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दोस्तो… प्यारी प्यारी भाभियों और कमसिन कलियों… मैं ब्लैक हर्ट अपने 7 इंच लंबे और 2 इंच मोटे खड़े लंड के साथ आपका आभार व्यक्त करने आपके सामने हाज़िर हुआ हूँ. दोस्तो पहले तो मैं तहे दिल से शुक्रिया करना चाहूँगा कि आपने मेरी पिछली कहानी ट्रेन में मिली लखनवी भाभी की चुदाई को इतना प्यार दिया. आपके बहुत मेल मिले, जिसमें मुझसे उस एक्सपीरियेन्स के बारे में पूछा गया. मैं किसी का नाम खुलासा नहीं करना चाहूँगा लेकिन मुझे इतना प्यार और सत्कार मिला, इसका मैं आपका तहे दिल से आभारी हूँ.
यह कहानी शुरू होती है, जब मैं बिजनेस मीटिंग के लिए नॉएडा के सेक्टर-18 में गया था. वहां मुझे उस कंपनी के मैनेजमेंट की रिप्रेज़ेंटेटिव के साथ डील करनी थी.
मैं उनके ऑफिस में पहुंच गया. उधर रिशेप्शन पर बैठ कर अपनी प्रेज़ेंटेशन की तैयारी करने लगा. तभी मेरे सामने एक अप्सरा आ कर खड़ी हो गई. मैं तो जैसे उसमें खो ही गया था. क्या मस्त फिगर और हाइट थी उसकी… आह… दोस्तो मेरे तो कानों में सीटियाँ बजने लगीं.
उसने हाथ बढ़ा कर अपना परिचय दिया. उसका नाम सपना वर्मा था. उसका फिगर क्या बताऊं दोस्तो लगभग 36-30-38 का रहा होगा और 5 फीट 5 इंच की हाइट रही होगी उसकी. सबसे ज्यादा जो मुझे उसमें पसंद आया, वो उसकी मांसल जांघें और उसकी गोल और उभरी हुई गांड थी. ऐसा लग रहा था कि भगवान ने बड़ी नाप आदि लेकर से उसकी गांड को तराशा है. उसने उस टाइम ब्लैक ट्राउज़र, डीप नेक का ब्लैक टॉप और ब्लैक जैकेट पहन रखी थी. उसके पैरों में ऊंचे हील्स की सैंडल थीं… बाल एकदम सीधे तथा स्टेप कटिंग में थे.
उसने मुस्कुराते हुए मेरा स्वागत किया. फिर हमारी मीटिंग स्टार्ट हुई. मेरे तो दिमाग़ के तार वैसे ही फ्यूज़ हो गए थे. जैसे तैसे मैंने प्रेज़ेंटेशन ख़त्म की.
फिर मुझसे भी रहा नहीं गया और मेरे मुँह से निकल गया कि मैडम आप बहुत खूबसूरत हैं. क्या मेरे साथ डिनर पर जाना पसंद करेंगी. पहले तो उसने मुझे ऐसे घूर कर देखा कि उसे अंदाज़ा ही ना हो कि मैं उससे ये सब भी बोल सकता हूँ. फिर भी वो मेरी प्रेज़ेंटेशन से बहुत प्रभावित थी, तो उसने हां कह दिया.
उसके मुँह से हां सुन कर मेरा दिल तो जैसे उछल पड़ा… मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था. उससे अगले दिन का समय तय हो गया.
फिर अगले दिन शाम को हम सेक्टर-18 में ही एक रेस्टोरेंट कम बार में पहुंचे. मैंने उसे बियर ऑफर की, तो उसने कहा कि वो वोड्का प्रेफर करेगी. मैंने झट से दो लार्ज वोड्का ऑर्डर कर दिए.
अब हम धीरे धीरे एक दूसरे से बात करने लगे और एक दूसरे के बारे में जानना शुरू किया. मैंने उसे ये भी बताया कि मैं अन्तर्वासना पर अपनी कहानियां लिखने का भी शौकीन हूँ. तो उसने मुझसे कहा कि क्या अब कोई कहानी नहीं लिख रहे हैं? मैंने कहा कि अपनी एक जोरदार कहानी की तलाश कर रहा हूँ. उसने कहा- क्यों ना आज ही मैं तुम्हें तुम्हारी जोरदार कहानी दिला दूँ.
यह सुन कर मुझे समझ आ गया कि ग्रीन सिग्नल मिल गया है. अब तक हम दोनों को चढ़ चुकी थी. हम थिरकते कदमों से हाथ में हाथ थामे, अपनी कार की तरफ चल रहे थे. दोनों एक दूसरे से कुछ नहीं बोल रहे थे. जैसे ही हम कार में बैठे और मैंने उसे प्यार से देखा तो उसने एक नॉटी सी स्माइल देते हुए मेरे होंठों पर अपने अपने गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ रख दिए. मुझे तो ऐसा लगा जैसे मुझे 440 वॉल्ट का झटका लग गया हो.
हम दोनों वहीं कार में ही स्मूच करने लगे. मैंने उसकी कमर में हाथ डाल कर अपनी ओर खींचा… अह… क्या मखमल थी उसकी बॉडी… धीरे धीरे मैं अपना हाथ ऊपर सरकाते हुए उसके 36 के साइज़ के मम्मों पर ले गया और उन्हें जोर जोर से दबाने लगा. वो अपने हाथ से मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड का कचूमर निकाल रही थी.
इतने में ही पार्किंग वाले ने हमारी विंडो पे नॉक किया, तो हम संभल कर बैठ गए. हमारी साँसें अब तक हमारे वश में नहीं थीं. फिर हम वहां से अपनी कार लेकर फ्लैट पर पहुंचे, रास्ते में वो मेरे लंड से खेलती हुई आई. जैसे ही हम फ्लैट में पहुंचे मुझसे सब्र नहीं हुआ, मैंने उसे दरवाजे से चिपका कर अपनी गोदी में उठा लिया ओर उसके गुलाबी होंठों को चूसने और काटने लगा. हम लगभग 20 मिनट तक किस ही करते रहे. मेरा एक हाथ उसकी कमर में था और दूसरा हाथ उसकी चूचियों की गोलाईयां माप रहा था.
मैंने सपना से कहा कि मुझे वाइल्ड सेक्स पसंद है. सपना ने मादक अंदाज में कहा- आज चाहे जैसा भी करो… लेकिन मुझे संतुष्ट कर दो.
मैंने उसे उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और उसके टॉप को बीच में से फाड़ दिया… तो उसका संगमरमर जैसा तराशा हुआ बदन धीरे धीरे मेरे सामने आता गया. मेरी तो आंखें ही चौंधिया गई थीं. एकदम दूध के जैसा गोरा और लाली सा भरा हुआ बदन.
फिर मैंने उसकी ब्रा को हटा दिया और उसकी चुचियों को काटने लगा. वो जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी- आह… आह… आह… कम ऑन और जोर से मसलो काटो… मुझे तुम्हारा वाइल्ड सेक्स… बहुत पसंद आ रहा है. फिर मैं धीरे धीरे काटता चूमता हुआ उसकी नाभि पर आ पहुंचा और उसकी नाभि में जीभ डाल कर कुरेदने लगा.
उसका पेट उत्तेजना के मारे हिलने लगा था. अब मुझसे भी सब्र नहीं हुआ और मैंने उसकी जीन्स के साथ ही उसकी पेंटी भी उतार दी. उसकी गुलाबी बुर तो फूल कर पकौड़ा बन गई थी. उसकी मांसल जांघें तो इतनी चिकनी थीं कि जैसे केले के पेड़ का तना हों. मैं उसकी जांघों को चाटते हुए काटने लगा.
उसकी मादक और कामुक सिसकारियां लगातार बढ़ती जा रही थीं- आह… आह… ये क्या कर रहे हो… मुझे पागल क्यों कर रहे हो… अब चोद भी दो ना बेबी… प्लीज़… जल्दी से डाल दो.
उसके पूरे बदन पर मेरे चूमने और काटने के लाल लाल निशान बन गए थे. फिर मैं उसकी बुर को धीरे धीरे चाटने लगा. वो तो एकदम बेड से उछल पड़ी- अहाआहह… आअहहाहह… आहहाह… कम ऑन बेबी… अन्दर तक चाटो और जोर से चाटो हां ऐसे ही आह… आह…
वो मेरे मुँह को अपनी बुर पे दबाने लगी. मैं समझ गया कि उसका पानी निकलने वाला है. “अहह… आअहह… आअहह… मैं झड़ रही हूँ बेबी और जोर से काटो हां ऐसे ही और जोर से…”
मैं अपनी दो उंगलियों को उसकी चुत में और अपने अंगूठे को उसकी गांड में डाल के, जोर से आगे पीछे करने लगा. वो एक जोरदार चीख के साथ झड़ने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआ… आआहह…
फिर कुछ पल शिथिल रहने के बाद वो उठी और मेरे कपड़े खोलने लगी. मेरी चड्डी में लंड ने तंबू बना दिया था. जैसे ही उसने मेरी चड्डी नीचे की, तो मेरा लंड स्प्रिंग की तरह उछल कर उसके लबों से जा टकराया. उसने एक नॉटी सी स्माइल दी और कहा कि शायद इसे मेरे लब बहुत पसंद हैं. उसने ये कहते हुए मेरे 7 इंच के लंड को अपने लबों की गिरफ़्त में ले लिया और जीभ से चाटने लगी.
मैं उसके बाल पकड़ कर जोर जोर से उसके मुँह को चोदने लगा. उसके थूक और लार उसके लबों से टपक कर उसके चुचो पे जमा हो रहा था. फिर वो मेरे आँड चाटने लगी. मैं तो जैसे सातवें आसमान पे था. मेरे दिमाग़ में करेंट दौड़ रहा था. वो एक भूखी रंडी की तरह मेरे लंड को चूस रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लंड के सहारे मेरी जान को ही बाहर खींच लेगी.
अब चीखने की बारी मेरी थी- आह… आहह… कम ऑन क्या मस्त लंड चूसती हो… और जोर से चूसो मेरी जान… आह… और जोर से चूस मेरी रंडी आह… आह… बस इतना गरम हुआ कि मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. वो मेरा सारा रस पी गई. फिर हम हांफते हुए एक दूसरे के बदन से फिर खेलने लगे.
मेरे लंड ने फिर से फुँफकार मारनी शुरू कर दी और वो फिर से बांस सा तन गया. फिर मैंने उसे डॉगी बनाया और उसकी चूत पे अपना लंड रगड़ने लगा. वो कहने लगी- कम ऑन बेबी अब मत तड़पाओ… प्लीज़ डाल दो अपना ये मूसल… और ठंडी कर दो इस चूत को… आह…
मैंने अपना लंड उसकी चुत पर सैट करके एक जोरदार धक्का मारा. मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ सीधा उसकी बच्चेदानी से टकरा गया. उसकी एक जोरदार चीख निकली- अह… अह… आआहह… हह… मर गई… उसकी आंखों से आँसू बहने लगे, वो कहने लगी- आह… तुमने तो मार ही दिया… धीरे नहीं डाल सकते थे… अभी तक मैं ज्यादा नहीं चुदी हूँ… साले मेरी प्यारी चूत पूरी फाड़ दी तुमने… मैंने धक्का देते हुए कहा कि मुझे वाइल्ड सेक्स पसंद है… मैंने पहले ही बोला था.
उसने अपनी गांड उठा कर लंड को झटका दिया तो मैं जोर जोर से धक्के पर धक्का मारने लगा. उसकी चीखें तेज होने लगीं. ‘आह… आह… आह… मम्मा धीरे प्लीज़ बेबी… धीरे आह… आह… मम्माआ… मुझे उसकी चीखें सुन कर और जोश चढ़ गया. मैंने अपनी स्पीड डबल कर दी- ले साली… आज से तू मेरी रंडी है ले रांड… वो कहने लगी- आह… चोदो हां ऐसे ही चोद दे… साले… हां ऐसे हीईई… आह… मम्माआ… आह…आह… फिर मैं उसे शीशे के सामने कुतिया बना कर चोदने लगा. उसमें देखते हुए उसे चोदने में मजा आ रहा था. उसके चुचे आगे पीछे हिलते हुए बहुत मस्त लग रहे थे.
करीब 15 मिनट बाद वो अपने चरम पे पहुंचने वाली थी, वो चिल्लाने लगी- एम कमिंग बेबी… फक हार्ड आह… हाँ ऐसे ही आ… अहह… आआहह… अह… वो झड़ने लगी, लेकिन मैं नहीं रुका. मैंने उसकी चूत में से अपना लंड निकाल कर एक झटके में ही उसकी चौड़ी गांड में पेल दिया. उसके उसके मुँह से एक जोरदार चीख निकल गई- अह… अह… आआआहह… न्न्न्आआ नाअह… हहिईई… अह… आहह… पीछे नहीं… मैंने कभी अपनी गांड नहीं मरवाई… आह… निकालो प्लीज़ निकालो इसे बाहर अह… अह… हह…
मैंने चूचे मसलते हुए कहा- अब तो अन्दर तक जा चुका है मेरी रांड… अब बस मज़े लो.
मैं उसकी गांड पे थप्पड़ पे थप्पड़ मारता हुआ चोदे जा रहा था. उसकी गांड लाल हो गई थी. वो बहुत जोर जोर से चीख रही थी. जब भी मैं उसकी गांड पे थप्पड़ मारता, तो उसकी गांड थोड़ी देर देर तक हिलती रहती थी. ये देख कर मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
अब उसे भी मजा आने लगा था- आअहह… आह… मैं ये चुदाई कभी नहीं भूलूंगी आह… आह… मम्माआ… बहुत जुल्मी हो तुम… आह… ऐसे ही करो… आह… हां ऐसे ही आह… अब मेरा लंड भी झड़ने वाला था. मेरे धक्के और तेज हो गए और उसकी भी सिसकारियां बढ़ने लगीं. वो भी झड़ने वाली थी- आह… हां बेबी… मैं फिर से झड़ने वाली हूँ… हां… जोर से… साले फाड़ दे इस गांड को हां ऐसे ही चोद दे कमीने… आआहह… हह… मम्ममाह… आहहा…
फिर हम दोनों एक साथ झड़ने लगे. मैं उसी के ऊपर ढेर हो गया. हम दोनों एक दूसरे से चिपक के लेट गए. कुछ देर बाद उसने कहा- अब शायद तुम्हें तुम्हारी जोरदार कहानी मिल गई होगी. मैंने उसकी चूची मसली और कहा- चलो अभी लिख कर सबको बताते हैं.
और उसने हामी भर दी. दोस्तो कैसी लगी मेरी चुदाई की कहानी… आपके मेल मुझे इंतजार रहेगा. [email protected]
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