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हिंदी पोर्न स्टोरी पहला भाग : सेक्सी माया की अन्तर्वासना-1 कहानी का दूसरा भाग : सेक्सी माया की अन्तर्वासना-2
अब तक आपने पढ़ा था कि अमित ने कहा था कि माया तू कल से बिना ब्रा पेंटी के ऑफिस आएगी. लेकिन माया ब्रा पेंटी पहन कर ही ऑफिस आई उसने सोचा था कि जल्दी से केबिन में आकर ब्रा पेंटी उतार लेगी. लेकिन उस्मान पहले से ही माया की ताक में था.
अब आगे..
“ये क्या मैडम, तुम ब्रा पेंटी पहन कर आई हो.. साली रंडी.. अभी अमित सर को बताता हूँ.” उस्मान ये कहता हुआ और हंसता हुआ चला गया. माया भी हंसने लगी.
कुछ देर बार अमित और उस्मान माया के केबिन में आ गए. अमित कुछ बोलता, इसके पहले ही माया अपनी ब्रा और पेंटी उतार के अपने ड्रावर में छुपा चुकी थी. माया अंगड़ाई लेते हुए बोली- क्या हुआ राजा. तभी उस्मान माया की टेबल की तरफ बढ़ा और इससे पहले माया उसे रोक पाती, उस्मान ड्रावर खोल चुका था.
माया की पेंटी सूंघते हुए उस्मान बोला- आह.. माया मेमसाब चड्डी में महक आ रही है.. चूत में कौन सी मस्त खुशबू लगाती हो.. लंड खड़ा हो गया. अमित बोला- आज इस कुतिया की नंगी चूत की खुजली तो मिटानी ही पड़ेगी.
माया की आँखों से नशीला अंदाज बिखर रहा था. उसे अमित और उस्मान से आज लंड मिलने पूरी उम्मीद हो चली थी. अमित बोला- चल रांड, खड़ी हो और यहाँ आ..
माया उठी और अमित के सामने जाकर खड़ी हो गई. अमित ने माया को उल्टा घुमाया और उसके सर पे हाथ रख के नीचे की तरफ धक्का लगाया. इससे माया का सर टेबल पे टिक गया. माया रोकने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अमित के आगे उसकी एक ना चली. वो चाहती थी कि पहले कुछ चूमा चाटी हो जाती.
अमित ने उस्मान को इशारा किया और उस्मान भी माया के पीछे आ गया. अब उस्मान ने माया की साड़ी ऊपर उठानी चालू की और अमित माया के ब्लाउज पे टूट पड़ा. माया तो खुद को जल्द से जल्द नंगा होने की कोशिश कर रही थी.
“आज तुझे पता चलेगा अमित का लंड क्या मजा देता है. तुझसे पहले इस ऑफिस की 4 और रंडियों ने भी मेरे लंड का मजा लिया है और आज मैं जब चाहूँ, जहाँ चाहूँ उन्हें चोद देता हूँ.” शेखी मारते हुए अमित बोला.
माया की साड़ी उसकी गांड से लगभग ऊपर उठाते हुए उस्मान बोला- लेकिन उन सबमें इसके जितने बड़े मम्मे किसी के नहीं है सर.. ये जब से आई है, मैं रोज़ इसके नाम की मुठ मारता हूँ. अमित अश्लीलता से हंसते हुए बोला- तो आज तुझे इनाम मिलना ही चाहिए. आज तेरी माया मैडम खुद अपने मुलायम मुलायम होंठों से तेरे लंड की मुठ मारेगी.
वो माया के ब्लाउज के सारे हुक खोल चुका था और अब उसे माया की गोरी गोरी पीठ बहुत ही मादक नज़र आ रही थी. माया को बहुत मजा आ रहा था वो चिल्ला चिल्ला कर मजा लेना चाहती थी लेकिन उसे लग रहा था कोई सुन न ले. माया अब बस ये चाहती थी कि ये सब जल्द से जल्द लंड पेल दें और उसकी चूत की आग को बुझा दें.
अमित ने बाल खींच कर माया का सर ऊपर किया और उसकी गांड पे एक चपत लगाई. माया को बहुत दर्द हुआ और वो मस्ती से सिसिया उठी. अमित बोला- मजे कर बहन की लौड़ी, जोर से चिल्लाएगी तो पूरे स्टाफ को चूत देनी पड़ेगी. माया को समझ आ गया था कि अब चुप रह कर मजा लेना चाहिये.
माया ने जैसे ही आँख खोली, उस्मान उसके सामने टांग फैलाए बैठा था. वो अपनी पेन्ट उतार चुका था और उसका लंड माया के सामने था. उस्मान का सोया हुआ लंड भी 5 इंच का लग रहा था. अपना लंड हिलाते हुए उस्मान बोला- आज ही सारे बाल साफ़ किये हैं मैडम आपके लिए. माया इठलाते हुए बोली- मुझसे चुसवा कर तेरे भाग्य खुल जाएंगे भोसड़ी के.. “मेरी मस्त रंडी, बातें चोदना छोड़ और अब लंड चूसना चालू कर..” अमित बोला और माया के बाल छोड़ दिए.
अमित माया की गांड पे अब हाथ फेरने लगा और उसकी जाँघें सहलाने लगा. माया के शरीर में करंट सा दौड़ गया और उसके मुँह से एक आअह्ह्ह निकल गई. उस्मान अब भी अपना लंड हाथ में लिए हिला रहा था, जोकि अब पूरी तरह तन चुका था.
माया ने आज पहली बार असल में अपने पति के अलावा कोई और लंड देखा था. वो उस्मान का मोटा लंड मुँह में लेने से पहले कुछ सोचने लगी, उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था. इतने में अमित ने माया की चुत में एक उंगली डाल दी. वही हुआ जिसके लिए माया सोच रही थी. माया का शरीर उसे धोखा दे चुका था.
“देख तेरी चूत कैसे पानी छोड़ रही है.” यह कहते हुए अमित ने अपनी उंगली उस्मान को दिखाई. ये देख कर उस्मान से रुका नहीं गया और वो माया का चेहरा पकड़ कर अपने लंड के पास ले आया.
“मैडम, आज आप भी मज़ा लो और हमें भी लेने दो..” यह कहते हुए उस्मान माया का चेहरा अपने लंड पे दबाने लगा. माया ने अपने दूध सहलाते हुए अपना मुँह खोल दिया और उस्मान का लंड अपने गले तक जाता हुआ महसूस करने लगी. उस्मान बोला- अमित सर आह.. सससस.. क्या गरम मुँह है साली का आह्ह्ह… इसके मुँह में तो में पूरे दिन अपना लंड ठूंस के रख सकता हूँ.
इधर अमित से भी रहा नहीं गया और उसने माया की चुत पे अपनी जीभ लगा दी. अब माया ने अपना मुँह उस्मान के लौड़े पर ऊपर नीचे करना चालू कर दिया. बीच बीच में लंड बाहर निकाल कर वो कामुक सिसकारियां भी ले रही थी और उस्मान के टट्टों से खेल रही थी. उधर अमित अब दो उंगलियां माया की चुत में डाल चुका था और साथ ही साथ चुत के दाने को चूस रहा था.
“चूस रंडी.. आआह्ह्ह.. जोर से चूस.. बहन की लौड़ी.. ले मेरा लंड अपने गले तक.. ऊऊह्ह्ह..” उस्मान बड़ी मुश्किल से बोल पा रहा था- अमित सर.. जरा इसके कबूतरों को भी आजाद करो ना.. आआह्ह्ह्ह..”
अमित ने फटाफट माया की ब्रा का हुक खोल दिया. इसके साथ ही उसने माया की साड़ी खींच कर पेटीकोट से बाहर निकाल दी और पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया. अब माया नंगी खड़ी उस्मान का लंड चूस रही थी और अमित से अपनी चुत चटवा रही थी. ये वही लोग थे जिनसे माया हाल ही में मिली थी और जिनके लंडों से चुदने की बात कई बार माया ने सोच रखी थी. अमित पीछे से बोला- लंड बाहर निकाल कर सुपारा तो चूस मेरी रानी..
माया ने वैसे ही किया और अब वो मस्ती से उस्मान के लौड़े से खेलने लगी. अमित ने माया की पीठ पे चुम्मियों की बौछार लगा दी और वो माया के हाथों को चूमता हुआ पीठ और बोबे के बीच वाली जगह चाटने लगा. माया को लगा जैसे उसकी चुत में बाढ़ ही आ जाएगी. माया अब पूरे मन से उस्मान के लौड़े को चूस चाट रही थी.. जो कि उसके पति अंकित जितना ही बड़ा था. लेकिन उस्मान के टट्टे माया को बहुत बड़े लग रहे थे.
इधर अमित भी अब माया की कमर और पेट के बीच वाली जगह तक पहुँच गया था. जैसे ही अमित ने वहाँ चाटना चालू किया, माया की आँखें बंद हो गईं. आज तक खुद माया को नहीं पता था कि ये जगह उसको इतना उत्तेजित कर सकती है.
माया अब मस्ती में आ गई थी और अमित के इशारों पे थिरकने लगी.
“देख ये रंडी कितनी चुदासी हो गई है और साली अपनी गांड हिला रही है.” अमित के चेहरे पे विजयी मुस्कान थी. “क्यों तड़पा रहे हो सर इसे.. आपकी सारी रंडियों में आआह्ह्ह.. सबसे ज्यादा यही पसंद हैं मुझे.. कर दो बेचारी की इच्छा पूरीईई.. आह..”
उस्मान को पता था वो कभी भी झड़ सकता है. उसने हाथ बढ़ा कर माया के दोनों मम्मे पकड़ लिए और निप्पल ऐसे खींचने लगा जैसे उखाड़ ही डालेगा. उस्मान माया के चूचों का दीवाना हो गया था और उन्हें पूरी तरह निचोड़ लेना चाहता था. माया भी यही चाहती थी कि उस्मान उस पर जरा भी रहम ना दिखाए. जितना तेज़ उस्मान माया के निप्पल खींचता, उतनी ही ताकत लगा कर माया उस्मान का लंड चूसती. माया को इस खेल में मज़ा आ रहा था कि तभी उसे अपनी चुत में कुछ महसूस हुआ. वो समझ गई थी कि अमित ने उसे चुदक्कड़ बना ही दिया.
इधर अमित का अपना ही खेल चालू था. वो माया को पेट से लेकर पीठ तक चाटे जा रहा था.. चूमे जा रहा था. अपना लंड माया की चुत में ठूंसने के बाद भी उसने चाटना बंद नहीं किया. अमित की जीभ लगते ही माया अपने आप ही अपनी गांड हिलाने लगती, जिससे अमित के लंड पे अच्छी रगड़ लग रही थी. इससे अमित और माया, दोनों को सुखद अहसास हो रहा था.
अब तक लंड चुसाई का मजा लेता हुआ उस्मान भी ज्यादा टिक ना सका और उसके लौड़े ने लावा उगल दिया. माया का मुँह भर गया और उस्मान का मुठ उसके मुँह से निकल के बाहर आने लगा.
एक मिनट बाद माया भी झड़ने लगी. झड़ते झड़ते भी वो उस्मान का लंड चूसे जा रही थी और अमित उसे चोदे जा रहा था. माया की चुत अब अमित के लौड़े को ऐसे पकड़ रही थी, जैसे माया के होंठ अमित के लंड को चचोर रहे हों.
माया नहीं चाहती थी कि अमित दो पल के लिए भी रुके, वो तो बस लगातार चुदवाना चाहती थी. माया उस्मान का लंड अपने मुँह से निकालते हुए बोली- चोद बहन के लौड़े, सस्स्स… और जोर से चोद.. बस इतना ही दम है क्या आहहह हहह तेरे लौड़े में.. लगता है बचपन में माँ का दूध नहीं पिया भोसड़ी के. “रुक छिनाल, अभी दिखाता हूँ तुझे.. कितना दम है मेरे लौड़े में!” कहते हुए अमित ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उस्मान को कुछ इशारा किया, जो माया नहीं देख पाई. उस्मान ने माया का चेहरा अपने लौड़े पर दबा दिया. माया आज उस्मान का लंड अपने गले तक लेना चाहती थी और उसने वैसे ही किया. झड़ने के बाद भी उस्मान का लंड वैसे का वैसा ही खड़ा था.
पूरी तरह लंड निगलने के बाद माया ने जीभ निकाल कर उस्मान के टट्टों पे लगाई और फिराने लगी. तभी उसे दर्द होने लगा और डर के मारे उसने अपना चेहरा उठा के पीछे अमित को देखा, जिसके चेहरे पे हैवानियत साफ़ झलक रही थी.
“नहीं अमित, मेरी गांड नहीं.. आज तक मैंने अपनी गांड अपने पति को भी नहीं मारने दी.. आज मैंने अपने पति से इसे खोलने का वायदा किया है. आज उसके गांड मारने के बाद तुम जब भी बोलोगे मैं गांड मरवा लूँगी. लेकिन प्लीज तुम मेरी गांड आआआआ..” इससे पहले माया अपनी बात पूरी बोल पाती, अमित ने अपना पूरा लंड माया की गांड में ठूंस दिया था. माया की आँखें दर्द से बाहर आ गई थीं और वो दर्द से कराहने लगी. माया से अब खड़ा नहीं हुआ जा रहा था और उसकी टांगें काँप रही थीं. उस्मान ने माया का चेहरा पकड़ा और उसके होंठों पे अपने होंठ लगा दिए और चूसने लगा.
इधर उस्मान अपना लंड माया की बोबों पे रगड़ रहा था और माया के होंठ चूस रहा था. अमित के हर धक्के के साथ माया के गले से चीख निकल रही थी, जो उस्मान के होंठों से दब जा रही थी. उस्मान ने कुछ देर माया के होंठों का रसपान किया और फिर माया के होंठ अपने लौड़े पे दबा दिए. “क्यों चुदासी रांड.. अब पता चला कितना दम है मेरे लौड़े में.”
अमित माया की गांड की जबरदस्त चुदाई करते हुए बोला- साली छिनाल की गांड सच मैं बहुत टाइट है रे उस्मान. लगता है सच मैं पहली बार मरवा रही है. साला मेरा लंड छिल गया है. “सर, अब मुझे भी थोड़े मज़े लेने दो ओह्ह.. बड़ी मुश्किल से किसी तरह अपना पानी निकलने से रोका हुआ है आआह्ह्ह.. कस कस के चूस रही है ये रांड.. अब आप अपने लौड़े को थोड़ा आराम दो..”
उस्मान उठा और जमीन पे लेट गया. अमित ने माया को बाल पकड़ के खींचा और उस्मान के ऊपर ले गया. उस्मान की तरफ पीठ करके माया जैसे ही अपनी चुत में उस्मान का लंड लेने के लिए बैठने लगी, उस्मान ने अपना लंड पीछे सरका दिया, जिससे लंड लगभग दो इंच माया की गांड में चला गया और फुर्ती से अमित ने अपना लंड माया के मुँह में ठूंस दिया. माया के मुँह में अजीब सा स्वाद घुल गया.. उसने लंड निकालना चाहा लेकिन अमित लंड बाहर निकालने को तैयार नहीं था.
इतनी देर की चुदाई के बाद माया के पैर उसका साथ नहीं दे रहे थे और उसके पास उस्मान का लंड अपनी गांड में लेने के सिवा कोई चारा नहीं था. माया ने अपना बदन हल्का छोड़ दिया और उस्मान का लंड उसकी गांड में घुसता चला गया.
“सालों मादरचोदों.. आज मैंने अपने पति से गांड खुलवाने का वायदा किया था.. लेकिन तुम कुत्तों ने मेरी गांड खोल ही दी.. आह मजा आ रहा है..”
“माया रानी गांड को सिर्फ लंड से मतलब होता है, उसको नहीं मालूम होता है कि किसका लंड है.. तेरे पति का ना सही मेरे लंड से ही फीता कट गया.. तू तो बस मजा ले..”
अब माया उछल उछल कर अपनी गांड मरवाते हुए अमित का लंड चूस रही थी. अमित माया के चूचों से खेल रहा था. केबिन में तीनों की मादक सिसकारियां गूंज रही थीं. माया ने अपना हाथ बढ़ाया और अपना दाना रगड़ने लगी.
अमित अपने इरादों में कामयाब हो चुका था. ना सिर्फ माया अमित और उस्मान का लंडों से चुद रही थी, बल्कि खुद अपनी चुत भी मसल रही थी. आज माया को अमित ने रंडी बना दिया था और वो जानता था कि अब वो जो चाहे माया से करवा सकता है. उसे पता था कि एक बार औरत के अन्दर की अन्तर्वासना जाग जाए, तो वो अपनी आग शांत करने के लिए बाजार में नंगी होकर भी भी चुदवा सकती है.
अब अमित माया को एक आखिरी सुख देना चाहता था. उसने अपना लंड माया के मुँह से बाहर निकला और माया को पीछे की तरफ धकेला. इधर उस्मान अपनी गांड उछाल उछाल कर माया को चोद रहा था, लेकिन वो जानता था कि उसे क्या करना है. माया जैसे ही पीछे की तरफ झुकी, उस्मान ने उसके दोनों हाथ पकड़ के उसे अपने ऊपर और झुका लिया और झटके मारने बंद कर दिए.
माया उस्मान की तरफ गर्दन घूमते हुए बोली- रुक क्यों गया माँ के लौड़े.. चोद ना मेरी गांड.. लंड तो खड़ा हुआ है फिर क्या अपनी माँ चुदाने के लिए रुका है? “मेरी रंडी के लिए आज का आखिरी तोहफा मेरी तरफ से..” ये बोलते हुए अमित माया की चुत में अपना लंड डालने लगा.
माया की चुत खिंचने लगी और उसे लगा कि आज उसकी चुत फट ही जाएगी.
“बाहर निकल हरामीमीईई.. बहुत दर्द हो रहा है.. आअह्ह्ह्ह.. चुत और गांड दोनों फाड़ेगा क्या.. ऊईईईई माँआआआआ.. मार डाला कमीनों ने..”
अमित ने अपना लंड पूरी तरह से माया की चुत में घुसा दिया था. माया को लग रहा था कि आज वो मर ही जाएगी. हालांकि उसने कई बार ब्लू फिल्मों में इस तरह की चुदाई देखकर सोचा था कि अपने पति के साथ किसी एक का लंड अपनी गांड में भी लेकर सैंडविच बन कर चुदना चाहेगी. आज उसकी ये तमन्ना पूरी हो रही थी लेकिन ये पहली बार था इसलिए उसे भारी दर्द भी हो रहा था.
इससे पहले उसे कभी इतना भरा हुआ महसूस नहीं हुआ.
अमित का लंड उसकी बच्चेदानी तक टकरा रहा था, वहीं उस्मान का लंड भी कम नहीं था. पहले उस्मान ने धक्के मारने चालू किया और फिर अमित ने शुरू कर दिए. दोनों एक एक करके धक्के मार रहे थे.
अब माया भी मस्ती में आ गई थी.
“हरामी सालों.. जोर से चोदो आअह्ह्ह और जोर से चोदो अपनी रांड को.. फ़क मी हार्ड.. एंड फ़क मी फ़ास्ट.. कितनी परफेक्ट ताल में चोद रहे हो.. कितनी लड़किया चोदी हैं तुम दोनों ने मिल कर मादरचोद.. आआह्ह आआह्ह्ह्ह आआह्ह.. आआह्ह्ह.. बोलो भड़वों..”
माया की आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी. अमित चुदाई करते हुए बोला- तू पांचवी रंडी है इस ऑफिस में.. इसी केबिन में तुझ जैसी चार और गांड उछाल उछाल कर चुद चुकी हैं.
तभी गांड में लंड पेलते हुए और सिसकते हुए उस्मान ने कहा- आह्ह.. लेकिन आपके जैसे चुच्चे किसी के नहीं देखे मैडम. “तेरे ही हैं ये चुच्चे मेरे राजा.. आह्ह्ह्ह.. आज से जहाँ चाहे जब चाहे चूस लेना.. बस मेरी गांड की अच्छे से सेवा कर और जोर से चोद.. ओह्ह्ह आआह्ह आअह्ह्.. भड़वे और ताकत लगा मादरचोद..”
अमित थोड़ा आगे झुका और माया की गर्दन पे हमला बोल दिया. माया अब पिघलने लगी. उसे अंदाज भी नहीं था कि वो कितनी बार झड़ चुकी है और उसके अन्दर का ज्वालामुखी फिर से फटने वाला था.
तीनों ताल से ताल मिला के चुदाई का मज़ा ले रहे थे. सबसे पहले माया का बाँध टूट गया. माया पीछे की तरफ उस्मान पे गिर गई. अमित ने आगे बढ़ के माया के एक बोबे को मुँह में भर लिया और माया की चुत की गर्मी के आगे टिक ना सका. वो भी झड़ने लगा. झड़ते झड़ते माया ने अपनी चुत और गांड, दोनों टाइट कर ली थीं, जिससे अमित को लग रहा था कि माया की चुत इसका लंड खा जाना चाहती है.
वही हाल उस्मान का भी था. माया की टाइट गांड और भी टाइट हो गई थी और उस्मान के लौड़े पे जबरदस्त दबाव बना रही थी. उस्मान भी झड़ने लगा, उसने माया का दूसरा चुच्चा पकड़ लिया.
दस मिनट तक तीनों ऐसे ही हांफते रहे और एक दूसरे के ऊपर पड़े रहे. फिर वो उठे और खुद को साफ़ करके कपड़े पहनने लगे.
“ये रही तुम्हारी फोटो माया.. जो उस्मान ने खींची थीं कैमरा माया को देते हुए अमित बोला तो माया ने झट से वो फोटो देखी और हंसते हुए उसने फोटो डिलीट कर दी. “अब फिर कब चूत देगी रानी?” माया अमित का लंड सहलाते हुए बोली- इतनी चुदाई के बाद तुम्हें लगता है, अब मैं इन दोनों लौड़ों के बिना रह सकूंगी? “हाहाहाहा.. ठीक बोल रही हो तुम माया. आज तुमने जैसे चुदवाया है, तुमने मुझे अपना दीवाना बना लिया है.” उस्मान फोटो डिलीट होते देख कर उदास होते हुए बोला- लेकिन अब मुझे घर जाके मुठ मारनी होगी तो मैं क्या देख कर मारूंगा?” “उदास मत हो मेरे राजा, कल फिर चूत दूँगी.” बोलते हुए माया हंस पड़ी.
तीनों दबी आवाज में हंसने लगे और अपना सामान समेटने लगे. आज ऑफिस का टाइम कैसे खत्म हो गया, पता ही नहीं चला. मेरी हिंदी पोर्न स्टोरी आपको कैसी लगी? [email protected]
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