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नमस्कार दोस्तो, यह कहानी मेरी मौसी की बेटी की कुंवारी बुर चुदाई की है.
मैं राज पाठक आपको अपना परिचय दे देता हूँ. मैं एक 28 साल का 5 फीट 6 इंच हाइट का हट्टा कट्टा नौजवान हूँ. मेरे लंड की साइज़ 5 इंच है और मैं किसी भी लड़की को खुश करने में कभी भी कोई कसर नहीं छोड़ता हूँ.
अब सीधा अपनी सेक्स कहानी पर आता हूँ. बात तब की है, जब मुझे बड़ौदा में नई जॉब मिली थी, तो मैं वहां शिफ्ट हुआ था. अब नया शहर था और लोग भी नए थे. मैंने वहां एक मकान किराए पर लिया और जॉब करने लगा. बड़ौदा से सूरत कुछ ही घंटों का सफ़र है तो मैं आए दिन अपनी मौसी के घर जाया करता था.
मेरी मौसी की दो बेटियाँ हैं, बड़ी लड़की का नाम सीमा है, सीमा की बहन उससे उम्र में छोटी थी. सीमा की उम्र उस वक़्त 19 के आस पास रही होगी. मगर उसका फिगर क्या कहूँ, एकदम दहकता हुआ अंगार था. इस उम्र में फिगर का ऐसा होना लाजिमी भी है. मैंने अपनी आँखों से ही उसका फिगर नाप लिया था, लगभग 34-28-36 का रहा होगा.
मैं उनके घर जाता तो मेरी मौसी की बेटी और उसकी बहन मुझसे बहुत लिपट कर बहुत ख़ुशी जाहिर करती थीं. छोटी बहन से लिपटने में मुझे कोई भी अहसास नहीं होता था, पर जब सीमा मुझसे लिपटती थी, तो मेरे अन्दर करंट दौड़ जाता था.
मैं उसको पहले कभी इस नजर से नहीं देखता था, पर जब उसको पहली बार टाइट सलवार कुरता में देखा, तो उसका फिगर मेरे मन को अन्दर तक झंझोड़ गया. इस नजर से मैंने उसको पहली बार देखा था तो मैं रह नहीं पाया और उसी समय से उसको चोदने का प्लान बनाने लगा.
वो कहते हैं न अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसको मिलाने के लिए जुट जाती है.
आखिर वो दिन नजदीक ही था. मैं जब एक सन्डे को वहां गया. पता चला कि मौसा और मौसी एक रिश्तेदार की मौत हो गई है, वहां गए थे. मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ. मैंने प्लान बनाया कि शुरुआत कहाँ से हो.
मेरी बहन अक्सर मेरा मोबाइल लेकर गैलरी खोलती और xxx वीडियो देखती थी. मैंने उस दिन सुबह ही अपने मोबाइल में ब्लू फिल्म लोड कर दी. सीमा ने खाना बनाया और खाने के बाद हम सब टीवी देख रहे थे. उसने मेरा मोबाइल ले लिया. पहले तो उसने whatsapp वगैरह के वीडियो देखे और थोड़ी देर बाद उसने ब्लू फिल्म वाला फोल्डर खोल लिया. जैसे ही उसने वीडियो ओपन किया तो ‘ऊंह आह..’ की आवाज़ आने लगी. उसने झट से मोबाइल का साउंड बंद कर दिया, ताकि किसी को पता नहीं चले. टीवी के साउंड में उसकी बहन ने वो ‘ऊंह.. आंह..’ वाली आवाज़ नहीं सुनी थी. चूंकि मैं निगाह रखे हुए था तो मैं तुरंत जान गया कि चिड़िया फंदे में फंस गई.
उस दिन काफी देर तक उसने वीडियो देखे. फिर शाम होते मैंने बहन से पूछा- कैसे लगे वीडियो? वो कुछ डर गई और बोली- कैसे वीडियो.. कहाँ के वीडियो? मैंने उसको फिर थोड़ी स्माइल देकर पूछा- वो वाले.. जो तुम साउंड बंद करके देख रही थी?
उसकी हालत पतली हो गई कि मुझे कैसे पता चला. मेरी बहन डर गई और बोली- देखो मुझे माफ़ कर दो.. आज के बाद मैं कभी आपका मोबाइल नहीं लूँगी.. और आप भी मम्मी पापा को भी मत बताना.. प्लीज.. मुझे छोड़ दो.. आप जो बोलेंगे वो मैं करूँगी.
मैं समझ गया कि लोहा गरम है चोट मारने का सही टाइम है. मैंने कहा- अच्छा जो मैं बोलूँगा, वो करोगी? उसने मुस्कुरा कर कह दिया- हां कर दूंगी.
मैंने कहा- तो वो जो xxx फिल्म में करते हुए देखा था, वही मुझे तुम्हारे साथ करना है. उसने कहा- लेकिन ये तो गलत है और आप मेरे भाई हो.. भाई के साथ सेक्स कैसे मुमकिन है? मैंने कहा- मुमकिन तो सब है, पर तुम्हारी रजामंदी के बिना कुछ भी नहीं है. थोड़ी न नुकुर के बाद वो बोली- ठीक है लेकिन सिर्फ ऊपर ऊपर वाला ही होगा. मैंने कहा- ठीक है, रात को जब तुम्हारी बहन सो जाए, तो तुम अन्दर वाले कमरे में आ जाना. वो हंस दी और मान गई.
रात को 10 बजे उसने बहन को सोते हुए देखा और पक्का करके कि वो सो गई है, मेरे पास आ गई.
मैं तो उसको देखते ही उस पर टूट पड़ा. उसके कमरे में आते ही मैंने अपनी बहन को चूमना चालू कर दिया और पागलों की तरह उसका चेहरा तो कभी उसका गला चूमने लगा. इससे उसको भी मजा आने लगा और वो भी मुझे चूमने लगी.
थोड़ी देर चूमा चाटी के बाद मैंने उसके टॉप में हाथ डाल कर बहन के चूचे दबाए, जिससे उसको और भी मजा आने लगा.
अब मेरी बहन की कामुकता भड़क उठी, वो बड़बड़ाने लगी- भाई, प्लीज चूसो मेरे मम्मों को.. मुझे मजा आ रहा है.. प्लीज चूस लो इनको.
मैंने समय बर्बाद न करते हुए अपनी बहन का टॉप उतार दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को चूसने लगा. वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी. कभी इधर तो कभी उधर अपना सर मचलाने लगी.
वो मेरी गांड भींचते हुए मुझसे चिपक गई और बोलने लगी- आह.. प्लीज चूस लो इनको.. आज चूस चूस के सुजा दो इनको.. आह आह उह प्लीज.
वो बड़बड़ाए जा रही थी और मैं उसको जोर जोर से चूसे जा रहा था. इस दौरान कब मैंने उसकी ब्रा उतार दी, उसको भी पता नहीं चला.
अब मैं मौका देखकर बहन की पेंटी मैंने हाथ डाल दिया. जब मेरा हाथ बहन की बुर पर पड़ा तो वो बेड से आधा फीट ऊपर उछल पड़ी और कराहने लगी.
मैंने उसकी बुर से गरम रस की धार को महसूस किया और समझ गया कि उसने अपना कामरस छोड़ दिया है.
फिर मैं उसकी लेग्गिंग्स को धीरे से खींचने लगा तो उसमें मुझे उसकी रजामंदी बिल्कुल साफ़ समझ आ गई क्यूंकि उसने अपने कूल्हे उठाकर लेंगिंग्स निकालने में मदद की. फिर मैं उसकी जालीदार पेंटी को भी धीरे धीरे उतारने लगा तो वो इसमें भी मान गई और उतार दी.
अब मैं भी कपड़े उतार कर उसके सामने बिल्कुल नंगा हो गया था.
वो मुझे इतनी कातिल नज़रों से देख रही थी. उसने मेरा लंड पकड़ा और उसको हिलाने लगी. मैं कुछ समझ पाता, उससे पहले ही उसने मेरा लंड सीधा अपने मुँह में ले लिया. मैं तो पहले हक्का बक्का रह गया कि इसको ये सब किधर से मालूम हुआ. वो तो बस कुल्फी के जैसे मेरा लंड चूसे जा रही थी और मैं ‘आह आह… सक सक मी…’ बोले जा रहा था.
इतने में उसने मेरा लंड चूस चूस कर पूरा निचोड़ लिया और मैंने उसके मम्मों पर ही अपना लंड का रस गिरा दिया. उसने मेरा सारा माल अपने पूरे बदन पर मल लिया और फिर मुझे हल्की सी स्माइल दी. मैं और वो निढाल होकर पलंग पर पड़े थे. मैंने उससे पूछा कि ये सब कहाँ से सीखा?
तो बोली कि उसने ये सब उसी वीडियो से देखा, जो मेरे मोबाइल में था.
वो मेरे लंड को सहला रही थी तो मैं फिर से तैयार हो गया. मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रख कर उसकी बुर को ऊपर को उठा दिया. फिर मैंने उसके टॉप को लेकर तकिए पर रख दिया ताकि जब उसकी बुर की सील टूटे, तो खून से तकिया खराब न हो जाए.
ये मुझे पता था कि यदि कुंवारी बुर को चोदा जाए तो उसका खून निकलता ही है. अब मैंने अपने लंड को उसे चूसने को दिया और उसके थूक की चिकनाई से मेरा लंड अब और मूसल जैसा हो गया.
मैंने उसकी बुर पर अपने मूसल जैसे लंड का गोल सुपारा रखा और एक धक्का मारा. पहले तो लंड फिसल गया और बहन की गांड से टकरा गया, वो हंस पड़ी. फिर मैंने थोड़ा थूक लगा कर फिर से झटका मारा तो मेरा लंड मेरी बहन की बुर को चीरता हुआ 3 इंच अन्दर घुस गया.
मेरा लंड क्या घुसा उसके गले से तो जैसे सांस ही रुक गई. वो आँखें फाड़े एक अजीब सी स्थिति में ‘उहई माँ मर गई..’ की आवाज़ ही निकाल पा रही थी. इससे पहले वो चीखती मैंने उसका मुँह अपने गरम होंठों से दबा दिया.
फिर मैं उसके ऊपर 5 मिनट तक ऐसे ही बिना हिले पड़ा रहा. उसका दर्द जब थोड़ा कम हुआ तो मैंने फिर से हिलना चालू किया. कुछ पल पीड़ा हुई फिर उसका दर्द गायब हो गया था. अब वो कमर उठा कर मेरे लंड को अन्दर भींच रही थी. मैं समझ गया कि अब ये चुदने को तैयार हो गई है.
फिर मैंने उसकी बुर में जो घमासान युद्ध शुरू किया तो वो निहाल हो गई. कमरे में बस ‘फच फच फच..’ का मधुर संगीत उसकी सीत्कारों के साथ गूँजने लगा था.
वो लगातार गांड उठा कर मेरा जोश बढ़ा रही थी- आह आह उह उह और तेज करो.. और करो.. बस करते रहो मेरी बुर को रगड़ दो प्लीज.. मुझे मत छोड़ना आज… चोदो और चोदो आह आह आह..
उसकी मस्त आवाजों से पूरा कमरा थर्रा गया. लगभग 20 मिनट की लम्बी चुदाई के बाद वो 3 बार झड़ चुकी थी. अब वो थकान के मारे पसीने से लथपथ हो गई थी और मैं भी बुरी तरह से थक चुका था.
मैंने उसकी बुर के अन्दर एक जोरदार गरम पिचकारी छोड़ी कि वो बिल्कुल अकड़ कर लेट गई. मैं भी उसके ऊपर ही ढेर हो गया. हम दोनों की आँखें चरम के आनन्द में मुंद गईं. लगभग एक घंटे के बाद वो उठी और थोड़ा फ्रेश होकर उसने मुझे उठाया. घड़ी में देखा तो 2 बज रहे थे. मौसा और मौसी सुबह 7 बजे आने वाले थे. मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और सो गया.
फिर सुबह 5 बजे उसके साथ बाथरूम में गया और उसको एक उधर ही फिर से ही चोदा.. इस बार बहन को घोड़ी बना कर भी चोदा.
इस तरह कुंवारी बुर की सील सगे भाई ने तोड़ी… मेरी बहन मेरी चुदाई की पार्टनर बन गई, हम दोनों मौका मिलते ही चुदाई का मजा लेने लगे.
अब जब भी मैं उसके घर जाता हूँ, तो वो खुद चुदवाने का बंदोबस्त करती है. उसने यहाँ तक बोला है कि उसकी शादी होगी तो पहला बच्चा हमारे प्यार की निशानी होगा.
आज उसकी शादी हुए 8 महीने हो गए है और उसकी कोख में मैंने अपने बीज को डाल दिया है. ये बात उसने अपने पति से भी छुपाई हुई है और उसने वादा किया है कि वो जब जक जिएगी उसके पास हमारी ये निशानी बनी रहेगी.
मैं आशा करता हूँ कि आपको मेरी बहन की बुर चुदाई की कहानी अच्छी लगी होगी. आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा. [email protected]
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