This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
ओ मम्मी, मर गयी रे… ओ… आह… और जोर से… ए रिया कामिनी, मार डाला रे इस कुत्ते ने… ओ माय गॉड… आआह हहहःहः उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊउफ्फ फ्फ्फ मार डाला हरामी!
दो कमसिन लड़कियां और पांच वर्दी वाले मुश्टण्डे… खुले आसमान के नीचे… हरे खेतों में… एक दूसरे की जवानी निचोड़ रहे थे!
हाय दोस्तो, मैं निकिता फिर से एक बार आप सबको मेरी धांसू चुदाई की कहानी सुनाने आयी हूँ. मेरी पिछली कहानियों में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने और रिया ने हरदम धकापेल सामूहिक सेक्स का लुत्फ़ उठाया। मेरी सारी कहानियां पढ़ कर मुझे दो हजार से ऊपर फैन मेल्स आये. मैं आप सब की तहे दिल (या तहे चूत) शुक्रगुजार हूँ. अब की बार कहानी के लिए कुछ ज्यादा ही इंतजार करवाया आपको तो आप सबकी तहे दिल से माफ़ी मांगती हूँ.
बात पिछले साल की सर्दियों की है. आप तो जानते हैं कि दिसंबर में दिल्ली की सर्दियां कैसी रहती हैं? ऐसे ही एक शाम को हम दोनों सहेलियां घर पे बैठी बैठी उकता गयी थी. पीटर भी अपने प्रोजेक्ट में व्यस्त होने की वजह से पिछले तीन हफ्ते से मिला नहीं था. ठण्ड की वजह से हम दोनों भी चुपचाप घर में ही बैठी रहती थी. ऑफिस के बाद दारु पीना और लेस्बियन सेक्स करना इतना ही काम बचा था हमारे पास. मगर आज तो वो भी मन नहीं कर रहा था.
टी.वी. पे कुछ बकवास सी मूवी देख कर हम दोनों ही बोर हो गयी. कुछ देर बाद मैंने रिमोट से टी.वी. बंद किया। दो कुर्सियां उठा कर मैं उन्हें टेरेस पे रख आयी. रिया के चेहरे पे सवालिया निशान आये. मैंने बोतल उठाई और रिया का हाथ पकड़ा और खींचकर उसे टेरेस पे ले गयी. टेरेस पे जाते ही रिया ने मुँह सा बनाया और कहा- निक्की, यहाँ बैठेंगे तो दो मिनट में हमारी कुल्फी बन जाएगी चल अंदर ही ठीक है. मैंने उसे साफ़ मना किया और हंस कर कहा- अच्छा है, अगर तेरी कुल्फी बन गयी तो कम से कम डिलडो की तरह काम तो करेगी। आज बहुत ठरक चढ़ी है यार, और ये पीटर भी हरामी पता नहीं कहां मर गया है.
रिया हंसी, मेरे पास आकर उसने मेरे होंठ चूमे और कहा- कमीनी, तू तो दिन ब दिन रंडी बनती जा रही है. आज कौन सी खुराफात चल रही तेरे दिमाग में? और वैसे भी इस कड़कती सर्दी में तू यहाँ टेरेस पे कपड़े उतार के नंगी भी हो गयी ना तो कोई तुझे देखने नहीं आने वाला। इतना बोल कर उनसे मेरे हाथ से बोतल खींच ली और एक तगड़ा सा घूंट भरा. उसे देख कर मैंने भी एक घूंट भरा. शराब पूरा जलाती हुई पेट में उतर गयी. सही में सर्दी खूब ज्यादा थी. जैसे तैसे दस मिनट टेरेस में बैठ कर हम दोनों वापिस अंदर आयी.
कुछ ही देर में दारु और अंदर के तापमान ने फिर से हमारे बदन में गर्मी आयी तो मुझे शरारत सूझी। मैंने हल्के से रिया को जकड़ा और उसके कान की की लौ के पीछे अपने होंठ रख दिए. ये रिया का वीक पॉइंट था. जैसे जैसे में होंठ घूमती गयी वैसे वैसे रिया गर्म होती गयी. धीरे धीरे मेरे होंठ उसकी गर्दन पे आ गए. रिया के मुँह से अब आहें निकलनी शुरू हुई, उसके हाथ मेरी जाँघों पे चले गए. धीरे धीरे हम दोनों के बदन से गर्म कपड़े निकलते गए. होटों से होंठ मिले और फिर एक जलजला सा आया. हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरी को किस करने लगी, एक दूसरी का बदन रगड़ने लगी, एक दूसरी की साकी बन कर पिलाने लगी.
मैंने रिया के मम्मे हल्के से दबाए तो उसके मुंह से एक सेक्सी आह निकल गयी. मैंने उसके निप्पल चुटकियों में पकड़े और एकदम से मरोड़ दिए. रिया के मुँह से एक हल्की चीख निकल आयी. मैंने देखा कि अब वो काफी गर्म हो उठी थी. पानी तो मेरी भी चुत से निकल रहा था, पूरे कमरे में हमारे बदन से निकले हुए गर्म कपड़े बिखरे पड़े थे. हमारे बदन अब किसी सुलगती भट्टी की तरह दहक रहे थे. नशा सर चढ़के बोल रहा था. अब हम दोनों के बदन पे सिर्फ छोटे सी बेबीडॉल नाइटी रह गयी थी.
मैंने खड़ी होकर रिया को अपनी तरफ खींचा और लगभग धकेलते हुए वापिस उसे टेरेस पे ले गयी. बाहर कदम रखते ही ठण्ड की वजह से पूरे बदन के रोयें खड़े हो गए. इससे पहले कि रिया कुछ कहे, मैंने फिर से अपने होंठ उसके होटों पे रख दिए. हम दो पागल लड़कियाँ उस कड़ाके की सर्दी में, अधनंगी हो कर, दुनिया से बेखबर, एक दूसरे को चूम रही थी. मैं एक पल के लिए उससे अलग हुई और मैंने अपनी नाइटी हटा दी.
मुझे इस तरह देख कर रिया की आँखे चौड़ी हो गयी मगर अगले ही पल मैंने उसकी भी नाइटी खींच कर उतार दी. मुझे अपने आगोश में लेते हुए रिया ने कहा- पागल हो गयी है तू निक्की। इस तरफ रात को हम दोनों टेरेस पे अल्फ नंगी खड़ी है कोई देखेगा तो क्या कहेगा? मैंने कहा- जिसे देखना है वो देखे। मुझे तो तुम अपना काम करने दो!
इतना कह कर मैंने अपनी एक उंगली रिया के चुत में सरका दी. रिया चिहुंक उठी. अपने आप उसके होंठ मेरे होंठों से जुड़ गए. साथ ही साथ उसकी भी एक उंगली मेरी चुत में घुस गयी. अब हम दोनों वहशी जानवरों की तरह एक दूसरी को उंगली से चोदने लगी. एक दूसरी के निप्पल काट खाने लगी, होटों को काटने लगी. और कुछ ही देर में दोनों ने भरभरा कर पानी छोड़ दिया।
जैसे होश आया, रिया ने मेरा हाथ थामा और मुझे घर के अंदर ले आयी. अंदर आते ही रिया ने मुझे सोफे पे धकेल दिया। टेबल से बोतल उठा कर एक लंबा सा घूंट भरा और मुझे बोतल पकड़ाती हुई वो बोली- कमीनी, आग लगा दी ना? अब देखना तुझे सोने नहीं दूँगी। तूने आग लगाई है अब तू ही बुझाएगी! मैंने भी एक बड़ा घूंट भरा और कहा- हां मेरी जान, मैंने आग लगाई तो मैं ही बुझाऊँगी। सिर्फ तुझे मेरा साथ देना पड़ेगा। रिया ने पलट कर कहा- मैंने तो हमेशा तेरा साथ दिया है कमीनी, आज भी दूँगी।
उसके इतना कहते ही मेरे चहरे पे एक कमीनी हंसी छा गयी. रिया मेरे हावभाव ताड़ गयी.- क्या इरादा है तेरा? उसने पूछा तो मैंने एक घूंट दारु पी कर कहा- चल आज कुछ करते है. कपड़े पहन. बाहर चलेंगे। और हां, कपड़े इतने ही पहनना कि बस निप्पल और चुत ढक जाए, समझी?
रिया ने उल्टा सवाल दागा- पागल है? रात के 11 बज रहे हैं. धुंध की वजह से गाड़ी भी नहीं चला पाएंगे। सारा कुछ बंद रहेगा। आखिर चाहती क्या है तू? मैंने कहा- तू सोच मत, बस चली चल. जहा नसीब ले जायेगा, वहां चलेंगे।
दो मिनट के बाद हम दोनों अपनी कार में बैठी थी. मैंने और रिया ने घुटने तक लम्बे वाले हाय हील बूट पहने थे. रिया ने रॅप ऑन स्कर्ट पहने था जो उसके घुटनों तक ही था और ऊपर जैकेट था. उसके अंदर उसने पतली सी डोरियों वाली रेसरबैक ब्रा पहनी थी. मैंने सफ़ेद मिनी स्कर्ट के ऊपर सफ़ेद पुशअप ब्रा पहनी थी और उसके ऊपर एक हाल्टर नेक जैकेट पहना था. हम दोनों ने स्कर्ट के नीचे सेक्सी सी थॉन्ग पैंटी पहनी थी. कुल मिला कर हम दोनों बिगड़ी हुई रईसजादियां लग रही थी.
मैंने व्हिस्की की दो बोतलें गाड़ी में रख ली और हम अपने अनजान सफर पे निकल पड़ी. धुन्ध की वजह से गाड़ी सम्भल कर चलानी पड़ रही थी. रास्ते में बिल्कुल ट्रैफिक नहीं था. कुछ ही देर में हम यमुना एक्सप्रेसवे पहुँच गयी. जैसे ही यहाँ पहुंची तो रिया की बड़बड़ चालू हुई- ये कहा सुनसान जगह पे ले आई तू कम्बख्त? मुझे लगा किसी पब पे ले चलेगी। अब क्या आगरा जा कर इतनी रात में ताज महल दिखाएगी? कामिनी, तेरे चक्कर में रात ख़राब हुई. पहले पता होता तो मैं बिल्कुल नहीं आती.
तभी मुझे अपने पीछे पुलिस की गाड़ी होने का अहसास हुआ. मैंने बगल में पड़ी बोतल से तगड़ा घूंट भरा और रिया को चुटकी काट कर कहा- रियु, अब देख मैं तुझे कुतुबमीनार के दर्शन करवा देती हूँ. इतना कह कर मैंने कार की स्पीड बढ़ा दी. जाहिर था कि हमारी स्पीड की वजह से पुलिस की गाड़ी हमारे पीछे लग गयी. रिया थोड़ी सी डर गयी- निक्की, साइड पे रोक दे. लेने के देने ना पड़ जायें यार. हम दोनों ने पी हुई है. ये साले तंग करेंगे। रुक जा मेरी माँ! मगर मैंने उसकी बातों को नजरअंदाज किया और करीब दो किलोमीटर तक वैसे ही गाड़ी भगाती गयी. जब पुलिस की गाड़ी हमारे बराबर आयी और उन्होंने हमें रुकने का इशारा किया तो मैंने धीरे धीरे कार साइड में रोक दी.
शायद उन सब ने धुंधले उजाले में हम दोनों का रूप देख लिया होगा तो जैसे गाड़ी रुकी तो सारे के सारे पुलिसिये कूदकर भागते हुए हमारे पास आए. आते ही उन में से एक ने बोनेट पे डंडा मार कर कहा- मैडम, लाइसेंस दिखाओ। मैंने लाइसेंस दिखाया। मगर उसकी नज़रे लाइसेंस पे कम और मेरे उठे हुए मम्मों पे ज्यादा थी और दूसरे लोग बारी बारी से मेरे और रिया के बदन का दीदार कर रहे थे.
लाइसेंस को देखने का बहाना करके उसने अगला आदेश दिया- बाहर आइये। आप शायद पी हुई है. चेक करना पड़ेगा। हम दोनों बाहर निकल आयी. उनका एक साथी ब्रीथ अनलाइज़िंग मशीन ले आया. जैसे ही उसने वो मशीन आगे करी मैंने गंदा सा मुँह बनाया और कहा- पता नहीं कितने लोगों के मुँह लगा होगा ये. मुझे नहीं लेना। जो सीनियर था, उसने डपटा- चेक तो करना पड़ेगा मैडम। सरकार हमें हर आदमी के लिए अलग मशीन नहीं देती।
अब तक मैं देख चुकी थी कि पांचों हट्टे कट्टे जवान थे. सब की भूखी निगाहें हम दोनों जवान लड़कियों के सेक्सी बदन को ताड़ रही थी. रिया भी अब तक शायद मेरा प्लान समझ गयी थी क्योंकि उसके चहरे पे एक कमीनी सी मुस्कान छा गयी थी.
मैंने उस सीनियर के आंखों में देखा और एक कातिल अदा से कहा- आपको करना है तो आप खुद कीजिये मगर मैं ये मशीन नहीं लगाने वाली। वो भी ढीठ बन कर आगे आया, नजदीक आ कर उसने मुझे मुँह खोलने को कहा तो मैंने भी अपना मुँह खोल दिया। उस की गर्म साँसें मुझे महसूस हुई. जैसे ही मैंने अपनी आँखें बंद की, वो गुर्राया- आप ने तो बहुत पी रखी है. आप गाड़ी कैसे चला सकती हैं? ए जगत, वो दूसरी लड़की को देखना तो! जगत नाम का पुलिसिया लपक कर रिया के पास आया तो रिया ने खुद ही मुँह खोल दिया। दो पल उसकी सुंदरता देख कर जगत ने ऐलान कर दिया- ये लड़की भी बहोत पी हुई है जनाब!
तब तक एक बन्दे को हमारी पिछली सीट पे पड़ी हुई बोतलें दिख गयी तो और बवाल मच गया. सीनियर, जिसका नाम सिराजुद्दीन था उसने कहा कि हमें पुलिस थाना चलना पड़ेगा। अब हम दोनों सिराज के सामने गिड़गिड़ाने लगी- सर, पुलिस थाना जाकर क्या करेंगे… जो भी है यही सुलझा लीजिए प्लीज। अगर थाने में गई तो हम किसी को मुँह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगी। प्लीज सर… प्लीज! वैगरह वैगरह!
काफी देर बाद उसने हमें चुप रहने के लिए बोला। फिर उसका और उसके साथियों का नजरों में ही कुछ इशारा हुआ. तो वो बाकी चार पुलिसिए अपनी गाड़ी के पास गए. फिर सिराज बोला- देखो, मैं अकेला नहीं तय कर सकता कि आपको छोड़ देना है या नहीं। अगर किसी ने कंप्लेंट मार दी तो मेरी तो नौकरी गयी.
अब तो हम दोनों उससे बिल्कुल सट गयी और फिर से गिड़गिड़ाने लगी- सर, आप जो कुछ बोलो वो हम करेंगी मगर थाने नहीं जाना है सर! दो हॉट सी लड़किया चिपकने के बाद कौन नहीं पिघलेगा? और वैसे ही हुआ.
हमारे मम्मों की तरफ घूर कर देखते हुए उसने कहा- पैसे तो नहीं चाहिए हमें। बाकी तो आप समझ गयी होंगी। मैंने भी पागलों की तरह शक्ल बनाई और कहा- मतलब? तभी रिया ने मुझे करीब खींचा और ऐसे दिखाया कि कुछ कानाफूसी कर रही है. मगर असल में उसने धीरे से कहा- कमीनी, क्या खेल खेला है तूने। अब ठुकवा ले इन सबसे! और हम धीरे से हंस पड़ी.
सिराज को दिखाने के लिए मैंने अपनी आँखे चौड़ी कर ली और कहा- सर, और कुछ रास्ता नहीं है? आप पांच हो और हम दो लड़कियाँ! सिराज ने कमीनी हंसी के साथ कहा- तुम कोई सती सावित्री तो नहीं लग रही. तो अब क्यों परहेज है? अब तो सब क्लियर था. हमें जो चाहिए वो हमें मिलने वाला था और ये पांच पुलिसिये आज जन्नत की सैर करने वाले थे.
आगे पुलिस की गाड़ी और पीछे हमारी गाड़ी, ऐसे हम चल पड़े. सिराज हमारी गाड़ी में ही बैठ गया. करीब दस मिनट चलने के बाद पुलिस की गाड़ी रास्ता छोड़ कर कच्चे रास्ते पे मुड़ गयी. हम उनके पीछे ही थे. अब तक सिराज ने हमारी ही बोतल लेकर घूंट भरना शुरू किया था. बीच बीच में कुछ मजाकिया बातें करके वो मेरे बदन को भी छू रहा था. मुड़ कर पीछे बैठी रिया के मम्मों का भी दीदार कर रहा था.
एक सुनसान जगह पे दोनों गाड़ियां रुक गयी. शायद कोई बड़ा सा खेत था. जैसे गाड़ी रुकी, सिराज ने बोतल मुझे थमा दी, मैंने एक घूंट भरा और अपना मुँह उसकी तरफ किया। वो मतलब समझ गया और उसने अपने होंठ मेरे होटों से जोड़ दिए. धीरे धीरे करके मैंने अपने मुंह की थोड़ी दारु उसके मुंह में धकेल दी.
गाड़ी के बाहर खड़े उसके लोगों ने देख लिया तो वो अपने आप ही अपना लंड पैंट के ऊपर से ही रगड़ने लगे.
जैसे हम बाहर निकले, तो रिया ने झट से आगे आकर मेरे होंठ चूमना चालू किया। सभी बन्दों को इतनी ठरक चढ़ी कि हमारी बोतलें खोल कर पीते हुए उन्होंने हम दोनों को अलग किया। मैं सिराज और एक और के हाथ लग गयी तो बाकी तीन ने रिया को घेर लिया। किसी ने तब तक कुछ अलाव जैसी आग जलाई और खेतों में ही कुछ बड़ा सा घास फूस बिछा दिया। सिराज ने मुझे आगोश में लिया और वो मुझे पागलों की तरह किस करने लगा. दूसरा बंदा मेरे पीछे से मुझे चिपक गया था और जहां छू सकता था वहाँ वो मुँह मार रहा था.
उधर रिया और बाकी तीनों के कपड़े निकल गए थे. पैरों के बूट छोड़ कर रिया के बदन पे कोई कपड़ा नहीं था. रिया का बदन आग के प्रकाश में चमक रहा था. दो लोग उसके मम्मों पे पीले पड़े थे तो एक उसके होंठ चूस रहा था. इधर सिराज ने मेरे चहरे पे चुम्बनों की झड़ी लगा दी, इतनी कि उसके थूक से मेरा पूरा चेहरा गीला हो गया. खुले आसमान के नीचे आग की तपिश के सहारे एक अलग ही फीलिंग आ रही थी. अगले कुछ पलों में मेरे भी कपड़े निकल गए. एक एक कर के सभी पुलिस वालों ने अपने कपड़े निकाल लिए. मैंने देखा कि सभी का भरा हुआ कसरती बदन था. सबके लंड बहुत ही अच्छे खासे थे. इधर जैसे सिराज ने कपड़े निकले तो मेरी आँखें अपने आप बड़ी हुई. खता हुआ लंड मैं जिंदगी में पहली बार देख रही थी, मुझसे रहा नहीं गया और मैं खुदबखुद नीचे बैठ के उसके लंड को प्यार करने लगी. उस के ऊपर हाथ फेरने लगी.
तभी मुझे रिया की घुटी घुटी चीख सुनाई दी. मैंने पलट कर देखा कि दो लोगों ने आगे पीछे से एक साथ उसको चोदना चालू किया था और एक लंड उसके मुँह में था. यह देख कर मैंने तपाक से सिराज का लंड अपने मुँह में लिया और जी जान लगा कर उसे चूसने लगी. सिराज के मुँह से आवाजें निकलने लगी, उसके दूसरे साथी ने मेरी चुत में उंगली डाली और मेरे एक निप्पल की वो भँभोड़ने लगा. करीब 7-8 मिनट मैंने सिराज का लंड चूसा तो उसने जबरदस्ती अपना हथियार मेरे मुँह से दूर किया और कहा- हमारे दोस्त को भी कुछ मजा दो, साला मारा जा रहा है.
तो मैंने उस दूसरे बन्दे को लंड से ही पकड़ कर करीब खींचा और उसे अपने मुँह में ले लिया। तब तक सिराज घूम कर मेरे पीछे आया. नीचे झुक कर उसने मेरे चूतड़ उठाये और बिना किसी वार्निंग अपना मोटा लंड पीछे से मेरी चुत में ठोक दिया। पल भर के लिए मुझे ऐसा लगा कि किसी ने मुझे चीर दिया है. मुँह में लंड होने की वजह से मैं चीख भी नहीं पायी। तब तक सिराज ने दूसरा धक्का मारा तो उसका आधा लंड मेरी चुत में घुस गया. सिराज के उस धक्के से मैं तो आगे गिरने को हुई मगर आगे दूसरा था, जिसका लंड मेरे गले में अंदर तक घुस गया. तभी सिराज ने एक और करारा धक्का मारा तो उसका लंड जड़ तक घुस गया और तभी मैंने सामने वाले का लंड मुँह से निकाला और चीख पड़ी- ओ मम्मी, मर गयी रे… ओ… आह… और जोर से… ए रिया कमीनी, मार डाला रे इस कुत्ते ने… ओ माय गॉड… आआह हहहःहः उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊउफ्फ फ्फ्फ मार डाला हरामी!
उधर से रिया भी चीखी- मैं भी गयी रे निक्की! अहाहा हहाहय ऊऊहयहा… मेरी जान… और ज़ोर से चोदो मुझे… और ज़ोर से… फक मी… फक मी! फाड़ दे आज मेरी चूत को… अहह्ह हाह… जोर से चोद… साले दम नहीं है क्या! अहह्ह मेरे राजा, मैं झड़ने वाली हूँ! हवस का नंगा नाच शुरू था, सिराज बड़ी तबियत से मुझे चोद रहा था. मेरे सामने वाला तो कब का मेरे मुँह में झड़ कर बाजू में बैठा था मगर सिराज मुझे कस कर चोदे जा रहा था. उसके लम्बे हाथ मेरे मम्मों को निचोड़ रहे थे. चोदने के दौरान वो मेरे चूतड़ों को भी बेरहमी से बजा रहा था. उसके हर धक्के पे मेरे मुँह से हल्की चीख निकल रही थी. झुक कर खड़े खड़े मेरी टाँगें जवाब दे रही थी. सिराज ने शायद ये भांप लिया तो उसने अपना लंड बाहर खींचा और मुझे नीचे पड़ी बिछावन पे पीठ के बल सुला दिया, अगले ही पल मेरी टांगों के बीच घुसकर उठने अपना लंड फिर से मेरी चुत के अंदर कर दिया। अब उसने इतना तेज ठोकना चालू किया कि मुझे सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी. मगर मुझे अब इसकी वहशी चुदाई में मजा आ रहा था. मैंने गर्दन मोड़ के देखा, उधर रिया शायद तीसरे लड़के से ठुकवा रही थी. उसने एक किसी छोटे पेड़ को पकड़ा था और वो लड़का उसे डॉगी स्टाइल में लगा हुआ था.
अब मैं सिराज के हर धक्के को चूतड़ उठा उठा कर साथ देने लगी. उतनी सर्दी में मेरा जिस्म पसीना पसीना हुआ था. तभी किसी ने मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया। मैंने देखा जो कुछ देर पहले मेरे मुँह में खली हुआ था वो फिर से जिन्दा हो गया था. मैंने उसका लंड पकड़ कर ऊपर नीचे करना चालू किया।
इधर सिराज मुझे बेतहाशा रौंद रहा था. पता नहीं क्या खा कर आया था कि छूटने का नाम नहीं ले रहा था.
दो चुदक्कड़ सहेलियों की चुदाई स्टोरी जारी रहेगी. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000