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हैलो फ्रेंड्स, मैं हूँ आपकी फ्रेंड सरिता उर्फ सोनी. सबसे पहले आप सभी को थैंक्स कहना चाहती हूँ कि आप लोगों ने मेरी पिछली हिंदी सेक्स स्टोरी पड़ोसी ने मुझे फंसा कर मेरी चूत की पहली चुदाई की लवर के दोस्त के बड़े लंड से चुद कर मजा आया को इतना पसंद किया और मुझे आप लोगों की मेल भी मिली.
सॉरी यार, मैं कुछ लोगों को मेल का जबाव नहीं दे पाई क्योंकि बहुत सारे लोगों ने मुझे मेल किया था और सभी का रिप्लाई कर पाना थोड़ा कठिन होता है तो दोस्तो प्लीज़ इसके लिए माइंड मत किया कीजिए.
आपने मेरी हिंदी सेक्स कहानी को इतना पसंद किया कि मैं अपनी अगली स्टोरी लिखने से खुद को रोक नहीं सकी. तो एक बार फिर आप लोगों के सामने अपनी एक और नई सेक्स स्टोरी के साथ प्रस्तुत हूँ.
आपने मेरी पिछली कहानी तो पढ़ी ही होगी कि कैसे रवि और विवेक ने मेरी खूब चुदाई की. ये सिलसिला कुछ महीनों तक चला और फिर विवेक जो मेरा ब्वॉयफ्रेंड था, उससे मेरा ब्रेकअप हो गया. उससे ब्रेकअप होने के बाद कई महीने से मेरी चुदाई नहीं हुई थी.
आप लोग तो समझ ही सकते हैं जब एक हॉट लड़की को लंड लेने की आदत पड़ जाए और उसको काई महीनों से लंड ना मिला हो, तो उसका क्या हाल होता है. मेरा सेक्स करने का बड़ा ही मन होता है, पर मैं अपने आपको किसी तरह शांत कर लेती. उसी दौरान मुझे फिंगरिंग की आदत पड़ गई. मैं भी क्या करती, मजबूर थी. बस उंगली ही एक मात्र मेरी चूत के लिए लंड का काम कर रही थी.
मेरे दिन ऐसे ही जैसे तैसे गुजर रहे थे, एक दिन मुझे बैंक जाना था. कई दिनों से मैंने अपनी पासबुक में एंट्री नहीं करवाई थीं और बैंक में कुछ और भी काम था, तो मैं घर से लगभग 10 बजे बैंक के लिए निकल गई.
मैंने बैंक का काम ख़त्म किया और वापस घर आने लगी. दोपहर का समय था, मैंने बस स्टैंड पर काफ़ी देर तक बस और ऑटो का वेट किया, पर उस समय मुझे कोई भी ऑटो या बस नहीं मिला. फिर मैंने डिसाइड किया कि अब मैं पैदल ही कुछ दूर चलती हूँ, शायद आगे कोई ऑटो रिक्शा मिल जाए. काफ़ी दूर चलने के बाद भी कोई ऑटो रिक्शा नहीं मिला.
तभी एक कार मेरे पास आकर रुकी और एक आवाज़ आई- कहाँ जाना है आपको?
मैंने कार की तरफ देखा तो कार में एक हट्टा कट्टा आदमी बैठा था, उसकी उम्र लगभग 30 से 35 साल रही होगी. वो दिखने में एकदम साउथ अफ्रिकन जैसा था, पर वो इंडियन ही था. मैंने कहा- मैं चली जाऊंगी. तो उसने कहा- मैडम धूप काफ़ी तेज़ है और इस समय इधर कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी नहीं मिलेगा. पर मैंने फिर उसे वही जवाब दिया- कोई बात नहीं.. मैं चली जाऊंगी.
वो चला गया.
कुछ दूर चलने के बाद मैं काफ़ी थक गई थी, तभी मैंने देखा कि वही कार थोड़ी आगे खड़ी थी.
जब मैं उस कार के पास पहुँची तो उस आदमी ने फिर से कहा- मैडम आपको मैं आगे तक छोड़ देता हूँ.. ट्रस्ट मी, मैं एक अच्छा इंसान हूँ. इतनी धूप में एक अकेली लड़की को देखा, तो मैंने सोचा कि कुछ हेल्प कर दूँ. मैं अक्सर ही लोगों की हेल्प करता रहता हूँ, मुझे लोगों की हेल्प करने में खुशी मिलती है.
अब मुझे वो आदमी काफ़ी भला और शरीफ लगा, तो मैंने कहा- मैं बहुत थक चुकी हूँ, मुझे आप आगे किसी भी ऐसे स्टैंड पर छोड़ दीजिएगा, जहां से मैं पब्लिक ट्रांसपोर्ट ले सकूं.
उसके बाद मैंने उसको थैंक्स बोला और उसकी कार में बैठ गई. उसने अपना परिचय देना शुरू किया. बात हमारे नाम से शुरू हुई. उसने अपना नाम बताया उसका नाम कमल था. मैंने भी उसे अपना नाम बताया- मेरा नाम सरिता है. उसने कहा- ओह वॉट ए ब्यूटीफुल नेम. आप अपने नाम की तरह ही खूबसूरत भी हो.
उसने मेरी खूबसूरती की तारीफ भी की मुझे बहुत अच्छा लगा, मैंने थैंक्स कहा. मुझे बहुत नींद आ रही थी. कार में बैठे बैठे मुझे झपकी लगने लगी.
तभी उसने कहा- अगर तुम सोना चाहती हो तो पीछे की सीट पर सो जाओ. मैंने कहा कि मैं अब घर जाकर ही रेस्ट करूँगी.
कुछ देर बाद मेरा जी घबराने लगा, मुझे लगा कि मुझे उल्टी होने वाली है, तभी मैंने कहा- प्लीज़ जल्दी से कार साइड में रोक दीजिए.
उसने रोड के किनारे कार को लगा दिया और मैं कार से उतर गई और मुझे वॉमिटिंग होने लगी. शायद मुझे धूप लग गई थी और मैंने सुबह से पानी भी नहीं पिया था.
कमल ने अपनी कार से पानी की बॉटल दी. मैंने मुँह साफ किया और पानी पिया, फिर कार में जाकर बैठ गई.
तभी कमल भी कार में आ गया और उसने कार एक क्लिनिक के पास जाकर रोक दी. डॉक्टर से मेरा चेकअप करवाया और दवा दिलवा दी. फिर हम दोनों बस स्टैंड पर गए और मैं बस का वेट करने लगी. लेकिन कमल ने एक ऑटो रिक्शा रुकवाया और मुझे ऑटो में बिठा दिया और ऑटो रिक्शे वाले को कहा कि इनको घर तक छोड़ देना.
मैंने ऑटो वाले को अपना एड्रेस बताया तो कमल ने कहा- कितने पैसे हुए? कमल को मना किया मैंने पर वो नहीं माना, उसने ऑटो रिक्शे वाले को पैसे दे दिए.
मैंने कमल को थैंक्स कहा और बोला- यू आर टू गुड मैन. ‘थैंक्स..’ फिर मैंने दबी आवाज़ में कमल से कहा- आपका कॉंटॅक्ट नम्बर मिल सकता है? उसने कहा- हां क्यों नहीं.
मैंने उसको बाय किया और घर आ गई. घर पहुँच कर मैं फ्रेश हुई और सो गई. उसके बाद मैं लगभग शाम 8 बजे उठी तो मेरे दिमाग़ में वही कमल चल रहा था. मैं उसके ही बारे में सोच रही थी कि सच कोई इतना भी अच्छा इंसान हो सकता है.
तभी मैंने उसके नंबर पर कॉल की और कमल ने कॉल पिक किया. कमल ने ‘हैलो..’ कहा तो मैंने भी इधर से धीमी आवाज़ में ‘हैलो..’ कहा. कमल ने कहा- जी कौन? मैंने कहा- मैं सरिता बोल रही हूँ.
फिर हमारी काफ़ी देर तक बातें हुईं और ये सिलसिला चलने लगा. कभी मैं उसे कॉल करती तो कभी वो मुझे कॉल करता. हम फोन पर बहुत देर तक बातें करते. मुझे पता ही नहीं चला कि हमारा ये रिश्ता कब प्यार में बदल गया.
एक दिन कमल ने मुझे अपने घर पर बुलाया. कमल अकेले ही रहता था और उसकी अब तक शादी भी नहीं हुई थी.
मैं कमल के बताए हुए एड्रेस पर पहुँच गई. कमल मुझे पिक करने के लिए अपनी कार से पहुँचा.
हम दोनों घर पहुँच गए, कमल का घर काफ़ी बड़ा था. कमल मुझे अपने बेडरूम में ले गया, उसका बेडरूम बहुत ही सुंदर था.. उस पर उसने फूल बिछा रखे थे.
मैंने उससे पूछा- ये फूल किसलिए? उसने कहा- बस ऐसे ही.. वो छोड़ो मैं तुम्हारे लिए किचन में कुछ बनाता हूँ. तुम काफ़ी थक गई होगी और तुम्हें भूख भी लग रही होगी. मैंने कहा- हां वो तो है. तभी कमल ने एक नई ड्रेस मुझे गिफ्ट की और कहा- तुम पहली बार मेरे घर आई हो, इसलिए मैं तुम्हें कुछ दे रहा हूँ.
मैंने ड्रेस को ओपन करके देखा तो एक बहुत ही अच्छी जीन्स और टी-शर्ट टॉप था और साथ में पेंटी और ब्रा भी थी. मुझे ड्रेस बहुत पसंद आई.
उसने मुस्कुरा कर कहा- पहन कर नहीं दिखाओगी?
मैं बाथरूम में गई और फ्रेश हो गई और मैंने वो ड्रेस पहन ली. ब्रा थोड़ी टाइट थी पर एड्जस्ट हो गई. जब मैं ड्रेस पहन कर बाहर आई तो कमल देखता ही रह गया.
उसने मुझे गले लगा लिया और मेरे गालों पर किस करके बोला- सरिता आई लव यू, तुम आज कितनी हॉट लग रही हो.
हमने काफ़ी देर तक एक दूसरे को किस किया. थोड़ी देर बाद कमल मुझसे दूर हट गया, पर मेरा मन तो आज कुछ और करने को था. बहुत दिनों से कोई लंड नहीं मिला था, मेरी चूत बहुत प्यासी थी.
फिर हमने साथ लंच किया, उसके बाद मैंने कमल से कहा- कमल, मैं थोड़ा रेस्ट करना चाहती हूँ. उसने मुझसे कहा कि तुम बेड पर लेट जाओ.
मैं उसके बेड पर लेट गई, लेटते समय मैंने जानबूझ कर अपना टॉप थोड़ा ऊपर को कर लिया ताकि कमल को मेरी कमर और चूचियां अच्छे से दिखाई दे जाएं. मैं वैसे ही लेटी रही और कमल मेरे पास बैठकर मुझे देखता रहा.
मैंने अपनी आखें बंद कर लीं और सोने का नाटक करने लगी. कुछ देर बाद कमल बेड पर मेरे पास आकर मेरे ऊपर आ गया और मुझे किस करने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी, क्या करती कई दिनों से मैं लंड की भूखी थी. अब कमल मेरा टॉप उतारने लगा. मैंने उसे मना किया- तुम ये क्या कर रहे हो? पर मैंने ज्यादा विरोध नहीं किया, बस उसको यूं ही मना करती रही.
पर अब कमल कहां रुकने वाला था. मैं उसके लंड को देख सकती थी कि वो पेंट के अन्दर से कैसे तना हुआ था. सच में कमल का लंड काफ़ी बड़ा लग रहा था, मैं आज सच्ची में बहुत खुश थी. दोस्तो कई दिनों बाद लंड लेने का मजा ही कुछ और होता है.
कमल ने धीरे धीरे मेरे और अपने सारे कपड़े उतार दिए, कमल बस अब अंडरवियर में था. मैं कमल के सामने बिना कपड़ों के बेड पर पड़ी थी और कमल के सामने खुद को ऐसे दिखा रही थी, जैसे मैं बहुत शर्म कर रही हूँ. पर कमल को क्या पता कि इस उसकी प्यारी रानी सरिता कितनी बार लंड ले चुकी है.
कमल मुझसे कहने लगा- ओह सरिता, यार तुम बिना कपड़ों के बिल्कुल अप्सरा लग रही हो. भगवान ने तुम्हें क्या चीज़ बनाया है, तुम्हारा हुस्न और फिगर किसी को भी दीवाना बना दे.
वो मेरे मम्मों को दबाने लगा और मुझे किस करने लगा. मैं काफ़ी उत्तेजित होने लगी. कमल मेरी गर्दन के पास मुझे किस करने लगा. मैं और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगी. उसके बाद कमल मेरी नाभि के पास किस करने लगा. उसके मुँह की गर्म साँसें मैं अपने पेट पर महसूस कर सकती थी.
सच्ची दोस्तो, उस पल का क्या एहसास होता है.. मैं शब्दों से बयान नहीं कर सकती, मैं बहुत खुश थी कि बहुत दिनों बाद आज एक मर्द मेरी चुदाई करने वाला है.
उसके बाद कमल ने मुझसे पूछा कि तुमने कभी सेक्स किया है? मैंने शर्माकर जवाब दिया- नहीं.. पागल हो क्या, मैंने आज तक कभी नहीं किया. हां पॉर्न मूवी देख लेती हूँ. तभी कमल बोल पड़ा कि पॉर्न मूवी में जैसा एक्टर और एक्ट्रेस करते हैं, वैसे करोगी? मैंने कहा- कोशिश करूँगी.
तभी कमल ने अपना अंडरवियर उतार दिया, उसके लंड पर एक भी बाल नहीं था, उसने बालों को साफ किया हुआ था. मैं भी हमेशा अपनी चूत को साफ रखती हूँ.
उसका लंड काफ़ी बड़ा था, लगभग 10 इंच लंबा और 2.5 से 3 इंच मोटा था. बिल्कुल काला लंड था जैसे किसी नीग्रो का होता है. मुझे खुशी भी थी और मैं काफ़ी डर भी रही थी क्योंकि कमल का लंड बहुत बड़ा और मोटा था.
तभी कमल मेरे मुँह के आगे अपने लंड को ले आया और कहा- जैसे मूवी में देखती हो, वैसे करो.
मैं अंजान बनते हुए बोली- छी: उसमें तो बहुत गंदा होता है.. एक्ट्रेस लंड को अपने मुँह में लेती है. कमल ने कहा- मेरी जान तुम भी वैसा ही करो, तुम्हें मजा आएगा.
मैं उसके लंड को किस करने लगी और उसके लंड के सुपारे को मुँह में लेकर चाटने और चूसने लगी. उसके लंड से खुशबू आ रही थी, शायद उसने सेंट इस्तेमाल किया था. इतने दिनों बाद लंड को मुँह में लेकर मेरी आत्मा तृप्त हो गई थी, मैं उसके लंड को अपने गले तक लेने की कोशिश करती, पर मुझे उबकाई सी आ जाती और उसका लंड बड़ा होने के कारण में उसका आधा लंड ही ले पा रही थी.
कमल ने कहा- तुम तो लंड चूसने में एक्सपर्ट हो गई हो. मैंने कहा- बस तुम्हारी संगत का असर है.
उसके बाद मैं उसके लंड पर थूक लगाती और फिर चूसती, पूरा गले तक ले लेती. इससे कमल उत्तेजित होने लगा, अब उसने अपना लंड मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया और मुझे बेड पर लिटा कर मेरी चूत की पखुड़ियों को चाटने लगा.
वो बोला- सरिता, तुम्हारी चूत तो बिल्कुल गुलाबी रंग और कितनी खूबसूरत है, तुम्हें पाकर मजा आ गया.
वो मेरी चूत में अपनी जीभ को अन्दर बाहर कर रहा था. दोस्तो इस पल का अहसास सबसे ज्यादा मजेदार होता है. ऐसा लगा कि पहली बार कोई मेरी चूत चाट रहा हो. कमल के चूत चाटने के अंदाज के इस अनुभव को में पहली बार महसूस कर रही थी.
मुझे अब पता चला कि चूत को चटवाने में कितना मजा आता है, मुझे चूत चटवाना बेहद पसंद हो गया.
कमल मेरी चूत को बहुत तेज़ी से चाटने और जीभ को अन्दर बाहर करने लगा. मैं बहुत उत्तेजित होने लगी और मैं उसका सर अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी.
थोड़ी देर बाद मैं बस झड़ने वाली थी और तभी मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और कमल ने मेरी चूत का सारा पानी अपने मुँह में ले लिया. फिर कमल अपनी जीभ से मेरी छूट साफ करने लगा, जिससे मैं थोड़ी शांत हो गई. पर मेरा मन बस उसका लंड अपनी चूत में लेने को मचल रहा था.
थोड़ी देर बाद मैं खुद खड़ी हुई और उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. थोड़ी देर लंड चूसने के बाद उसका लंड खड़ा हो गया. इसके बाद कमल दूसरे रूम में चला गया.
थोड़ी देर के बाद जब वो आया तो मैंने देखा उसके हाथ में कंडोम का पैकेट था, उसके बाद उसने वो कंडोम मेरे हाथों में दे दिया और कहा- मेरी रानी इसे अपने राजा को पहना दो.
मैंने कंडोम के पैकेट से एक कंडोम निकाला, उसकी खुशबू बहुत अच्छी थी. मैंने कंडोम को कमल के लंड पर चढ़ा दिया.
अब कमल ने मुझे थोड़ा तिरछा करके लिटा दिया और मेरी एक टाँग को पकड़ कर अपने कंधों पर रख लिया. वो अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा. मैं उसकी आँखों में देख रही थी. हम दोनों ही एक दूसरे की आँखो में वासना से देख रहे थे. मैं अपनो दांतों से अपने नीचे वाले होंठ को दबाने लगी और सिसकारियां भरने लगी.
मैंने थोड़ा थूक अपनी चूत पर लगा दिया. लंड लेते समय चूत जितनी गीली होगी उतना अच्छा रहता है.. लंड आसानी से अन्दर चला जाता है और दर्द भी कम होता है.
कमल ने अपने लंड को पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर रखा और थोड़ा सा धक्का लगाया. उसका लंड काफ़ी मोटा था, पहली बार थोड़ा ही अन्दर गया.
उसके बाद कमल लंड को उसी जगह पर अन्दर बाहर करके मेरी चूत में जगह बनाने लगा. वैसे कमल काफ़ी अनुभवी लग रहा था. उसने थोड़ा और धक्का लगाया लंड आधे से ज्यादा मेरी चूत में चला गया. मुझे काफ़ी दर्द हो रहा था, मैं कामुक सिसकारियां निकाल रही थी और चुदाई के मज़े ले रही थी. वैसे मुझे लंड लेने की आदत हो गई है तो अब दर्द सहने की आदत भी हो गई है. लेकिन मैं लंड कई महीनों बाद ले रही थी इसलिए थोड़ा दर्द हो रहा था और कमल का लंड काफ़ी मोटा भी था.
कमल का लंड मेरी चूत में लगभग 7-8 इंच तक चला गया था. अब कमल ने धीरे धीरे मेरी चुदाई का कार्यक्रम शुरू कर दिया. इतने दिन बाद लंड लेकर मैं काफ़ी अच्छा महसूस कर रही थी.
कुछ देर मेरी चुदाई करने के बाद कमल ने अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और फिर अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया. मैं उसके लंड को चूसने लगी, उसका लंड फिर से काफ़ी गीला हो गया था.
अब हमने सेक्स पोज़िशन बदल दी. कमल ने मेरी दोनों टांगों को पकड़ कर फैला दिया और अपना लंड मेरी चूत में घचाक से पेल दिया. मैं बस कराह भरी सिसकारियां और आहें भरते हुए चुदाई का आनन्द ले रही थी. उसके बाद कमल ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मेरे दोनों कूल्हों को अपने हाथों से पकड़ कर मेरी चूत में अपने लंड को जड़ तक पेल दिया और मुझे उछालते हुए चोदने लगा. मैं भी गांड उछाल उछाल कर उसका साथ दे रही थी.
कुछ देर बाद हमने पोज़िशन बदल ली. अब कमल ने मुझे डॉगी स्टाइल में होने को कहा. मैं भी डॉगी बन गई.
कमल ने अपना लंड को एक बार फिर मुझे खूब चुसाया, मेरा लंड गीला हो गया तो कमल ने मेरे पीछे आकर मेरी गांड के छेद को गीला करके अपने लंड को मेरी गांड में घुसाने लगा. पर मेरी गांड काफ़ी टाइट थी, उसका मोटा लंड आसानी से नहीं गया. मुझे बहुत दर्द हुआ. फिर मैंने अपना थूक अपनी गांड के छेद पर लगाया, तो कमल ने फिर से ट्राइ किया.
अबकी बार कमल अपने लंड को मेरी गांड में डालने में कामयाब रहा और मैं चिल्ला उठी. मेरी पीड़ा समझ कर कमल थोड़ी देर रुक गया और मेरी कमर और पीठ को सहलाने लगा. थोड़ी देर बाद कमल अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा और अब मेरा दर्द भी काफ़ी कम हो गया था.
कमल बार बार अपना लंड मेरी गांड से पूरा निकालता और एक बार में ही मेरी गांड में डाल देता. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और दर्द भी हो रहा था.
अब कमल कभी मेरी चूत में डालता, तो कभी मेरी गांड में लंड पेलता जा रहा था. मेरी चूत इसी दौरान 2 बार पानी छोड़ चुकी थी.
अब कमल ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और कंडोम भी उतार दिया. मुझे लगा कि ये बिना कंडोम के चुदाई करने वाला है, लेकिन कमल ने एक दूसरा कंडोम निकाला और मुझसे बोला कि मेरी रानी इसे जल्दी से पहना दो.
मैंने भी वैसा ही किया.
अब कमल एक कुर्सी पर बैठ गया और बोला- आओ मेरी रानी मेरे लंड पर बैठ जाओ.
मैं कमल के पास गई और उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर लगा कर धीरे धीरे बैठने लगी. उसका मूसल लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर तक चला गया.
अब मैं कमल की गोद में थी और लंड की मोटाई का चूत में अहसास कर रही थी. कमल ने मुझसे कहा- मेरे लंड पर ऊपर नीचे करना शुरू करो.
मैंने भी वैसे ही उसके लंड पर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद मैं कमल की जाँघों पर अपने दोनों पैर रख कर ऊपर नीचे होने लगी और आवाजें निकालने लगी- आआहह.. ओह यस्स.. उन्ह.. एम्म्म..
कमल ने मेरे दोनों टांगों को जोड़कर पकड़ लिया और अपने लंड से मेरी चुदाई करने लगा. उसने अब अपनी स्पीड बहुत बढ़ा दी थी. मुझे उसकी पम्पिंग में अब मजा भी आ रहा था और दर्द भी हो रहा था.
मैं अतिरेक उत्तेजना से चीखने लगी- ओह… यस्स.. फक मी.. फक मी डार्लिंग.. फक मी सो हार्ड आआआआहह.. उम्म्म..
बस मैं ऐसे ही चिल्लाती रही. मेरी चूत से ‘फछ फछ फछ फछ..’ की आवाजें आने लगीं. कमल मुझे बुरी तरह से चोद रहा था.
अब कमल ने एक बार फिर मुझे डॉगी बनाया और पीछे से मेरी चूत में लंड डालकर चोदने लगा. इस वक्त उसके धक्के पहले से कही ज्यादा तेज़ लग रहे थे. वो मुझे बहुत तेज़ी से चोद रहा था. मेरी चूत से निकलने वाली ‘फछ पचा फछ..’ की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी.
हम दोनों चुदाई में एक दूसरे के साथ डूबे हुए थे, हमें दुनिया की कोई फ़िक्र ना थी. मैं कमल के धक्के बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी, मेरे मुँह लगातार मादक सिसकारियां और आवाजें आ रही थीं ‘आआअहह..उम्म्ह… अहह… हय… याह… उहह..’ कमल भी लंड की ठोकर लगाते हुए सिसकारियां ले रहा था.
तभी कमल ने कहा कि बस मैं छूटने वाला हूँ.. तुम जल्दी से आगे की तरफ होकर बैठ जाना.
कमल ने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी. मैं एक बार और झड़ चुकी थी. तभी कमल ने यकायक अपने लंड को मेरी चूत से निकाल लिया और मैं झट से आगे की तरफ होकर बैठ गई. कमल ने लंड से जल्दी से कंडोम हटा लिया और अपने लंड को हाथ में लेकर मुठ मारने लगा. तभी उसके लंड से एक जोरदार पिचकारी मेरे चेहरे पर मार दी और कमल ने अपना सारा पानी मेरे चेहरे और मेरी मम्मों पर निकाल दिया.
मैं कमल के लंड से चुद कर काफ़ी खुश थी कि आज आख़िर मेरी चुदाई हो गई.
मैंने अपना चेहरा साफ किया और कमल के पास आ गई, उसने मुझे गले लगा लिया और मेरे कान को अपने दांतों से चुभलाते हुए बोला- सरिता आई लव यू.. मैंने भी रिप्लाई किया- आई लव यू टू डार्लिंग..
उस दिन कमल ने मुझे 3 बार और चोदा, मैं पूरी तरह से संतुष्ट हो गई थी.
प्रिय दोस्तो, आपको मेरी ये हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी, आप मेल ज़रूर कीजिएगा. मैं अपनी एक और अगली सेक्सी कहानी के साथ जल्द ही फिर से आऊंगी.
मेरी ईमेल आईडी है. [email protected] आपकी फ्रेंड सरिता का प्यार भरा चुम्मा- उम्म्ममाह.. बाइ..
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