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अन्तर्वासना सेक्स कहानी पढ़ने वाले मेरे प्यारे दोस्तो, मेरी पिछली कहानी चूत चुदाई के खेल में लेस्बियन मसाला को आप लोगों ने बहुत पसंद किया, उसके लिए शुक्रिया. मेरे पास बहुत से मेल आए और सबने आगे की कहानी की फ़रमाइश की.
कईयों ने तो अपने कहानी लिखने का भी अनुरोध किया, मैं सबकी कहानी तो नहीं लिख सकता लेकिन एक मेल ने मेरा ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. उसने भी मुझसे अपनी कहानी लिखने के लिए कहा. पता नहीं क्या मामला जमा कि मैंने उसकी कहानी लिखना स्वीकार कर लिया. मैं यह कहानी उसी के लिए लिख रहा हूँ. आगे की कहानी उसके शब्दों में ही है. आप इस कहानी को पढ़िए… मजे लीजिये और पसंद आए तो अपने मेल्स के जरिये जरूर बताइएगा कि कहानी कैसी लगी.
मेरा नाम कोमल है क्योंकि बचपन से ही मैं बहुत प्यारी और कोमल थी. मेरे शरीर की बनावट एकदम फिल्मी हीरोइन के जैसे है, मेरा फिगर 36-24-36 है और जब लोग मुझे देखते हैं तो उनका वो देखते ही खड़ा हो जाता है. मैं भी उनको देखते हुए मजे लेती थी. लड़के मुझ पर लाइन मारते थे, मेरे नाम की मुठ मारते थे. जहां से मैं निकलती थी, लोगों की पैन्ट फूल जाती थी… और लोग मुझ पर लाइन मारते नहीं थकते थे.
ये तो थी मेरे रूप की कहानी. मेरे घर पर बस मैं और मेरी मम्मी पापा थे, तो मुझे बहुत लाड़ प्यार से पाला गया था. मुझे किसी चीज के लिए नहीं रोका गया था. मेरा परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार था तो मुझे भी दूसरी लड़कियों की तरह सजना संवरना और महँगी चीजों का शौक था. इस तरह मेरी इस कमजोरी को समझ कर मुझे एक लड़के ने प्यार के जाल में फंसा लिया. बस फिर वो ही हुआ, जो लड़के और लड़की में होता है. मुझे उसने बहुत बार चोदा, मुझे भी चुदाई में बहुत मजा आने लगा और थोड़े समय बाद उस लड़के के परिवार का दूसरी जगह ट्रान्सफर हो गया, तो वो चला गया.
अब मुझे फिर से चुदाई की जरूरत होने लगी. मुझे चुदाई में बहुत मजा आने लगा था तो मुझे एक दूसरे लड़के ने पटा लिया. असल में मुझे खुद भी चुदाई करवानी थी, तो सोचा क्या बुराई है, वो लड़का भी मुझे अच्छे से शॉपिंग करवाता, गिफ्ट्स देता होटल्स में लेकर जाता… और ये सब मुझे बहुत अच्छा भी लगता था.
अब धीरे धीरे मेरे कई ब्वॉयफ्रेंड्स बन गए. वे सब मुझे चोदते और मैं भी मस्ती से चुदवाती थी. इसके साथ ही मुझे चुदाई के सुख के अलावा मेरी फ़रमाइश भी पूरी हो जाती थी.
यह तो थी मेरी पिछली जिन्दगी की हल्की सी झलक. फिर कुछ समय बाद मेरी शादी हो गई क्योंकि हम ज्यादा अमीर नहीं थे तो दहेज़ न दे पाने के कारण मेरी शादी एक ठीक ठाक से दिखने वाले लड़के से करवा दी गई. मैं मन मसोस कर रह गई. खैर शादी के बाद मैं नए घर मैं एडजस्ट हो गई, पर मेरा मन नहीं लगा. मेरे पति बस हर समय काम में बिजी रहते थे, लेकिन जब चुदाई करते तो बहुत मस्त चोदते थे. उनकी व्यस्तता के कारण महीने में इस तरह की मस्ती एक या दो बार ही हो पाती थी.
इसी तरह मेरी शादी के दो साल पूरे हो गए. एक दिन मेरे पति अपने किसी पुराने दोस्त को खाने पर लाए, खूब बातें वगैरह हुईं, वो बहुत अमीर था. दिखने में बहुत खूबसूरत और आकर्षक भी था. उसे देख कर मुझे लगा कि वो भी मुझे पसंद करता है या यूं कहें मुझे चोदना चाहता है.
अगले दिन मुझे एक फ़ोन आया और पता चला कि वो उन महाशय का ही कॉल था. वो साफ़ बोला कि वो मुझे बहुत पसंद करता है और मेरे साथ रहना चाहता है. प्रत्यक्ष में तो मैंने कहा- ये तो आप गलत बात कर रहे हो. पर वास्तविकता में मेरा भी मन कहीं न कहीं ये सब करने को कर रहा था.
उन्होंने बोला- जल्दी नहीं है, तुम सोच कर जवाब देना. मैंने कहा- ठीक है, मुझे दो दिन का समय दो.
दो दिन बाद उनका दुबारा कॉल आया और मैंने उनको मिलने बुलाया. हम दोनों एक रेस्तरां में मिले, वहां मैंने उनको दो-तीन शर्तें बोलीं.
मैंने बोला- अगर आप मेरे साथ रहना चाहते हो तो आपको मुझसे शादी करनी होगी. दूसरी बात ये कि मेरे पहले भी बहुत से अफेयर रहे हैं तो मुझे शादी के बाद किसी भी किसी भी तरह की रोक टोक नहीं करोगे. मैं चाहे कोई भी ब्वॉयफ्रेंड बनाऊं, चाहे कोई से भी अफेयर रखूं. कल को अगर तुम्हारा मन मुझसे भर गया, तो मैं तो कहीं की नहीं रहूंगी. तो सबसे पहले एक लीगल डॉक्यूमेंट साइन होगा, जिसमें अगर तुम मुझे डाइवोर्स देते हो तो मुझे हर महीने पांच लाख रुपये और बीस प्रतिशत प्रॉपर्टी मेरे नाम करोगे.
लास्ट वाली शर्त इसलिए कही कि कहीं ऐसा न हो, मैं दोनों तरफ से मारी जाऊं.
उसने ये सब शर्तें मान लीं और पहले लीगल डाक्यूमेंट्स के लिए मुझसे कुछ समय माँगा. उसने वो पेपर बनवाने के बाद मुझे दोबारा कांटेक्ट किया और फिर मैंने अपने पति को तलाक के लिए बोल दिया. मेरे पति मुझसे बहुत नाराज हुए, पर मेरी जिद के सामने किसी की नहीं चली और हम अलग हो गए. मेरी शादी उनसे हो गई, जिनसे शर्तें मनवा ली थीं.
शादी के बाद हम लोग आउट ऑफ़ इंडिया घूमने गए, हम दोनों ही समुंदर पहली बार देख रहे थे. मैंने साड़ी पहनी थी. वो बोले साड़ी ही पहननी थी तो इंडिया में ही किसी तीर्थ स्थल पर चल लेते. कुछ ढंग के कपड़े पहनो. मैंने कहा मैं इस तरह के कपड़े लाना भूल गई.
वो मुझे शॉपिंग के लिए लेकर गए. वहां मैंने बिकनी और न्यू स्टाइल के अंदरूनी वस्त्र लिए और कुछ हॉट और सेक्सी कपड़े भी ले लिए.
इसके बाद हम लोग बीच पर गए, खूब मस्ती की. फिर आई असली मस्ती की बारी, जिसका आपको भी इंतजार होगा.
वो मुझे एक खाली सी जगह पर लेकर गए. चट्टानों के पीछे और मुझे उधर लाते ही दबोच लिया और किस करने लगे. “ये क्या कर रहे हैं… कोई देख लेगा!” “वो देखो उस साइड… सब मस्ती कर रहे हैं…” मैंने नजर घुमाई तो वे मेरे को गले से लगा कर किस करने लगे. “आआह… क्या मस्त रसीले होंठ है कोमल आपके… होंठों को चूसने में मजा आ गया.”
अब बीच पर थी, तो आधे अधूरे से कपड़े ही थे. बस बिकनी तो नंगी दिखने जैसी ही थी. उन्होंने मुझे वहीं रेत पर लिटा दिया और मुझे पैरों से मुझे चूमना शुरू कर दिया.
“आआआ स्स्स्स…” “अच्छा लग रहा है?” “आआह…” “तुम बहुत टेस्टी हो जान आआह… स्स्स्स…” वो मेरी जांघों को जीभ से चूसने लगे.
मेरे पेट पे किस करने लगे और नाभि में जीभ डाल के चूसने लगे. मुझे भी चुदास चढ़ने लगी और मैं अपने चूचे मसलने लगी “उस्सस्स उम्माह…” मैंने अपने मम्मों को उनसे चुसवाना शुरू कर दिया.
“आहह… क्या मजा आ रहा है… मेरी चूत में उंगली भी करते रहो न… हाँ ऐसे ही… आहह…” उन्होंने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरी चूत को पूरी फैला आकर चूसना शुरू किया.
“आआआहह… बहुत दिन बाद किसी ने ऐसे मेरी मस्त चूत चूसी है…” “क्यों वो नहीं चूसता था?” “वो तो बस लंड अन्दर डाल के चोदना शुरू कर देते थे… जल्दी से सीधे चोद देते थे… ऐसे मस्ती नहीं करते थे…”
मेरी बात सुनकर मेरी चुत की और जोर से चुसाई होने लगी. “आआहह… खा जाओ उसे प्लीज…” “अरे नहीं जान… खाने के लिए थोड़ा तुमसे शादी की है, पूरा मजा लूँगा जान… आआह स्सस्स…”
सच में वो बड़े प्यार से मेरी चूत में जीभ डाल कर चूस रहे थे. “आआ बस… ऐसे ही करते रहो जान… आआहह… मुझे भी चूसने दो न प्लीज अब…” “ठीक है जान 69 में आ जाओ.” “हह… कितने दिन बाद लंड चूसने को मिला है… बहुत टेस्टी लंड है… आआह… स्स्स्स…” “आह… क्या मस्त चूस रही हो… आह धीरे धीरे प्यार से लंड चूसो मेरी जान…” “आआह… मैं तो खा जाउंगी स्सस्स…” “चूस लो… आह…” “तुमने तो मेरी पूरी चूत को पानी पानी कर दिया है… अब जल्दी से अन्दर डालो मुझसे रहा नहीं जा रहा है.”
उन्होंने मुझे नीचे लिटा कर धीरे से चूत पर अपने लंड रगड़ा और धीरे से अन्दर डाल दिया. “उम्म्ह… अहह… हय… याह…” वो मुझे किस करते हुए धीरे धीरे अन्दर बाहर कर रहे थे.
आहह… इतना मजा कभी नहीं आया मुझे! मैंने कभी सोचा ही न था कि इस तरह खुले आसमान में इतने प्यार से भी कोई चोद सकता है… उहह… स्स्स्स…” वे मेरे निप्पलों को प्यार से मसल रहे थे, किस कर रहे थे, मेरी मादक सीत्कारें निकली जा रही थीं “अह… आह अह… आआह… उम्म्म…”
थोड़ी देर चोदने के बाद वो खड़े हो गए. मुझे गोद में लिटाया, चट्टान का सहारा लेकर मैं उनकी छाती पर सर लगा कर लेटी हुई थी. उन्होंने मेरी चूत को मसलना शुरू किया और हाथों से मम्मों को मसलना स्टार्ट कर दिया. मुझे मजा आ रहा था. वे मेरे मुँह में जीभ डाल कर मेरे पूरे मुँह का जायजा ले रहे थे. ऐसा लग रहा था मेरी चूत में उनकी उंगलियाँ कमाल दिखा रही हैं और मेरे मुँह को वो जीभ से चोद रहे थे- आह… जान आआह… मेरा पानी निकल गया और मैं उनकी गोद में पूरी तरह से निढाल होकर गिर गई.
उन्होंने मुझे खड़ा करके मेरी आँखों में देखा और किस किया. मैंने उनका लंड मुँह में लेकर चूसा और लंड के नीचे के बॉल्स भी बड़े मजे से चूसे. फिर मैं उनके सामने घोड़ी बन गई. उन्होंने मेरी चूत में पीछे से लंड डाला और मेरे मम्मों को पकड़ के मसलते हुए चोदना शुरू कर दिया.
“आआ स्सस्स… चोदो आआह…”
उन्होंने मुझे धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया. साथ ही मेरे निप्पलों को मसल कर वो धीरे धीरे से तेज तेज चोदने लगे. “अह… स्स्स… स्स्स…” कुछ देर चुत को रगड़ने के बाद उन्होंने मेरी चूत से लंड निकाल कर मेरी गांड में लंड पेल दिया. “आहह… हह… मार डालो मुझे… मैं बहुत प्यासी हूँ.” कुछ ही देर में मेरा पानी फिर से निकल गया.
उन्होंने फिर मुझे अपनी गोद में बिठा कर उछाल उछाल कर चोदना शुरू कर दिया. करीब बीस मिनट की जबर्दस्त चुदाई के बाद मेरा और उनका पानी निकल गया. उन्होंने सारा पानी मेरी चूत में भर दिया.
फिर हम होटल में जाकर सो गए.
अगले दिन पूरा दिन हम लोग घूमे फिरे और शॉपिंग की.
सॉरी दोस्तो, मैं अपने नए पति का नाम बताना भूल गई. उनका नाम जिनेन्द्र है.
जिनेन्द्र ने बताया कि उसके कुछ फ्रेंड्स भी यहीं रहते हैं, तुम्हें मस्ती करनी है तो उन्हें आज बुला लेते हैं. “अरे नेकी और पूछ पूछ…” “मगर मस्ती किसके साथ कैसे करनी है, क्या करना है वो तुम सोच लेना.” “उसकी तुम चिंता छोड़ दो… मैं सब संभाल लूँगी.” “ठीक है…”
शाम को वो लोग आ गए. मैंने एक सेक्सी टाइट शर्ट और शॉर्ट निक्कर पहनी थी. “हाय भाभी…!” “ओ हीरो मेरा, नाम कोमल है… मैं मॉडर्न हूँ… पुराने दकियानूसी ख्यालों की नहीं हूँ.” “ठीक है…” “मेरा नाम अजय है.” “मैं राहुल और ये अंश है.” “मुझे तो आप जानते ही हो, मैं कोमल… आप लोग क्या लेंगे?” “हम सब बियर लेंगे.” “ठीक है मैं भी बियर ही लूँगी.”
सब लोगों ने बियर पी ली. हल्का हल्का सुरूर छाने लगा.
“चलो कोई गेम खेलते हैं.” “क्या बात है आप लोग मुझे घूर घूर के क्या देख रहे हैं?” “नहीं भाभी ऐसे तो कोई बात नहीं.” “क्यों मैं सुंदर नहीं हूँ क्या आप लोगों ने तो तारीफ ही नहीं की!” “अरे भाभी वो जिनेन्द्र को शायद अच्छा नहीं लगे इसलिए…” “अरे चिंता मत करो, उनको बुरा नहीं लगेगा.”
“अच्छा… सच में आप बहुत सेक्सी और हॉट हो.” “अच्छा तुमको मेरी क्या चीज सबसे सेक्सी लगी? अब ये मत कहना आपकी आँखें बहुत प्यारी हैं… सब सच सच बताओ. “चलो नीचे बैठ के ही खेलते हैं. “जिनेन्द्र नहीं खेलेगा क्या?” “नहीं वो बस बियर एन्जॉय कर रहे हैं… और हमें खेलते हुए देख रहे हैं.”
सब चुप रहे.
“हाँ जी अब बताओ क्या चीज अच्छी लगी… जल्दी बताओ?”
अब हम सब पर थोड़ा थोड़ा नशा तो हो ही गया था तो सब आराम से बातें कर रहे थे.
“राहुल तुम बताओ?” “मुझे तो आपकी नाभि बहुत पसंद आई.” “अच्छा अपना हाथ लाओ और नाभि पर छूके बताओ कि मेरी नाभि तुमको कहां से अच्छी लगी?” “उहह… स्सस्स… इधर से बड़ी मस्त लगी.” “अच्छा तो ये इधर से नाभि अच्छी लगी, अब तुम बताओ अजय?” “मुझे तो आपकी ये जांघें बहुत अच्छी लगीं. मैं छू कर बताता हूँ, कहां से अच्छी लगीं. ये आपके पैरों से होते हुए इधर ऊपर इधर तक…”
उसने मेरी चूत के पास टच कर दिया. “आआह आआह… स्सस्स…” उसने चूत के पास तक हाथ लगाया- यहाँ से होते हुए… यहाँ से होते हुए… यहाँ तक…
चूत से टचिंग क्या हुई, मैंने तो गनगना गई.
“अच्छा… और अंश अब तुमको क्या स्पेशल बोलना पड़ेगा?”
उसने भी हाथ से मुझे टच किया और बताने लगा- मुझे तो आपकी सुराही जैसी गर्दन पसंद आई… यहाँ से होते हुए यहाँ से होते हुए ये यहां तक… “अरे तुम तो मेरी क्लीवेज पर टच कर रहे हो.” वो हंस दिया.
“चलो अब खेलते हैं.” खेलते खेलते हम साथ में पी भी रहे थे. खेलते खेलते वो कभी मेरी जाँघों को छू लेते तो कभी मेरी पीठ पर हाथ फेर रहे थे.
“अगर आप जैसे कोई मुझे मिल जाए तो मैं तो सारी रात उसके साथ मस्ती करूँगा.” “अच्छा अंश ये बात है.” “हाँ कोमल तुम बहुत सेक्सी हो मन करता है, नंगी कर लें तुमको.” “अच्छा नंगी करके क्या करोगे?” “वो तो नंगी करके ही बता सकते हैं.” “अच्छा जी… पहले कौन करेगा?”
सब कहने लगे कि पहले वो करेंगे पहले वो.
“अच्छा तो ऐसा करते हैं कि ताश खेलते हैं, जो पहले जीतेगा, वो ही करेगा.” “ठीक है…”
हम सब ताश खेलने लगे.
आगे इस ताश के खेल के बाद चुदाई का खेल किस बेहतरीन अंदाज में हुआ, वो मैं आपको अगले भाग में लिखूंगी.
आपके मेल का इन्तजार रहेगा. [email protected] कहानी जारी है. [email protected]
कहानी का अगला भाग: पति के दोस्तों संग ग्रुप सेक्स करके चुत चुदाई-2
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