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मेरा नाम सोनू है, उम्र 20 साल है और मेरी माँ का नाम प्रभा है और उम्र 39 साल है। मम्मी एकदम गोरी है और लम्बाई करीब 5 फुट 3 इंच है। छोटी बहन शीतल 18 साल की है।
बात है जब मेरे पिताजी का देहांत हो गया 4 साल पहले और हम दूसरे शहर में आके बस गए। रात को मैं माँ और छोटी बहन सब साथ ही सोते हैं एक ही बिस्तर पर।
एक साल तक बहुत मुश्किल से दिन काट रहे थे चूँकि तब मैं पढ़ाई कर रहा था और छोटी बहन भी स्कूल में थी; बहुत मुश्किल से घर चल रहा था।
उस वक़्त तक माँ सिर्फ साड़ी पहनती थी लेकिन करीब एक साल के बाद मेरी माँ ने जीन्स, स्कर्ट, टॉप और सेक्सी सेक्सी कपड़े पहनना शुरू कर दिया और वही पहन कर बाहर भी जाती आती थी। शुरू शुरू में मुझे आश्चर्य हुआ लेकिन फिर धीरे धीरे आदत बन गयी। मम्मी से पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्होंने नयी नौकरी शुरू की है तो वहां साड़ी में अच्छा नहीं लगता।
और वो 11 बजे सुबह निकलती तो कभी कभी रात 12 बजे तक आ जाती और बहुत बार अगले दिन सुबह आती थी।
3 साल ऐसे ही चलता रहा फिर मुझे शक होने लगा अभी करीब 2 महीने पहले फिर मैंने पीछा किया हफ्ते भर तक माँ का… तब पता चला कि ये तो अलग अलग होटल में जाती हैं अब तो मुझे यकीन हो गया था कि अचानक से इतने पैसे कैसे आने लगे हमारे घर में।
मैंने पहले भी मम्मी को पापा से चुदवाते हुए देखा है एवं आवाज़ सुनी है तो मम्मी को चोदने का मूड काफी पहले से था।
एक रात जब मैं मम्मी के साथ सो रहा था, तभी करीब 3 बजे मेरी नींद टूट गयी और लौड़ा खड़ा था एकदम जोश में। मैंने अपने पैर मम्मी के पैरों पे रख रखे थे फिर मैं और चिपक गया मम्मी से और मेरा लंड उनकी कमर को छू रहा था, इससे मेरा जोश और बढ़ रहा था।
फिर मैंने धीरे धीरे मम्मी की साड़ी उठानी शुरू की और कमर तक उठा दी, मम्मी सो रही थी तब भी।
उसके बाद मैंने उसकी चूत छुई तो देखा पानी आया हुआ है फिर मैं भी पायजामा उतार के चिपक गया उससे।
मैंने पहले उंगली डाली तो वो सिसकारी भरने लग गयी, यह सुन मेरा जोश सातवें आसमां पे चढ़ गया।
मैंने माँ की ब्लाउज खींची तो उसके हुक टूट गए, और मां उठ गयी और मुझे घूरने लगी उठ के। मैंने भी माँ के बाल पकड़े और चढ़ गया उनके ऊपर और बूबे मसलने लगा।
मेरा लौड़ा मम्मी की चूत से रगड़ खा रहा था. थोड़ी देर बाद वो एकदम शांत हो गयी और मैंने बिना कंडोम ही उसकी चूत में लौड़ा पेल दिया और माँ की दोनों टांगें उठा कर उसे कस कस के चोदने लगा. अब वो भी मजा लेने लगी थी.
करीब 10 मिनट चोदने के बाद मेरी मुठ मम्मी की चूत में ही गिर गयी और फिट वो तुरंत उठ के बाथरूम भागी फिर आकर बिस्तर पे लेट के मुझे प्यार करने लगी।
मेरी माँ के साथ चूत की चुदाई की आवाज़ सुन कर मेरी बहन शीतल भी जागी हुई थी लेकिन वो कुछ बोली नहीं, चुपचाप सब देख रही थी।
करीब सुबह के चार बजे मम्मी ने बिस्कुट खाया फिर कोई लंबी सी दवाई खायी, मैंने पूछा किस चीज़ की दवा है तो वो हँसने लगी और आकर मेरा लंड चूसने लग गयी। मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था।
थोड़ी देर में मेरा लंड दुबारा से खड़ा हो गया, मैं पुनः जोश में भर चुका था और मम्मी ने शायद कोई जोशवर्धक दवाई खायी थी जिससे वो एकदम बेकाबू हो चुकी थी। यह देख कर मेरी छोटी बहन शीतल का भी कण्ट्रोल छुट चुका था। मैंने महसूस किया वो अपनी चूत रगड़ रही थी।
मैंने शीतल की जांघों को छुआ तो वो गीली थी. मैं समझ गया कि मेरी छोटी बहन भी गर्म हो चुकी है मम्मी की चुदाई देख कर।
मम्मी अब नीचे बैठ गई और मैं खड़ा था, वो मेरा लौड़ा अपने मुख में पूरा अंदर लेकर चूस रही थी. इसी बीच मैंने शीतल के बूब्स मसल कर कहा- छोटी उठ… आ जा… साथ मिल के मम्मी को चोदते हैं।
शीतल उठ के खड़ी हो गयी, उसने हाफ पैंट और टॉप पहना हुआ था और खड़े खड़े मैं और बहन एक दूसरे को चूम रहे थे।
तभी नीचे मेरा लौड़ा चूसती हुई मम्मी बोली- ये शीतल रंडी भी आ गयी चुदवाने?? शीतल को खुद के लिए रंडी शब्द सुनकर गुस्सा आया और मुझसे पूछने लगी- भैया इस कुतिया को मैं पीटना चाहती हूँ। इसने मुझे रंडी बोला!
मैंने कहा- मार साली को… मार खा के इसे और जोश आता है।
शीतल ने मम्मी के बाल पकड़े और मेरे लौड़े के साथ टट्टे भी उसके मुंह में डलवा दिए और बोली- साली प्रभा, छिनाल तू मम्मी नहीं, तू रंडी है, तुझे तो कुत्ते से चुदवाऊँगी मैं।
यह सुन के मम्मी भी जोश में भर गयी और बोली- हाँ रंडी, चुदवा मुझे और थप्पड़ भी मार! तभी मैंने खींच कर 4 थप्पड़ मारे साली मम्मी को।
मम्मी ने कहा- मुझे चोद बेटा… मार मार के चोद… गाली दे मुझे! रंडी समझ के चोद मुझे! अपनी माँ को चोद दे!
मम्मी के मुख से ये सुन कर मेरा तो दिमाग ही घूम गया और मैंने भी साली को और मारना शुरू कर दिया उसकी फूली हुई गांड पे। जितना मारता वो उतना ही आअह्ह आअह्ह्ह्ह्ह करती!
ये सब सुन कर मेरा और बहन दोनों का जोश और बढ़ता जा रहा था, जोश जोश में मैंने पूछा मम्मी से- साली प्रभा, अभी इतना जोश है 38 की उम्र में तो जवानी में कैसे बर्दाश्त करती थी रंडी? वो बोली- साले, जितने तेरे झाँट में बाल नहीं है उससे ज्यादा तो लौड़े लिए हैं मैंने अपनी चूत में। अब मैं समझ चुका था के ये मेरी माँ साली छिनाल है।
अब मैंने उसे नीचे पटका और उस पर चढ़ कर उसके बूबे मसलते हुए चूस रहा था और मम्मी हाथों से मेरे बाल सहला रही थी, मेरी माँ पूरे जोश में थी तो मैंने सोचा कि इसी जोश में इसके अतीत को खंगाला जाए।
मैंने शीतल को इशारा किया कि माँ के हाथ दोनों हाथ बांध दे! उसने बाँध दिए.
तब मैंने कहा- शीतल अब अपनी चूत लेकर इसके मुख पे बैठ जा… अपनी चूत चुसवा साली को! तब तक मैं इस माँ की चूत चोदता हूँ।
शीतल ने बाल पकड़े मम्मी के और चूत माँ के मुह पे टिका दी और अपनी चूत चुसवाने लगी और मैं मम्मी की चूत में जीभ डाल कर चाट रहा था। शीतल की जवानी पूरी उछाल मार रही थी. उसने कहा- सोनू भैया, मेरे पास डिल्डो है, मैं उसे पहन लेती हूँ. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, मैं मम्मी की गांड मारना चाहती हूँ डिल्डो से और आप चूत चोदना गोद में उठा के।
मुझे आईडिया पसंद आया, मैंने कहा- ठीक है। शीतल ने फटाफट डिल्डो बांध लिया कमर पे और 8 इंच का रबर का लौड़ा लगा था उसमें।
अब मैंने शीतल को कहा- उठा साली को! शीतल ने माँ के बाल खींच के 4 थप्पड़ मारे और खड़ा कर दिया उसे।
अब मैं भी खड़ा था और मम्मी की जांघें पकड़ कर उसकी चूत में अपना लंड घुसाते हुए अपनी गोद में उठा लिया और शीतल को कहा- मार बहन गांड मम्मी की। पीछे से शीतल ने एकाएक पूरा डिल्डो पेल दिया मम्मी की गांड में और अब मैं दोनों भाई बहन मम्मी को चोद रहे थे।
शीतल ने कहा- सोनू भैया, इस रांड कुतिया के पेट में अपना बच्चा डालो आप रोज़ चोद चोद के… आपको मेरी कसम। मैंने कहा- ठीक है छोटी, तू कहती है तो बच्चा टिका देता हूँ मम्मी में! लेकिन जब ये गर्भवती हो जायेगी तब मैं किसे चोदूंगा? शीतल ने कहा- भैया आप मुझे यानि अपनी छोटी बहन को चोदना! लेकिन मुझे इसकी कोख में तुम्हारा बच्चा देखना है। मैंने हामी भर दी।
अब मैंने शीतल को कहा- अब मैं तुझे चोदूंगा थोड़ा सा।
अब मैंने मम्मी को बेड पे पटक दिया. हमने और शीतल को कुतिया बना के चोदने लगा, मेरी बहन पहली बार लौड़ा ले रही थी अपनी चूत में… बहन की चूत की सील टूटी तो उसे दर्द हुआ हल्का सा लेकिन उसे मज़ा आया। वो डिल्डो से अपनी चूत के साथ खेलती थी पहले से ही तो उसे ज्यादा दर्द नहीं हुआ!
वो जल्दी ही झड़ गयी और लेट गयी।
मैं अब फिर से मम्मी पे चढ़ गया वो अभी भी जोश में थी। अब मैं पूरी तरह खुल चुका था प्रभा मम्मी के साथ और उसे रंडी समझ के ही चोदना शुरू कर दिया जैसे मैंने उसे चोद चोद कर पैसे वसूल करने हों।
अब मैंने चप्पल उठाई और मम्मी के गांड पे मारना शुरू किया, वो साली और जोश में आ गयी और कहने लगी- और मार मादरचोद। मैं भी जोश से भर गया और तेज़ उसी घोड़ी बना कर बाल खींच खींच कर पीटने लगा और बीच बीच में उसकी गांड में लौड़ा घुसेड़ दे रहा था।
अब मम्मी को बेड पे पटक के चढ़ कर चूत चोदने लगा उसकी किस करते हुए… इस बार मेरा और मम्मी दोनों का साथ में गिर गया और मैं उसी के ऊपर ही लेट गया।
तब से अब तक हमारे बीच सब कुछ खुलेआम होता है मैं अपनी मामी को बहन के सामने और बहन को मम्मी के सामने चोदता हूँ. और पैसे के लिए मम्मी के जिस्म को ग्राहक को देते हैं और पैसे का सारा हिसाब किताब हम दोनों भाई बहन रखते हैं। सिर्फ मेरी मम्मी ही चुदाने जाती है, मेरी बहन तो सिर्फ मुझसे ही चुदाई करवाती है.
मेरी माँ बहन की चुदाई कहानी अच्छी लगी या नहीं? मुझे मेल कीजियेगा. [email protected]
कहानी का अगला भाग: मेरी मम्मी रंडी निकली-2
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