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नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम जतिन है, मेरी उम्र 28 साल है, मैं ठाणे महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ. मेरी शादी हुए 5 साल हुए हैं, एक बेटी भी है. मैं और मेरी बीवी दोनों काम करते हैं, वो बैंक में है औऱ मैं मार्केटिंग का काम करता हूँ.
मैं अन्तर्वासना की हिंदी सेक्सी चुदाई की कहानी को नियमित पढ़ा करता हूँ तो सोचा कि आज मैं भी कुछ लिखूँ. आज मैं आपको अपने जीवन में घटी एक सत्य घटना बता रहा हूँ. यह बात 2015 में 8 जुलाई को घटी थी. मेरे साथ मेरे पड़ोस में एक परिवार रहने आया था. उस दिन मैं काम से घर आया तो देखा कि पड़ोस से आवाज आ रही थी. मैंने घर में अपनी बीवी से पूछा तो बोली कि नए लोग आए हैं.
दो दिन बीत गए फिर 10 जुलाई को मैं दोपहर को जल्दी आ गया. घर की घंटी बजाई तो एक औरत ने दरवाजा खोला, मैंने अन्दर आकर उस पर गहरी नजर डालते हुए देखा तो देखता रह गया. मैंने उससे पूछा- आप कौन और मेरी बीवी कहां है? वो बोली- वो अन्दर नहाने गई हैं. हम लोग आपके पड़ोस में नए आये हैं. मेरा नाम छाया है. मैं बोला- माफ करना, मुझे पता नहीं था.
छाया की उम्र लगभग 32 साल की थी. वो मस्त पटाखा की तरह कयामत ढा रही थी. उसका फिगर 32-30-34 के लगभग का था. मैंने उससे नेत्र चोदन करते हुए कहा- आप बहुत सुंदर हो.. आपके वो कहां हैं? तो उसका जबाव आया कि हम दोनों जॉब करते हैं. आज मेरी साफ्ताहिक छुट्टी है. मैंने पूछा- कौन सा काम करती हो? मालूम हुआ कि वो आइटी फील्ड से है.
तब तक मेरी बीवी पायल आ गई. आधा घंटे तक उससे यहां वहां की बातें हुईं हम तीनों ने चाय पी. वो जाने लगी तो बीवी बोली- आपसे मिल कर अच्छा लगा.. अभी हम दोनों को भी बाजार जाना है. शाम को आपसे फिर मुलाक़ात होगी. नमस्ते हुई और वो चली गई.
इसके बाद मेरी बीवी और उसमें बातें होने लगीं. उस दिन के बाद हम लोगों की बातचीत होती रहती थी औऱ हम एक दूसरे के घर आना जाना शुरू हो गया था.
फिर 24 जुलाई को हमारी मुलाकात हुई, उन लोगों ने हमें खाने पर बुलाया था क्योंकि उस दिन छाया का जन्मदिन था. उस दिन पहली बार छाया के पति वैभव से मिला, वो गोरा था.. पर काफी दुबला पतला था. थोड़ी बातचीत के बाद केक काटा गया, हमने छाया को जन्मदिन की बधाई दी.
फिर खाना लगाया गया, खाना स्वादिष्ट था, मैंने खाने की तारीफ़ की. खाना खाने के बाद हम आपिस अपने घर आने के लिए उठ रहे थे, तो छाया ने रोकते हुए कहा- थोड़ी देर और बैठिये ना, बात करते हैं.
छाया के आग्रह पर हम दोनों रूक गए. उसका पति वैभव ने शुभरात्रि बोला औऱ चला गया. हम यहां वहां की बात करने लगे. इतने में फोन बजा.. ये फोन मेरी बीवी का बज रहा था. मैंने पूछा- कौन है? तो पता चला कि मेरी सास का कॉल है औऱ पायल अपनी माँ से बात करने के लिए बाल्कनी में चली गई.
अब मैं और छाया ही थे.
आज वो किसी परी से कम नहीं दिख रही थी, मैंने तरीफ की औऱ बात ही बात में मैंने उससे पूछा- आपकी शादी को कितना समय हुआ? छाया ने उत्तर दिया- सात साल हुए. “ओह पर लगता नहीं…” छाया मुस्कुरा दी.
फिर मैंने पूछा- अगर आप बुरा ना मानो तो कुछ पूछूँ? छाया- जी हां पूछो न! “आपके बच्चे नहीं हैं, आप लोग भी कहीं फैशन के चलते कहीं ये तो नहीं सोच रहे हैं कि आपका फिगर खराब हो जाएगा?”
छाया हंस दी, पर उसकी हंसी में वो अपना गम छुपा ले गई. तब तक मेरी बीवी के आ जाने के कारण यह बात वहीं पे खत्म हो गई. फिर जाते समय मैंने आज छाया को अपना कार्ड दिया औऱ कहा- कुछ भी काम हो तो फोन करना. हम दोनों अपने घर आ गए.
कुछ दिन बीत जाने के बाद 5 अगस्त को छाया का फोन आया. मेरे पास मेरे फोन में छाया का फोन नम्बर नहीं था तो मैंने पूछा- कौन? त़ो आवाज आई- मैं हूँ छाया. मैंने कहा- नमस्ते छाया जी, बोलिए कैसे याद किया? छाया बोली- आज मिलना चाहती हूँ. मैं कुछ कह पाता तब तक छाया ने मिलने की जगह और समय बता दिया.
मैं समय पर पहुंच गया था. छाया 10 मिनट के बाद आई. मैंने कहा- क्या हुआ? छाया बोली- तुम्हारी मदद चाहिए. मैंने कहा- कैसी मदद? तो छाया बोली- ये बात किसी से कहना मत.. मेरी इज्जत की बात है, नहीं तो सब मेरे बारे में गलत सोचेंगे. मैंने कहा- मैं किसी को भी नहीं बोलूँगा आप भरोसा रखो.
छाया ने साफ साफ बोल दिया- मुझे घुमा फिरा कर बात करनी नहीं आती. मुझे माँ बनना है, मेरे पति में कमी है तो मैं आपके साथ जब तक सम्भोग करना चाहती हूँ, तब तक कि मैं माँ ना बन जाऊं. मैंने कहा- छाया जी, फिल्मों में तो लड़की एक ही बार में माँ बन जाती है. वो बोली- मुझे पता है इसलिए मैं तब तक आपके साथ सम्भोग करूँगी, जब तक माँ ना बन जाऊं. मैं- आपके पति को पता चला तो? छाया बोली- नहीं चलेगा. मैंने पूछा- कैसे? तो बोली- अगले महीने वो 15 दिन के लिए बाहर जा रहे हैं और मैं तुम्हारे बीवी से बात करूँगी कि जब तब मेरे पति ना आ जाएं, तब तक क्या मैं आपके साथ रह सकती हूँ. हो सकता है कि वो शायद मान जाए. मैंने कहा- ठीक है.
मेरी बीवी शाम को काम से वापस आई. छाया ने उससे बात की और उसे बताया कि ऐसा ऐसा है, तो क्या मैं तुम्हारे यहां 15 दिन तक रह सकती हूँ या तुम चाहो तो मेरे यहां पर रह लो.
पायल बोली- आप मेरे यहां आ जाओ. मैं इनको बोल देती हूँ आपके यहां सोने के लिए ताकि आपका घर सुरक्षित रहे. छाया बोली- ठीक है.. आपका क्या दिमाग है पायल जी. इन दोनों की जो बात हुई वो मुझे छाया ने फोन पर बता दी.
मैं बोला- जब मैं वहां पे रहूँगा तो सब कुछ कैसे होगा? छाया ब़ोली- उसके जाने के बाद. मैं बोला- ठीक है.
मैं मन ही बहुत खुश हुआ कि पायल के जॉब पे जाने के बाद छाया की चुदाई करूँगा.
वो दिन भी आ गया छाया से बात की कि कल रविवार है, पायल की छुट्टी है. छाया बोली- आप आज मेरे यहां सोने के लिए 11 तक आ जाना, मैं सुबह काम पर जाते समय पायल को बोल दूँगी कि आज मैं इनको छोड़ने के मुंबई सेंट्रल जा रही हूँ, उसके बाद बोरीवली अपनी माँ के चली जाऊंगी. मेरे पास ताले की दो चाभी हैं, एक मैं पायल को देकर जाऊंगी. मैं बोला- ठीक है.
सब प्लानिंग के जैसे ही हुआ. मैं शाम को काम से आया, अभी चाय पी ही रहा था कि पायल ने मुझे सब बात बताई औऱ मुझे छाया के घर की चाभी दी. मैंने चाय पी औऱ मार्केट गया औऱ वहां से गजरा आदि लाकर छाया के घर में रख दिया. फिर अपने घर खाना खाकर 11 बजने का इंतजार करने लगा.
तभी छाया का मैसेज मोबाईल पर आया कि वो ठाणे पहुंच गई है. मैंने ओके बोला औऱ 15 मिनट के बाद पायल को बोला- मैं छाया के घर सोने जा रहा हूँ. वो बोली- ठीक है.
मैं बाहर आया, पायल ने दरवाजा लॉक किया.. और मैं छाया के घर छाया का वेट करने लगा. दस मिनट में छाया का फोन आया कि दरवाजा खोल दो, मैं आ गई हूँ.. सीढ़ी पर हूँ.
मैंने दरवाजा खोल दिया और वो अन्दर आ गई. दरवाजा बंद किया. मैं देर ना करते छाया पर टूट पड़ा, उसे किस करने लगा.
छाया बोली- रूको यार.. अभी नहा कर आती हूँ.. तब मजा करेंगे.. औऱ आज तो पूरी रात अपनी है. मैं जब तक ना माँ बन जाऊं तब तक हम सम्भोग का मजा लेंगे. मैं बोला- ठीक है.
मैंने उसे गजरा आदि दे दिए. छाया गजरा देख कर खुश हो कर बोली- वाह, क्या बात है.
वो बाथरूम में अन्दर नहाने चली गई औऱ आधे घंटे बाद पूरी तैयार होकर आई. छाया को देख कर ऐसा लगा जैसे कि आज हम दोनों की पहली सुहागरात है.
मैं जैसे ही आगे बढ़ा तो वो बोली- मैं आज से आपको अपना पति मानती हूँ. आप मेरे पति बनकर मेरे साथ सम्भोग करो.. और इसलिए मैंने आज अपनी माँग नहीं भरी है. पहले आप मेरी मांग भर दो. मैंने उसकी बात मान कर माँग भर दी.
मैंने कहा- अब मैं आपकी प्यास बुझा दूँ छाया? वो बोलीं- मैं तुम से चुदने के लिए कब से तैयार हूँ.
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मेरी कामुकता अपनी चरम पर आ चुकी थी, मैंने छाया के होंठों के ऊपर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा, उसके मम्मों को भी दबाने लगा. उसकी साँसें तेज हो गई थीं. हम दोनों बेडरूम में चले गए. उस दिन छाया ऐसी माल लग रही थी कि जैसे कोई जन्नत की हूर हो.
मैं छाया के होंठ पर अपने होंठ रख कर 10 मिनट तक चुम्बन करता रहा, फिर मैंने छाया भाभी के धीरे धीरे सारे कपड़े उतार दिए. छाया भाभी ने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी. मैंने उसके चूचे का एक निप्पल अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा. साथ ही अपने कपड़े भी उतार फेंके.
कुछ देर बाद छाया भाभी मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं तो अब हम 69 की अवस्था में आ गए थे, मैं भाभी की चूत पर आ गया, भाभी की चूत सफाचट चिकनी थी. शायद भाभी ने आज ही चुदाई की तैयारी में इसे साफ़ किया होगा.
पांच सात मिनट की चूसा चुसाई के बाद छाया ने कहा- अब नहीं रहा जाता.. अपना लंड मेरी चूत में डाल दो. मैं भी भाभी की चुत चोदने के लिए उतावला हो रहा था तो मैंने अपना लंड भाभी की चूत के छेद पर रखा और धक्का मारा.. तो लंड आधा अन्दर घुस गया.. छाया जोर से चिल्ला पड़ी- उई माँ री… आह!
मैं पूछा- क्या हुआ? चिल्लाई क्यों? वो बोली- मेरे पति का छोटा सा ही है. इतना बड़ा मेरी चुत में कभी नहीं गया तो दर्द तो होगा ही न!
मैं समझ गया कि छाया की चूत लगभग कुँवारी ही है. अब उसकी आवाज बाहर ना जाए इसलिए मैंने अपने होंठ छाया के होंठों पर रख दिए और फिर जोर से धक्का मारा.. तो मेरा 7 इंच का पूरा लंड छाया की चूत में समा गया. छाया भाभी बहुत दिनों बाद चुद रही थीं तो उनको बहुत दर्द हो रहा था.
छाया भाभी के मुँह से दर्द भरी ‘आआई उम्म्ह… अहह… हय… याह… ईइईआ आउइ..’ की आवाजें आ रही थीं. थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हो गया.. और अब वो अपने चूतड़ों को उठा कर चुत चुदाई करवाने लगी.
मैंने लंड अन्दर-बाहर करना चालू कर दिया. छाया भाभी को चूत चुदाई का मजा आने लगा. उसकी चूत बेहद कसी हुई थी, इस वजह से भाभी के मुँह से अब भी बार-बार ‘आआइ इईऊ ईइइ उऊ..’ की आवाजें आ रही थीं.
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा माल निकलने वाला था. उस दौरान भाभी भी एक बार झड़ चुकी थी. तभी मैंने तेज तेज धक्के मार कर मैंने अपना सारा वीर्य छाया भाभी की प्यासी चुत में छोड़ दिया.
उस रात मैंने छाया भाभी को 3 बार चोदा. उस दिन से छाया को लगभग हर रोज ही चोदने लगा. भाभी को मेरी चुदाई से मजा आता था, उन पर मेरे लंड की चुदाई का नशा छा गया था, वो हर वक्त मुझसे चुदाई का मौक़ा ढूँढती रहती थी और साथ ही उनके गर्भधारण की इच्छा पूरी होने की संभावना से अब वो काफी खुश रहने लगी थी.
दो महीनों के बाद छाया ने मुझे फोन करके बताया- बधाई हो, आप पापा बनने वाले हो. और समयानुसार छाया ने एक बेटी को जन्म दिया. इस तरह से मैंने पड़ोसन छाया भाभी को चुदाई के सुखा के साथ साथ औलाद का सुख भी दे दिया था.
बेटी होने के बाद भी छाया भाभी नियमित रूप से मुझसे चुत चुदाई करवाती रही.
आपको मेरी सच्ची चुदाई की कहानी कैसी लगी.. मेल करके मेरी हिंदी सेक्सी कहानी पर मुझे अपने विचार जरूर भेजिएगा.
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