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नमस्कार दोस्तो सबसे पहले आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद कि आप लोगों ने अपने कीमती समय में से कुछ समय निकाल कर मुझे मेल किये, मेरी पहली सेक्सी कहानी मस्त पड़ोसन ने मेरा बड़ा पाइप माँगा आप लोगों को मेरी कहानी अच्छी लगी, उसके लिए एक बार फिर से धन्यवाद.
मैं उन भाभियों का भी धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझे अपनी अगली कहानी लिखने के लिए बार बार मेल किये; और मैं माफी चाहता हूं कि अपनी कहानी लिखने में लेट हो गया. आपका ज्यादा समय खराब न करते हुए अगली कहानी आपके सामने रखता हूं कि कैसे अंजलि ने अपनी शादीशुदा ननद पारुल की चूत की प्यास बुझवाई.
अंजलि के ननदोई का ट्रांसपोर्ट का काम था और वे लोग जयपुर रहते थे और यहाँ गुरुग्राम का ट्रांसपोर्ट का काम अंजलि का पति देखता है. अंजलि की ननद पारुल काफी सुंदर है. क्योंकि वो लोग गुरुग्राम आते रहते हैं और घर पड़ोस में होने के कारण मैं उसको जानता हूँ लेकिन मेरी पारुल से कभी बात नहीं हो पाई थी.
पारुल जीन्स ज्यादा पहनती थी जीन्स में वो एकदम कयामत लगती थी. पारुल के चुचे थोड़े भारी थे और गांड भी थोड़ी मोटी थी, कुल मिला कर जो भी उसको देखता, लन्ड सलामी देने लगता. मैंने भी मन ही मन पारुल को चोदने की सोची।
एक दिन अंजलि का फोन आया और बोली- जयपुर चलना है! पारुल भी यहीं है, मैं और पारुल दोनो जायेंगी. मैंने सोचा कि इससे अच्छा मौका और क्या मिल सकता है… मैंने अंजलि से पूछा- कब चलना है? तो उसने कहा- शनिवार सुबह में चलना है. मैंने हाँ कर दी.
अब मुझे घर पर झूठ बोलना पड़ा कि मुझे जयपुर जाना है किसी दोस्त के पिताजी की तबीयत ज्यादा खराब है, देखने जाना है. हमने प्रोग्राम तो पहले से ही तय कर लिया था कि अंजलि और पारुल मुझे एक चौंक पर मिल जायेंगी.
जैसे ही मैं अपनी कार लेकर पहुँचा तो दोनों वहीं मिल गयी. अंजलि ने सूट और सलवार पहना था, और पारुल ने ब्लैक जीन्स और पिंक शर्ट पहनी थी. क्या गजब माल लग रही थी. 2 मिनट तो मैं देखता ही रह गया. अंजलि पीछे और पारुल आगे वाली सीट पर बैठ गयी क्योकि पारुल से मेरी कभी बात नहीं हुई थी तो मुझे थोड़ा उसको समझने में टाइम तो लगना ही था.
मैं अंजलि से ही बातें करने लगा. अंजलि ने मेरा परिचय कराया तो मैंने उसको थोड़ा स्माइल दी तो उसने भी स्माईल दी. अब मैं पारुल से बात करने लगा. पारुल खुले विचारों की थी. जैसे ही मैं गाड़ी का गीयर चेंज करता मेरा हाथ पारुल की जांघों पर लगता क्योकि वो पैरों को खोल कर बैठी थी. मेरा लन्ड तो पहले ही खड़ा था.
तभी पारुल बोली- किसी अच्छे से होटल पर गाड़ी रोकना, चाय वगैरा ले लेते हैं.
मानेसर पार करने के बाद मैंने राव होटल पर गाड़ी रोक दी और हमने चाय नाश्ता लिया. अब पारुल मुझसे खुल कर बात करने लगी.
लगभग 10 बज चुके थे अंजलि ने पारुल से कहा- पारुल, बियर ले लेते हैं और गाड़ी में ही पी लेंगे. पारुल ने मुझसे कहा- तुम क्या लोगे? मैंने थोड़ा मज़ाक करते हुए बोला- जो तुम दोगी, मैं वही ले लूंगा. पारुल ने भी बोला- ठीक है, तुम जो चाहो ले लो! मैंने कहा- ठीक है!
जैसे ही हम धारूहेड़ा पहुँचे, पारुल ने मुझे कहा- गाड़ी रोक लो! और 2000 रुपये दिए, बोली- एक विह्स्की की बोतल और 4 बीयर ले लो!
दोस्तो अब तो मैं जन्न्त में घूमने लगा. आप सोच सकते हो कि 2 चूत साथ हो और शराब… तो आदमी को बिना पिये ही नशा होने लगता है। मैं विह्स्की की एक बोतल और 4 बीयर ले आया क्योंकि अंजलि विहस्की नहीं लेती थी, पारुल खुले विचारों की थी, वो अपने पति के साथ भी ड्रिंक लेती थी जैसा कि पारुल ने मुझे बताया.
अब पारुल बोली- कार मैं चलाती हूँ, तुम अंजलि को कंपनी दो! मैंने कहा- ठीक है!
मैं पीछे वाली सीट पर आ गया, बियर की बोतल मैंने अंजलि को दे दी और खुद विह्स्की खोल ली. मैंने एक पैग बना लिया और मैं अंजलि के चुचों को पकड़ कर दबाने लगा. मेरा लन्ड खड़ा हो गया और अंजलि ऊपर से ही लन्ड को सहलाने लगी.
दोस्तो, वो मेरी जिंदगी का सबसे हसीन दिन था, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरी लाइफ में ऐसा दिन भी आ सकता है.
अब अंजलि भी आधी बियर ले चुकी थी और मैं भी 2 पैग ले चुका था, अब हम दोनों को सरूर हो चुका था. पारुल कार काफी अच्छी ड्राइव कर रही थी, मैंने उससे कहा- पारुल यार तुम भी एक पैग ले लो! तो वो बोली- अभी तुम लो, मैं बाद में लूंगी।
अब मैं अंजलि की शर्ट में हाथ डाल कर चुचे ब्रा के ऊपर से दबाने लगा. अंजलि बोली- तुम मेरी ब्रा का हुक खोल दो! फिर आराम से दबाना!
मैंने अंजलि की ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा ऊपर करके उसके निप्पल को हाथ से दबाने लगा; अंजलि को मजा आने लगा और उसने मेरी जिप खोल दी और लन्ड बाहर निकाल कर सहलाने लगी. मैंने अंजलि की चूत में उंगली डाली तो देखा अंजलि की चूत गीली हो गयी थी.
अब पारुल बोली- जल्दी करो, मेरा दिमाग़ खराब हो रहा है.
मैंने अपनी बेल्ट खोली और पैन्ट को थोड़ा नीचे किया और अंजलि को थोड़ा नीचे करके लन्ड उसके मुँह में दे दिया; अंजलि मेरा लन्ड जोर जोर से चूसने लगी. दोस्तो यह सेक्सी कहानी बिल्कुल सच है और आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। अब मैंने पारुल को बोला- गाड़ी को साइड में लेकर किसी पेड़ के नीचे रोक दो ताकि रोड से थोड़ा दूरी पर रहे और कोई देख ना सके!
पारुल ने गाड़ी साइड में लेकर रोक दी. पारुल अगली सीट पर ही बैठी रही.
अब मैंने अंजलि को पिछली सीट के बीच वाले गैप में झुकाया और लन्ड उसकी चूत में डाल दिया, चूत बिल्कुल गीली थी, लन्ड बिना रुके अंदर चला गया और मैं धक्के लगाने लगा. 10 या 15 धक्कों में ही अंजलि झड़ गयी, अब अंजलि बोली- अब रहने दो! दोस्तो, मैं बिना झड़े ही रुक गया।
अब पारुल कहने लगी- अब तुम गाड़ी ड्राइव करना! मैंने कहा- ठीक है! फिर कहने लगी- अब मेरे लिए भी पैग बनाओ!
मैंने दो पेग बनाये और पीने लगे. हमें जयपुर पहुँचने की कोई जल्दी नहीं थी क्योंकि पारुल का पति भी घर नहीं था और पारुल का 10 साल का बेटा डलहौजी हास्टल में पढ़ता था इसलिए घर की कोई चिंता नहीं थी. पारुल बोली- मेरा एक पैग और बनाओ! लेकिन इस बार मैंने अपना नहीं बनाया क्योंकि मुझे गाड़ी भी ड्राइव करनी थी.
अब पारुल को नशा होने लगा और पारुल अगली सीट पर बैठ गयी और मैं गाड़ी ड्राइव करने लगा. पारुल ने अपना हाथ मेरे लन्ड पर रख दिया. मेरा लन्ड भी अब खड़ा हो चुका था. मैंने अपना बायाँ हाथ पारुल के मम्मे पर रख दिया और दबाने लगा लेकिन मेरा पूरा ध्यान सड़क पर ही था.
पारुल ने मेरी जिप खोल कर हाथ मेरे अंडरवियर में डाल कर लन्ड पकड़ लिया. अब मेरी हालत तो खराब हो गयी, मैं अपना लन्ड पारुल की चूत में जल्दी से जल्दी डालना चाहता था. और हां… मैं आपको एक बात बताना भूल गया वो यह कि पारुल के मम्मे एक बच्चे के बावजूद भी बहुत टाइट थे।
अब पारुल को भी लन्ड अपनी चूत में लेने की बहुत जल्दी थी लेकिन प्रॉब्लम यह थी कि अंजलि गाड़ी ड्राइव करना नहीं जानती थी और अब रोड भी ऐसा नहीं था कि कहीं गाड़ी किनारे लगाई जाए. पारुल बोली- अब मुझे लन्ड अपनी चूत में चाहिए; तुम कुछ भी करो!
मैंने पारुल को बोला- दो घंटे के लिए किसी होटल में रूम ले लिया जाए तो कैसा रहेगा? पारुल ने कहा- बिल्कुल ठीक है!
आगे कुछ दूर चल कर रास्ते मे एक होटल पर मैंने गाड़ी रोकी और कमरे का पता किया. होटल वाले ने कमरे के 2000 बोले. पारुल ने कहा- ठीक है, मैं दे दूंगी!
मैंने गाड़ी पार्किंग में लगाई और अपना सामान मतलब विह्स्की की बोतल ली और रूम में आ गए.
अब मैंने और पारुल ने एक एक पैग फिर लिया और अंजलि बोली- मुझे बियर ही लेनी है. मैं गाड़ी से बीयर ले आया. अंजलि ने भी पीना चालू कर दिया.
अब पारुल और मैं बिस्तर पर आ गए, मैंने अपनी शर्ट और पैंट निकाल दी, बस अपनी फ्रेंची ही पहनी थी, अब मैंने पारुल की शर्ट भी निकाल दी. पारुल ने ब्रांडेड और काफी कॉस्टली ब्रा पहनी थी जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैंने पारुल को चूमना चालू कर दिया; पारुल ने भी मेरा पूरा साथ दिया.
अंजलि सोफे पर ही बैठी रही.
अब पारुल ने अपनी जीन्स और पैन्टी भी उतार दी और मैंने उसकी ब्रा के का हुक खोल दिये. पारुल का फिगर देख कर में हैरान रह गया, उसके चुचे एकदम सफेद और खड़े थे और निप्पल भी पिंक थे क्योंकि जहाँ तक मैंने देखा है बच्चे के बाद औरत के निप्पल व निप्पल के आस पास की स्कीन ब्लैक हो जाती है लेकिन दोस्तो, पारुल की स्कीन पिंक थी.
अब मैंने पारुल का दायाँ निप्पल मुँह में ले लिया और दूसरे निप्पल को अंगूठे और उंगली के बीच में लेकर दबाने लगा. पारुल आहें भरने लगी. पारुल ने हाथ में मेरा लन्ड पकड़ा हुआ था और हाथ से लन्ड की स्किन को आगे पीछे करने लगी.
अंजलि सोफे से उठ कर हमारे पास आ गयी थी और पीछे से मेरी कमर पर किश करने लगी. दोस्तो, यह मेरा पहला अनुभव था कि एक साथ दो प्यासी औरत मेरे साथ थी. दोस्तो, इसका एक अलग ही मजा है. सच कहता हूं दोस्तो, आज तक मुझे सेक्स करने में इतना मजा कभी नहीं आया था जो मजा उस दिन आ रहा था।
अब मैं पारुल की नाभि को किस करने लगा तो पारुल तड़फ उठी और अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी और लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी. दोस्तो, आप जानते ही हैं कि जब हम ड्रिंक कर लेते हैं और उसके बाद सेक्स करते हैं तो जल्दी से डिस्चार्ज नहीं होते.
अब मैं किस करते हुऐ नीचे तक आ गया था. वैसे सच कहूँ तो मैं चूत कभी नहीं चाटता… अपनी बीवी की चूत भी बहुत कम या कहिये एक या दो बार ही चूत में मुँह डाला होगा लेकिन आज मुझे पता नहीं क्या हुआ कि मैंने पारुल की चूत पर जैसे ही मुँह लगाया, मुझे बड़ा ही अच्छा लगने लगा और पारुल की चूत से किसी डिओ की अच्छी सी खुशबू आ रही थी.
मैंने अपनी जीभ पारुल की चूत के दाने पर रखी तो पारुल ने मेरा सिर पकड़ कर चूत पर दबा दिया, मैं थोड़ी देर चूत को ऊपर से ही जीभ से चाटता रहा.
अब पारुल उठी और मुझे लेटा कर मेरे ऊपर आ कर मेरे लन्ड को मुँह में ले लिया. दोस्तो, मैं शब्दों में नहीं लिख सकता कि मुझे कितना मजा आ रहा था.
अंजलि भी बीच बीच में किस कर रही थी. पारुल के लन्ड चूसने का तो जवाब ही नहीं था, आज पहली बार मुझे इतना मजा आ रहा था! अब मैं पारुल की टांगों के बीच आ गया, अब पारुल समझ गयी कि अब लन्ड उसकी चूत में जाने वाला है, उसने पैरों को खोल दिया.
अब मैंने लन्ड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया, पारुल के मुँह से उह आह की आवाज आने लगी, पारुल बोलने लगी- थोड़ा अंदर डालो… मजा आ रहा है! मैंने लन्ड को थोड़ा धक्का दिया तो लन्ड आधा चूत में चला गया. चूत इतनी गीली थी कि पारुल को बिल्कुल भी दर्द नहीं हुआ. मुझे भी मजा आने लगा, मैंने दूसरा धक्का लगाया तो लन्ड पूरा अंदर तक चला गया, पारुल को थोड़ा दर्द हुआ, बोलने लगी- अंदर बच्चेदानी पर जा कर लगा!
खैर अब मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा. पारुल ने बोला- आप दोनों हाथ मेरे ब्रेस्ट पर लाओ! उसको कुछ ज्यादा ही मजा आने लगा और पारुल अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी.
मैं पारुल की गर्दन पर अपनी जीभ से चाटने लगा, वो सिसकारी लेने लगी. अब मुझे भी लगने लगा कि थोड़ी देर में मेरा निकल जायेगा, मैंने पारुल को उठाया और डॉगी स्टाइल में किया.
दोस्तो, अब पारुल की गांड भी मेरे सामने थी, मैंने अपना लन्ड पीछे से उसकी चूत पर रखा और एक ही धक्के में पूरा लन्ड पारुल की चूत में डाल दिया और अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को पकड़ कर जोर जोर से लन्ड पेलने लगा.
20 या 25 धक्के मारने के बाद मैं और पारुल दोनों एक साथ झड़ गये, मैंने अपना पूरा माल पारुल की चूत में ही झाड़ दिया. 10 मिनट तक हम ऐसे ही लेटे रहे।
हमें एक घण्टा हो चुका था, मैं बाथरूम जाकर फ्रेश होने लगा तो अंजलि भी अंदर आ गयी क्योंकि पारुल की चुदाई देख कर अंजलि की चूत में फिर से पानी आने लगा, अंजलि बोली- एक बार चुदाई और करते हैं!
दोस्तो, मैंने एक बात नोट की थी कि जब आदमी अपनी बीवी के साथ सेक्स करता है तो ज्यादा से ज्यादा 2 बार चुदाई करने के बाद लन्ड जल्दी खड़ा नहीं होता और अगर किसी दूसरी औरत या लड़की के साथ चुदाई करता है तो लन्ड 10 मिनट में दुबारा चूत फाड़ने को तैयार हो जाता है. शायद आपने भी यह बात नोट की होगी।
अब मैंने अंजलि की शर्ट वहीं निकाल दी और उसकी ब्लैक ब्रा भी निकाल कर बाथरुम में ही में उसके चुचे चूसने लगा; अंजलि मेरे लन्ड को हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी. मैं अंजलि की गर्दन पर किस करने लगा और उसके कान को मुँह में लेकर हल्के हल्के काटने लगा.
अंजलि गर्म होने लगी; अब अंजलि अपने पैरों के बल नीचे बैठ गयी और मैं खड़ा रहा. अंजलि ने मेरा लन्ड मुँह में ले लिया और लन्ड को चूसने लगी. मुझे मजा आने लगा. 5 मिनट तक अंजलि ने मेरे लन्ड को चूस कर खड़ा कर दिया.
मैंने अंजलि को खड़ा किया और उसकी बैक अपने से सटा ली, अब मेरा लन्ड अंजलि की गांड को रगड़ने लगा, अंजलि अपना हाथ पीछे करके मेरा लन्ड पकड़ कर अपनी गांड पर रगड़ने लगी और मैं अपने दोनों हाथों से अंजलि के चुचे पकड़ कर मसलने लगा और अंजलि की गर्दन को किस करने लगा.
अंजलि बोलने लगी- जानू जल्दी से अन्दर डालो! मैंने अंजलि को फिर एक बार बोला- लन्ड मुँह में लेकर चूसो! और अंजलि टायलेट शीट पर बैठ गयी और लन्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी. क्योंकि दोस्तो, मुझे लन्ड चुसवाने में बहुत मजा आता है.
अंजलि लन्ड को अच्छे से चूसने लगी और मेरा लन्ड थूक से बिल्कुल गीला हो गया तो मैंने अंजलि का सिर पकड़ कर अपने हाथों से आगे पीछे करने लगा. दोस्तो आज मैं अपनी जिंदगी का पूरा मजा ले रहा था।
अब अंजलि को मैंने उल्टा यानि अंजलि के हाथ टायलेट शीट पर रखवा दिए, अंजलि की चूत पूरी बाहर हो गयी, अब मैंने अपने लन्ड को अंजलि की चूत और गांड पर हाथ से रगड़ने लगा. अंजलि कहने लगी- जल्दी से लन्ड अंदर डालो, मुझे मजा आ रहा है.
अब मैं उसकी चूत में लन्ड पेलने लगा. पता नहीं आज मेरा क्यों नहीं निकल रहा था… शायद ड्रिंक की वजह से जल्दी नहीं निकल रहा था. मैं जोर जोर से लन्ड को अंजलि की चूत में पेल रहा था. अंजलि कहने लगी- और जोर से धक्का लगाओ, मेरा निकलने वाला है!
कुछ ही देर में अंजलि झड़ गयी लेकिन अभी मेरा नहीं निकला था तो मैं जोर जोर से धक्के मारता रहा. अब अंजलि को दर्द होने लगा था, वो कहने लगी- आराम से करो! लेकिन अब मैं कहाँ मानने वाला था क्योंकि मैं अब पूरे चरम पर था, अब मेरा भी निकलने वाला था, मेरी स्पीड और बढ़ गयी, 5 या 7 धक्कों के बाद मैं भी अंजलि की चूत में झड़ गया.
मैं पूरी तरह थक चुका था. मैं और अंजलि फ्रेश हो कर बाहर आ गए. हमने काफी ऑर्डर की और आराम से बैठ कर काफी पी।
तो दोस्तो, यह थी मेरी सेक्सी कहानी दो प्यासी औरत की चुत चुदाई की… आप लोगों को मेरी कहानी पसन्द आई, मजा आया या नहीं… मुझे मेल करके जरूर बताना! [email protected] मैं आपके मेल की प्रतीक्षा करूँगा और अगली कहानी में बताऊंगा कि जयपुर जाकर मैंने फिर अंजलि और पारुल की कैसे चूत और गांड चुदाई की. धन्यवाद! आपका विप्लव
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