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मेरा नाम अमित है और मैं बहराइच के रहने वाला हूं, फिलहाल पढ़ाई की वजह से मैं लखनऊ में रहता हूं। पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए मैं जिगोलो का काम भी करता हूं; इससे थोड़ी बहुत आमदनी भी हो जाती है और खर्चा भी निकल जाता है। जिगोलो के काम के चलते मेरी बहुत सारे लोगों से जान पहचान भी हो गई है, जिनमें अधिकतर आंटियां भाभियां और नई उम्र की लड़कियां भी हैं।
जैसा कि सभी जानते हैं जिगोलो के काम में अपने आप को मेंटेन रखना बहुत जरूरी होता है हमारा शरीर ही हम लोगों को काम दिलाता है और नए-नए क्लाइंट दिलाता है।
लखनऊ में मेरे बहुत सारे क्लाइंट थे ज्यादातर हमारी बुकिंग नाम बदल कर होती है इस तरह महीने में 10 से 12 दिन काम के निकल जाते हैं और अच्छी खासी आमदनी भी हो जाती है।
एक दिन मैं बैठा हुआ था, तभी मेरे पास एक कॉल आई कॉल पिक करते ही, उधर से एक बहुत मीठी सुरीली सी आवाज सुनाई पड़ी। मैंने उससे पूछा- आप कौन बोल रही हैं? तो उसने बोला- मेरा नाम नैना है और मैं बहराइच से बोल रही हूं।
उसने बताया कि उसे मेरा नंबर उसकी एक फ्रेंड से मिला है, जो लखनऊ में रहती है और मेरी क्लाइंट है। मैंने उसे काम पूछा, तो उसने बताया कि उसकी शादी होने वाली है और शादी से पहले वह अपनी सील खुलवाना चाहती है। उसने मेरी तारीफ अपनी सहेली से काफी ज्यादा सुन रखी थी और वह चाहती है कि उसकी सील मैं खोलूं। मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की हुई कि वह मेरे से ही शहर की रहने वाली थी और इसी बहाने मेरा एक चक्कर घर का भी लग जाता और घर वालों से भी मुलाकात हो जाती और अपने खर्चे भी निकल आते।
मैंने उसे हां बोल दी और आने की डेट पूछी, तो उसने बताया कि उसके घर वाले शादी की शॉपिंग के सिलसिले में बाहर जाने वाले हैं तो वह एक दिन के लिए अकेली रहेगी. मैंने उससे उसका एड्रेस पूछा और बुकिंग कंफर्म कर दी। वेरिफिकेशन के लिए मैंने उससे उसकी ID की फोटो और कुछ डाक्यूमेंट्स मांग लिए। उसने एडवांस में मेरे अकाउंट में पैसे डिपाजिट कर दिए।
बताई गई डेट को मैं उसके बताए हुए एड्रेस पर पहुंच गया। मैंने उसे कॉल किया उसने बोला कि बस 2 मिनट में आ रही है।
थोड़ी देर बाद मेरे सामने का दरवाजा खुला करीब 22 साल की खूबसूरत लड़की जिसका फिगर 32 28 34 रहा होगा, मेरे सामने खड़ी थी। उसे देखते ही अचानक मुझे झटका सा लगा उसकी खूबसूरती को देखकर ऐसा लग रहा था कहीं उसे छूने से उसे कोई दाग न लग जाए। क्या बला की खूबसूरत थी एक बार तो मेरे दिल में भी आया की इससे शादी कर लेता हूं। लेकिन फिर दिमाग में आया कि मैं तो अपना काम करने आया हूं, और अभी मुझे अपने काम पर ध्यान देना है।
उसने मुझे अंदर बुलाया और सोफे पर बैठने को बोला। फिर वह मेरे लिए पानी लेकर आई।
पानी पीने के बाद उसने मुझसे चाय के लिए पूछा तो मैंने मना कर दिया। मैंने उससे उसके बारे में थोड़ी जानकारी ली, यह सब मैंने इसलिए किया ताकि वह थोड़ा नॉर्मल फील करे। मैंने उससे पूछा कि आखिर तुमने मुझे ही क्यों बुलाया? तो उसने कहा कि उसकी सहेली ने मेरी काफी तारीफ कर रखी है और वह किसी ऐसे ही आदमी से यह सब करवाना चाहती थी जो काफी अनुभवी हो और थोड़ा करीबी हो।
मैंने भी अब उससे आगे ना पूछने का फैसला किया और उससे बोला कि कब स्टार्ट करना है। उसने मुझे अपने पीछे आने का इशारा किया और मुझे बेडरूम की तरफ लेकर गई।
अब उसने अपने आप को पूरी तरह मेरे समर्पित कर दिया था और बोला कि मैं उसे वह सारी खुशियां दे दूं जो एक लड़की को पहली बार संभोग करने पर मिलती हैं। उसने बताया कि इसीलिए वह चाहती थी कि वह अपना पहला संभोग किसी ऐसे आदमी के साथ करें जो उसे केवल भोग विलास की वस्तु न समझे बल्कि उसके सुख का भी ध्यान रखें। उसका होने वाला पति, जैसा कि उसने बताया, बहुत ही घमंडी आदमी था और वह सेक्स की बातों में बस अपनी मर्जी चलाना था, इसीलिए वह चाहती थी कि वह मेरे साथ सब कुछ करे।
मैंने भी ज्यादा पूछना ठीक नहीं समझा क्योंकि मेरा यही काम है। सवाल कम और काम ज्यादा।
मैंने उसे प्यार से चूमना शुरू किया। सेक्स करते समय चुंबन बहुत जरूरी होता है, यह अंदर चल रहे वासना के तूफान को और भड़का देता है।
मैं उसे चूमते चूमते धीरे धीरे उसके कपड़े भी उतारता जा रहा था। थोड़ी देर में वह मेरे सामने ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। उसकी आंखें बंद थी, वह भी थोड़ा शर्म महसूस कर रही थी, उसकी शर्म को दूर करने के लिए मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और केवल अंडरवीयर में रह गया। मैंने उसे गले लगाया और उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया, धीरे-धीरे वह मेरी बांहों में पिघलती जा रही थी।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटने को कहा। वह बिस्तर पर पेट के बल लेट गई और मैंने अपने बैग से एक जैतून के तेल की शीशी निकाली हाथों में तेल लेकर मैंने उसके शरीर पर मालिश करना शुरू किया। मालिश करते-करते मैंने उसके शरीर से उसकी ब्रा को अलग कर दिया; अब वह केवल पैंटी में मेरे सामने पीठ पेट के बल पड़ी हुई थी।
अच्छे से उसकी पीठ की मालिश करने के बाद मैंने उसे पलटने को कहा अब वह पीठ के बल लेट गई अब मैंने तेल को उसकी चूचियों पर मालिश करना शुरू किया। मेरी चुचियों पर हाथ रखते ही वह एकदम से सिहर उठी, उसके मुंह से एक हल्की सी आह निकल गई। मैंने हल्के हाथों चुचियाँ दबाना शुरू किया। अब धीरे-धीरे मैंने तेल की मालिश नीचे की तरफ करना शुरू किया और मैंने उसकी पैंटी उसके शरीर से अलग कर दी। एक खूबसूरत सी क्लीन शेव चूत मेरी आंखों के सामने थी। पर मैं कई बार ऐसे हालात से गुजर चुका था तो यह मेरे लिए कोई नई बात नहीं थी। हां हमारे काम में वर्जिन लड़कियों का मिलना लगभग नामुमकिन सा होता है। इसलिए यह थोड़ा नया था।
मेरे लिए मैंने हाथों में तेल लेकर उसकी चूत की फांकों पर लगाया, मेरे चूत छूते ही वो एकदम से सिहर उठी और उसके मुंह से एक मीठी वाली आह निकल गई।
अब मैंने धीरे धीरे उंगलियों में तेल लेकर उसकी चूत के अंदर तक तेल लगाना शुरु किया और ऐसा करने से उसकी चूत अंदर तक तेल से तर हो गई। अब वो एकदम गरम हो गई थी उसकी चूत भी बहुत गर्म हो रही थी, मैं कोई भी जल्दबाजी नहीं करना चाहता था।
फिर मैंने एक सूखे तौलिये से उसके पूरे शरीर से तेल साफ किया। फिर मैंने धीरे धीरे उसे चूमना स्टार्ट किया। सेक्स में फोरप्ले का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है, अच्छे से किया गया फोरप्ले सेक्स को बहुत ही शानदार और आनंददायक बना देता है आपका फोरप्ले बताता है कि आप कितने अनुभवी हैं।
मैंने उसके पैरों के अंगूठे को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया। वह मीठी मीठी सिसकारियां भर रही थी। धीरे धीरे मैं उसके शरीर पर यहां वहां हर जगह चूम रहा था। इस बीच में मेरा एक हाथ उसकी चूचियों पर और दूसरा हाथ उसकी चूत में उंगली कर रहा था; बीच-बीच में चूची वाला हाथ मैं उसके मुंह के अंदर में डाल दे रहा था और वह भी बड़े मजे से मेरी उंगलियां चूस रही थी।
आप जो भी पाठक इस कहानी को पढ़ रहे हैं, अगली बार सेक्स करते समय अपने हाथ की उंगलियां अपने पार्टनर के मुंह में जरूर डालें। आप देखेंगे आपको भी अच्छा फील होगा और आपका पार्टनर भी बहुत अच्छा फील करेगा।
अब वो काफी गर्म हो चुकी थी। धीरे धीरे मैं उसकी चूत के पास पहुंच गया जिससे भीनी भीनी सी खुशबू आ रही थी, ऐसी खुशबू पता नहीं कितनी दफा मैं सूंघ चुका था, पर एक कुंवारी चूत की खुशबू की बात ही अलग होती है।
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर जैसे ही लगाई, वो एकदम से गनगना गई और तड़प उठी।
फिर मैंने उसकी चूत को अपने मुंह में भर कर चूसना शुरू किया, उसकी चूत की फांकें आपस में बिल्कुल सटी हुई थी, जो बिल्कुल अलग ही मजा दे रही थी। चूत को चूसते हुए समय उसके मुख से अजीब अजीब सी मीठी मीठी सिसकारियां निकल रही थी और वह मेरा सिर अपनी चूत पर दबा रही थी।
मैं अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा था। उसकी चूत अनचुदी होने के कारण उसकी क्लिटोरिस बाहर की तरफ नहीं थी, फिर भी उसकी चूत चूसने में बड़ा मजा आ रहा था और उसे अपनी चूत चुसवाने में भी। उसकी चीखें बढ़ती जा रही थी और वह आनंद के आगोश में समाती जा रही थी।
उसका मजा धीरे धीरे चरम पर पहुंचने लगा था। जैसे-जैसे मेरी जीभ उसकी उसकी चूत के अंदर बाहर हो रही थी, उसके शरीर मैं अजीब अजीब सी हरकतें होने लगी थी। अचानक से वह तड़प उठी और एक जोर सी आह की आवाज के पैर बिस्तर पर पटक दिए। उसकी चूत से मानो कोई ज्वालामुखी सा फट फट गया हो, उसका काम रस उसकी चूत से जोर-जोर से बाहर निकलने बाहर निकलने लगा, जो सीधा मेरे चेहरे पर टकरा रहा था।
ऐसे ही होता है जब आप आप किसी नई लड़की को चोद रहे हो! मेरे लिए यह नया तो नहीं था पर थोड़ा मजा देने वाला था।
अब वो थोड़ा रिलैक्स चाहती थी, मैंने भी उसे आराम करने का मौका दिया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि थोड़ी भी जल्दबाजी हो! वैसे भी हमारे प्रोफेशन में धैर्य का बहुत बड़ा स्थान है.
उसकी सांसें बहुत तेज चल रही थी उसकी गुदाज मांसल जांघें उसके यौवन रस से भीगी हुई थी और चमक रही थी उसकी तेज सांसों के साथ के साथ सांसों के साथ के साथ उसके ऊपर नीचे होते हुए पेट उसे और भी कामुक बना रहे थे, मैं भी उसके बगैर लेट गया लेट गया और उसका हाथ अपने हाथों में पकड़ लिया.
उसने मेरी तरफ देखकर हल्की सी स्माइल पास की, उसकी स्माइल से ऐसा लग रहा था जैसे वो बहुत अच्छा फील कर रही हो! और यह मेरे लिए खुशी की बात थी आखिर हमारे प्रोफेशन का मकसद भी तो यही है लोगों को खुशी फील करवाना!
थोड़ी देर बाद वह नॉर्मल हो गई तो मुझे लगा कि अब मुझे मुझे आगे का काम शुरू करना चाहिए; मैंने उससे अपना लंड चूसने को बोला तो उसने मना कर दिया; मैंने भी उस पर ज्यादा प्रेशर नहीं डाला क्योंकि यह उसके लिए नया था।
मैंने अपने बैग से से लुब्रिकेशन क्रीम निकाली और अपने लंड पर लगाई, क्रीम को मैंने अपने लंड पर ऊपर से नीचे तक अच्छी तरह से लगा दिया. उसकी चूत तो वैसे भी तेल और उसके काम रस से से चिकनी हो रही थी. अब मैंने हल्का हल्का सा उसे सहलाना शुरु किया, वह दोबारा से हल्की हल्की आहें भरने लगी.
मैं दोबारा उठ कर उसकी चूत के पास पहुंच गया और दोबारा से उसकी चूत को हल्के हल्के से काटने लगा. अब मैं उसे चुदाई के लिए तैयार करना चाहता था. थोड़ी देर बाद वह मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी और कामुकता से बोलने लगी- अब डाल दो… बर्दाश्त नहीं हो रहा! मैंने भी सोच लिया कि अब इसे ज्यादा तड़पाना सही नहीं है और इसे अब चुदाई का मजा दे ही देना चाहिए।
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा पर रखा, उसकी चूत एकदम गरम हो रही थी. फिर अपने होंठ उसके होंठों से मिलाएं और फिर उसकी एक चूची को अपने हाथ में लिया, उसके पैरों को अपने पैरों में लपेटा और एक हाथ से लंड को उसकी चूत पर सेट करके चूत पर सेट करके धीरे से धक्का लगा दिया.
पहली बार तो मेरा सुपारा फिसल गया, मैंने दोबारा से उसे सेट किया और फिर से धक्का लगा दिया. इस बार मेरे लंड उसकी चूत उसकी चूत में करीब एक इंच तक अंदर चला गया. इस हमले से वह अचानक से तड़प उठी और उसकी आंखों से आंसू की धारा बहती निकल गई फिर भी उसने आगे बढ़ने के लिए अपनी सहमति दे दी.
मैंने दोबारा से एक और जोर का धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी झिल्ली को फाड़ते हुए काफी अंदर तक चला गया। वह एक दम से तड़प उठी। उसकी आंसुओं की धारा और मोटी होती चली गई।
मैंने थोड़ी देर रुकना ठीक समझा। अब मैंने उसे सहलाना शुरू किया, धीरे धीरे वो नॉर्मल होने लगी। अब मैंने अपना लंड ऊपर नीचे नीचे करना शुरू किया। शुरू में उसे थोड़ा दर्द हो रहा था पर फिर भी वह सब बर्दाश्त करने को तैयार थी, मुझे भी चूत एकदम टाइट लगने के कारण थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था फिर भी काफी मजा आ रहा था, उसे भी अब मजा आना शुरू हो गया था।
मैंने धीरे-धीरे अपनी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी।
इसी बीच मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी चूत के अंदर तक जाने लगा, मेरा लंड सीधा उसकी बच्चेदानी तक टकरा रहा था जो शायद उसको और मजा दे रहा था। उसकी दर्द की आवाज अब उसके मजे की आवाज में बदल गई थी; वह भी अब अपनी गांड उठा-उठा कर मेरे लंड को और अंदर तक लेने का प्रयास कर रही थी। उसकी चूत काफी गर्म थी।
अब मैंने उसकी चूचियों को बारी बारी से पीना और मसलना शुरू कर दिया, जो उसके मजे को और भी बढ़ा रहा था, बीच-बीच में मैं उसके निप्पल को काट भी ले रहा था, ऐसा करना उसे और मजा दे रहा था।
7-8 मिनट की चुदाई के बाद अचानक से वह वह अकड़ने लगी और उसने मेरी पीठ में अपने नाखून गड़ा दिए, उसकी चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया और उसने अपना लावा छोड़ दिया. उसके लावे के गर्म अहसास को मैं अपने लंड पर फील कर रहा था। मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। मेरे लंड पर थोड़ा सा खून जो कि उसके काम रस से सना हुआ था।
उसकी आंखें बंद थी और वह जोर जोर से सांसें ले रही थी। उसकी सांसों की आवाज मुझे थोड़ी दूर तक भी सुनाई पड़ रही थी।
मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ था, फिर भी मैं उसके बगल में लेट गया और उसके आंसुओं को चाट कर साफ करने लगा। ऐसा करने से उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।
अपने एक हाथ से मैं उसकी चुचियों को भी सहला रहा था, जो उसे थोड़ा थोड़ा गर्म करने का भी काम कर रही था। यह गर्मी उस के दर्द को तो कम ही कर रही थी और उसे दोबारा राउंड के लिए तैयार भी कर रही थी।
मैंने उसे दोबारा से शरीर पर यहां-वहां चूमना स्टार्ट किया, मेरी बांहों में वह कसमसा सी रही थी। करीब 15 मिनट बाद वह दोबारा से चुदने के लिए तैयार हो गयी। इस बार फिर मैंने थोड़ी सी क्रीम अपने लंड पर लगाई और लंड उसकी चूत में डाल दिया। उसे हल्का सा दर्द हुआ लेकिन वो झेल गई।
मैंने फिर अपना लंड स्पीड से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, इस बार उसे दर्द कम हो रहा था और मजा ज्यादा आ रहा था। उसकी सिसकारियों की आवाज भी बहुत तेज भी बहुत तेज हो गई थी जो माहौल को और उत्तेजक बना रही बना रही थी। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।
इस बार करीब 15 मिनट चोदने के बाद हम दोनों साथ साथ झड़ गए। हमारे एक साथ झड़ने से पहले वह एक बार पहले भी चुदाई के दौरान भी झड़ चुकी थी। अब उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक दिख रही थी जो दिखा रही थी कि वह पूरी तरह संतुष्ट है।
थोड़ी देर आराम करने के बाद मैंने उसे पेन किलर दीऔर उसकी चूत को अच्छे से साफ किया और अपने कपड़े पहनने लगा। उसने मुझे मुस्कुराते हुए थैंक्स कहा और मेरी बाकी बची हुई पेमेंट मुझे दे दी.
उसने मुझे बताया कि आज उसे सच में बहुत मजा आया खासकर दूसरे वाले राउंड में में क्योंकि उसमें दर्द कम और मजा ज्यादा था। उसने मेरी तारीफ भी की और साथ में वादा किया कि कभी मौका मिलने पर वह मुझसे दोबारा मिलेगी। एक वादा और किया कि वह मुझे और नई क्लाइंट्स भी दिलाएगी।
मैंने भी उसे मुस्कुराते हुए थैंक्स कहा और वहां से निकल गया।
शादी के बाद उसने मुझे अभी तक एक बार और बुलाया है लेकिन यहीं लखनऊ में और दो नए क्लाइंट्स भी दिलवाये हैं. मेरी अगली सेक्स कहानी: पति से ना मिला शादी का सुख
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