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अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज के सब पाठकों को मेरा नमस्कार, मैं करण फिर से एक घटना लेकर आपके सामने प्रस्तुत हुआ हूं. मेरी पुरानी कहानी मुंबई की भाभी को मोटे लंड की तलाश थी आपने पढ़ी और बहुत सारा प्यार दिया. काफी मेल्स करने के लिए सबका दिल से शुक्रिया.
नई कहानी की शुरुआत भी वहीं से हुई. एक प्रशंसक, जिनका नाम विनोद है, उन्होंने मुझे मेल किया और कहा कि उन्हें मेरी कहानी काफी पसंद आई और वो उसी विषय में मुझसे फ़ोन पर बात करना चाहते हैं. ऐसा बोल कर उन्होंने मेरा नंबर मांग लिया, तो मैंने उन्हें अपना नंबर दे दिया.
अगले ही दिन उनका मुझे कॉल आया. उनकी जो जानकारी मुझे मिली वो कुछ यूं है. विनोद मुम्बई में रहते हैं, शादीशुदा हैं, उनकी पत्नी का नाम स्वाति है, उनकी उम्र 32 और स्वाति की 30 है.
उन्होंने बताया कि वो और उनकी पत्नी साथ में ही अन्तर्वासना साइट पर कहानियाँ पढ़ते हैं. वो चाहते थे कि जैसे मैंने मुम्बई वाली भाभी को संतुष्ट किया, वैसे ही मैं उनकी बीवी को करूं. वैसे उनकी शादी को 4 साल हो चुके थे लेकिन वो अपनी बीवी को कभी भी अच्छे से संतुष्ट नहीं कर पाए क्योंकि उनका लंड काफी छोटा था… बस यूं समझिए कि एक छोटे बच्चे की लुल्ली की तरह था. इसी लिए वो सेक्स करते समय ज्यादातर बार मोमबत्ती या गाजर से अपनी बीवी को चोद कर संतुष्ट करते थे. लेकिन अब उनकी बीवी एक बार असली लंड से सुख लेना चाहती थी. अपनी पत्नी की इस चाहत से रजामंद तो थे लेकिन वो चिंतित थे कि कहीं किसी को पता चल गया तो उनकी काफी बदनामी होगी और कोई गलत आदमी मिल गया तो हो सकता है कि ब्लैकमैल भी करे. इसलिए उन्होंने अपनी चाहत जताई थी कि कोई माकूल व्यक्ति किसी दूसरे शहर में मिले और उन्होंने मेरी कहानी पढ़ने के बाद सोचा कि मुझसे बात करें.
फोन पर ही उन्होंने मुझसे ये सब बताते हुए पूछा- आपको चुनने का एक कारण और ये भी है कि हम अगले हफ्ते आपके शहर सूरत में एक शादी में सम्मलित होने आ रहे हैं तो आपकी क्या राय है? मैंने उनसे कहा- मैं आपकी बात समझता हूँ पर पहले मैं आपकी बीवी से पूछना चाहता हूँ कि वो भी ऐसा ही चाहती है.. जैसा अपने मुझे बताया? उन्होंने कहा- फोन पर बात करना चाहते हैं या मिल कर बात करना चाहते हैं? मैंने उन्हें कहा- आप सूरत आ ही रहे हैं तो एक बार हम मिल लेते हैं. फिर जो होगा तय कर लेंगे.
उनको मेरी बात ठीक लगी, उन्होंने मुझे अपने आने का कार्यक्रम बताया. जिस दिन उन दोनों को आना था, मैं उन्हें लेने स्टेशन पहुँच गया. चूंकि हमने कभी एक दूसरे को देखा नहीं था तो मैंने उनको फ़ोन पर बताया कि मैं स्टेशन के बाहर गाड़ी पार्किंग मैं उनका इन्तजार करूंगा.. और उन्हें अपनी गाड़ी नंबर भी बता दिया.
थोड़ी देर बाद एक आदमी और एक खूबसूरत सी महिला मुझे अपनी ओर आते दिखाई दिए. महिला बहुत ही सुंदर थी, गोरी 5 फीट 6 इंच की हाइट, भरे हुए चूचे, पतली कमर, आह, मैं तो उसके हुस्न में खो सा गया.
इतने मैं उस आदमी ने मुझे हिलाया और हंसते हुए कहा- कहाँ खो गए करण? मैं विनोद..! मैंने उनसे हाथ मिलाया. फिर उन्होंने मुझे अपनी बीवी से मिलवाया. “ये मेरी पत्नी स्वाति.” मैंने उनसे हाथ मिलाया, सच में वो बहुत सुंदर माल थी.
हम गाड़ी में बैठे तो विनोद से पता चला कि उन्होंने पास में ही होटल लॉर्ड्स प्लाजा में एक रूम बुक किया हुआ है. मैंने उनसे पूछा कि आप शादी में शामिल होने आए हैं तो यहां रूम क्यों लिया? उन्होंने बताया कि मैंने अपने रिश्तेदारों को स्वाति के साथ आने का नहीं बताया है, एक बार आपसे बात हो जाए तो तय करेंगे कि क्या करना है.
मैं उन्हें होटल ले गया और उनसे कहा कि मैं नीचे लॉबी में वेट करता हूँ, आप फ्रेश हो कर आ जाइए, फिर रेस्टोरेंट में लंच करते हैं और वहीं बात भी कर लेंगे. उन्होंने रूम की चाबी ली और जल्दी से फ्रेश होकर नीचे आ गए.
अब स्वाति ने ब्लू जीन्स और पिंक टी-शर्ट पहन ली थी, जिसमें वो परी लग रही थी. हम लोग मेरी गाड़ी मैं बैठे और पास के एक रेस्टोरेंट में आ गए. वहां विनोद ने स्वाति को मेरी साथ वाली सीट पर बिठाया और खुद सामने बैठ गए. विनोद ने मुझसे कहा- आप बातें करें, मैं आर्डर देकर आता हूं. यह कह कर वो चले गए.
अब तक स्वाति से मेरी कोई बात नहीं हुई थी, मैंने स्वाति की तरफ देखा, वो काफी शर्मा रही थी. मैंने उससे कहा- आप इजी हो जाएं और मुझे एक दोस्त ही समझें. स्वाति से सर उठाया और मुस्कुरा दी.
मैंने स्वाति से कहा- तुम बहुत सुंदर हो. वो फिर मुस्कुराई और थैंक्यू बोली. मैंने कहा- क्या आप जानती हैं कि हम क्यों मिले हैं? तो उसने कहा- जी हां. मैंने कहा- मैं जानना चाहता हूँ कि जो आपके पति ने कहा, उसमें आपकी भी मर्जी शामिल है? उसने कहा- जी हां.. अपनी खुशी चाहना और अपनी इच्छाओं को पूरा करना कोई गलत तो नहीं! मैंने कहा- नहीं.. इसमें कोई गलत बात नहीं है लेकिन खुद का सहमत होना सबसे जरूरी है.
इतनी देर में विनोद आ गए और उन्होंने मुझसे मेरी मर्जी पूछी तो मैंने उन्हें कहा कि इतनी खूबसूरत महिला को कौन मना कर सकता है, शायद कोई बेवकूफ ही होगा. विनोद ने खुश होते हुए मुझे बताया कि यहां पे कल मेरी कजिन की शादी है. मैं अभी होटल से सामान लेकर अकेला वहां चला जाऊंगा. वहां सबको मैंने बताया भी है कि स्वाति किसी काम की वजह से आज नहीं आ पाई है और वो कल आ जाएगी. होटल की कल 12 बजे तक की बुकिंग है, कल मैं सबको बोल कर आ जाऊंगा कि मैं स्वाति को स्टेशन से लेने जा रहा हूँ. इस तरह विनोद ने अपनी बीवी मेरे पास छोड़ कर अपने जाने का कहा.
मैंने विनोद को कुछ देर रुकने को कहा, पर वो कहने लगे कि स्वाति उसके सामने खुल नहीं पाएगी, इसलिए वो नहीं रुकेंगे.
हम दोनों होटल पहुंचे विनोद ने रिसेप्शन पे मुझे अपना गेस्ट बताया और मैं उनके साथ रूम में आ गया. रूम काफी अच्छा था. मैं बाहर बालकनी में खड़ा था. विनोद स्वाति को रूम में ले गए, उनके बीच कुछ बातचीत हुई, फिर विनोद मेरे पास आए, उन्होंने मुझसे हाथ मिलाया और मुझसे बोला कि जो सुख मैं स्वाति को नहीं दे पाया, वो आप जरूर देना. इतना बोल कर वो वहाँ से चले गए.
अब मैं और स्वाति अकेले थे. स्वाति एकदम चुप बैठी थी. मैंने माहौल को थोड़ा हल्का करते हुए पूछा- स्वाति, आप लोगों ने मुझे ही क्यों चुना? उसने बताया कि पहली वजह कि आप सूरत से हैं और हमें शादी के लिए सूरत आना था. फिर आपकी कहानी पढ़ी तो आपका सेक्स करने का तरीका और आपका हथियार का साइज अच्छा लगा. जब विनोद ने आपसे पैसों की बात की तो आपने मना कर दिया. विनोद को लगा कि आप सेफ आदमी हो और बाद मैं भी पैसों के लिए तंग नहीं करोगे.
मुझे भी स्वाति की बात अच्छी लगी.
फिर स्वाति ने कहा- मैं फ्रेश हो कर आती हूँ. उसने अपने बैग मैं से गाउन निकाला और बाथरूम में चली गई. मैंने तब तक टीवी पर गाने लगा लिए.
कुछ देर में स्वाति बाहर निकली, मैं तो उसे देखता ही रह गया. क्या कयामत लग रही थी वो.. उसने ब्लैक कलर का फ्रॉकनुमा गाउन पहन रखा था. मैं उसकी खूबसूरती में खो ही गया था. वो मेरे पास आई और मुझे हिलाते हुए कहा- कहां खो गए जनाब? मैं होश में आया और कहा- तुम बहुत सुंदर हो स्वाति.
वो शरमाई, मैंने उसके गाल पर किस किया तो वो फिर से शरमाई. फिर मैं अपने होंठों को उसके होंठों के पास ले गया और हम दोनों स्मूच करने लगे. हमारा किस काफी देर तक चला.
मैंने स्वाति को बेड से उठाया और खड़ा करके उसका गाउन खोलने लगा. सामने से खुलने वाला गाउन खुलते ही वो मेरे सामने लाल कलर की ब्रा पैंटी में थी. मैं तो उस फिगर देख कर पागल ही हो गया. वो 36-28-36 की कमाल की माल थी, एकदम गोरी चिट्टी, बड़े बड़े चूचे, गदराई हुई मोटी गांड. मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मे मसलने लगा. वो कामुक सिसकारियां भरने लगी. मैं उसकी नाभि को चाटने लगा, वो भी पागल हो गई.
फिर मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए, अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थी, उसने मेरे कपड़े भी निकाल दिए. जैसे ही उसने मेरा अंडरवियर निकाला, मेरा लंबा लंड बाहर आ गया. लंड देख कर उसकी आँखों में चमक आ गई. वो कहने लगी- इतने साल बाद आज मेरी इच्छा पूरी होगी. मैंने भी उसकी चूची मसलते हुए कहा- मुझे भी तुम जैसी मस्त माल को चोदने में मजा आने वाला है. स्वाति- मैं तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ. मैं- तुम जो चाहो कर सकती हो स्वाति, मुझे भी तुम्हारी चूत चाटनी है.
अब हम दोनों 69 की अवस्था में हो गए. मैं उसकी गुलाबी चूत चाटने लगा और वो मेरा लंड चूसने लगी. वो मेरा लंड बहुत अच्छे से चूस रही थी और सिसकारियां भर रही थी.
मैंने उसका मुँह चोदने की अपनी स्पीड बढ़ा दी, इधर उसकी चूत में से नमकीन पानी आने लगा. मैं समझ गया कि वो झड़ रही है, मैं और तेज़ चाटने लगा उसकी टांगें कंप गईं और वो जोर से अकड़ते हुए झड़ गई. उसने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और मैं भी उसके मुँह में ही झड़ गया. वो मेरा माल पी गई, फिर हम एक दूसरे के बाजू में लेट गए.
मैंने पूछा- स्वाती, मजा आया? उसने कहा- बहुत.. मैंने कहा- असली मजा अभी बाकी है. उसने कहा- मुझे भी उसी का इंतज़ार है.
फिर क्या था, उसने मेरा लंड फिर से चूसना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. जैसे ही लंड खड़ा हुआ, वो मेरे ऊपर आ गई और लंड को अपनी चूत में डालने लगी.
उसने कभी इतना बड़ा लंड लिया नहीं था, इसलिए उसकी चूत बहुत टाइट थी. लंड अन्दर नहीं जा रहा था तो उसने अपने बैग में से क्रीम निकाली, अपनी चूत पे और मेरे लंड पे लगा कर फिर कोशिश करने लगी. अब मेरा टोपा उसकी चूत में फंस गया. उसे थोड़ा दर्द हुआ, मैंने नीचे से ज़ोर का धक्का दिया तो मेरा मोटा लंड स्वाति की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया. उसको काफी दर्द हुआ उसकी चीख निकल गई- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं वहीं रुक गया, वो मेरे सीने पर झुक गई. मैंने धीरे से उसके मम्मे सहलाए, मुँह में लेकर चूसने लगा.
जब वो कुछ शांत हुई तो मैं नीचे से धक्के लगाने लगा. धीरे धीरे उसे मज़ा आने लगा तो उसने ऊपर से कमान संभाल ली. वो ऊपर से मुझे चोदने लगी और जोर ज़ोर से कूदने लगी. थोड़ी देर में ही स्वाति झड़ गई.
फिर मैंने उसे नीचे लिटा लिया और ऊपर चढ़ कर उसकी चूत चोदने लगा और उसके मम्मे चूसने लगा. वो फिर से नीचे से कमर उठा कर मेरा साथ देने लगी और जल्दी ही झड़ गई. मेरा अभी झड़ना बाकी था तो मैंने उसे डॉगी स्टायल में झुकाया और पीछे से उसकी चुत चोदने लगा. दस मिनट बाद मैं भी झड़ गया और उसके बगल में लेट गया.
मैंने उसकी ओर देखा, वो काफी खुश थी. उसने मुझे किस किया और हम दोनों एक दूसरे के गले लग के वैसे ही सो गए. दो घंटे बाद मेरी नींद खुली तो स्वाति मेरे साथ चिपक कर सो रही थी. मैंने उसके माथे पे किस किया तो वो जग गई.
इस वक्त हमें बहुत भूख लगी थी, तो स्वाति ने रूम सर्विस से खाने को स्नैक्स मंगवाये और बोल दिया कि खाना दरवाजे के बाहर ही रख दें, क्योंकि वो अभी नहाने जा रही है.
फिर हम दोनों साथ में नहाने चले गए. वहां भी हमने एक दूसरे को जम के चूसा और चुदाई की.
चुदाई के बाद बाथरूम से बाहर आ कर हम खाना खा रहे थे.. तभी स्वाति के फ़ोन पर विनोद का फ़ोन आया. उसने संकोच से मेरी तरफ देखा तो मैंने कहा- तुम बात करो. मैं बाहर बालकनी में आ गया.
थोड़ी देर बाद स्वाति ने मुझे आवाज़ दी और फोन पकड़ा दिया. विनोद ने मुझे शुक्रिया बोला और कहा कि स्वाति बहुत खुश है, आपने उसे बहुत कम्फर्ट फील करवाया है और उसकी इच्छाओं को पूरा किया है. उसने कहा कि उसके सब रिश्तेदार चाहते हैं कि स्वाति आज ही आ जाए, वो सब बहुत जिद कर रहे हैं इसलिए मैंने फ़ोन किया है. मैंने अपने रिश्तेदारों से कह दिया है कि स्वाति की अभी ट्रेन में बुकिंग करवाई है, वो थोड़ी देर मैं मुम्बई से निकल कर 4 घंटे में यहां पहुँचेगी.. तो अब आपके पास यही टाइम शेष है. मैंने स्वाति को भी बता दिया है. मेरी कजिन मेरे साथ स्वाति को लेने स्टेशन आएगी, इसलिए अब मैं होटल नहीं आ पाऊंगा बल्कि आपको स्वाति को स्टेशन के अन्दर छोड़ना होगा. इससे किसी को शक नहीं होगा. मैंने कहा- ठीक है.
फिर विनोद ने कहा कि होटल का पेमेंट वो कर चुका है, इसलिए आप लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी. इसके बाद उन्होंने फ़ोन काट दिया.
मैं अन्दर गया तो स्वाति टीवी देख रही थी मैंने स्वाति से पूछा- विनोद जी ने क्या बताया है? तो उसने कहा- हां विनोद ने मुझे बता दिया है. “अब तुम्हारा क्या मूड है?” तो उसने मुस्कराते हुए अपने दूध खुजाए और कहा- वही.. जो थोड़ी देर पहले था. अगर तुम्हें ऐतराज़ न हो तो! मैंने कहा- मुझे क्यों ऐतराज़ होगा.
हम दोनों फिर से बेड पर आ गए और अगले दो घंटे तक धकापेल चुदाई करते रहे. फिर हम दोनों स्टेशन जाने के लिए तैयार हुए, जाने से पहले स्वाति ने अपने बैग में से एक गिफ्ट पैक निकाला और मेरी तरफ बढ़ा दिया.
मैंने लेने से मना किया तो उसने कहा- आपने पैसों को लेने से मना किया था इसलिए विनोद और मैं आपको ऐसे धन्यवाद कहना चाहते हैं, प्लीज इसे मना मत कीजिएगा. उसने काफी जोर दिया, तो मैंने वो गिफ्ट ले लिया. उसके सामने ही खोला तो उसमें एक लेटेस्ट ब्रान्डेड वाच थी, मुझे भी घड़ियों का काफी शौक है, इसलिए मुझे काफी पसंद आई. मैंने उसे थैंक्यू कहा और किस किया.
इसके बाद हमने चैकआउट किया और मेरी गाड़ी में हम दोनों स्टेशन पहुँचे. स्वाति को स्टेशन के अन्दर छोड़ा. कुछ देर बाद विनोद का फ़ोन आया कि स्वाति हम बाहर खड़े हैं, तुम बाहर आ जाओ.
स्वाति बाहर चली गई और मैं अपनी गाड़ी के पास आ गया. तभी विनोद का फ़ोन आया, उसने एक बार फिर शुक्रिया कहा और वो चले गए. मैं अपने घर आ गया. अब भी उनकी और मेरी ईमेल पे या फ़ोन पर बात होती रहती है, हम काफी अच्छे दोस्त हैं.
उनसे बात करके ही मैं ये कहानी यहां लिख रहा हूँ, उम्मीद है आपको यह कहानी पसंद आई होगी. आपके जवाब का मुझे इंतजार रहेगा. [email protected]
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