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दोस्तो.. मैं संजय जयपुर से हूँ. मेरी उम्र 23 साल है और लंबाई 6 फुट है. मेरा लंड 6.5 इच लंबा व 2.5 इंच मोटा है. मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में बिजनेस एनानलिस्ट हूँ. मैंने आइ आइ टी वाराणसी से बी.टेक. किया है. आज मैं आपको अपने जीवन की पहली चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूं. मेरा विश्वास है कि इस हिंदी सेक्स कहानी को पढ़ कर लड़के अपना लंड हिलाएंगे और लड़कियां अपनी चूत में उंगली किए बिना नहीं रह पाएंगी.
ये कहानी थोड़ी लंबी है, पर मजेदार है. आप लोग तसल्ली से पढ़ें क्योंकि इसमें बहुत मज़ा आने वाला है.
यह बात आज से 6 महीने पहले की है. मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती हैं, उनका नाम पायल है और उनका फिगर 36-30-38 है. भाभी एकदम माल हैं, उनकी नशीली आँखें, गुलाबी पंखुड़ी जैसे होंठ, मस्त नरम चूचे, पतली कमर, गहरी और गोल नाभि, मस्त उठी हुई गांड.. जो भी भाभी की इस कमनीय काया को एक बार देख भर ले, उसका लंड खड़ा न हो जाए तो कहना.
पायल भाभी का हमारे घर आना जाना रहता है. उनके पति एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं और उनका एक बच्चा भी है.
जब मैं 12 वीं क्लास में था, तब उन्हें देख कर मुठ मार लेता था. फिर मैं अपनी आगे की पढ़ाई करने वाराणसी चला गया. मुझे उन भाभी की बहुत याद आती थी पर क्या करता, पढ़ाई भी ज़रूरी थी. आइ आइ टी कॉलेज में पढ़ने का एक अपना ही रुतबा होता है. मेरे आइ आइ टी में एड्मिशन लेने से मेरी इज़्ज़त मेरी कॉलोनी में बढ़ गई थी और इसी का फ़ायदा मुझे उन भाभी की चूत मार कर मिला.
मैं जब भी छुट्टियों में घर आता, पायल भाभी हमारे घर ज़रूर आतीं और मुझसे मेरी कॉलेज और पढ़ाई के बारे में पूछतीं. मुझे भी इसी बहाने उन्हें ताड़ने का मौका मिल जाता था. क्या क्लीवेज है भाभी की.. आह.. मन करता था कि अभी उनकी चूचियों की दरार में अपनी जीभ घुसा दूं. खैर तब मैं केवल ताड़ने के अलावा और कुछ नहीं कर सकता था. यह बात भाभी ने भी नोटिस कर ली थी कि मैं उन्हें घूरता हूँ.
अभी 9 महीने पहले ही मैं अपनी पढ़ाई पूरी करके आया था. जॉब मुझे कैम्पस प्लेसमेंट से मिल ही गई थी और जयपुर में ही ज्वाइनिंग थी. दो महीने बाद मेरी ज्वाइनिंग थी. मैं और मेरे घर वाले तो खुश थे. मेरी कॉलोनी में भी मेरी धाक जम गई थी. पायल भाभी भी हमारे घर आईं और मुझे बधाई देकर पार्टी माँगने लगीं. मैंने भी कहा- क्यों नहीं ज़रूर मिलेगी, बोलिए क्या चाहिए आपको? तो उन्होंने कहा कि पहले घूमना फिर मूवी और फिर एक अच्छे से रेस्तरां में डिनर.. इस से कम में काम नहीं चलने वाला है. इतना कहकर भाभी हंस दीं.
उनका हंसता हुआ चेहरा देखकर मेरा तो लंड खड़ा हो गया. एक तो वो दूध जैसे गोरी और ऊपर से उनकी हँसी, मानो कयामत ढा रही थी. मैंने भी उनको इंप्रेस करने के लिए हाँ बोल दी.
फिर एक दिन मैंने अपना वादा पूरा करते हुए उनको घुमाने, मूवी दिखाने और डिनर कराने ले गया, जब उनके पति बाहर गए हुए थे. भाभी उस दिन ब्लैक कलर की साड़ी में क्या मस्त माल लग रही थीं, ऊपर से उनका खुला पेट और नाभि साफ़ दिख रही थी, जिससे मेरा तो बुरा हाल हो गया था. मैं तो पूरे टाइम अपना लंड सैट करने में लगा रहा. यह बात भाभी ने नोटिस कर ली थी और वे मुस्कुराने लगीं. मैं भी अपना लंड ठीक करते हुए उन्हें स्माइल पास करने लगा.
फिर पूरा दिन घूम कर हम दोनों वापिस घर आ गए. उस दिन के बाद से वो मुझ से ज्यादा घुल मिल गईं और हमारे बीच हँसी मज़ाक होने लगा. अब मेरी ज्वाइनिंग में केवल एक महीना बचा था और मैं हर टाइम उनके चोदने की सोचता रहता था.. पर कोई मौका नहीं मिल पा रहा था.
एक दिन उनके पति को टूर पर बाहर जाना था और वो भी पूरे 3 दिन के लिए. इस मौके पर भाभी जी मेरी मम्मी के पास आईं और बोलीं- आंटी जी, मेरे पति 3 दिन के लिए बाहर जा रहे हैं और मैं घर पर अकेली हूँ, मुझे रात में अकेले रहने से डर लगता है. क्या आप संजय को मेरे घर रात में सोने के लिए भेज देंगी. मम्मी भी उन्हें पसंद करती थीं तो उन्होंने हाँ कर दी.
यह बात मुझे पता चली तो मैं तो खुशी से पागल हो गया, पर मम्मी को पता ना चल जाए इसलिए नॉर्मल रहा और सिंपली हाँ बोल दिया.
फिर मैं भाग कर अपने रूम में आ गया और भाभी की चुदाई के सपने देखने लगा, जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने बाथरूम में जा कर भाभी के नाम की मुठ मार ली.
अब मैं शाम होने का इंतजार करने लगा. शाम को जल्दी से खाना खाकर मम्मी को भाभी के यहां जाने का बोलकर भाभी के घर की तरफ निकल गया.
मैंने टी-शर्ट और बरमूडा पहन रखा था क्योंकि जून का महीना था और गर्मी बहुत ज़्यादा थी. मैं जब भाभी के घर पहुँचा तो भैया जा चुके थे और भाभी खाना बना रही थीं.
उन्होंने उस समय ग्रीन कलर की साड़ी पहन रखी थी, जो कि पूरी पसीने से भीगी हुई थी. उन्होंने मुझे अपने बेबी को संभालने के लिए कहा. मैं भी टीवी देखते हुए उनके बेडरूम में बेबी को संभालने लगा.
फिर आधे घंटे बाद भाभी खाना बना कर नहाने चली गईं. मेरा मन तो किया कि बाथरूम में घुस कर अभी चोद दूं, पर मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था.. इसीलिए शांति से उनके आने का इंतज़ार करने लगा.
जब वो बाहर आईं तो उन्होंने पिंक कलर की नाइटी पहन रखी थी. आह.. क्या लग रही थी वो उस समय.. क्या बताऊं.
फिर उन्होंने मुझे खाना खाने के लिए बोला तो मैंने कहा कि मैं खाकर आया हूँ. तब वो ज़िद करने लगीं कि मैंने अपने हाथों से तुम्हारे लिए खाना बनाया है, तुमको खाना ही पड़ेगा.
मैंने भी उनका दिल रखने के लिए हाँ बोल दी और हम दोनों खाना खाने लगे.
खाना होने के बाद वो बर्तन साफ करने किचन में चली गईं, मैं भी उनका हाथ बंटाने किचन में आ गया और उनकी हेल्प करने लगा. इस बात से भाभी बहुत खुश हो गईं. मैंने भी उनका विश्वास जीत लिया. फिर हम टीवी देखने लगे. उनका बेबी भी सो गया था.
मैंने बोला- भाभी मुझे कहाँ सोना है? तब उन्होंने बोला- इसी रूम में सो जाओ क्योंकि ए सी केवल बेडरूम में ही है और मुझे भी अकेले में डर लगता है.
मैं तो खुश हो गया और हाँ बोल कर मैं बेड पर लेट गया. हम दोनों के बीच बेबी सो रहा था. भाभी भी सो गई थीं, पर मुझे नींद तो दूर दूर तक नहीं आ रही थी.
करीब 2 घंटे बाद जब भाभी गहरी नींद में चली गईं, तब मैंने उन्हें देखा क्या मस्त लग रही थीं. साँस लेने की वजह से उनके चूचे ऊपर नीचे हो रहे. ये देखकर मेरा लंड तो खड़ा हो गया. मैं उनके पास गया और उनकी गरम गरम साँसें महसूस करने लगा. मैं उनके चेहरे के पास अपने होंठ ले गया और उनके गाल पर किस कर दिया.
उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैं उनकी नाइटी को धीरे धीरे ऊपर उठाने लगा और जो भी जगह दिखती जाती, वहाँ चूमने लगा. मैंने उनकी नाइटी जाँघ तक उठा दी, जिससे उनकी पिंक कलर की पैंटी दिखने लगी. मैं तो यह सीन देख पागल हो गया. मैंने धड़कते दिल से भाभी के मम्मों पर हाथ रख दिया, क्या बूब्स थे एकदम नरम.
हाथ रखते ही भाभी थोड़ी सी हिलीं, मैं डर के मारे पीछे हट गया. थोड़ी देर बाद मैं फिर से ट्राइ करने लगा लेकिन इस बार भाभी की नींद टूट गई और वो जाग गईं. मेरी तो गांड फट गई. उन्होंने मुझसे पूछा- तुम ये क्या कर रहे हो?
मेरी तो बोलती बंद हो गई. फिर मैंने हिम्म्त करके बोला- भाभी, मैं आपको पसंद करता हूँ. उन्होंने कहा- तुम एक अच्छे लड़के हो और मुझे भी तुम पसंद हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं तुम ऐसी हरकत करो. भाभी मुझसे नाराज़ हो गईं.
मैं उनसे माफी माँगने लगा और कहा- भाभी आप मुझे पसंद हो. मैं आपको कई सालों से प्यार करता हूँ, पर मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई. आप इतनी खूबसूरत हैं कि मैं खुद को रोक ना सका और ये कर बैठा.. प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो. मैं आज के बाद ऐसी हरकत नहीं करूँगा. मैं आपसे बहुत दूर चला जाऊँगा, लेकिन आपको भुला नहीं पाऊँगा. यह कह कर मैं रोने लगा.
तब भाभी मेरे पास को हुईं और बोलीं- मैं भी तुम्हें पसंद करती हूँ. मैं तो तुम्हारी परखना चाहती थी कि तुम मुझसे सच्चा प्यार करते हो या बस मुझे चोदना चाहते थे और तुम इस परीक्षा पास हो गए. मैं अब तुम्हारी हूँ मेरे राजा.
उनके मुँह से चोदना शब्द सुनकर मेरी आँखें चमक उठीं, मैंने कहा- भाभी आपने तो डरा ही दिया मुझे. उन्होंने आँख मारते हुए कहा- मुझे पायल ही बुलाओ मेरे राजा.. और अब ऐसे ही रात गुज़ार दोगे क्या? कुछ करना नहीं क्या? मैंने बोला- आज मैं तुम्हें सारे मज़े दूँगा मेरी पायल रानी.
इतना कह कर मैंने अपने होंठ भाभी के गुलाबी होंठों पर रख दिए और उन्हें पागलों की तरह चूमने लगा. लगभग 15 मिनट तक चूमने के बाद मैंने अपनी जीभ भाभी के मुँह में डाल दी और उनकी जीभ चूसने लगा. अब मैंने एक हाथ उनके सीधी तरफ वाले चूचे पर रख दिया और दूसरा हाथ उनकी गांड पर रख दिया. मैं दोनों हाथों से को बुरी तरह से मसलने लगा. पायल के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं- ओह्ह्ह.. उह्ह्ह.. उम्म.. म्मम्म.. मैं उनके कान की लौ को मुँह में लेकर चूसने लगा और भाभी की गर्दन को चूमते हुए उनकी नाइटी उतार दी.
अब भाभी केवल पिंक कलर की ब्रा और पैंटी में थीं. उन्हें इस रूप में देखकर मेरा तो लंड खड़ा हो गया. मैंने भाभी के दोनों मम्मों को पकड़ लिया और बुरी तरह से मसलने लगा. इसके बाद मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया. हुक खोलते ही उनकी ब्रा छिटक कर नीचे गिर गई और उनके दोनों कबूतर आज़ाद हो गए. शर्म के मारे भाभी एक हाथ से अपना चेहरा और एक हाथ से अपने उभारों को ढकने की नाकाम कोशिश करने लगीं.
अब मेरा बहुत बुरा हाल हो गया तो मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपना लम्बा लंड उनके मुँह के सामने ले आया, जिसे देखकर पायल भाभी ने अपनी आँखें बंद कर लीं, पर मैं कहाँ रुकने वाला था. मैंने पहले उनके दोनों हाथ उठा कर ऊपर कर दिए और उनके मम्मों पर टूट पड़ा. जैसे मैंने अपनी जीभ उनके निप्पलों पर फिराई, उनके मुँह से आह निकल गई और वो मेरा मुँह वहाँ से हटाने लगीं.
पर मैं कहाँ मानने वाला था. मैंने उनको बेड पर अपने नीचे दबोच लिया और उनके दोनों हाथ ऊपर करके दोनों मम्मों को एक साथ पकड़ कर बुरी तरह चूसने लगा और जीभ फिराने लगा. मेरी इस हरकत से पायल भाभी ज़ोर से सिसकारियां लेने लगीं- आआऊऊ.. ऊओह्ह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ह्ह्ह.. ह्ह्ह ह्ह्हम्म ऊओ म्मम्म प्लीज़ मत करो आह..
पर मैं कहां मानने वाला था. मैं अपना एक हाथ उनके पेट पर फिरा रहा था और अपनी उंगली उनकी गोल ओर गहरी नाभि में घुमा रहा था.
कुछ मिनट तक भाभी के मम्मों को चूस कर मैं नीचे भाभी की चूत की ओर बढ़ने लगा. मेरे बुरी तरह चूसने की वजह से भाभी के चूचे एकदम लाल हो गए थे. अब मैं उनके पेट पर अपनी जीभ फिरा रहा था. भाभी का पेट साँस लेने की वजह से बहुत तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहा था. मैंने अपनी जीभ भाभी की नाभि में उतार दी और गोल गोल घुमाने लगा.
मेरी इस हरकत से पायल भाभी बुरी तरह से काँप उठीं और बोलने लगीं- प्लीज़ वहाँ नहीं.. मैं मर जाऊंगी आह.. आह रूको आह.. मैंने बोला- अभी तो कुछ किया नहीं मेरी रानी.. तुम तो अभी से मरने की बात करने लगीं. इतना कहकर मैंने उनके दोनों मम्मों को पकड़ते हुए फिर से अपनी जीभ को उनकी नाभि में फिराना शुरू कर दिया.
मेरे इस दाँव से भाभी काँपते हुए झड़ने लगीं. उनकी चूत के पानी छोड़ देने से पैंटी गीली हो गई थी. मैंने उनकी पैंटी उतार दी और पैंटी के गीले हुए हिस्से को चाटने लगा.
अब पायल ने आँखें बंद कर लीं, क्योंकि उन्हें पता था कि मैं अब आगे क्या करने वाला हूँ.
मैंने भाभी की चूत पर मुँह रख दिया, तो उनके मुँह से आह निकल गई. मैंने अपनी जीभ भाभी की चूत के दाने पर फिरानी शुरू कर दी. पायल भाभी बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगीं. वो बहुत तेज़ी से साँसें लेने लगीं, जिससे उनका पेट और चूचे बहुत तेज़ी से ऊपर नीचे होने लगे.
मैंने अपनी जीभ पूरी तरह से भाभी की चूत में डाल दी और उन्हें जीभ से चोदने लगा. भाभी बहुत तेज सिसकारियां लेने लगीं- आआऊऊ.. ऊओह्ह.. ह्ह्ह्ह्ह.. ह्ह्हम्म.. मत करो.. आह.. रूको.. अम्म.. बस…
करीब 5 मिनट तक मेरा ऐसा करने से वो बुरी तरह चिल्लाते हुए मेरे मुँह में ही झड़ गईं. मैंने भी उनका सारा पानी भी लिया और बची-खुची बूंदें अपनी जीभ से चाट कर साफ कर दीं. भाभी बुरी तरह से काँप रही थीं. उनकी चूत का एकदम गरम और नमकीन पानी था. एसी की ठंडक में गरम पानी पीकर मुझे और जोश चढ़ गया और मैंने उन्हें संभलने का मौका न देते हुए अपनी उंगली उनकी चूत में डाल दी और अंगूठे से उनके दाने को रगड़ने लगा.
इस बार भाभी चिल्ला पड़ीं और बोलीं- संजय प्लीज़ अब और नहीं.. आह.. चोद दो मुझे.. आह.. नहीं.. आह… मैंने उन्हें चुप कराने के लिए तुरंत ही उनके होंठ चूसने शुरू कर दिए.
अब बस भाभी के मुँह से दबी हुई आवाज ‘म्म्म.. अम्म्म..’ आ रही थी. एक हाथ से मैं भाभी की चूत मसल रहा था और दूसरे हाथ से उनके मम्मे भींच रहा था.
थोड़ी देर बाद भाभी फिर से झड़ गईं और अब तक बेडशीट भी थोड़ी गीली हो गई थी. भाभी अब भी काँप रही थीं. अब मैंने कहा- जान तुम तो झड़ गईं लेकिन मेरा तो कुछ करो.. देखो अब तुम्हारी बारी है. जल्दी से अपना मुँह खोलो और इस राजा को शांत करो.
वो सिहरते हुए उठीं और मैं लेट गया. अब भाभी ने धीरे धीरे अपने लरजते होंठों से लंड को छुआ और गप से मुँह में लंड ले गईं. उन्होंने मेरे लंड की चमड़ी को पीछे किया और मेरा सुपाड़ा निकालकर उस पर जीभ फिराने लगीं.
अब मेरी हालत खराब हो गई और मेरे मुँह से आह निकल गई. पहली बार मुझे स्वर्ग जैसा आनन्द प्राप्त होने लगा. करीब 10 मिनट बाद ही मैं उनके मुँह में झड़ गया. वो मेरा सारा मुठ पी गईं.. और अपनी जीभ से मेरा लंड पूरा साफ कर दिया.
मैं लंड से पानी निकलते समय एकदम से सिहर सा गया था.
भाभी कहने लगीं कि क्यों अब पता चला ना.. मैं कैसे तड़प रही थी. तुम तो अभी से झड़ गए. वे हँसने लगीं. मैंने कहा- अच्छा मेरी जान ये बात है, तो अभी बताता हूँ कि तड़पना क्या होता है.
यह कह कर मैंने भाभी को ज़ोर से बेड पर पटका और उनकी टांगें चौड़ी करते हुए अपना लंड भाभी की चूत के छेद पर रगड़ने लगा. मैं उनकी चूत के दाने को लंड से रगड़ने लगा. अब भाभी के तड़पने की बारी थी, भाभी बोलीं- प्लीज़ अब डाल दो ना अन्दर और मत तड़पाओ.. मैं हार मानती हूँ.. प्लीज़ इसे अन्दर डाल दो. मैंने भी ज़्यादा टाइम ना गँवाते हुए एक ज़ोर का झटका मारा, मेरा लंड 3 इंच तक अन्दर घुस गया. वो ज़ोर से चीख उठीं- आह.. मर गई.. आह…
मेरा भी यह पहला अनुभव था इसीलिए मेरे भी लंड की चमड़ी छिल गई और मुझे भी दर्द होने लगा, पर मैंने इसकी परवाह न करते हुए एक और ज़ोर का झटका मारा. मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में चला गया और पायल भाभी ज़ोर से चीखने लगीं. मैं भी थोड़ी देर रुक गया और भाभी के होंठ चूसने लगा, चूचे दबाने लगा. फिर जब वो शांत हो गईं, तब धीरे धीरे धक्के देने शुरू किया, मैं अपना लंड भाभी की चूत में अन्दर बाहर करने लगा और हम दोनों की सिसकारियां निकलने लगीं. ‘आआअहह.. अइय्आआ आऐययईया…’
मैं भाभी को चोदते हुए उनके मम्मों को मसलने लगा और निप्पल खींचने लगा. वो बोलने लगीं- आआआअहह.. और ज़ोर से.. अइय्आआ.. करते रहो.. ज़ोर से.. चोद.. आह.. अम्म्म..
मैंने भी धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और धकापेल चुदाई होने लगी. कुछ ही पलों बाद भाभी एकदम से अकड़ गईं. मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली हैं. वो ज़ोर से चिल्लाते हुए सिसियाने लगीं- आह.. मेरी जान.. मैं आ रही हूँ.. आह.. आह.. और भाभी झड़ गईं.
पर मेरा खेल अभी खत्म नहीं हुआ था. मैंने भी धक्कों की स्पीड और तेज कर दी. वो अभी भी चीख रही थीं और काँप रही थीं. करीब 10-15 धक्कों के बाद मैं भी चीखता हुआ भाभी की चुत में ही झड़ गया. झड़ने के बाद मैं वैसे ही कुछ देर तक उनके ऊपर ही पड़ा रहा.
एक मिनट बाद मेरा लंड भी सिकुड़ कर भाभी की चूत से बाहर आ गया. साथ में हम दोनों का कामरस भी उनकी चुत से बाहर निकलकर कर बेडशीट पर टपकने लगा. भाभी मुझे चूमते हुए बोलीं- ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं आया.. आइ लव यू मेरी जान.. वो मुझे किस करने लगीं.
फिर मैं बोला- मेरी जान अभी तो पूरी रात बाकी है. आज की रात तुम कभी नहीं भूलोगी. इतना कह कर मैं उनके मम्मों पर फिर से टूट पड़ा और अपने जीभ उनके निपल्स पर फिराते हुए चूसने लगा. उन्होंने मेरा सिर ऊपर खींचते हुए बोला- बदमाश थोड़ा आराम तो करने दे. मैं अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए बोला- मेरी जान आज तो मैं तुम्हें थका कर ही दम लूँगा..
और मैंने उन्हें ज़ोर से पलट कर उल्टा लेटा दिया. अब मैं अपने हाथों से उनकी गांड को चौड़ा करने लगा और उनकी गांड के छेद पर उंगली फिराते हुए उंगली अन्दर घुसा दी. उनकी गांड बहुत टाइट थी. वो चिल्लाने लगीं- आह.. वहाँ नहीं.. आह मत करो.. दर्द हो रहा है..
मैंने भाभी की गांड मारने का मन बना लिया था तो वे भी डरते हुए राजी हो गई और बोलीं- पहले क्रीम लगा लो. मैंने उठकर क्रीम की डिब्बी ली और ढेर सारी क्रीम उनकी गांड के छेद पर लगा दी और अपने लंड पर भी लगा ली.
अब मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया. अपना लंड उनकी गांड के छेद पर रख दिया और अपना एक हाथ उनके मुँह पर रखते हुए एक ज़ोर का झटका दे मारा. मेरा लंड 2 इंच उनकी गांड में घुस गया. वो ज़ोर से चिल्लाते हुए नीचे गिर गईं. उनकी आँख से आँसू आ गए. मेरा लंड थोड़ी देर वैसे ही भाभी की गांड में घुसा रहा और मैं उन्हें सहलाते हुए चुप कराने लगा.
जब वो शांत हो गईं, तब मैंने फिर से घोड़ी बनाते हुए एक और झटका मारा. मेरा लंड पूरा अन्दर चला गया. उनकी चीख निकल गई और वो फिर से रोने लगीं. उनकी चीख सुन कर बेबी भी जाग गया. दर्द तो मुझे भी बहुत हो रहा था क्योंकि उन्होंने गांड ज़्यादा बार मरवाई नहीं थी और उनकी गांड बहुत टाइट थी. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और वो बेबी को चुप कराने लगीं. पूरे मज़े की माँ चुद गई.
थोड़ी देर बाद बेबी फिर से सो गया तो मैंने कहा- चलो फिर से शुरू करते हैं. अब उन्होंने साफ मना कर दिया और कहा- चूत मार लो लेकिन गांड में मत डालो.. मैं उधर डालने नहीं दूँगी.
मैंने सोचा कि घोड़ी बना कर चूत मारते समय भाभी की गांड में डाल दूँगा. मैंने कहा- ठीक है.. और इतना कह कर मैं भाभी के चूचे चूसने लगा. अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने बोला कि मैं तुम्हें घोड़ी बनाकर चूत मारूँगा, तुम घोड़ी बन जाओ.
उनके घोड़ी बनने के बाद मैंने अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया. अब वो आहें भरने लगीं- आआअहह.. अइय्आआ आऐययईया…
मैंने भी मौका पाते ही झट से लंड चूत से निकाल कर गांड में घुसा दिया. मेरे इस हमले से पायल भाभी फिर से चिल्ला पड़ीं तो मैंने झट से उनके मुँह पर हाथ रख दिया. उनकी मुँह से बस ‘गूंगूं..गून्ह..’ की आवाज़ ही आ रही थी.
अब लंड पूरा घुस चुका था, मैं पूरी ताकत से उनकी गांड मारने लगा. कितना मस्त मज़ा आ रहा था, मैं आपको शब्दों में नहीं बता सकता. करीब 15 मिनट बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया और हम दोनों एक साथ बेड पर गिर पड़े.
हम दोनों को ए सी में भी पसीना आ रहा था. कुछ मिनट के बाद मैंने अपनी जीभ उनकी पीठ पर फिरानी शुरू कर दी.. तो वो कहने लगीं- बस अब क्या मुझे मार ही डालोगे?
मैं बोला- मेरी मलिका.. क्या तुम अभी से थक गईं, मैं तो अभी फुल चार्ज हूँ. वो हाथ जोड़ते हुए बोलीं- बस मेरे राजा.. मैं हार मानती हूँ.. मुझे छोड़ दो. मैं हंसा और बोला- आज से तुम्हें मेरा हर कहना मानना होगा, तभी मैं तुम्हें छोड़ूँगा. उन्होंने कहा- हाँ बाबा हाँ.. मैं तुम्हारी गुलाम बन कर रहूंगी, प्लीज़ अभी मुझे बख्श दो. मैं बोला- तुम तो मेरी जान हो गुलाम नहीं.. तुमने जो आज मुझे मज़ा दिया है है उसके लिए तो मैं तुम्हारा गुलाम बनने को तैयार हूँ.. थैंक्स पायल. वो मुझे किस करते हुए बोलीं- अरे नहीं.. तुम तो मेरे दिल में बस गए हो, आज से मैं तुम्हारी हूँ.
इतना कहकर हम दोनों आपस में लिपट कर सो गए.
सुबह 9 बजे पायल भाभी नहा धोकर चाय बनाकर मुझे उठाने के लिए आईं. उन्होंने अपने गीले बाल मेरे ऊपर झटके, तब मेरी नींद खुली. क्या खुशबू आ रही उनके शरीर से.. मैं तो खो सा गया.
तब उन्होंने मुझे किस करते हुए ‘गुड मॉर्निंग..’ कहा और चाय दी. मैंने चाय साइड में रखते हुए उन्हें ज़ोर से अपने पास खींच लिया. उनकी साड़ी का पल्लू हटाकर मम्मों को पकड़ लिया और नाभि में जीभ फिराने लगा.
भाभी ने मुझे धक्का देकर दूर कर दिया और बोलीं- अभी नहीं.. आज रात को तुम्हारे लिए सरप्राइज़ है. मैं फिर से उन पर चढ़ते हुए बोला- रात का रात को देखेंगे, अभी मुझे सुबह का नाश्ता और दूध पीना है.
मैंने उनके चूचे फिर से पकड़ लिए. लेकिन वो मुझे दूर करके खुद गेट के पास जाकर बोलीं- बोला ना.. अभी कुछ नहीं मिलेगा, केवल चाय पियो और अपने घर जाओ.. मुझे रात की तैयारी करनी है.
मुझे चिढ़ाते हुए भाभी किचन में चली गईं. मैं भी उनके पीछे पीछे आ गया और पूछा- क्या सरप्राइज़ है.. ये तो बता दो जान..? वो बोलीं- अरे बोला ना सरप्राइज़ है.. रात को ही पता चलेगा, अब तुम जाओ यहाँ से.. वरना तुम्हारी मम्मी तुम्हें लेने आ जाएंगी. भाभी हंस दीं.. मैं भी बोला- अच्छा ये बात है.. तो तुम्हारे लिए भी एक सरप्राइज़ है मेरी जान और वो आज रात को तुम्हें पता चलेगा.
यह कहकर मैंने उन्हें किस किया और अपने घर आ गया.
अब दोस्तो वो क्या सरप्राइज़ है और मुझे क्या सरप्राइज़ मिला.. यह मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगा.
आपको मेरी यह हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी.. अपने विचार या सलाह के लिए मुझे मेल ज़रूर करना.. इससे मुझे प्रोत्साहन मिलेगा. मेरी मेल आईडी है. [email protected]
कहानी का अगला भाग : दुल्हन बन कर भाभी ने सुहागरात मनाई-1
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