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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रवि कुमार है.. मैं जयपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ. मैं आपको अपनी सत्य हिंदी सेक्स स्टोरी बता रहा हूँ. यह घटना मेरे साथ जिस वक्त हुई, उस वक्त मैं मात्र 19 साल का था. आज मैं अन्तर्वासना के माध्यम से अपना पहला अनुभव आप दोस्तों के सामने रख रहा हूँ. मुझसे कोई गलती हो जाए तो अपना छोटा भाई समझ कर माफ़ कर देना.
यह घटना एक लड़की, जो मेरे घर के पास रहती थी, उसकी और मेरे प्यार की है. मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम मीनू था. वो मेरी हमउम्र थी और वो मेरे साथ ही कॉलेज में पढ़ती थी. वो दिखने में बहुत सुन्दर थी, जो भी उसे देख लेता, तो वो देखता ही रह जाता था.
वो कॉलेज में हमेशा मेरे आगे ही बैठती थी, लेकिन उससे बात करने की मेरी कभी हिम्मत ही नहीं हुई. चूंकि मैं उसे मन मन ही प्यार करता था लेकिन उसे बताने में डरता था कि कहीं वो गुस्सा न हो जाए और मैं उसे देख भी न पाऊं. इस चक्कर में कुछ नहीं बोलता था.
ऐसे ही कॉलेज के चार महीने पूरे हो गए और हम दोनों में कॉलेज में कुछ बात नहीं हुई.
फिर एक दिन ऐसी घटना घटी कि मैं खुद सोचने पर मजबूर हो गया कि क्या करूँ.
उस दिन सुबह से मौसम ख़राब था और हल्की हल्की बारिश भी हो रही थी. मैं घर से कॉलेज को निकल रहा था तो रास्ते में कुछ लड़के खड़े थे. मीनू भी बस पकड़ने के लिए सड़क पर जा रही थी. मैं कॉलेज बाइक लेकर जाता हूँ तो जैसे ही मैं घर से निकला तो वो लड़के उससे कुछ कह रहे थे. मुझे लगा कि ये लड़के मीनू के साथ छेड़खानी कर रहे हैं, तो बस मुझे पता नहीं क्या हुआ, मैं सीधा उन लड़कों से जा भिड़ा कि ये क्या लगा रखा है? उन लड़कों ने बोला- क्या ये तेरी बहन लगती है या तेरी गर्लफ्रेंड है, जो तू इतना भड़क रहा है.. चल फूट अपने रास्ते.. मुझे गुस्सा ज्यादा आ गया और मैंने बोल दिया कि मैं इससे प्यार करता हूँ और वो मेरी गर्लफ्रेंड है.
यह कहते हुए मैंने उनमें से एक लड़के को एक दो हाथ लगा भी दिए. फिर उन लड़कों से मेरी हाथापाई वाली लड़ाई हो गई और मेरे हाथ में से भी खून आने लगा था. क्योंकि उन लड़कों ने मुझे गिरा दिया था, जिस से सड़क पर गिरने से मुझे खून आने लगा था.
तभी गली में कुछ और लोग आ गए जिससे वो लड़के भाग गए.
इसके बाद मैं अपनी बाइक को स्टार्ट करके जाने लगा, तो पीछे से मीनू ने आवाज लगाई- रुको.. मैं रुका तो वो मेरे पास आई और बोली- मुझे कॉलेज साथ ले चलो, मौसम भी ख़राब है और बस का पता नहीं कब तक आएगी. मैंने सहमति में सर हिलाया. मीनू बोली- उन लड़कों से बचाने के लिए थैंक्स. उसने वहां की सारी बातें सुन ली थीं क्योंकि वो तो खुद वहीं खड़ी थी. इसके बाद उस टाइम उसने कुछ नहीं बोला, बस बाइक पर बैठ गई.
मैंने बाइक स्टार्ट कर दी और कॉलेज के लिए रवाना हो गया. रास्ते में बारिश की वजह से ठंडी ठंडी हवा चल रही थी, जिससे ठण्ड लग रही थी और ठंड की वजह से वो बार बार मेरे पास को हो रही थी.
फिर हम कुछ मिनट में कॉलेज पहुंच गए. उस टाइम हमारी कोई बात नहीं हुई, हम दोनों क्लास में आए, लेक्चर स्टार्ट हो गया था. हम दोनों क्लास में आ कर अपनी सीट पर बैठ गए.. और लेक्चर लेने लगे.
जब कॉलेज ऑफ हुआ तो मैं घर जाने को कॉलेज के गेट के बाहर निकल रहा था तो वो मुझे गेट पर खड़ी मिली. मैं कुछ नहीं बोला, वो ही बोली- क्या तुम थोड़ी देर बात कर सकते हो? मैंने बोला- हां बोलो? उसने बोला- तुम सुबह उन लड़कों को क्या बोल रहे थे.. कब से चल रहा है ये? मैं कुछ नहीं बोला, तो वो बोली- मैंने कुछ पूछा है.. जवाब दो? मैंने बता दिया- जबसे ये सब समझने लगा हूँ, तब से. मीनू बोली- तो अब तक बताया क्यों नहीं? मैंने बोला- तुम गुस्सा नहीं हो जाओ इसलिए..
हमारी बातें अभी हो ही रही थी कि उसकी एक फ्रेंड आ गई और वो अपनी सहेली के साथ चली गई. मैंने घर आकर सोचा कि शायद वो भी मेरे से प्यार करती है.
कुछ ही दिनों में वैलेंटाइन डे आने वाला था. मैंने सोचा इस बार बोल देता हूँ और हिम्मत करके कुछ करने की सोच ही रहा था कि फ़रवरी महीना स्टार्ट हो गया. मैं सोच रहा था कि क्या करूँ.. ये सब सोचते ही 7 फ़रवरी आ गई आज रोज डे था. मैं एक गुलाब लेकर कॉलेज के लिए निकल रहा था कि रास्ते में वो मिल गई. वो पैदल कॉलेज जा रही थी.
मैंने पूछा- कॉलेज जा रही हो.. चलो साथ चलते हैं. मेरे कहने वो बाइक पर आ गई. हम कॉलेज को रवाना हो गए. मैंने रास्ते में बाइक रोक ली. उसने बोला- यहाँ क्यों रोकी है बाइक? मैंने बोला- मुझे कुछ कहना है. मैंने फिर बैग से वो गुलाब का फूल निकाला और हाथ को आगे बढ़ा कर उसे देते हुए ‘आई लव यू..’ बोल दिया.
उसने रोज ले लिया.. लेकिन कुछ नहीं बोला.. हम कॉलेज में पहुंच गए. उस दिन कॉलेज में कुछ बात नहीं हुई.
फिर शाम को जब घर जा रहे थे वो मुझे कहीं नहीं दिखी. अगले दिन प्रोपोज़ डे था तो मैं रोज लेकर भी गया और आज वो रास्ते में भी नहीं मिली. कॉलेज में जाकर देखा तो वो नहीं आई थी. कॉलेज में मैं बहुत दुखी हुआ. इस तरह दिन बीतते गए और 14 फ़रवरी आ गई.
मैंने उसे कॉलेज में विश किया, लेकिन उसका जवाब नहीं आया. मैं दुखी हो कर जाने लगा तो वो बोली- तुम्हें तुम्हारा जवाब तुम्हारे जन्मदिन पर मिल जाएगा. अगले सप्ताह में 22 फ़रवरी को मेरा जन्मदिन था.
मैं उसका इंतज़ार करने लगा. उस दिन मैं कॉलेज गया तो वो मुझे गेट पर ही मिल गई. उसने मुझे रोका और बोली- जन्मदिन की पार्टी नहीं दोगे? मैंने बोला- क्या चाहिए? बोली- तुम्हारा आज का दिन. मैंने बोल दिया- दे दिया. अब फिर बोली- तो चलो मेरे साथ..
हम दोनों बाइक पर बैठे और एक रेस्टोरेंट में आ गए. उसने वहां केक मंगवा कर मेरा जन्मदिन मनाया और गिफ्ट में मुझे एक किस और रोज देते हुए ‘आई लव यू..’ भी बोल दिया. मैं हतप्रभ था तो मीनू ने मुस्कुरा कर बोला- ये रहा तेरा जवाब.
फिर हम दोनों बातें करने लग गए. हमारी प्रेम कहानी चल पड़ी. अब तो रात में हम दोनों मोबाइल पर भी मैसेज और कॉल लगा कर बात करने लगे. धीरे धीरे हमारी बातें सेक्सी भी होने लगीं. एक दिन मैंने उससे बोला- कहीं अकेली मिलो ना. बोली- क्या करने का विचार है? मैंने बोला- जो बातें करते हैं वो ही… वो हंसने लगी और बोली- सही टाइम आने दो.
ऐसे ही एक महीना हो गया और एग्जाम टाइम भी आ गया. उसी दौरान उसके घर में किसी की शादी आ गई. शादी उसकी बुआ की ननद की थी. उसके मम्मी पापा और छोटा भाई वहां चले गए. वो भी दो दिन के लिए वो एग्जाम का बहाना कर घर पर ही रुक गई. उसने मुझे बोला- घर वाले दो दिन तक शादी में जा रहे हैं तो तुम घर पर आ जाना.
उनके जाने के बाद मैं छुप छुप के उसके घर आ गया और जब घर के अन्दर गया तो उसको गले लगा लिया. उसने भी मुझे अपनी बांहों में कस लिया. इस वक्त उसके मम्मों को मैं अपनी छाती से दबा रहा था. हम किस करने लगे और धीरे धीरे गरम होने लगे. हम दोनों लगातार किस करते रहे और धीरे धीरे मैं उसके मम्मों को एक हाथ से दबाने लगा.
कुछ ही देर में हम दोनों बहुत गर्म होने लगे. हम दोनों के कपड़े भी निकलने लगे. कुछ ही पलों में वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में ही रह गई थी और मैं अंडरवियर में था. मैंने उसको नजर भर कर देखा तो वो शरमा गई, मैंने भी उसकी ब्रा को निकाल दिया और मम्मों को मुँह में लेकर चूसने लगा. फिर मैंने एक हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया और वो भी मेरे लंड को अपने हाथ से दबाने लगी.
हम दोनों ही कामोत्तेजित होने लगे. कामुकता हम पर सवार हो चुकी थी, अगले कुछ ही पलों में हम दोनों बिल्कुल नंगे हो गए. मैं उसके मम्मों को अभी भी चूस रहा था. धीरे धीरे मैं उसके पेट पर जीभ फेरता हुआ उसकी चुत तक आ गया और जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा.
अपनी चूत पर मेरी जीभ का अहसास पाते ही वो बहुत उत्तेजित हो गई और उछल उछल कर चूत चटवाने लगी. मैंने उसे अपने लंड को चूसने को बोला तो मना करने लगी, बोली- अच्छा नहीं लगता है. मैंने उससे बोला- एक बार किस तो कर लो डियर.
तो वो लंड पर किस करने लगी.. उसको मजा आया तो धीरे धीरे वो मुँह के अन्दर लंड लेने लगी. फिर बोली- अब सहन नहीं हो रहा है.. जल्दी से अन्दर डाल दो ना. मैंने- किधर डाल दूँ? वो मेरी छाती पर मुक्का मारते हुए बोली- सताओ मत.. और हां इतना बड़ा नहीं ले पाऊँगी.. तुम थोड़ा ही डालना. मैं यहाँ बता दूँ कि मेरे लंड का साइज काफी लम्बा और मोटा है.
मैंने उसको चुदाई की पोजीशन में लिटाया और चुत पर लंड लगा कर धीरे धीरे अन्दर डालने लगा. वो बोली- दर्द हो रहा है. यह हम दोनों का पहली बार सेक्स था और लाइफ में भी पहला था.. तो डर भी लगना बनता ही था.
मैं दो मिनट रुक गया और फिर एक धक्का लगाया तो उसकी चूत से खून आने लगा और वो भी दर्द से रोने लगी. थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे और जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैं फिर से धक्के लगाने लगा.
अब चुदाई ने स्पीड पकड़ ली थी. वो पांच मिनट में एक बार झड़ गई. उसके कुछ देर बाद मैं भी आने वाला था. मैंने धक्के तेज कर दिए और हम दोनों साथ ही झड़ गए.
हम दोनों काफी थक गए थे तो थोड़ी देर लेटे रहे. लगभग 30 मिनट बाद हमने एक बार और चुदाई का मजा लिया.
इस बार उसे दर्द कम हुआ और हमें झड़ने में टाइम भी थोड़ा ज्यादा लगा. फिर हम बाथरूम गए और दोनों ने अपने को साफ़ किया. उससे चला भी नहीं जा रहा था. मैंने उसे हाथ पकड़ कर बिस्तर पर लेटाया. मैं बोला- मैं पेन किलर और गर्भ निरोधक लेकर आता हूँ.
उसने सर हिलाया. मैं दवाई लेकर आया और उसे दी. इसके बाद मैं घर चला गया. दूसरे दिन हमने तीन बार सेक्स किया.
अगले दिन उसके घर वाले आ गए लेकिन अब हमें जब भी मौका मिलता है हम सेक्स का मजा कर लेते हैं.
यह मेरी पहली हिंदी सेक्सी स्टोरी है, आपको यह कहानी कैसी लगी, अपने विचार मेरी मेल आईडी पर जरूर देना. आपका दोस्त रवि कुमार [email protected]
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