल पड़े. उन्होंने अपना लंड फिर से निकाला और मेरा मुँह उस पर टिका दिया. उसके बाद मैं उनके लंड को चूसता जा रहा था और वह गाड़ी चला रहे थे. सर्दी की धुंध के कारण अंकल आराम से गाड़ी चला रहे थे और मैं उनके लंड को चूस रहा था.
कोई 15 मिनट लंड चूसने के बाद उन्होंने मेरा सिर जोर से दबा दिया और उनके लंड का गरम मावा मेरे मुँह में आ गया था. मैं अंकल के लंड का रस गटक गया और उनके लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया. अंकल बोले- मजा आया? मैंने कहा- हां बहुत मजा आया.. बहुत दिन में मावा खाया है. वह बोले- हां, मैंने भी बहुत दिन में लंड चुसवाया है.
उसके बाद उन्होंने अपना पेंट का हुक बंद किया और हमने फिर से सीट बदल ली.
अब मैं गाड़ी चला रहा था. तभी मेरी कंपनी से फोन आया कि कब तक आओगे. मैंने कहा कि अब तो नहीं आ सकता, धुंध बहुत ज्यादा है. उधर से बोला गया कि ठीक है सुबह गाड़ी कंपनी में छोड़ देना.
उसके बाद मैंने गाड़ी तेज चलाई और अंकल के घर की तरफ चल दिया. वह मेरी पैंट का हुक खोल कर मेरी गांड को दबा रहे थे, जिससे मैं अधिक से अधिक गरम हो जाऊं. उन्होंने मेरे को ऊपर उठने के लिए बोला. मैं ऊपर को उठकर थोड़ा सा टेढ़ा हो गया, जिससे मेरी गांड उनकी तरफ हो गई. उसके बाद वो मेरे गांड के गट्टे को स्पर्श करने लगे, जिससे पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया. वह मेरी गांड में उंगली डालने लगे. उनके जोर लगाने पर उनका आधी उंगली मेरी गांड में चली गई. मुझे थोड़ा दर्द हुआ.
मैंने कहा- थोड़ा गीला कर लो.
उन्होंने अपनी उंगली मेरे मुँह में दे दी, मैंने अंकल की उंगली चाटकर गीली कर दी. उसके बाद उन्होंने अपनी उंगली मेरी गांड में पेल दी. अब वह मेरी गांड को अपनी उंगली से चोद रहे थे. मेरे मुँह से मादक सीत्कार निकल रही थी- आ उम्म्ह… अहह… हय… याह… हा हा हा.. अब मैं जल्दी से जल्दी उनके फ्लैट पर पहुंचना चाहता था. मैं काफी गरम हो गया था. कोई आधे घंटे की ड्राइविंग के बाद हम गुड़गांव पहुंच गए.
मैंने पूछा- कहां चलना है? उन्होंने बताया कि बस और 4 किलोमीटर चलना है.
फिर उन्होंने अपने घर का रास्ता दिखाया. उन्होंने बोला- आप बस मेरे पीछे पीछे आना. मैंने कहा- ठीक है.
फिर मैंने अपनी पैंट का हुक बंद किया और हम उनके फ्लैट पर पहुंच गए, जहां वह रहते थे. मैंने गाड़ी साइड में लगाई और उनके साथ चल पड़ा. वह एक बिल्डिंग मे थर्ड फ्लोर के फ्लैट में रहते थे, उन्होंने लॉक खोला, हम अन्दर चले गए. फिर उन्होंने लॉक लगा दिया. इस वक्त सुबह के 3:30 बज गए थे.
उन्होंने मुझे सोफे पर बिठा दिया और अन्दर चले गए. अन्दर से वह गिलास पानी लाए. मैंने पानी आधा गिलास रख दिया. फिर उन्होंने पूछा- नहाना है? मैंने कहा- हां क्यों नहीं.. चलो नहा लेते हैं. फिर उन्होंने कहा- तुम बाथरूम में चलो, मैं गीजर चला कर आता हूं. मैंने कहा- ठीक है, पहले चला दो.
वह अन्दर से बाहर आ गए और मेरे पास बैठ गए और पूछने लगे- और बताओ.. कितने लोगों का लंड लिया है?
मैंने कहा- अंकल 4 का लंड लिया है और लंड तो 10-12 का लंड चूस चुका हूं.
अंकल मेरी गांड को चलाने लगे और मुझे किस करने लगे. उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए. मैं भी उनका साथ देने लगा और किस करने लगा. कभी वह मेरे मुँह में अपनी जीभ देते, कभी मैं उनके मुँह में अपनी जीभ दे देता. हम दोनों बिल्कुल गर्म हो चुके थे. दस मिनट तक ऐसे ही हम किस करते रहे. वह मेरे कभी गालों को चूसते, कभी होंठों को चूसते, कभी गले पर किस करते. मैं उनके किस से बहुत ज्यादा गर्म हो गया था और मेरी गांड में खुजली होने लगी.
उनका लंड जो पैंट के अन्दर था, मेरी गांड को स्पर्श कर रहा था. मैंने टांगें ऊपर उठा लीं. उसके बाद उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे हाथ में दे दिया और मैं अंकल का लंड चूसने लगा. लंड चूसते चूसते मैं भूल ही गया कि यह लंड है लॉलीपॉप नहीं है.
मैंने उनका लंड 15 मिनट एक बिल्कुल पागल रंडी की तरह चूसा. फिर उन्होंने मेरा मुँह अपने लंड से हटाया और मेरे कपड़े उतारने लगे. मैंने भी उनके कपड़े निकाल दिए. मैंने नीचे लड़कियों वाली पेंटी पहन रखी थी, अंकल ने ध्यान से देखा और कहा कि मेरी रानी आज तो मजा ही आ जाएगा. मैंने कहा- हां मेरे राजा आज तो अपनी इस रंडी को चोद डाल.
वह मेरे नजदीक आए और मुझे फिर से किस करने लगे. मेरी गांड को दबाते हुए बोले- चलो अब साथ साथ नहाते हैं. हम दोनों नहाने चले गए. फिर अंकल नहाते नहाते मुझे पकड़ा और फिर से मेरी गांड दबा कर मेरे बदन को चूमने लगे. अंकल बोले- तेरी गांड बड़ी मस्त है. चूतड़ तो बिल्कुल लड़कियों जैसे हैं. मैंने कहा- अंकल मेरी गांड भी लड़कियों जैसी ही है, तभी तो आप जैसे चोदू मिल जाते हैं और मैं गांड मरवा लेता हूं.
अंकल मेरे को फिर से किस करने लगे. मैं भी उनके लंड को स्पर्श करके दबा रहा था, फिर मैंने अंकल के लंड को चूसना शुरू कर दिया.
काफी देर तक मैं उनके लंड को चूसता रहा. फिर उन्होंने मुझे खड़ा किया. टॉवेल से मेरा शरीर साफ करके मुझे गोद में उठा लिया और अपने बेडरूम में ले गए. उधर अंकल दोबारा से मेरे को किस करने लगे. अब मैं बिल्कुल गरम हो गया था और अब इंतजार कर रहा था कि अंकल कब मेरी गांड लेंगे.
इसी बीच वह मेरी गांड दबा रहे थे और एक उंगली मेरी गांड में कर रहे थे. उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया और अपना लंड मेरे गांड के गड्डे पर रख दिया और उसे हिलाने लगे. उनके लंड से मेरे को अजीब महसूस हो रहा था. फिर उन्होंने मेरे गड्डे में अपना लंड डालना स्टार्ट किया. उनका लंड सूखा हुआ था.
अंकल बोले- चूस कर गीला तो कर दो.
उसके बाद वह मेरे सामने आ गए. मैं उनके लंड को चूसने लगा. मुझे मजा आ रहा था, मैं सोच रहा था काश यह लंड मुझे हर एक-दो दिन में मिलता रहे.
फिर अंकल मुझे चोदने के लिए पीछे आ गए. गांड मरवाए काफी दिन हो गए थे तो मेरी गांड बहुत टाइट हो गई थी, जिससे उनका लंड मेरी गांड में नहीं जा रहा था, मैंने कहा- अंकल कोई क्रीम या तेल लगा लो.
उन्होंने साइड से क्रीम की बोतल उठाई और मेरी गांड पर और अपने लंड पर लगा लिया. अब अंकल का लंड मेरी गांड में जाने के लिए बिल्कुल तैयार था.
अंकल ने दोबारा से अपना लंड मेरी गांड पर टिकाया और दबाने लगे. उनके लंड का टोपा मेरी गांड में घुस चुका था. मैं थोड़ा सा आगे हुआ. अंकल ने अपने हाथों से मेरे दोनों कंधे पकड़ लिए और अपने लंड को दबाने लगे. मेरी गांड में मुझे दर्द का एहसास होने लगा और मैं आह आह आह करने लगा.
अंकल ने अब दुबारा से दबाया और उनका पूरा लंड मेरी गांड में घुस चुका था. मुझे काफी दर्द हो रहा था. अंकल उसी पोजीशन में रुक गए. करीब 5 मिनट रुकने के बाद अंकल दुबारा से आगे पीछे होने लगे और मुझे चोदने लगे. मुझे अब दर्द कम होने लगा और मैं भी अंकल का साथ देने लगा.
अंकल धकापेल गांड मारते हुए बोले- आ जा मेरी रंडी.. आज तुझे जी भर कर चोदूंगा..
“हां मेरे राजा आज मुझे जी भर के चोद ले.. आह ऐसा दिन कभी कभी मिलता है.” अंकल ने स्पीड बढ़ा दी और मुझे चोदने लगे. फक फक की आवाज कमरे में आवाज गूंजने लगी. अंकल काफी देर तक मुझे इसी पोजीशन में चोदते रहे. फिर अंकल ने पोजीशन चेंज की और मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख कर फिर से स्टार्ट हो गए.
फच फक फक फच दुबारा से वही आवाजें सुनाई देने लगीं. अंकल पूछने लगे- मजा आ रहा है मेरी रानी? “हां आ रहा है…” मैं सिसकारियां भरने लगा. इसके बाद अंकल मुझे इसी पोजीशन में 20 मिनट तक अविरत चोदते रहे.
अंकल ने दोबारा से स्पीड बढ़ाई तो मुझे लगा शायद अंकल झड़ने वाले हैं. फिर अंकल बोले- मेरी रानी माल अपने मुँह में लेगा या अपनी गांड में लेगा. मैंने कहा- जहां मर्जी छोड़ दे मेरे राजा.
उन्होंने मुझे सीधा बिठाया और अपने लंड मेरे मुँह में दे दिया और उनके लंड ने मेरे मुँह में जोरदार लावे की पिचकारी मारी और मैं लंड चाटने लगा. चाटते चाटते रस पी गया. फिर मैंने उनका लंड साफ कर दिया.
वह लेट गए, मैं भी उनके बराबर में जाकर लेट गया- मजा आ गया मेरी रानी! मैंने कहा- हां मेरे राजा.. आप अपनी इस रंडी को रोज क्यों नहीं चोदना चाहते? उन्होंने हंसते हुए कहा- मैं तो रोज चोदू दूँ.. तू आ सकती है? मैंने कहा- हां.. लेकिन मैं सिर्फ नाइट में आ सकता हूं. वे बोले- दिन में तो मैं भी किसी ना किसी काम में उलझा ही रहता हूं.
उस रात अंकल ने मुझे दो बार और चोदा, फिर मैं सुबह अपने घर चला गया. मेरी गांड में दर्द हो रहा था. मैं घर जाकर सो गया.
अब अगली सेक्स स्टोरी में आपको बताऊंगा कि कैसे अंकल ने मुझे रोज चोदना स्टार्ट कर दिया और मैं रोज चोदने लगा और मैं उनके फ्रेंड से भी चुदवाने लगा.
आपको मेरी हिंदी गे कहानी कैसी लगी. प्लीज रिप्लाई करना. मेरी ईमेल आईडी है. [email protected]
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