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नमस्कार, अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! कैसे हैं सब! सभी मस्त होंगे! सभी लड़कियों, औरतों की चूत और लड़कों के लंड को मेरा सलाम।
यह मेरी पहली कहानी है, अगर सभी को पसंद आई, तो उम्मीद है कि दोबारा भी मैं कोई मेरी सेक्स कहानी लिखूंगा।
अपने बारे में बता दूँ, मैं राघव रायपुर छत्तीसगढ़ से हूँ, मेरी उम्र है 22 साल और मैं अभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ। बाकी लोगों की तरह मैं अपना हाइट, हेल्थ और लंड का साइज नहीं बताने वाला… क्योंकि चुदाई में लंड का साइज मायने नहीं रखता, मायने रखता है कि आप अपने पार्टनर को कितना सैटिस्फैक्शन दे सकते हो।
खैर अब कहानी पर आते हैं, यह अभी एक महीने पहले की बात है। मैं अपने कमरे में सोया हुआ था कि अचानक एक अनजान नंबर से मिस कॉल आया, मैंने तुरंत कॉल किया। अब कालिंग आजकल फ्री है तो कर लेते हैं। उधर से एक मीठी आवाज आई ‘हेलो!’ मैं तो कुछ पल के लिए शॉकड हो गया… क्या कातिलाना आवाज थी।
फिर बातों का जो सिलसिला हुआ उसे मैं बता रहा हूँ कुछ इस तरह:
लड़की- हेलो कौन? मैं- मैम, आपका मिस कॉल आया था तो मैंने लगाया कि आप कौन हो। लड़की- वो धोखे से लग गया, सॉरी… आप कॉल मत करना।
मैं- एक मिनट बात तो करिये, वैसे आप हो कौन? कहाँ से हो? लड़की- क्या करोगे जान कर, जब बोल रही हूँ कि धोखे से लग गया। मैं- अरे प्लीज बता दो। लड़की- मैं निशा हूँ, हरदी, कोरबा जिले से। मैं- चलो ओके बाय, मैं आपसे बाद में बात करता हूँ।
लड़की- आये हेलो, क्यों कॉल करोगे, मैं बोली ना कि धोखे से लग गया। मैं- अरे जैसे आपने धोखे से लगाया, वैसे मैं भी एक बार लगा लूंगा! ऐसा बोल कर मैंने कॉल काट दिया, अब लड़का हूँ, कोई लड़की से बात तो करनी ही थी।
मैं अब शाम को दोस्तों के साथ घूम रहा था कि उसी नंबर से दोबारा मिस कॉल आया। मेरी समझ में अब आ गया था कि ये लड़की खुद जानबूझ के रॉंग नंबर लगा रही है मस्ती के लिए। मैंने सोचा कि चलो हम भी कर लेते हैं, पट गई तो अच्छी बात… नहीं तो फ़ोन में ही सारे कर्म कर लेंगे। मैंने अकेले में जाकर काल किया।
पहले तो हम दोनों के बीच औपचारिक बात हुई कि कहाँ से हो, क्या करते हो? ऐसा वैसा। मैं बता दूँ उस लड़की के बारे में” उसका नाम निशा है, वो दसवीं क्लास की स्टूडेंट है. अब मैंने सोचा कि ‘यार ये तो बहुत छोटी है!’ बाद में सोचा- चलो जो भी हो, बातें करके टाइम पास कर लेंगे।
उस रात हमने एक घंटे से ज्यादा बात की। ऐसे ही 3-4 दिन हम बहुत बातें करते रहे रात भर… लेकिन हमारे बीच कोई ऐसी वैसी बातें नहीं हुई।
फिर एक रात अचानक उसने कहा- कब तक ऐसे बातें करते रहेंगे, कब मिलना होगा, मुझे आपको देखने का मन हो रहा है, आपसे मिलने का मन हो रहा है। मैंने कहा- ठीक है, मिल लेंगे लेकिन प्लीज इस रिश्ते को दोस्ती तक रखना, प्यार मोहब्बत नहीं। वो भी तैयार थी।
फिर हमने प्लानिंग की, प्लानिंग के हिसाब से घर में पिकनिक का बहाना बना कर मैं एक दिन निकला कोरबा। शाम को पहुँच कर होटल बुक किया और वहाँ से रात को निशा को मैंने कॉल किया।
दूसरे दिन उसका स्कूल था 8 से 12 बजे तक का तो प्लान बना कर वो भी निकली घर में बोल कर कि शाम तक आऊँगी। जो भी बहाना बनाया होगा, मुझे क्या।
हम बात करके सुबह 9 बजे एक छोटे से रेस्टोरेंट में मिले। वाह गजब थी वो… मैं तो देखता रह गया। लग ही नहीं रही थी कि वो दसवीं कलास की स्टूडेंट होगी। एकदम हॉट सेक्सी, गदराया बदन, सुराहीदार गर्दन, स्कूल ड्रेस पहनी हुई; ऊपर शर्ट, नीचे स्कर्ट। सफेद शर्ट में उसके बड़े बूब्स, शायद 32 के होंगे और उसके ऊपर निप्पल के उभार। उसकी घुटने से ऊपर तक जांघों तक स्कर्ट में उसकी चिकनी टांगें, गदरायी जांघें… मेरा तो पेंट में ही तंबू बन गया!
फिर उसकी खनकती आवाज ने मुझे जगाया- ओ हेलो… कहाँ खो गए? मैंने होश में आकर खुद को सम्हाला और उसे चेयर में बैठाया।
सबसे पहले तो उसने कहा- किसी को शक ना हो, इसीलए मैं ड्रेस चेंज कर लेती हूं, फिर हम घूमने निकलेंगे।
वो वाशरूम जाकर कपड़े बदल कर आई, मैं दुबारा उसे देखता रह गया। जीन्स और टॉप में वो गजब की माल लग रही थी मुझे अपने ऊपर विश्वास नहीं हो रहा था कि यार मैं इस जबरदस्त मॉल के साथ आज डेट पे हूँ। मैंने दुबारा अपने आप को सम्हाला।
हमने खाना खाते हुए कुछ बात की, उसके कुछ अंश निम्न हैं.
निशा- यार मैं फैमिली प्रॉब्लम की वजह से पढ़ाई में 3 साल लेट हो गई इसीलिए 10th क्लास में हूँ, मेरी उम्र अभी सवा अठारह साल की हो चुकी है. मैं- अब मैं समझा यार… तभी तो तू एकदम बड़ी और मस्त यंग लग रही है। मैंने तो सोचा था कि कोई 10th क्लास की है तो कोई छोटी लड़की होगी।
खैर इसके बाद हम 12 बजे तक इधर उधर घूमते रहे, कभी मार्किट में कभी कहीं कभी कहीं… एक दूसरे का हाथ पकड़े; लग ही नहीं रहा था कि हमारी यह पहली मुलाकात है।
लगता है पाठको, आपको बोर लग रहा है, अभी कितना डेट पे रहेंगे तो चुदाई कब होगी। तो दोस्तो अब इंतज़ार खत्म।
उसने खुद कहा- हम इस रिलेशनशिप को आगे नहीं बढ़ा सकते क्योंकि मुझे प्यार व्यार नहीं करना। तो मैंने कहा- तो क्या सोची है? उसने कहा- ओये तू इतना भी शरीफ मत बन… कोई लड़का किसी लड़की से मिलने ऐसे ही इतने दूर नहीं आता। चल होटल में चल, जहाँ तू रुका है, वहाँ बैठ कर बातें करेंगे। घर में मैं 7 बजे तक का टाइम लेकर आई हूं।
मैंने सोचा ‘यार इतना टाइम बहुत है।’ हम होटल पहुँचे, वहाँ रूम में पहुँच कर मैंने 2 बियर और खाना आर्डर किया और फ्रेश होकर हमने खाना खाया।
फिर हम दोनों बेड में ऐसे ही बैठ गए. निशा ने मुझे गले से लगाया और किस करने लगी। मैंने कहा- यार लड़का मैं हूँ या तू? तू इतनी उतावली हो रही है। उसने बताया- मेरी सारी सहेलिया सेक्स कर चुकी हैं, मुझे बताती रहती है। मुझे बहुत मन होता है चुदाई का।
उसके मुख से चुदाई शब्द सुन कर मेरे समझ आ गया कि ये लड़की है फुल डिफाल्टर और चालू। उसने कहा- अगर मैं यहाँ के किसी लड़के से करती तो कहीं ना कहीं से पता चल जाता… और मैं चाहती हूँ कि मैं जब सेक्स करूँ तो किसी ऐसे लड़के से जो यहाँ का ना हो और सेफ हो। इसीलिए ऐसे ही कुछ भी नंबर लगाया, तुम्हें लग गया और बात बन गई। अब तुम बातें ही करोगे या कुछ मस्ती भी करोगे? चोद सको तो चोद लो
हम दोनों की कामुकता चरम पर थी तो फिर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर टूट पड़े। एक तो उसे बियर का नशा था और पहली बार सेक्स करवाने का उतावलापन।
मैंने तो उससे पहले 3 से 4 बार सेक्स कर लिया था तो एक्सपीरियंस था लेकिन वर्जिन चूत चोदने का पहला मौका था तो मैं आराम से मजे लेना चाहता था।
अब हम एक दूसरे को होंठों को किस करे जा रहे थे और मैं उसके बूब्स भी दबा रहा था। हम एक दूसरे की जुबान चूस चाट रहे थे।
मैंने अब उसके टॉप को उतार दिया, निशा सिर्फ ब्रा में थी। पिंक कलर की ब्रा में वो एक मस्त माल लग रही थी, मैंने उसे बेड में लिटा कर उसकी गर्दन, पेट पर किस करना शुरू कर दिया. अब वो आह उफ्फ्फ की आवाजें निकल रही थी, मैंने नीचे आकर उसकी जीन्स भी निकाल फेंकी। अब निशा सिर्फ ब्रा पैंटी में थी और गजब की कयामत लग रही थी।
उसने कहा- अपने भी कपड़े उतारो। मैंने झट से अपने सारे कपड़े उतार फेंके और सिर्फ चड्डी में आ गया।
अब मैं नीचे, वो मेरे ऊपर थी; मेरी छाती में वो लगातार किस कर रही थी; धीरे से वो किस करते हुए नीचे आई और मेरी चड्डी को निकाल फेंकी। जैसे ही मेरी चड्डी निकली, मेरा लंड टनटना के उसके गाल पर लगा, वो देखती ही रह गई और कहने लगी- वाह क्या मस्त है! ऐसा कहते हुए वो मेरे लंड से खेलने लगी आगे पीछे करने लगी। मेरी भी आहें निकल रही थी।
फिर उसने अपने बैग से एक चॉकलेट निकाली और लंड में लगाई। वाह! साली पूरी तैयारी से आई थी! और अब उसने सीधा मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया।
मुझे तो बहुत मजा आ रहा था। ऐसा लंड आज तक किसी ने नहीं चूसा था; वो गपागप मेरा पूरा लंड चूस रही थी, लग ही नहीं रहा था कि निशा का आज पहली बार है. 15 मिनट लंड चूसने के बाद वो थक कर सीधी लेट गई, मैं भी देर नहीं करना चाहता था तो झट से मैं उसके ऊपर आया और उसकी ब्रा और पैंटी निकाल फेंकी।
अब मैं उसके निप्पल को बारी बारी से चूसता और काट लेता; वो मेरा सर अपने बूब्स में दबाती और आहें भरती- ओह्ह राघव, और चूसो इन्हें… आह आह आह उफ्फ उफ्फ! 10 मिनट मैंने उसके बूब्स चूस चूस कर लाल कर दिये, अब मैंने नीचे आकर उसकी टांगों को फैलाया।
वाह क्या चूत थी बिल्कुल चिकनी और गुलाबी। उसने कहा- कल ही मैंने साफ की है क्योंकि मुझे पता है कि आजकल लड़कों को चूत चूसना और चाटना पसंद है।
मैंने झट से अपना मुंह उसकी चूत में लगाया. क्या गजब की खुश्बू थी. अब मैं निशा की चूत के दाने को उंगली से रगड़ने लगा और अपने जुबान से चाटने लगा। लपलप लपलप लपलप करके दस बारह मिनट तक मैंने उसकी चूत को चाट चाट कर गीला कर दिया, इस दौरान वो एक बार झर गई और उसकी चूत से बहुत पानी निकलने लगा और वो बोलने लगी- राघव, अब मत तड़पाओ, जल्दी चोद दो मुझे; नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
अब वो भी तैयार थी, मैं भी पूरी तैयारी से आया था। मैंने अपने बैग से तेल की शीशी निकाली और ढेर सारा तेल मैंने अपने लंड और उसकी चूत में लगा दिया, मैंने उसकी टांगों को फ़ैलाया और उनके बीच में आ गया। जैसे ही मैंने अपना टोपा उसकी चूत में लगाया, डर से उसकी आंखें बाहर आ गई लेकिन साली हिम्मत वाली थी, बिल्कुल नहीं डरी; मैंने एक झटका लगा कर लंड ज़रा सा अंदर डालना चाहा तो उसने अपने पंजों से बेडशीट को पकड़ लिया।
मैंने अहिस्ता से लंड उसके चूत में घुसाया और उसकी आँखों से आंसू निकल गए लेकिन उसने मना नहीं किया और ज़ोर से उसकी चीख निकली- आह आहहा उह आह उफ उफ्फ उफ्फ मार दिया। कितना मोटा और बड़ा है। मैंने अब उसके होंठों को किस करना शुरू किया और आहिस्ता आहिस्ता धक्के लगा रहा था।
कुछ मिनट के बाद वो जाके शांत हुई और बोली- राघव अब पूरा घुसा दो। मैंने अब एक तगड़े झटके से पूरा लंड अंदर जड़ तक घुसा दिया।
इस बार निशा ने जोरदार चीख़ निकाली और मेरी पीठ में अपने नाखून गड़ा दिए- ओह आह आह उफ्फ उफ्फ राघव… मैं मर गई। वो आह उफ्फ आह उफ्फ आह उफ्फ जैसी आवाजें निकाल रही थी।
अब मैंने थोड़ा नीचे की तरफ देखा तो उसकी चूत फट गई थी और खून निकल रहा था. बेडशीट सफेद थी तो खून ज्यादा लग रहा था।
ये सब निशा देख कर बोली- जानू, अब ये सब तो होना ही था… अब मुझे तुम खुश कर दो। अब मैं भी उसकी चूत में ताबड़तोड़ धक्के लगाता रहा, अब निशा भी साथ दे रही थी और नीचे से अपनी गांड ऊपर कर कर के चुदवा रही थी।
इस पोज़ में मैंने उसे दस मिनट चोद चोद के उसकी हालत खराब कर दी. उसकी क्या मेरी भी हालत खराब थी, मेरा भी लंड छिल गया था और दर्द हो रहा था लेकिन चुदाई में दर्द का पता नहीं चलता। अब मैं सीधा लेट गया और निशा मेरे ऊपर आ गई और मेरे सीने में अपने नाखून गड़ा के चुदने लगी, मैं नीचे से धक्के लगता रहा और उसके बूब्स मसलता रहा।
उसने अब अपनी स्पीड बढ़ा ली और एक बार और झड़ गई; उसकी चूत और भी गीली हो गई, लंड सटासट अंदर बाहर हो रहा था।
मेरा भी छूटने वाला था तो वो बोली- जान, टेंशन मत लो, अंदर ही गिरा दो, मैं तुम्हारा माल अपने अंदर फील करना चाहती हूँ। मैंने झट से उसे नीचे उतारा और बेड के किनारे लाकर उसकी टाँगें फैला कर खुद बेड से नीचे खड़ा होकर उसकी चूत मारता रहा।
10 मिनट लगातार ताबड़तोड़ चुदाई करके मेरे लंड से पिचकारी निकली और उसकी चूत के रास्ते होते हुए उसके बच्चेदानी तक जा पहुंची थी। मैं कुछ देर बाद उसके ऊपर ही गिर गया; बहुत देर तक मेरे लंड से माल निकलता रहा। कुछ चूत से बाहर आ रहा था, मेरा लंड अभी भी चूत के अंदर था।
फिर हम दोनों अलग हुए और एक दूसरे की बाहों में सो गए।
जब नींद खुली तो देखा कि शाम के 4 बज गए थे।
निशा उठ नहीं पा रही थी; मैं उसे सहारा देकर बाथरूम तक लेकर गया। हम दोनों नंगे ही थे, साथ में मैं भी अंदर गया और शावर चालू कर दिया। नहाते हुए हम दोनों किस करते करते एक बार और मूड बन गया, वो घुटनों के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी। ‘आह आह आह…’ क्या लंड चूस रही थी! मेरे लंड की छीलन अब अच्छा लग रहा था।
फिर मैंने भी कुछ देर उसकी चूत चाट चाट के गीली की, मैंने निशा को झुकाया और एक बार में सीधा पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया और उस बार बिना कोई रोक टोक के घपघप चुदाई होती रही। इस बार हमने डॉगी स्टाइल में चुदाई की जो उसकी फ़ेवरेट है। अब वो कहने लगी- जानू, इस बार मुझे लंड का माल अपने फेस पर लेना है क्योंकि लड़कों के लंड का माल फेस के लिए अच्छा होता है.
फिर वो बैठ गई और खुद लंड आगे पीछे करती रही। फिर कुछ देर बाद लंड ने बहुत सारा पिचकारी उसके चेहरे पर मारी और पूरा फेस का फेशीयल हो गया।
हम दोनों थक गए थे, नहा धो कर फ्रेश होकर कपड़े पहन लिए। उसके तैयार होते तक एक एक बियर मंगवाया और दोनों ने पिया ताकि थकान ना हो।
निशा ने मुझसे कहा- यू आर सो गुड… वन्डरफुल फकिंग… आई लाईकड दिस सेक्स! (तुम बहुत अच्छे हो… लाजवाब चुदाई… मुझे इस सेक्स में अच्छा लगा!)
उसने मुझे एक लंबा किस किया और हम होटल से निकले।
वैसे मैं पूरी तैयारी से गया था कंडोम और ई पिल लेकर… कंडोम तो काम नहीं आया, मैंने उसे गोली खिला दी और उसके घर से कुछ दूर पहले छोड़ आया।
मुझे अभी भी लगता है कि मैं उससे बात करूँ और उसके साथ हमारी चुदाई के रिश्ते को बरकरार रखूँ; लेकिन उसकी बातें उसकी सच्चाई मुझे रोक देती है। जैसा उसने कहा था कि उसे सेक्स करना है एक बाहर के लड़के से… फिर उसके साथ कोई रिश्ता नहीं! इसलिए मैं सिर्फ उसकी चुदाई को ही याद कर लेता हूं।
ऊपर वाले से गुजारिश है कि एक बार और मुझे निशा मिल जाये।
दोस्तो, मेरी यह सच्ची और हॉट चुदाई कहानी पसंद आई या नहीं? मुझे मेल करके बतायें! [email protected] धन्यवाद
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