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मेरी यह कहानी दो बहनों की जवानी की जरूरत पूरी करने की यानि चुत चुदाई है. लेकिन कहानी शुरू करने से पहले मैं अन्तर्वासना साईट का धन्यवाद करना चाहूँगा जिसकी कृपा से लंड को खड़ा कर देने वाली और चूत में उंगली डालने को मजबूर कर देने वाली कामुक कहानियाँ हमें और आपको पढ़ने को मिल जाती हैं। दोस्तो, वैसे तो सभी पाठक और पाठिकाएँ मुझे जानते ही हैं लेकिन जो नए पाठक और पाठिकाएँ हैं जो शायद मुझे न जानते हों, उनके लिये परिचय देना थोड़ा आवश्यक हो जाता है। मैं आगरा से एक 25 वर्षीय वीशु कपूर नाम का एक सजीला नौजवान हूँ जो जनवरी से अहमदाबाद में अपनी मौसी के साथ रहकर एक रेणुका लेडीज मसाज पार्लर में मसाज बॉय की हैसीयत से काम कर रहा हूँ जिसमें मुझे हर लड़की या औरत की फुल बॉडी मसाज और उनकी जरुरत के हिसाब से उनकी चुदाई भी करनी पड़ती है.
इसके अलावा रेणुका मैडम मुझसे होम डीलिवरी भी कराती है जिसके एवज में रेणुका मैडम क्लाइंट्स से एक मोटी रकम वसूलती है जिसका 50% मुझे रेणुका मैडम को देना पड़ता है। होम डेलिवरी का मतलब क्लाइंट्स के घर जाकर उसकी जवानी की जरूरत पूरी करनी होती है मतलब फुल बॉडी मसाज और चुदाई करना होता है।
मेरे जिम जाने के कारण मेरा बदन गठीला है और मेरे लंड की लंबाई और मोटाई घोड़े के लंड के समान है।
तो दोस्तो, बात 20 फरवरी की है, मैं सुबह नहा धोकर तैयार हुआ और अपने पार्लर आ गया तो मुझे पार्लर के गेट पर मेरी सहकर्मी पायल खड़ी मिल गई जो पार्लर में एक मसाज गर्ल की हैसियत से काम करती थी एवं कॅश काउंटर भी संभालती थी। मेरा और पायल का रूटीन था कि पार्लर खोल कर हम अपने कपड़े चेंज करके पार्लर की ड्रेस मतलब मैं रेग्जीन का बना नेकर और बनियान और पायल रेग्जीन की ब्रा और स्कर्ट पहनती थी।
लेकिन सुबह सुबह ही पायल को मेरा लंड चूसना और उसका बीज पीना बहुत अच्छा लगता था इसलिये हम दोनों ही घर से पहने हुए कपड़े तो उतार देते थे लेकिन पार्लर की ड्रेस तभी पहनते थे जब पायल मेरा बीज पीकर मेरे लंड को अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ नहीं कर देती थी।
रोज की तरह मैं नंगा हुआ और मैंने अपना लंड चूसने के लिये पायल को आवाज़ लगाई तो पायल अपनी लैगी और कुरता उतार चुकी थी। वो अभी भी अपनी ब्रा और पैंटी पहने हुई मेरे पास आई तो मैंने उसकी ब्रा और पैंटी उतार कर उसे पूरी नंगी कर दिया, उससे कहा कि वो मेरा लंड चूसे! तो वो मेरा लंड पकड़ कर चूसने लगी. जैसे ही उसने मेरा लंड पकड़ कर अपने मुँह में डाला, तब तक झाड़ू पोंछा करने वाली बाई रेहाना (बदला हुआ नाम) आ गई और ‘पायल दीदी… पायल दीदी…’ कह के आवाज़ देने लगी। उसे पता था कि मैं यहाँ पर क्या काम करता हूँ क्योंकि वो रोज़ाना लेट आया करती थी, जब पार्लर में ग्राहक हुआ करती थी तो मैं उससे कई बार कह चुका था कि जब सुबह पार्लर खोला करूँ तभी अपना काम करने आया करे और कल मैंने उसे अल्टीमेटम दे दिया था कि अगर वो सुबह के समय नहीं आ सकती तो कल आकर अपना हिसाब ले जाये इसलिये वो आज सुबह सुबह आ गई थी। पायल ने कहा कि मैं यहाँ मसाज रूम में हूँ, तू तब तक बाहर की सफाई कर ले, ओ. के. वो बोली- आप मसाज रूम में क्या कर रही हो सुबह सुबह? पायल ने कहा- मैं वीशु जी के साथ हूँ। रेहाना ने पूछा- पायल दीदी क्या मैं अंदर आ सकती हूँ? पायल ने कहा- आ जा न, तेरे लिये कोई मना थोड़े ही है.
तो रेहाना मसाज रूम में आ गई और हम दोनों को नंगा देख कर वो बोली- दीदी, आप वीशु जी से अपनी चुदाई करवा रही हो? तो पायल बोली- नहीं, अभी फ़िलहाल लंड चूस कर बीज पीयूँगी क्योंकि इनका बीज बहुत स्वादिष्ट है. तो रेहाना मेरा लंड देख कर बोली- हाय दैया, इनका लंड बहुत बड़ा और मोटा है.
फिर उसने पायल से विनती करते हुए पूछा- पायल दीदी, क्या मैं इनका लंड पकड़ कर देख सकती हूँ क्योंकि मैंने अभी तक किसी भी लड़के का लंड नहीं देखा था, तो मैं ये देखना चाहती हूँ कि ये सपना है या हकीकत। पायल बोली- ले देख! और पायल ने मेरा लंड रेहाना के हाथ में पकड़ा दिया.
तो रेहाना दोनों हाथों से जैसे तेल लगाकर मालिश करते हैं, उसी अंदाज में सहलाने लगी. तब तक मेरा लंड खड़ा होकर लोहे की गरम रॉड की तरह तन गया तो रेहाना मेरा मुट्ठ मारने लगी तो पायल बोली- रेहाना इसे चूस कर देख, बहुत मजा आएगा. रेहाना बोली- दीदी, एक मिनट रुको, मैं जरा अपने कपड़े उतार लूँ, तब तक आप ही इसे चूसो!
और रेहाना ने अपना कुरता उतार दिया तो मैं रेहाना के बूब्स देखकर दंग रह गया जो उसकी ब्रा के ऊपर से बड़े मस्त महसूस हो रहे थे. फिर उसने अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर सलवार भी उतार दी उसके बाद उसने अपनी ब्रा और पैंटी को भी उतार दिया और बिल्कुल नंगी हो गई लेकिन उसकी चूत पर बालों का जंगल था। नंगी होने के बाद रेहाना ने पायल के मुँह से मेरा लंड निकला और वो लॉलीपॉप की तरह मेरा लंड चूसने लगी।
मेरा लंड ज्यादा मोटा होने के कारण उसके मुँह में बड़ी मुश्किल से जा रहा था लेकिन फिर भी वो मेरे लंड को चूसने का भरसक प्रयास कर रही थी और धीमे धीमे उठाने मेरा लंड अपने मुँह में ले ही लिया और उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
इधर मैं पायल के दूध पीने और दबाने लगा जिससे पायल को मजा आने लगा और वो सिसकारी भरने लगी. फिर मैं पायल की चूत चाटने लगा. हालाँकि मैं पायल को अक्सर कर चोदता रहता था लेकिन उसका फ़ीगर ही कुछ ऐसा था जिससे वो हर बार बहुत सेक्सी लगती थी और उसे हर बार चोदने का मन करता था.
तो कुछ देर बाद ही मैंने रेहाना के मुँह से अपना लंड निकाल लिया और पायल की चूत पर लगा कर एक जोरदार धक्का लगा दिया जिससे मेरा लंड सरसराता हुआ पायल की चूत में जड़ तक घुस गया तो पायल की एक हल्की सी एक सिसकारी निकल गई. तभी पायल बोली- वीशु जी, आराम से चोदो, मैं कहाँ भागी जा रही हूँ… और अभी कस्टमर्स के आने में भी बहुत समय है, इसलिये आराम से करो न प्लीज!
मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और रेहाना के दूध दबाने और पीने लगा. इधर मैंने रेहाना को पायल के दूध दबाने और पीने को कहा तो पायल को मजा आने लगा तो पायल अपनी कमर हिला कर मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थी और मुझे इशारा कर रही थी कि मैं पायल की चूत में अपने लंड से तेज धक्के लगाऊँ तो मैंने भी उसके इशारे को समझते हुए अपने धक्कों की स्पीड को तेज करते हुए जोर जोर से चोदने लगा और मैंने पायल को अलग अलग पोजीशन में काफी देर तक चोदा.
लेकिन मेरा बीज निकलने से पहले मैंने पायल से पूछा- पायल, मेरा बीज निकलने वाला है. पायल बोली- वीशु, आप अपने लंड का बीज मेरी चूत में नहीं बल्कि मेरे मुँह में निकालना क्योंकि मैं तुम्हारा बीज पीना चाहती हूँ.
तभी रेहाना बोली- नहीं, आज मैं पीयूँगी वीशु जी के लंड का बीज… क्योंकि पायल दीदी, आप तो लगभग रोज ही इनके लंड से चुदती रहती हो और लंड का बीज भी पीती रहती हो! इसलिये पायल दीदी, प्लीज आज मुझे पी लेने दो! तो पायल थोड़ा मुरझा सी गई. तो मैंने पायल और रेहाना से कहा- तुम दोनों ही मेरे लंड का बीज पीना चाहती हो? उन दोनों ने हाँ में सिर हीलाया तो मैंने कहा- दोनों मिल कर पी लेना, मतलब अपने लंड को बारी बारी से तुम दोनों के मुँह में डाल दूँगा तो तुम दोनों ही मेरा बीज पी सकोगी।
मैं अपना लंड पायल की चूत से निकाल कर पहले पायल के मुँह में देकर धक्के लगाने लगा और जैसे ही मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ी, वैसे ही मैंने पायल के मुँह में 3 पिचकारी छोड़ी और बाक़ी की मेरे लंड ने रेहाना के मुँह में अपनी पिचकारी छोड़ दी.
फिर रेहाना पायल से बोली- पायल दीदी, क्या मुझे वीशु जी का लंड मिल सकता है? मैं समझ गया कि इसकी जवानी को मेरे लंड की, चुत चुदाई की जरूरत है, मैंने रेहाना से कहा- अगर मैं तुम्हें कल सुबह 8 बजे चोदू तो कैसा रहेगा? वैसे मैं तुम्हें अभी चोद सकता हूँ लेकिन अभी तुम्हारी चूत की सील नहीं टूटी है इसलिये हो सकता है कि तुम्हें दर्द बहुत ज्यादा होगा. और तुम खुद देख चुकी हो की पायल को चोदने में इतना वक्त लगा जबकि पायल की चूत तो काफी हद तक फटी हुई है, तो सोचो तुम्हें कितना दर्द होगा और टाइम भी ज्यादा लगेगा। इसलिये बेहतर होगा कि कल सुबह 8 बजे तुम्हें अपने घर पर चोदूँ. पहली बार शायद तुम्हें चुदते समय मजा भी न आये!
रेहाना को समझा कर चलता किया तभी क्लाइंट्स आना शुरू हो गई।
अगले दिन यानी 21 फरवरी, सुबह करीब 8:00 बजे रेहाना मेरे घर पर आ गई. उस समय मेरे मौसी और मौसाजी दोनों ही राजकोट एक शादी अटेंड करने गए हुए थे। घर में अकेला होने के कारण मैं सोया हुआ था तो उसने मुझे फोन करके बताया- मैं आपके घर के गेट पर खड़ी हुई हूँ, आकर अपना दरवाजा तो खोलो। दोस्तो, मैं रात को सिर्फ बनियान और पजामे में सोता हूँ और हमेशा पैन्ट, जीन्स या पजामे के अंदर कुछ नहीं पहनता हूँ और सुबह के समय लंड खड़ा हो ही जाता है.
मैं तुरंत ही अपनी बिस्तर से उठा और टी शर्ट डाल कर मेनगेट खोलने गया तो मुझे वहाँ रेहाना और उसकी छोटी बहन खड़ी मिली। उन दोनों को मैंने अंदर आने को कहा। दोनों बहनें एक से बढ़कर सुन्दर थी, वो दोनों दूध के समान गोरी थी लेकिन बेचारी गरीबी की मारी थी।
मैंने उन दोनों को सबसे पहले पानी दिया और उसके बाद चाय या कॉफ़ी के लिये पूछा तो उन्होंने मना कर दिया लेकिन मैंने फिर भी उन्हें अपने हाथ से कॉफ़ी बनाकर पिलाई जिससे वो मेरे द्वारा इतना आदर पाकर खुश हो गई और बोली- वीशु जी, आप इतने पैसे वाले हो और हम बहुत गरीब हैं उसके बावजूद भी आपने हमें इतना आदर सत्कार दिया. नहीं तो ज्यादातर अमीर लोग तो अपने काम से काम रखते हैं।
मैंने कहा- ये सब छोड़ो, ये तो मेरा फ़र्ज़ था. आप दोनों यह बताओ कि आज सुबह सुबह मेरे घर कैसे आना हुआ? तो रेहाना बोली- मैं अपना अधूरा काम जो कल पार्लर में नहीं हो पाया था, उसे पूरा करने आई हूँ मतलब मैं आपसे चुदना चाहती हूँ. इसलिये मैं अपनी बहन मिंकी (बदला हुआ नाम) को साथ लेकर आई हूँ. कल जब मैंने इसको आपके लंड के बारे में बताया था तब से ही ये भी आपका लंड देखना चाहती है और उसे अपनी चूत में डलवाना चाहती है.
मैंने उसे बताया- मैं उस समय तुम्हें पार्लर में नहीं चोद सकता था क्योंकि वहाँ ग्राहक आती रहती हैं और वहाँ समय की कमी रहती है जिससे तुम्हें मजा नहीं मिल पाता और फिर तुम्हें जब मजा ही नहीं मिल पाता तो तुम मेरी की हुई चुदाई को याद नहीं रखती. लेकिन यहाँ आप जितनी देर चाहो उतनी देर चुदो, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन मैं अभी तुम्हें 12 बजे तक चोद सकता हूँ। जैसे ही मेरे मुँह से 12 बजे तक सुना तो वो दोनों खुश हो गई और अपने अपने कपड़े उतार कर एकदम नंगी हो गई. जैसे ही वो दोनों जवान लड़कियाँ नंगी हुई तो मेरी नज़र उन दोनों की चूत पर गई जिस पर बालों का घना जंगल उगा हुआ था तो मैंने रेहाना से पूछा- रेहाना, तुम अपनी चूत के बाल साफ नहीं करती हो? रेहाना बोली- नहीं वीशु जी! मैंने कहा- मुझे बालों वाली चूत अच्छी नहीं लगती, एक काम करो आप दोनों बाथरूम में जाओ और ये लो वीट क्रीम और दोनों अपनी चूत से पहले बाल साफ करो, फिर चुदाई करेंगे ओ. के.
उन दोनों ने कभी वीट क्रीम यूज़ नहीं की थी इसलिये उन्हें पता नहीं था कि इसे कैसे यूज़ करते हैं, दोनों एक दूसरी की शक्ल देखने लगी, फिर बोली- वीशु जी, आप ही एक बार बता दीजिये कि इस क्रीम को कैसे यूज़ करते हैं? मैंने अपने हाथ पर वीट क्रीम ली और अच्छे से वो क्रीम रेहाना और मिंकी की चूत पर अपने हाथ से लगा दी और उन दोनों से कहा- इस क्रीम को 5 मिनट तक सूखने दो उसके बाद अपनी अपनी चूत को पानी से धो लेना!
उन दोनों ने वैसा ही किया तो उन दोनों की चूत से सभी बाल हट गए और दोनों की चूत एकदम चमकने लगी. मिंकी मुझसे बोली- साहब, ये क्रीम तो बहुत अच्छी है, क्या मैं इस क्रीम को ले सकती हूँ? मैंने कहा- ठीक है ले जाना!
उन दोनों की चमकती हुई चूत देख कर मेरा लंड पजामे में ही खड़ा हो गया और लंड खड़ा होने से मेरा पजामा टेंट बन गया। उसके बाद रेहाना ने मेरी टी शर्ट उतारी और मिंकी ने मेरी बनियान फिर दोनों ने मेरे पजामे को मिल कर उतार दिया और जैसे ही उन दोनों ने मेरा पजामा उतारा, वैसे ही मेरा लंड उछल कर बाहर आ गया.
जिसे देखकर मिंकी बोली- हाय आपा, इनका लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है, ये हमारी छोटी सी चूत में कैसे घुसेगा? मैंने मिंकी को समझाते हुए कहा- चूत का छेद सबका छोटा ही होता है, फिर भी लंड चाहे छोटा हो या बड़ा, सब की चूत में घुस ही जाता है. लेकिन हाँ, जिस लड़की की चूत की सील नहीं टूटी होती है उस चूत में शुरू में थोड़ा दर्द होता है, उसके बाद सब नॉर्मल हो जाता है और बहुत मजा आता है. मेरा लंड थोड़ा बड़ा और मोटा है तो हो सकता है कि शुरू में दर्द ज्यादा हो… लेकिन यह गारंटी है कि बाद में बहुत मजा आएगा.
मैं ये सब मिंकी को समझा ही रहा था तब तक रेहाना ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और उसका सुपारा खोल कर अपने मुँह में भर लिया और उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और उसने मिंकी को एक हाथ से पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और घुटने के बल बैठा कर उसका मुँह मेरे पोतों पर लगा दिया और कहा- मिंकी, तू इनके पोते चूस!
मिंकी मेरे पोते चूसने लगी. फिर दस मिनट बाद मिंकी मेरा लंड चूसने लगी और रेहाना मेरे पोते चूसने लगी। करीब 10 मिनट बाद मैंने मिंकी को किस करना शुरू कर दिया और फिर कान के पीछे, चेहरे पर, उसके दूध के निप्पल पर किस किया।
लेकिन दोस्तो, मैं आप सबको मिंकी के बारे में तो बताना ही भूल गया। मिंकी की शक्ल हूबहू जया प्रदा से मीलती थी। उसका फ़ीगर था 32-26-34 था और उसका रंग दूध के समान गोरा था। उसकी गर्दन सुराही के समान थी और उसके दूध एकदम गोल और तने हुए थे सपाट पेट और उसके चूतड़ बाहर को निकले हुए थे। और मोटी मोटी जाँघों के बीच एक छोटी सी अनछुई चूत थी। उसकी चूत के अलावा दोनों बहनों के शरीर पर एक भी बाल नहीं था। चूत के बाल भी मैंने वीट क्रीम से साफ करवा दिये थे। दोनों बहनें एक से बढ़कर एक थीं जैसे मानो वो कोई इंसान न होकर कोई स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा हों क्योंकि उन दोनों बहनों को देखकर हर बुड्ढे से बुड्ढे आदमी का भी लंड हिचकोले खाकर खड़ा हो ही जायेगा.
तो सोचो दोस्तो, मेरे लंड का क्या हाल हुआ होगा?
खैर मैं मिंकी से लिपटते हुए किस करने लगा और नीचे की ओर खिसक कर मैं उसकी नाभि पर आ गया और उसमें जीभ डाल कर घुमाने लगा तो मिंकी सिसकारी भरने लगी. करीब 5 मिनट तक मैंने मिंकी की नाभि में जीभ डाल कर घुमाई, उसके बाद मैं उसकी चूत पर आ गया और एक हाथ से उसका बायाँ दूध दबाने लगा और सीधे हाथ की एक उंगली उसकी चूत में डाल कर उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ चलाने लगा।
जैसे ही मैंने मिंकी की चूत के दाने पर अपनी जीभ लगाई, वैसे ही मिंकी एकदम ऐसे उछली जैसे उसे 1000 वॉट का करंट लगा हो और पलक झपकते ही उसने अपने दोनों हाथ से मेरा सर पकड़ा और अपनी चूत पर दबाने लगी. मैं उसके एक हाथ से दूध दबा रहा था और एक हाथ की एक उंगली उसकी चूत में आगे पीछे कर रहा था और उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से चाट रहा था।
तभी कुछ देर बाद वो बहुत तेज सिसकारने लगी और उछलने लगी और करीब दस मिनट बाद उसका शरीर ऐंठने लगा. फिर उसने कुछ देर बाद मेरे मुँह पर उसकी चूत ने एक जोरदार पिचकारी छोड़ दी जिससे मेरा पूरा मुँह भीग गया जिसे रेहाना ने अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ कर दिया. तभी मिंकी बोली- साहब, मैं आपका लंड चूसना चाहती हूँ.
तो मैं 69 की पोजीशन में हो गया, मतलब मिंकी के मुँह में अपना लंड डाल दिया और मैं मिंकी की चूत चाटने लगा तो कुछ समय बाद ही मिंकी कहने लगी- साहब, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है इसलिये अपना लंड मेरी चूत में डाल दो! तो मैंने भी देर करना मुनासिब नहीं समझा और झट से मिंकी के मुँह से अपना लंड निकल लिया और उसकी चूत पर अपना लंड घिसने लगा.
तभी मिंकी सिसकारने लगी. मैंने रेहाना से इशारे में कहा कि वो उसके होंठ चूसे और मैंने मिंकी की चूत के छेद पर अपना लंड रखा और एक जोरदार धक्का लगा दिया जिससे मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत को चीरता हुआ करीब 3 इंच तक घुस गया. इधर मिंकी को बहुत तेज दर्द होने के कारण और उसके होंठ रेहाना के होंठ में फँसे होने के कारण उसकी चीख नहीं निकल पाई और वो गूँ गूँ करके रह गई.
पर मैं समझ रहा था कि उसको बहुत तेज दर्द हो रहा था लेकिन मैंने उस पर किसी भी तरह का रहम करना उचित नहीं समझा और 3 इंच तक धीरे धीरे धक्के लगाता रहा. इधर मैंने रेहाना को बोल दिया कि वो मिंकी के दूध दबाये।
रेहाना द्वारा मिंकी के दूध दबाने से मिंकी चूत का दर्द मजे में बदलने लगा तो मिंकी अपनी कमर उचकाने लगी.
तभी मैंने मौका देखकर अपने लंड को मिंकी की चूत से बिना निकले पूरा बाहर खींच लिया और दूसरा जोरदार पूरी ताकत से धक्का लगा दिया जिससे मेरा लंड मिंकी की चूत में 7 इंच तक घुस गया तो मिंकी की दर्द के मारे जोरदार चीख निकल गई, उसकी आँखें बाहर को आ गई लेकिन मैंने मिंकी पर कोई रहम नहीं किया और ताबड़तोड़ 2-3 जोरदार धक्के पूरी ताकत के साथ लगा दिये जिससे मेरा लंड मिंकी की चूत में जड़ तक घुस गया.
मिंकी दर्द से तड़प रही थी तो मैं कुछ देर के लिये मिंकी की चूत में अपना लंड डाल कर रुक गया और अपने दोनों हाथों से मिंकी के दूध पकड़ लिये और एक को दबाने लगा, दूसरे को मैंने अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगा।
मैंने करीब 5 मिनट ही मिंकी के एक दूध को चूसा होगा कि मिंकी का दर्द मजे में बदल गया तो वो नीचे से अपनी कमर को हिला हिला कर मेरे लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी. तो उसके नीचे से कमर हिलाने से मुझे भी जोश आ गया तो मैंने भी धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया जिससे मेरे और मिंकी के धक्कों की प्रतियोगिता सी होने लगी.
तब तक मिंकी कई बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं झड़ने से बहुत दूर था तो हार कर मिंकी ने मुझसे पूछ ही लिया- साहब, आपका बीज कितनी देर में निकलेगा?
इस पर रेहाना ने जवाब दिया- मिंकी इन्होंने कल मेरे सामने इन्ही के पार्लर में काम करने वाली पायल नाम की एक लड़की को बहुत देर तक बिना रुके चोदा था जबकि उसकी तो सील भी टूटी थी और उसकी कई कई बार चुदाई भी हो चुकी है. अभी तुझे कुछ देर और तेरी चूत को इनके लंड के धक्के झेलने पड़ेंगे।
मिंकी खुश होकर बोली- फिर तो अच्छा है, मुझे कुछ देर और ज्यादा मजा आएगा।
फिर मैंने मिंकी को हर पोजीशन में पेला जिस दौरान मिंकी करीब 3 बार और झड़ गई, तब जाकर मैं झड़ा लेकिन झड़ने से पहले मैंने मिंकी से पूछा- मिंकी, मैं अब झड़ने वाला हूँ तो बता, मैं कहाँ झड़ूँ? तो मिंकी ने जवाब दिया- साहब आप मेंरी चूत में ही झड़ जाओ, अभी फिलहाल कोई खतरा नहीं है!
तो मैं कुछ धक्कों के बाद मिंकी की चूत में ही झड़ गया और धम्म से मिंकी के ऊपर ही गिर गया। उस समय मेरी और मिंकी की साँसें ऐसे चल रही थी जैसे कोई जनरेटर चल रहा हो. और हम दोनों के नंगे बदन पसीने से ऐसे भीग गए जैसे कि हम दोनों ही नहा कर आये हों।
मैं मिंकी के ऊपर कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा और मैंने मिंकी की चूत से अपना लंड भी नहीं निकाला था. कुछ देर बाद मिंकी ने अपने दोनों हाथ मेरी बगल से निकलते हुए मेरी पीठ पर कस लिये और मुझे जोर जोर से मेरे चेहरे पर चूमने लगी. तब तक मेरा लंड मिंकी की चूत में पूरा निचुड़ गया. तब मुझे मिंकी ने छोड़ा।
रेहाना ने मिंकी से पूछा- मिंकी मजा आया ना? तो मिंकी ने जवाब दिया- हाँ दीदी, बहुत मजा आया… कसम से दीदी, साहब के लंड में बहुत दम है, बहुत मजा आया।
जब मैं मिंकी के ऊपर से उठा तो मेरा लंड मिंकी की चूत के रज और खून और मेरे बीज से सना हुआ था और पलंग की चादर पर खून का एक गोल घेरा बन गया था जिसे मिंकी कभी मेरे लंड की तरफ तो कभी अपनी चूत की तरफ तो कभी उस चादर की तरफ बड़े गौर से देख रही थी.
थोड़ी देर बाद जब मिंकी अपनी चूत साफ करने के लिये उठी तो उससे चला नहीं जा रहा था. तो मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और उसे बाथरूम तक ले गया जहाँ उसने पानी से अपनी चूत और मेरे लंड को अच्छे से साफ किया और उस रूम में आ गए जहाँ रेहाना चुदने के लिये नंगी बैठी थी।
करीब 10 मिनट बाद मैंने रेहाना को भी उसी तरह काफी देर तक अलग अलग मुद्राओं में चोदा। फिर हम तीनों ने एक साथ बाथरूम में जाकर शावर लिया और अपने अपने कपड़े पहने और फिर मैंने मिंकी और रेहाना के लिये कुछ नगद पैसे भी दिये ताकि उन बेचारी दोनों गरीब लड़कियों की कुछ मदद हो सके।
मैंने उनको बोला- तुम दोनों ये मत समझ लेना कि ये मैं तुम दोनों को चुत चुदाई की क़ीमत दे रहा हूँ। मैंने चोदने के पैसे आज तक किसी को पैसे नहीं दिये, उलटे चोदने के पैसे लिये हैं, इसलिये कभी ऐसा मत सोचना कि तुम दोनों की चुदाई करने पर मैं तुम्हें पैसे दूँगा। ये पैसे मैं तुम्हें तुम्हारी गरीबी हालत के लिये दे रहा हूँ।
मैंने कहा- जवानी का पहला यौन सुख कैसा लगा? वो बोली- पहली बार था तो दर्द होना ही था.
तो दोस्तो, बताइये कि आपको मेरी जवानी की जरूरत की सच्ची सेक्सी कहानी कैसी लगी? आप अपने विचार अपने कमेंट्स के रूप में मेरी मेल आईडी पर दें ताकि मैं अपनी आगे वाली कहानी में सुधार कर सकूँ। मेरी मेल [email protected] मेरी फेसबुक [email protected] और मेरी हैंगआउट्स: [email protected]
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