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मेरी यह कहानी मेरी गर्लफ्रेंड की मम्मी की चुत चुदाई की है, मैंने आंटी की चुदाई की. इस फ्री सेक्स स्टोरी में मेरा बदला हुआ नाम राहुल है. मैं अभी अपने ग्रेजुयेशन के पहले साल में हूँ और 20 साल का हूँ. मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा हूँ और दिखने में भी बहुत स्वीट हूँ. इस कहानी की शुरूआत भी दिल्ली से ही हुई है, जहां से मैं बिलॉन्ग करता हूँ.
जैसे कि आप सभी जानते हैं, टीनेज लाइफ की सबसे सेन्सिटिव पार्ट होता है. मैं अपने इसी पार्ट को जी रहा था. मैं हर रोज सुबह उठ कर रनिंग के लिए जाता फिर घर पर आकर अच्छे से नहाता और बालों में जैल लगा कर स्कूल जाता. मैं अपने आपको किसी हीरो से कम नहीं समझता था.
जैसे ही कॉलेज में एंट्री होती, सभी लड़कियां मुझे देखने लगतीं. ये सब देख कर मैं अपने आपको बहुत ही स्मार्ट समझ कर खुश होता रहता. लेकिन जैसे ही कॉलेज के बाद घर जाता, मेरा दिमाग़ खराब हो जाता. क्योंकि मैं भी और लड़कों की तरह लड़कियों पे पैसे उड़ाना चाहता हूँ, मैं भी बाइक पे अपनी गर्लफ्रेंड को बैठाना चाहता हूँ. लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं थे.
ये सब देख कर मैंने पैसे कमाने के लिए अपनी गली में टयूशन देने की सोची. इसके लिए मैंने एक फ्रेंड के फ्लैट को टयूशन सेंटर में बदल लिया जो मॉडल टाउन में था. मैं हर रोज वहां पर बच्चों को टयूशन देता. वहां पर 12 लड़कियां और 7 लड़के मुझे से पढ़ने आने लगे थे.
इन सबमें से सबसे इंटेलिजेंट लड़की कोमल थी. कोमल बहुत ही सुन्दर लड़की थी, उसकी हाइट 5 फीट 5 इंच थी. वो बहुत गोरी और फिट एंड सेक्सी बॉडी वाली थी. उसका फिगर 32-28-34 का होगा. वो मुझे हमेशा अपनी तरफ आकर्षित करती थी. शायद वो सभी को इसी तरह से आकर्षित करती थी. लेकिन सबसे रिच, स्मार्ट, सेक्सी एंड इंटेलिजेंट होने के कारण कोई उससे कुछ बोलने की हिम्मत नहीं करता था. वो धीरे धीरे मेरी दोस्त की तरह बन गई. हम एक दूसरे से मजाक करते रहते.
एक दिन ऐसे ही मैं पढ़ा रहा था कि मेरा हाथ उसके हाथ से टच हो गया. उसने मेरी तरफ प्यार से देखा तो मैंने तभी उसके हाथ को पकड़ लिया. वो मेरी आँखों में ऐसे देखने लग गई, जैसे कि वो कुछ कहने वाली हो.
उस दिन बात आई गई हो गई, हम दोनों के दिल में हेनू हेनू होने लगा.
अगले ही दिन वो टयूशन टाइम से एक घंटा पहले आ गई. उस टाइम मैं सोया हुआ था और सिर्फ़ शॉर्ट में था. उसके आने से मेरी नींद खुल गई और मैं बिना टीशर्ट के ही कोमल के सामने चला गया. पहले तो वो मेरे कड़ियल जिस्म को देख रही थी, तभी उसकी नज़र मेरे शॉर्ट्स पे गई, जो लंड के कड़क होने के कारण उठा हुआ था. नींद में होने की वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैं भी उसके तने हुए मम्मों को देख रहा था.
वो मेरे पास आई और मुझसे लगभग चिपक कर सरगोशी से हैलो किया. इसी वक्त उसके चूचे मेरी नंगी छाती को लग से गए थे, जिससे मेरे लंड ने झटका मारा, जो उसकी जीन्स को जाकर लगा. उससे मेरे लंड का झटका महसूस हुआ और वो स्माइल देते हुए पीछे हट गई. फिर हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे.
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए.
एक दिन वो मेरे पास आई और रोने लगी. मैंने उसके रोने कारण पूछा तो उसने बताया कि उसकी मम्मी पापा की लड़ाई हो गई है, घर में बहुत तनाव है. मैं उसे चुप कराने लगा. तभी वो मेरे गले से लग गई और जोर से हग करने लगी. मैंने भी उसके माथे को चूमा और बालों में हाथ फिराने लगा.
तभी उसने मुझे “आई लव यू…” बोल दिया. मेरे भी मन में लड्डू फूटा और मैंने उसको जोर से क़िस किया. ये मेरी ज़िंदगी का पहले किस था. मुझे लग रहा था कि जैसे मैं जन्नत में हूँ.
तभी उसने मुझे धक्का दिया और मैं उससे दूर होकर सोफे पर पेट के बल लेट गया. वो मेरे ऊपर आकर बैठ गई. उसकी गांड मेरे लंड पर थी. मेरा लंड लोवर में से ही उसकी गांड में घुस जाना चाहता था. वो अपनी गांड को धीरे धीरे रगड़ रही थी. मेरा लंड लोहे की रॉड के जैसा हो गया था. मैं बार बार अपने लंड को उसकी गांड से रगड़ रहा था. उसे भी बहुत मजा आ रहा था, लेकिन टयूशन का टाइम होने की वजह से मैंने अपनी कामवासना को दबा कर उसको अपने से दूर किया.
टयूशन के बाद शाम को उसका कॉल आया. उसने कहा कि उसकी मम्मी बहुत रो रही हैं.
मैंने उनकी मम्मी से फोन पर बात की और मैं उनके घर चला गया. उनके घर जाने के बाद मैंने उनकी मम्मी को समझाया कि सब ठीक हो जाएगा. वो थोड़ी चुप हुईं. उन्होंने मेरे बारे में पूछा. मैंने उन्हें बताया कि मैं आपकी बेटी को फिजिक्स पढ़ाता हूँ.
उन्होंने मुझे अगले दिन डिनर पर बुलाया. मैं भी अगले दिन सेक्सी बन कर उनके घर पर गया. उसकी मम्मी सफाई कर रही थीं. मैं कोमल के रूम में गया और उसकी चुचियों को पकड़ लिया. वो पहले तो मुझे दूर कर रही थी. तभी मैंने उसे किस किया और उसके चूतड़ों को पकड़ लिया. अब वो मुझे और जोर से अपनी तरह खींचने लगी.
तभी आंटी ने डिनर के लिए आवाज़ लगाई. हम सबने साथ डिनर किया. डिनर करते वक्त आंटी की निगाहें मुझ पर ही टिकी थी, मैं समझ रहा था कि आंटी भी प्यासी हैं.
थोड़ी देर बाद मैं जाने लगा तो आंटी ने कोमल को अपने रूम में जाने के लिए बोल दिया तो कोमल अपने रूम में चली गई और आंटी मुझे बाहर तक छोड़ने के लिए आईं.
तभी आंटी ने बाहर पड़े सिलिंडर को ऊपर वाली रसोई में रखने को कहा. मैं समझ गया कि आंटी बहाने से मुझे रोक रही हैं. मैंने भी सिलिंडर उठाया और आंटी के पीछे पीछे चलने लगा. आंटी की गांड बहुत सेक्सी थी. वो 36-30-38 के फिगर वाली एक बहुत ही कामुक औरत थीं.
उन्होंने सीधे बढ़ते बढ़ते अपनी गांड को मेरी तरफ किया और इससे मेरा लंड खड़ा हो गया. जैसे ही रसोई आई… वहां अंधेरा होने की वजह से आंटी आगे हो गईं और सिलिंडर रखने को कहा.
मैं अभी भी बाहर ही खड़ा था. आंटी शायद मेरे उभरे हुए पैन्ट को देख रही थीं. मैंने जैसे ही अन्दर एंट्री की, आंटी के चूतड़ मेरे लंड से टकरा गए. मैंने आंटी से सॉरी बोला. आंटी- कोई बात नहीं…
अंती ने लाईट जलाई. मैं- और कुछ आंटी? आंटी- तुम अपने हाथ धो लो. मैं- ओके.
मैं जैसे ही वॉशबेसिन की तरफ गया आंटी की चुचियां मुझसे दबने लगीं, क्योंकि आंटी ठीक बेसिन के पास खड़ी थीं. आंटी ने नीचे से मेरे चूतड़ों को हाथ लगाया. मैं गनगना गया. आंटी ने पूरी बेशर्मी से एक हाथ नीचे से मेरी पैन्ट को पकड़ा और मुझे अपनी तरफ खींच लिया. मेरे चूतड़ आंटी के आगे लग गए, कुछ इस तरह की स्थिति बन गई, जैसे कि आंटी मेरी गांड मारना चाहती हों. मैं कुछ भी नहीं बोला. आंटी ने मुझे पलटने को कहा.
मैं जैसे ही पलटा आंटी ने पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया और ऊपर से ही हिलाने लगीं. मैंने भी बिना देर करते हुए आंटी की सलवार से ही उनकी चूत को पकड़ लिया और जोर से मसल दिया.
ये सब मैं फर्स्ट टाइम कर रहा था.
फिर आंटी बिना कपड़े निकाले ही डॉगी स्टाइल में आ गईं और मैं उनके पीछे हो गया. मैंने अपना लंड निकाला और आंटी की गांड पर रख दिया.
मैं- आंटी मैं सलवार को निकाल दूँ? आंटी- क्या करेगा मेरी सलवार निकाल कर? मैं- आपकी चूत चोदना चाहता हूँ. आंटी- बेटा, ये तेरी ही है, मार ले जितनी मारनी है, तेरे अंकल पे तो कुछ बनता नहीं. “लेकिन आंटी मुझे आपकी बेटी से भी प्यार है… आप मुझे उससे मिलने से मत रोकना.” “साले रोकने की बात क्या कहता है, सीधे बोल ना कि उसको चोदने से मत रोकना. अगर आज तूने मुझे संतुष्ट कर दिया तो तू बेहिचक उसको भी चोद लेना.”
मैंने आंटी के मुँह से इस तरह की बात सुन कर उनकी सलवार को निकाला. फिर उनकी पैन्टी को भी निकाल दिया. अब वो ऊपर से सूट में थीं और नीचे से नंगी थीं. मेरा लंड सलामी दे रहा था. वो भी अपनी गांड को मेरे लंड पे लगा कर मुझे दुखी कर रही थीं. मैंने अपने मुँह से उनकी मखमली गांड पर थूक लगाया. फिर उसे उनकी चुत के पास लेकर गया और उनकी चूत में एक उंगली डाल दी.
वे मुँह से सिसकारियां लेने लगीं- सस्स… अयाया… सस्स्स… “आंटी मजा आ रहा है?” आंटी- आह साले, तेरी गांड में दम है तो आज मेरी चूत फाड़ डाल. मैं- ठीक है आप भी क्या याद करोगी लो आंटी देखो अब मेरे लंड की की जवानी.
मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक धक्का लगा दिया. साला इस धक्के में मेरा लंड फिसल गया. मैंने फिर दूसरा धक्का दिया, फिर से मेरा लंड फिसल गया. जब तीसरी बार मैंने अपना लंड रखा तो आंटी ने मेरा लंड पकड़ लिया और अपनी चूत के छेद पर टिका कर के कहा- साले अनाड़ी चोदू… अब मार धक्का भोसड़ी के…
मैंने एक जोर से धक्का मारा, मेरा आधा लंड आंटी की चूत में घुसता चला गया. उस टाइम मेरे लिए वो आंटी किसी परी से कम नहीं थीं. मेरा लंड जैसे ही अन्दर गया, वैसे ही आंटी ने अपने मुँह से चीख निकाली और कहा- आह… साले फाड़ दी… तेरे 8 इंच के लंड ने मेरे अन्दर तूफान उठा दिया.
मैंने एक और धक्का मारा, अब मेरा पूरा लंड आंटी की चूत में जड़ तक चला गया. आंटी तड़फ उठीं- भोसड़ी के… आह… मार दिया मादरचोद… बाहर निकाल मैं मर जाऊंगी… जल्दी निकाल… मैं दर्द से तड़प रही हूँ… उम्म्ह… अहह… हय… याह… सस्स्स्स्स्… उम्मस… उई माँआ… मुझे बचा ले… ऊह… अया निकाल ले भोसड़ी के… प्लीज़ एक बार निकाल ले… उई माँ मैं मर गई… प्लीज़ छोड़ दे… एक बार… आह… मैं- मैं भी पूरा कमीना हूँ भैन की लौड़ी रंडी… पहले तो सेक्स करने का तेरा दिल भी करता है… और ऊपर से तेरी गांड भी फट रही है साली ले आंटी मादरचोदी… अब मेरे लंड की ताकत देख तू…
मैं अब जोर जोर से झटके मार रहा था. आंटी भी थोड़ी देर बाद चुत चुदाई का मजा लेने लगीं. धकापेल चुदाई होने लगी. हम दोनों ने करीब 8 मिनट तक सेक्स किया. मेरा माल निकलने ही वाला था. मैं और जोर से झटके मार रहा था. आंटी अपने मुँह से बस गालियां ही निकाल रही थीं.
“भैन के लंड चूत की माँ चोद दी… आह… अपने मोटे लंड से चोद डाल मुझे… माअर ले मेरी गांड… आह चोद ले मेरी चूत… बना ले मुझे अपनी कुतिया… अया आआह… उऊउहह… सस्स्स… भैन के लंड और डाल अन्दर…”
फिर मैं और जोर से चुदाई करने लगा. आंटी के चूतड़ों पर जोर से चमाट मारते हुए उन्हें एक तरह से भंभोड़ने लगा.
इसके बाद मेरे लंड ने जोर से झटका मारा और मेरा लंड आंटी की चूत में माल अन्दर ही छोड़ने लगा. मैंने और जोर से आंटी के चूतड़ों को थप्पड़ मारा और उनकी गांड में उंगली पेल दी. अब मेरा पूरा लंड अन्दर ही अपना माल छोड़े जा रहा था- आआहा आआहा… आह एयाया… ले आंटी मेरी मलाई खा ले… मेरा सारा बीज आंटी की चूत के अन्दर ही छूट गया. दो मिनट यूं ही पड़े रहे और फिर अलग हुए ही थे कि तभी नीचे से कोमल की आवाज़ आई- मम्मी… हम दोनों ने जल्दी ही अपने कपड़े पहन लिए.
आंटी की चूत अब मेरे लिए सदा के लिए खुल चुकी थी. बस अब कोमल की सील तोड़ना बाकी है.
आपको आंटी की चुत चुदाई की मेरी यह फ्री सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल करना न भूलें. [email protected]
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