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अन्तर्वासना पर हिंदी में गंदी सेक्स कहानी का मजा लेने वाले मेरे प्यारे दोस्तो, मैं एक और चुदाई स्टोरी के साथ आपके सामने आया हूं. यह स्टोरी मेरे एक रीडर ने मेल की है. वह चाहता है कि मैं उसकी स्टोरी पोस्ट करूं ताकि उसकी भोली भाली दिखने वाली बेवफा बीवी की गैंगबैंग चुदाई से आप सब अवगत हों और सचेत रहें.
आगे की कहानी मेरे रीडर की जुबानी:
हाय फ्रेंड्स, मैं बड़ी शर्मिंदगी से आपको अपनी कहानी बता रहा हूँ. आप मेरे बारे में क्या सोचेंगे, मैं नहीं जानता.
मैं एक प्राइवेट जॉब करता हूं. सुबह खाना खाकर घर से निकल जाता हूं और देर रात को थक हार के घर वापस आता हूं. उम्र 30 दुबला पतला सामान्य कद काठी का आदमी हूँ, झगड़े फसाद से दूर रहता हूँ, मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से लोगों से अलग थलग ही रहना पसंद है.
मेरी बीवी का नाम पदमा है और उसकी उम्र 27 साल है. उसकी फिगर मस्त है. वैसे तो वो सीधी सादी है, सभी से हंस कर बात करने की उसकी आदत है. उसके उठे हुए दूधिया स्तन कलश हैं, उभरे हुए मस्त कूल्हों की वजह से कोई भी उसकी और आकर्षित हो जाता है. साथ ही अभी हमारे बच्चे नहीं होने से वो मेरी अनुमति से एक सरकारी दफ्तर के सामाजिक सेवा के कार्यों में भी जाती रहती है और इसके एवज में कुछ वेतन, नाम और सहूलियत भी उसको मिल जाती है.
सरकारी अफसरों से उसकी जान पहचान का दायरा भी बढ़ गया है, कभी कभी वो सरकारी टूर में भी चली जाती है.
यह बात कुछ टाइम पहले की है, मैं नाश्ता करके घर से अपनी जॉब की तरफ चला गया. जब अपने ऑफिस पहुंचा तो ज्यादा काम भी नहीं होने से और कुछ तबियत भी ख़राब होने से, मैं कुछ घंटे ही रुका और जल्दी घर आ गया.
जब मैं पहुंचा तो घर से थोड़ा आगे एक कार ख़ड़ी हुई थी, मैंने घर के दरवाजे का लॉक बंद पाया तो सोचा कि मेरी बीवी मार्केट गई होगी. मैं वापस आने की सोच ही रहा था कि घर के अन्दर से कुछ लोगों की फुसफुसाहट सी आवाज़ आई.
जब मैंने अन्दर की दरवाजा खोलने के लिए बेल बजानी चाही तो पता चला अन्दर कोई मर्द भी है, जिसकी आवाज़ आ रही थी. तो मैंने बेल नहीं बजाई बल्कि बाजू में जाकर खिड़की के एक छोटे से छिद्र से देखा तो घबरा सा गया. क्योंकि कमरे में मेरी बीवी मादरजात नंगी बैठी हुई थी और उसके सामने तीन मर्द खड़े थे. एक उसका सामाजिक सेवा में साथी था, जिसे मैं जानता था और दो शायद उसके फ्रेंड थे, जो थोड़े गुंडे जैसे तगड़े दिख रहे थे.
यहां मैं बताना चाहता हूं कि मुझे मेरी बीवी के बारे में पता पहले चला था कि उसका जो ये साथी है, वह उससे काफी खुल चुकी है. किन्तु मैंने अपनी बीवी और उसके फ्रेंडस को ऐसी स्थिति में कभी नहीं देखा था.
मुझे यह भी मालूम था कि उसका ये फ्रेंड अमीर तथा काफी पहुँच वाला है, इससे उसे इसके साथ काम करने से, काफी मजे से काम और दाम भी प्राप्त हो जाता है. मैं उसके सामने कुछ नहीं था. इसलिए घर में उसके अन्दर आने पर मैं उसको देख कर ज्यादा हैरान नहीं हुआ. लेकिन मुझे अब समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ. मेरे गुस्सा करने पर कहीं मुझे भी ये लोग मार पीट न देवें, तो मैंने तय किया कि अभी मेरा गुस्सा करना ठीक नहीं है. चलो आज इस हरामजादी की गैंगबैंग चुदाई ही देखते हैं और इनके जाने के बाद पदमा हरामजादी को पीट कर गुस्सा निकालूँगा.
इसलिए मैं बिल्कुल ही चुपचाप दुबक कर अन्दर खिड़की की छेद से झांकने लगा.
पदमा बेड पर बैठी हुई कह रही थी कि प्लीज़ धीरे धीरे करना यार मैं आप तीनों को एक साथ पहली बार झेल रही हूँ. वे तीनों मुस्टंडे अपने खड़े काले और तगड़े लंड लेकर शराब के पैग हाथ में लेकर उसके पास नंगे खड़े थे.
फिर उन्होंने आपस में आँख मार कर कुछ इशारे किये और पदमा को जबरदस्ती शराब पिलाने लगे, ताकि वो नशे में खुल कर चुद सके.
मैं समझ गया कि ये दोनों बाद में ही आये होंगे. कुछ देर में पदमा ने नशे में हो गई और शराब के पैग को थोड़ा थोड़ा जूठा करके उनको वापस पिला दिया. इसके बाद फ्रेंड के बोलने पर उसका लंड मुंह में ले कर लंड चूसने लगी. साथ ही बाकी दोनों के लंड को हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी. फिर शराब के एक नए पैग बनवा कर उसमें तीनों के लंड को बारी बारी से डुबो कर पैग पी गई.
फिर ऐसे ही बारी बारी से पदमा ने सबका लंड चूसा. दस मिनट लंड चूसने के बाद पदमा बेड पर लेट गई और उसने अपनी चिकनी टांगों को फैला दिया.
उसके सहयोगी फ्रेंड का मुँह पदमा के पैर के बीच आ गया और वो पदमा की चूत चाटने लगा. वो चूत में उंगली भी करने लगा, तो पदमा भी मजे में कराहने लगी और उसका सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाते हुए उसको भी सिड्यूस करने लगी.
बाकी दोनों दोस्त उसकी चूचियों को मसलते और सहलाते हुए पूरे नंगे शरीर को चूम चाट रहे थे. वो छिनाल साली बोली- आह.. चाटो मेरी चूत को बहुत गर्म है आज ठंडी कर दो, तुम लोग बहुत अच्छे से चूत को चाटते हो..
उफ्फ इतनी सेक्सी है मेरी बीवी.. ये मैं खुद भी नहीं जानता था.
वो कुतिया कहे जा रही थी- चाटो.. अह.. मेरा पति तो चूत भी नहीं चाटता, बस थोड़ा सा लंड पेल कर चुदाई की और सो जाता है भोसड़ी का.. आह.. उसका लंड भी छोटा सा है, मुझे मजा ही नहीं आता चुदाई में.. तुम्हारे लंड तो काफी बड़े हैं आज चूत चुदाई का पूरा मजा आएगा.
बाप रे.. मुझे तो पदमा की बातों से अपनी बेइज्जती लगने लगी, किन्तु मैं शांत ही रहा.
अब दूसरा भी चूसने आ गया, वह पदमा के स्तनों के मस्त उत्तंग शिखर को चूसने मसलने लगा.
कुछ मिनट के बाद उसके साथी ने अपना लंड पदमा की चूत पर सैट किया और एक जोर का धक्का दिया तो पूरा मोटा कलुआ लंड मेरी बीवी की चूत को शायद चीरता हुआ अन्दर घुस गया.. क्योंकि पदमा की चीख निकल गई और मैंने उसे दर्द से दांतों को दबा कर लंड सहन करते हुए देखा.
दूसरा दोस्त अभी भी उसके मम्मों के साथ खेल रहा था, फिर पदमा का नजदीकी फ्रेंड आगे आया और उसने अपना लौड़ा पदमा के मुंह में जबरन घुसेड़ दिया. पदमा के मुँह से ‘गूंउउ… गूंउउ..’ की आवाज़ निकलने लगी और वो उसका लौड़ा चूसने लगी. उसके तीनों साथी उसकी हालत पर हंसने लगे.
पन्द्रह मिनट तक लगातार चोदने के बाद पहला दोस्त चूत में झड़ गया. फिर दूसरा दोस्त आगे आया, उसने अपना लौड़ा पदमा की चूत पर रखा और धक्का दे मारा. चूत में स्पर्म होने की वजह से उसका लंड आसानी से फच की आवाज से चूत में घुस गया. अब वह भी पदमा को चोदने लगा, उसकी स्पीड पहले वाले से काफी तेज थी.
पदमा दर्द के मारे आआ.. ईईईईईइ.. ऊऊफ़्फ़्स्स चिल्लाने लगी. कुछ बीस मिनट तक चोदने के बाद दूसरा भी चूत में ही झड़ गया.
इतने में पहले वाला फिर से गरम हो गया, वह उठ खड़ा हुआ और बोला कि साली अब तो तेरी गांड मारूंगा. उसका खास फ्रेंड बोला- रुक तू.. अभी.
थोड़ा और नशा ज्यादा चढ़ जाने से वह फ्रेंड बेड पर लेट गया और पदमा से ऊपर आकर अपना लंड चूत में लेने को बोला. पदमा भी नशे में झूमते हुए खुशी खुशी अपने खास फ्रेंड के ऊपर बैठ गई और उसका लंड हाथ से पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड़ कर बैठ गई. अब वो अपने मम्मों को झुलाते हुए लंड के ऊपर नीचे होने लगी. तभी पहले दोस्त ने पदमा की गांड को हाथों से उठा कर थोड़ा थूक उंगली से लेकर गांड के अन्दर डालकर लगा दिया और उसके न न करने पर भी उसकी गांड को जोर की झापड़ लगा दिया.
फिर वो अपना लौड़ा पदमा की गांड में घुसाने लगा जो कि आज तक अनचुदी हुई कुँवारी थी.
पदमा की गांड में जबरन बल पूर्वक मोटा लंड घुसाने से उसकी दर्द के मारे चीख निकल गई- आऐईईइ ऊऊऊ ऊऊऊऊ मादरचोद मार दिया.. भोसड़ी के गांड में मत कर.. सिर्फ आगे की तय हुई थी. कुछ देर बाद पदमा ने सैंडविच चुदाई का मजा लेना शुरू कर दिया था. लेकिन वे लोग कसाईयों के हाथ में फंसी बकरी जैसे, कराहते हुए मेरी बीवी को पागलों की तरह उसके दर्द की परवाह किये बगैर चोदते जा रहे थे.
फिर थोड़े टाइम बाद दोनों ने अपनी पोजीशन चेंज की. खास फ्रेंड ने अपना लौड़ा पदमा की पहले से अन्दर तक गोल लाल दिखती गांड के खुले हुए छेद में घुसेड़ डाला और उसके दूसरे दोस्त ने चूत में पेल दिया.
अब फिर से ये दोनों कसाई जैसे पदमा को बेरहमी से गचा गच कस कर चोदने लगे. साथ ही वह हरामजादा पदमा की निप्पल को भी नशे में दांत से काट रहा था, जिससे पदमा दर्द से व्याकुल होकर जोर जोर से ‘मर गई छोड़ो..’ चिल्लाने लगी. उसके चिल्लाने की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी. बदनामी के डर से मैं हल्ला भी नहीं कर पाया.
वो दोनों अभी भी मेरी बीवी को चोद ही रहे थे, फिर तीसरे दोस्त ने अपना लंड ‘ले साली.. लंड चूस.. तुझे हम काफी पैसे देंगे..’ बोल कर पदमा के मुंह में घुसा दिया, जिससे उसकी आवाजें भी बंद हो गईं. अब सिर्फ पदमा के मुँह से ‘गूंउउ गूंउउ..’ निकलने लगी.
मुझे लगा कहीं उसकी दम न घुट जावे. लेकिन पदमा नशीली निगाहों से उन्हें देखते हुए चुद रही थी. उसके तीनों छेद चूत, गांड और मुँह उन तीनों के लंड से ठुंसे हुए थे.
अब मुझे अपनी बीवी पर बहुत हँसी के साथ दया भी आने लगी और अपनी स्थिति पर दुःख होने लगा. वे साले हरामजादे बहुत ही बुरी तरह से कुत्ते जैसे चोदे जा रहे थे. किन्तु मैं मजबूर था.. चाह कर भी उन गुंडों जैसे आदमियों को देख कुछ भी कर पाने की हिम्मत अपने में नहीं जुटा पा रहा था. लेकिन अपनी बीवी की छिनालों जैसी हरकतों पर मैं दंग था. साथ ही मैं डर भी रहा था कि ये गुस्से में मुझे नुकसान न पहुँचा दें. बेबसी से मेरे आँखों से भी आंसू निकल पड़े.
अब बस रूम में पदमा की ‘गूंउउ गूंउउ..’ और चुदाई से पचक पचक की आवाज आ रही थी. कई मिनट चोदने के बाद दोनों पदमा की चूत और गांड में झड़ गए.
उनके 5 मिनट बाद ही दूसरा दोस्त भी झड़ गया, उसने अपना माल मेरी बीवी के स्तन पर निकाल कर हाथ से चारों ओर फैला दिया. फिर वो साले मेरी बीवी के हाथ में रूपए देते हुए अपने कपड़े पहनने लगे. तो मैं वहां पर से जल्दी से भाग कर चुपचाप बाहर सड़क में आ गया और मेनडोर को फिर से बंद करके घर से दूर जाकर छुप गया, ताकि वे मुझे न देख लें.
जब वह तीनों हरामजादे चले गए. उसके बाद भी एक घंटे बाद ही मैं घर में गया. अब मेन डोर लॉक नहीं था, मेरी बेवफा बीवी भी बिस्तर में खूब थकी सी लेटी हुई थी. मुझे आया देख वो किचन में चाय बनाने उठी तो लड़खड़ा कर गिरने लगी किन्तु मैंने उसे सम्हाल लिया.
मैंने पूछा- क्या हुआ? तो वो बोली- सुबह से थोड़ा कमर में दर्द है, इसलिए चक्कर से आ गए. मैंने उसे सहारा देते किचन तक पहुँचाया.
मेरी बीवी तीन मर्दों से चुद कर मेरे साथ बेवफाई करने के बाद मुझसे ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही ना हो. उसने मुझे पूछा कि आज आप जल्द आ गए? तो मैं बोला- हां, आज बॉस नहीं आया था इसलिए बस आ गया.
फिर वह मेरे लिए लंच बनाने लगी. चूँकि मुझे उसके दर्द का मालूम था, सो पता नहीं क्यों, मुझे उस पर दया भी आने लगी थी. मैं बोला- लाओ, तुम्हारी कमर में आयोडेक्स लगा देता हूँ. मैंने चाय पीकर उसे बिस्तर में सुला कर उसकी साड़ी हटा कर नंगी कमर की आयोडेक्स लगा कर मालिश की और गर्म पानी से कमर से लेकर उसकी गांड तक सिकाई करने लगा.
ये थी मेरी बीवी की बेवफाई की कहानी कि कैसे मैंने अपनी बीवी की नंगधड़ंग चुदाई देखी. इसके आगे क्या हुआ, ये अगली कहानी में बताता हूँ. मुझे मेल ज़रूर करें ताकि मैं अपनी नई कहानी जल्द से जल्द भेज सकूं. मेरी ईमेल आइडी है [email protected]
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