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दोस्तो, मैं आगरा से एक 25 साल का आकर्षक कद काठी का एक सजीला नौजवान हूँ और जिम जाने के कारण मेरा बदन गठीला है. और मेरे लंड की लंबाई 9 मोटाई काफी ज्यादा है जो सभी लड़कियों और औरतों के दिल की धड़कन है।
अपनी कहानी पर आता हूँ। बात पिछले हफ्ते की है, मैंने सोचा कि आजकल अंग्रेजी का बहुत क्रेज है, क्यों न 2 घंटे का समय निकाल कर अंग्रेजी बोलने की ट्यूशन ली जाये। यही सोचकर मैंने एक इंस्टीट्यूट ज्वाइन करने की सोची और मैं एडमीशन की बात करने के उद्देश्य से पहुँच गया जहाँ पर मुझे कई लड़के और लड़कियाँ मिले जो वहाँ इंगलिश स्पीकिंग सीख रहे थे जिनमें से बहुत से लड़के और लड़कियाँ वैलेंटाइन वीक की शुरुआत के लिये कहीं पिकनिक पॉइंट के लिये निकल रहे थे.
सिर्फ एक 25-26 साल की लड़की के जो एक रेड कलर की साड़ी में थी, जो बहुत ही कमाल लग रही थी, जिसे देखकर मेरा लंड जीन्स में खड़ा हो गया, मतलब मेरा मन उसे चोदने को करने लगा. मैंने अपने आप पर कंट्रोल करने की कोशिश की लेकिन मेरा लंड मेरी सुन ही नहीं रहा था, वो तो ये चाह रहा था कि वीशु इस लड़की को पकड़ ले और यहीं पटक कर चोद दे।
पर बाद में पता चला कि वो एक लड़की नहीं बल्कि पढ़ाने वाली एक मैडम है लेकिन वो अभी कुँवारी थी.
अभी मेरी शुरुआत थी इंस्टिट्यूट में तो मैं कोई अपनी इन्सल्ट नहीं कराना चाहता था बल्कि मैं यह देखना चाहता था कि इसका रियेक्शन क्या होगा? यह ही सोच कर ही मैं जाकर मिला तो उसने मुझे पूछा- कहिये आपको किससे मिलना है? तो मैंने जवाब दिया- मैं इंगलिश बोलना सीखना चाहता हूँ, हालाँकि मुझे पढ़ना, समझना और लिखना आता है लेकिन बोल नहीं पाता हूँ.
तभी बात करते करते मेरा लंड जीन्स के अंदर पूरी तरह से तन गया जिसे उसने अच्छी तरह से देख लिया था क्योंकि टाइट जीन्स में उसका साइज़ भयंकर हो जाता है। वो लड़की थोडा मुस्कुराई और उसने मुझे फीस स्ट्रक्चर समझाया और एक फॉर्म फिल अप करने को दिया. तो मैंने फीस जमा करा दी लेकिन फॉर्म भरना मेरी समझ से बाहर था इसलिये मैंने उसको बोला कि फॉर्म वो खुद भर दे। पहले उसने थोड़ी न नुकुर की फिर वो राजी हो गई।
उसने मेरी डीटेल्स माँगी जैसे मेरा नाम, पता, मोबाइल नंबर और मेरा व्यवसाय आदि। जैसे ही उसने मेरा नाम सुना तो वो मैडम एकदम से चौंक गई तो मैंने उससे पूछा- क्या हुआ मैडम? तो उसने जवाब दिया- कुछ नहीं, ये नाम कुछ सुना हुआ सा लग रहा है. मैंने सब कुछ उसे साफ साफ बता दिया. और जैसे ही उसने मेरा व्यवसाय पूछा तो मैंने उसे बताया कि मैं पेशे से एक जिगोलो हूँ!
उसे जिगोलो के बारे में पता नहीं था, वो रुक गई और उसने मुझसे पूछा- ये जिगोलो क्या होता है? तो मैंने कहा- आप जिगोलो नहीं जानती? वो बोली- नहीं! तो मैंने बताया कि जिगोलो एक मेल सेक्स वर्कर होता है जो असंतुष्ट स्त्रियों एवं लड़कियों को शारीरिक रूप से संतुष्ट करता है और औरतें और लड़कियाँ उसे फीस देती हैं.
वो थोड़ी देर के लिये सहम गई और उसका मुझसे बात करने का अंदाज़ एकदम से बदल गया और वो बार बार वो मेरी जीन्स को बड़े ही गौर से देखने लगी जिस कारण उसने एडमीशन फॉर्म को भरने में बहुत गलती की और फिर अंत में उसने पूछा- आप किस समय पढ़ने के लिये आयेंगे? तो मैंने पूछा- मैडम, आपका इंस्टीट्यूट कितने बजे से कितने बजे तक खुलता है? वो बोली- सुबह 7 बजे से शाम को 8 बजे तक! फिर वो बोली- आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी 1 घंटे का समय निकाल कर इंस्टीट्यूट में पढ़ने आ सकते हैं. लेकिन सबसे पहले ये एडमीशन फॉर्म फिल अप करना पड़ेगा उसके बाद ही आप क्लास जॉइन कर सकते हैं.
तभी मेरे मोबाइल पर घंटी बजी तो मैं उस मैडम को एक्सक्यूज़ मी कह कर बात करने लगा. उधर से मेरी एक क्लाइंट जो मेरी सर्विस लेती रहती थी, बोली- वीशु जी आप कहाँ हो? मैंने बताया- मैं इस समय एक इंगलिश स्पीकिंग इंस्टीट्यूट में हूँ, मैं यहाँ कोर्स जॉइन करने के एडमीशन की बात करने के लिये आया हूँ. तो वो बोली- वहाँ तो मेरी एक सहेली सिमरन (बदला हुआ नाम) इंगलिश पढ़ाती है!
मैं एकदम से चौंक गया तो वो बोली- क्या तुम सिमरन से मेरी बात करवा सकते हो? मैंने कहा- मैं तो यहाँ किसी को जानता नहीं हूँ! तो वो बोली- आप सिमरन के नाम से पूछ लो, वो अगर होगी तो बात करवा देना। मैंने कहा- ओ. के. देखता हूँ.
और मैंने उसी मैडम से पूछा- मैडम, यहाँ सिमरन कौन है? वो मैडम बोली- मेरा ही नाम सिमरन है, क्यों क्या हुआ? मैंने कहा- कि मेरी एक क्लाइंट गीतांजलि का आपके लिये फोन है, वो आपसे बात करना चाहती है. मैंने उसे अपना फोन बात करने को दे दिया.
पहले उन दोनों में हाय हेल्लो हुई और उसके बाद उन दोनों की बात शुरू हुई और करीब उन दोनों की करीब 20 मिनट तक बात हुई जिस दौरान सिमरन ने करीब 10 बार मेरे लंड की तरफ गौर से देखा. फिर सिमरन ने फोन काट कर मुझसे पूछा- आप गीतांजलि को कब से जानते हो? मैंने बताया- मैं उसे 3 साल से अपनी सर्विस दे रहा हूँ.
तो उसने ओ. के. कहा और जितने पैसे मैंने फीस के रूप में जमा किये थे, उसके आधे पैसे मुझे वापस कर दिये, बाकी आधे पैसे की रसीद बना कर मुझे दे दी और उसने अपना कार्ड देकर शाम को मुझे उसके घर मिलने को कहा कि आपको मेरे घर एडमीशन फॉर्म फिल अप करने आना पड़ेगा, तभी आप क्लास जॉइन कर पाओगे अदरवाइज नहीं! ओ. के? तो मैंने ओ. के. कहा और मैं उसका कार्ड और अपनी फीस की रसीद लेकर अपने घर चला आया।
शाम को जब मैंने सिमरन के घर जाने से पहले सिमरन को फोन किया और पूछा कि मैडम आपके घर मुझे कितने बजे पहुँचना है? उसने बताया कि 7 बजे आ जाना। मैंने उसे ओ. के. कहा और शाम के 7 बजे तक अपनी उस दिन की क्लाइंट्स को सर्विस दी फिर करीब 06:30 पर मैं अपनी बाइक लेकर सिमरन के घर के लिये निकल लिया.
करीब 06:45 पर मुझे गीतांजलि भगवान टॉकीज़ पर खड़ी मिल गई. मैंने गीतांजलि से पूछा- कैसी हो और यहाँ कैसे खड़ी हो? उसने कहा- मैं सिमरन के घर जा रही हूँ। क्या आप भी उसके घर जा रहे हो?
मैंने बताया कि मैंने उसके इंस्टीट्यूट में इंगलिश बोलने का कोर्स करना था जिसके लिये एडमीशन फॉर्म फिल करना है, इसलिये उसने मुझे आज अपने घर बुलाया है, मैं वहीं जा रहा हूँ. अपनी बाइक पर उसे बैठा कर सिमरन के घर के लिये चल दिये.
रास्ते में गीतांजलि ने बताया कि मैंने ही उसे कहा था कि एक बार वो तुम्हारा खड़ा लंड देख ले, उसके बाद वो तुमसे चुदे या नहीं, वो उसकी मर्जी है अगर उसे तुम्हारा लंड पसंद तो वो तुमसे चुद भी जायेगी. और हाँ तुम्हारी फीस भी मैंने ही आधी करवाई थी, यह कह कर कि यह लड़का चुदाई करने के भी पैसे लेता है लेकिन तुझे ये फ्री में चोदेगा. और अगर तू इसे अच्छी लगी तो ये तुझे जब कहेगी तभी चोदेगा. तभी इसने आपकी आधी फीस माफ़ की है. लेकिन मैंने आपको ये बात बताई है, सिमरन को मत बोलना और मुझे उसके घर से थोड़ा पहले ही उतार देना जिससे उसे यह पता न चल जाये कि मैं आपसे आज मिल चुकी हूँ। वीशु जी, फॉर्म फिल अप करना तो एक बहाना है, असल में सिमरन आपका खड़ा हुआ लंड देखना चाहती है.
मैंने उसे बोला- ओ के गीतांजलि जी, आप बिल्कुल बेफ़िक्र रहिये!
मैंने सिमरन को लोकेशन लेने के लिये फोन किया तो सिमरन ने मुझे पूरी लोकेशन बता दी. मैंने गीतांजलि को सिमरन के घर से करीब 200 मीटर पहले उतार दिया और उसके घर पहुँच गया. सिमरन गवालियर की रहने वाली थी और यहाँ आगरा में अकेली किराये पर रहती थी. उसका कमरा फर्स्ट फ्लोर पर था, नीचे उसके मकान मालिक अपने परिवार के साथ रहते थे और उसके आने जाने का रास्ता घर के बाहर से ही था.
मैं जैसे ही उसके घर पहुँचा, वैसे ही वो मुझे अपनी बालकनी में खड़ी दीख गई तो मैंने अपनी बाइक वहीं लगाई और उसके कमरे में पहुँच गया।
सिमरन ने उस समय गुलाबी रंग की लैगी और काले रंग का कुरता पहना हुआ था। जैसे ही मैं कमरे में पहुंचक र सोफे पर बैठा तो सिमरन ने मुझे चाय या कॉफी के लिये पूछा. मैंने उसे कॉफ़ी के लिये कह दिया.
करीब 5 मिनट बाद ही गीतांजलि भी आ गई तो उसने जब मुझे सोफे पर बैठा हुआ देखा तो उसने मुझसे हाय कहा और वो मेरे गले लग गई और इस तरह से लगी कि उसकी चूत मेरे लंड को टच करने लगी, इसी वजह से मेरा लंड मेरे पजामे में ही खड़ा होने लगा. इधर उसने अपने एक हाथ को मेरे गले से हटा कर मेरे पजामे के ऊपर से ही मेरे लंड पर रख दिया.
जैसे ही गीतांजलि ने जैसे मेरे पजामे के ऊपर से लंड पर हाथ रखा, उसी समय सिमरन 3 कप कॉफी बना कर ले आई तो गीतांजलि ने मेरा लंड छोड़ दिया. हम तीनों एक ही सोफे पर बैठ कर कॉफी पीने लगे.
कॉफी खत्म हुई तो सिमरन ने कहा- लाइए मैं आपका फॉर्म फिल अप कर देती हूँ, बस आपसे मैं जो जो पूछती जाऊँ, आप मुझे वो बताते जाना! ओ. के? मैंने हाँ कही और सिर भी हिला दिया.
तभी गीतांजलि बोल पड़ी- मुझे यहाँ किस लिये बुलाया है? तो सिमरन बोली- रुक जा, पहले इनको फ्री कर दूँ, उसके बाद तुझसे बात करुँगी ओ. के.? गीतांजलि ने भी ओ. के. कहा.
उसके बाद सिमरन ने मुझसे जो जो पूछा मैंने उसको वो ही बताया लेकिन व्यवसाय की बात जब आई तो मैंने उसे जिगोलो बताया लेकिन उसने स्टूडेंट लिखा। खैर, कुछ ही समय में मेरा एप्लीकेशन फॉर्म फिल अप हो गया और जब मैं चलने को हुआ तो गीतांजलि ने मुझे रोका और सिमरन के सामने ही बोली- वीशु जी जरा रुकिये, बहुत समय से मैंने आपका लंड अपनी चूत या गांड में बहुत दिन से नहीं लिया है इसलिये मैं आज आपसे जी भर के यहीं चुदना चाहती हूँ और पैसे मैं आपके एकाउंट में कल डलवा दूँगी लेकिन आप मुझे अभी चोद दो. तो मैंने सिमरन की तरफ इशारा किया तो गीतांजलि ने कहा- अगर आपका लंड इसे पसंद आया तो ये भी अपनी चूत की सील तुड़वा लेगी. क्यों सिमरन, मैं सही कह रही हूँ ना? सिमरन ने अपनी गर्दन हिला कर अपनी मौन स्वीकृति दी तो मैंने भी ओ. के. कह दिया.
और जैसे ही मैंने ओ. के. कहा, तभी गीतांजलि ने मेरे पजामे में से मेरा लंड निकाल लिया और सिमरन से पकड़ कर चेक करने को कहा. सिमरन ने जैसे ही मेरे लंड को देखा तो उसकी आँखें खुली की खुली रह गई और उसके मुँह से निकला- हाय रे, कितना बड़ा और मोटा लंड है, ये मेरी छोटी सी चूत में कैसे जायेगा? तो गीतांजलि बोली- सब चला जायेगा… लंड को पकड़ कर तो देख!
डरते हुए सिमरन ने मेरे लंड को पकड़ा, गीतांजलि ने कहा- मैंने छूने लिये नहीं बल्कि आगे पीछे करके सहलाने के लिये कहा है, इस लंड को आगे पीछे करके सहला! तो सिमरन मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।
सिमरन के नाज़ुक हाथ लगते ही मेरे लंड में तनाव आने लगा और वो लोहे की गर्म रॉड की तरह तन गया और उसका सुपारा फूल गया. तभी गीतांजलि बोली- इसे चूसना चाहेगी? तो सिमरन ने मना कर दिया, तो गीतांजलि बोली- इसके लंड को चूसकर तो देख, तुझे मुख से लंड निकालने का मन नहीं करेगा.
और गीतांजलि ने सिमरन के हाथ से लंड छुड़ाकर अपने मुँह में डाल लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। कुछ देर बाद फिर उसने सिमरन से कहा- तू लंड को चूस कर तो देख, अगर अच्छा न लगे तो बेशक मत चूसना!
सिमरन को एकदम से जोश आया, उसने मेरा पजामा एकदम से खींच कर मेरे बदन से अलग कर दिया जिससे मैं नीचे से एकदम नंगा हो गया. उसने मेरे लंड को एक हाथ से पकड़ा और उसका सुपारा खोल कर लंड के छेद जहाँ से सू सू और बीज निकलता है, पर एक जोरदार चुम्बन जड़ दिया और मेरे लंड के नंगे सुपारे को अपने मुँह में डाल लिया और उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. इधर गीतांजलि ने अपने सभी कपड़े उतार दिये और बिल्कुल नंगी हो गई। जब सिमरन ने देखा कि गीतांजलि पूरी तरह से नंगी हो गई है तो उसने भी मेरे लंड का सुपारा चूसना छोड़ दिया और उसने भी पहले मेरी लैदर की जैकेट उतारी, फिर इनर उतार कर मुझे भी पूरी तरह नंगा कर दिया। सिर्फ मैं और गीतांजलि ही पूरी तरह नंगे थे जबकि सिमरन सभी कपड़ों में थी तो मैंने सिमरन से कहा कि वो भी अपने कपड़े उतारे तभी पूरा मजा आयेगा।
गीतांजलि ने सिमरन की कुर्ती उतारी, उसके बाद ब्रा और जैसे ही गीतांजलि ने सिमरन की ब्रा उतारी तो मैं सिमरन के बूब्स देखकर दंग रह गया। छः साल के पीरियड में आज तक मैंने ऐसे बूब्स नहीं देखे थे, मतलब एकदम ठोस और गोल गोल और उसके बूब्स पर चिरोंजी के साइज़ के एकदम भूरे साइज़ के चुचूक थे. सिमरन के शरीर का रंग एकदम गोरा था मतलब केवल लैगी में काम की देवी रति लग रही थी जिसे देख कर बड़े से बड़े उम्र दराज आदमी का भी लंड खड़ा करने के पर्याप्त था।
उसके बाद गीतांजलि ने सिमरन की लैगी उतारी तो सिमरन केवल चड्डी में थी. मैं सिमरन से चिपक गया और उसके गाल, कान के पीछे किस करते हुए उसके बूब्स पर आ गया. हालाँकि उसके बूब्स से दूध नहीं निकलता था लेकिन चूसने में ऐसा लग रहा था जैसे अभी दूध निकल पड़ेगा. इसी वजह से मैं उसके बूब्स चूसता रहा और सच कहूँ तो आज तक मैंने कई सुन्दर से सुन्दर लड़कियों की सील तोड़ी है लेकिन पता नहीं सिमरन में ऐसा क्या खास था जो मुझे उसकी तरफ आकर्षित कर गया.
मैंने गीतांजलि से कहा- गीतांजलि, सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी वजह से ऐसा जिस्म भोगने को मिला है, इस काम के लिये मैं तुम्हे इनाम देना चाहता हूँ और वो इनाम यह है कि मैं आज की तुम्हारी चुदाई फ्री में करूँगा. तभी तपाक से गीतांजलि बोली- सिर्फ आज चाहे मैं कितनी भी बार चुदूँ सब फ्री है न? मैंने कहा- हाँ केवल आज ही… आज चाहे जितनी बार भी चुद ले!
गीतांजलि मेरी बात को सुनकर एकदम से खुश हो गई और उसने सिमरन की चड्डी एक झटके में उतार दी। चड्डी के उतरते ही सिमरन की अनछुई चूत भी नंगी हो गई और उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, शायद उसने आज ही साफ किये होंगे. उसकी चूत एकदम चमक रही थी.
मैंने आव देखा न ताव, मैं उसकी चूत पर टूट पड़ा और अपनी उंगली डाल डाल कर उसके चूत के दाने को चाटने लगा. सिमरन सिसकारने लगी और एकदम बिस्तर से उछल पड़ी और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी. तभी कुछ देर बाद सिमरन बोली- मुझे आपका लंड चूसना है.
जैसे सिमरन लेटी थी, मैं उसकी उलटी दिशा में हो गया और मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी.
तभी मुझे गीतांजलि को चोदना उचित लगा क्योंकि उसकी चूत फटी हुई थी जबकि सिमरन की सील पैक माल थी जो मुझे अपने लंड से फाड़नी थी. इसलिये मैंने सबसे पहले गीतांजलि को अलग अलग पोजीशन में करीब बीस मिनट तक लगातार चोदा और जब मेरा बीज निकलने को था तभी मैंने गीतांजलि से कहा- गीतांजलि, अब मैं झड़ने वाला हूँ! गीतांजलि बोली- आपका बीज पीना है मुझे! मैंने अपना लंड गीतांजलि की चूत से निकाल कर उसके मुँह में दिया और काफी तेज तेज़ धक्के मारने और उसके मुँह को चूत समझ कर चोदने लगा और कुछ देर बाद मेरे लंड से पिचकारी छूट गई.
फिर मैं उसके धड़ाम से गिर गया, गीतांजलि भी मुझसे चिपक गई और उसने मेरे ऊपर चुम्बनों के अम्बार लगा दिये, फिर मैं गीतांजलि के ऊपर से हट गया और वापस हम तीनों ही नंगे सोफे पर आकर बैठ गए, आपस मैं इधर उधर की बात करने लगे.
गीतांजलि ने बातों बातों में मेरे लंड की तारीफ करना शुरू कर दिया कि कैसे उसने अपनी चूत की सील मेरे लंड से तुड़वाई और उसे सील तुड़वाने में कितना मजा आया और वो अब तक मेरे लंड से चुद कर कितने मजे ले चुकी है। उसने सिमरन से कहा- बड़े और मोटे लंड से चूत या गांड की सील तुड़वाने में कितना मजा आता है, ये तुझे जब पता चलेगा जब तू वीशु जी का लंड अपनी चूत या गांड के छेद में डालेगी। मैं मानती हूँ कि बड़े और मोटे लंड से शुरू में थोड़ा दर्द ज्यादा होता है लेकिन बाद में बहुत मजा आता है क्योंकि मजा तभी आता है जब चूत का छेद बड़ा हो जाता है और चूत का छेद बड़ा तभी होता है जब बड़ा और मोटा लंड चूत में घुसे और काफी देर तक धक्के लगाये जायें. और सिमरन तूने अभी अभी देखा कि वीशु बिना रुके कैसे चोदता है।
इतना सुनते ही सिमरन ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और उसे आगे पीछे करके हिला हिला कर सहलाने लगी. मैं भी उसे अपनी बाँहों में भरके उससे लिपट गया और उसे चूमने लगा। चूमते चूमते मैं उसके कान पर आ गया और उसके दूध चूसने और दबाने लगा तो सिमरन भी सिसकारी भरने लगी और मुझसे लता की तरह लिपटने लगी.
मैं धीरे धीरे चूमते हुए उसके पेट पर आ गया और उसकी नाभि में जीभ डाल कर चाटने लगा तो सिमरन तड़पने लगी. फिर मैंने जैसे ही उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ लगाई तो वो एकदम ऐसे उछली जैसे उसे 440 वॉट का तेज़ करंट लगा हो. लेकिन फिर भी मैंने उसकी चूत को चाटना नहीं छोड़ा.
मैं उसकी चूत में उंगली कर करके चाट रहा था तो वो सिसकारी भरने लगी. तभी मैंने सोचा कि क्यों न मैं 69 की पोजीशन में आ जाऊँ ताकि वो भी मेरा लंड चूसे और मैं भी उसकी चूत चाटूँ। मैंने उसकी चूत से अपना मुँह हटाया और उसके सर की तरफ आकर अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया, मैं उसकी चूत चाटने लगा तो सिमरन मजे से बड़बड़ाने लगी और अपने हाथ से मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबाने लगी, कहने लगी- हाँ वीशु जी, ऐसे ही हाय… हाँ वीशु जी… ऐसे ही चाटो… बड़ा मजा आ रहा है.
करीब 10 मिनट बाद वो एकदम से ऐंठ गई और उसकी चूत ने मेरे मुँह पर अपना रस छोड़ दिया जिसे गीतांजलि ने अपनी जीभ से चाट कर साफ किया।
उसके बाद सिमरन ने मुझसे कहा- वीशु जी, अब मेरे से बर्दाश्त नहीं हो रहा है इसलिये अब आप अपना लंड मेरी चूत में डाल दो. मैं भी मौके को देख कर सिमरन की चूत पर आ गया और लंड चूत पर घिसने लगा फिर उसकी चूत के छेद पर अपना लंड टिका कर मैंने एक पूरी ताकत से जोरदार धक्का लगा दिया तो मेरा लंड का सुपारा सिमरन की चूत को फाड़ता हुआ करीब 3 इंच तक घुस गया और घुसने के साथ ही उसकी चूत से एक खून की धार बह निकली.
सिमरन बहुत ही तेज दर्द के साथ बोली- हाय मम्मी, मर गई! वीशु जी मुझे बहुत दर्द हो रहा है, निकाल लो अपना लंड! मुझे नहीं चुदना! और वो दर्द से छटपटाने लगी. लेकिन मैंने उसे कस कर पकड़ लिया था अन्यथा वो मुझ से छूट जाती और वो मुझसे कभी नहीं चुदती. इसलिये मैंने उस पर कोई रहम नहीं किया और उसकी चूत से अपना लंड निकाले बिना पूरा बाहर खींच लिया और दूसरा जोरदार धक्का पूरी ताकत से लगा दिया तो मेरा लंड उसकी चूत में करीब 5 इंच तक घुस गया पर लेकिन इस बार सिमरन की दर्द के कारण आँखें ही बाहर को आ गई. लेकिन मैंने उस पर कोई रहम न करते हुए 3-4 धक्के पूरी ताकत से तब तक मारे, जब तक मेरा पूरा लंड उसकी चूत में नहीं घुस गया।
उसके बाद मैंने सिमरन के एक दूध को मुँह में भर लिया और दूसरे को हाथ से दबाने लगा और धीरे धीरे उसकी चूत में अपने लंड से धक्के लगाने लगा। कुछ देर बाद वो नीचे से अपनी कमर उचकाने लगी तो मैंने भी अपनी स्पीड धीमे धीमे बढ़ा दी और उसे शताब्दी की स्पीड से चोदने लगा. मुश्किल से मैंने सिमरन को 10 मिनट ही चोदा होगा कि उसे बहुत मजा आने के कारण वो झड़ गई लेकिन मैं लगातार धक्के लगाता रहा और मैंने उसे अलग अलग पोजीशन में काफी देर तक लगातार चोदा.
तभी मुझे लगा कि मैं अब झड़ने वाला हूँ तो मैंने सिमरन से कहा- सिमरन जी मैं अब झड़ने वाला हूँ, बताओ मैं कहाँ झड़ूँ? सिमरन ने कहा- वीशु जी, आप मेरी चूत में ही झड़ जाओ! मैंने कुछ धक्के लगाये होंगे कि सिमरन की चूत में मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी और मैं थक कर सिमरन के ऊपर ही धम्म से गिर गया तो सिमरन मुझसे बेल की तरह से लिपट गई और मुझे बहुत देर तक चूमती रही.
तब तक मेरा लंड भी सिमरन की चूत में जब तक निचुड़ चुका था तो मैंने जैसे ही सिमरन की चूत से अपना लंड निकाला, वैसे ही मेरे लंड के साथ सिमरन की चूत का रज, खून और मेरे बीज का मिश्रण मेरे लंड पर लग गया. यही मिश्रण उसकी चूत से निकला, जिसे देख कर वो डर गई तो कभी वो मेरे लंड को देखे तो कभी अपनी चूत को… तो कभी बैड की उस चादर को जिस पर खून का एक लाल घेरा बन गया था.
लेकिन उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे.
फिर वो उठकर बाथरूम जाने के लिये बैड से उतरने को हुई लेकिन उससे उतरा न गया क्योंकि उसकी चूत कई जगह से कट फट गई थी तो मैं उसे गोद में उठाकर बाथरूम तक ले गया और उसकी चूत को मैंने अंदर तक उंगली डाल कर गरम पानी से साफ की और फिर अपने लंड को साफ किया।
उसके बाद गीतांजलि और सिमरन ने नंगी रह कर ही खाना बनाया और हम तीनों ने नंगे ही खाना खाया. उसके बाद मैंने उन दोनों की एक एक बार चूत मारी और गीतांजलि की एक बार गांड भी मारी. लेकिन सिमरन ने अपनी गांड नहीं मरवाई.
दोस्तो, मेरे जीवन में सिमरन ही एक ऐसी लड़की है जिसकी चूत या गांड में अपना लंड फ्री ऑफ़ कॉस्ट देता हूँ क्योंकि उससे मैं धंधा नहीं करता. और ऐसा भी नहीं है कि मैं उसकी चुदाई कम करता हूँ हफ्ते में कम से कम 4 दिन चोदता हूँ।
तो बताइये दोस्तो, आपको मेरी चुदाई स्टोरी कैसी लगी? कृपया अपने विचार अवश्य दें। [email protected] आप मुझे फेसबुक पर भी मिल सकते हैं, मेरी फेसबुक आई डी है : [email protected]
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