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मेरे प्रिय दोस्तों, मेरा नाम सनी सिंह है, मैं राजस्थान में रहता हूँ. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. मुझे इस साईट की सभी सेक्स कहानियां पसन्द हैं. यह कहानी मेरे प्रथम सेक्स अनुभव की है, मेरी सभी भाभी के साथ की है और अन्तर्वासना पर मैं यह मेरी पहली चुदाई स्टोरी लिख रहा हूँ.
मेरे परिवार में हम दो भाई हैं और हमारी एक बहन है, बहन की शादी तीन साल पूर्व हो चुकी है, वो अपने पति के साथ अपनी ससुराल में रहती है. मेरे बड़े भाई का भी विवाह डेढ़ साल पहले हो चुका है. तो अब हमारे घर में मैं, मेरे मम्मी पापा और भैया भाभी हैं. भैया घर से तीस किलोमीटर दूर एक कम्पनी के ऑफिस में जॉब करते हैं हैं तो वे सुबह सुबह ही घर से निकल कर बस लेते हैं.
बात उन दिनों की है, जब मैं बारहवीं में पढ़ रहा था. इस क्लास में पढ़ाई का काफी भार रहता है तो मैं ज्यादातर पढ़ाई में ही व्यस्त रहता था, इस कारण से भाभी से ज्यादा बात हो ही नही पाती थी. मेरी भाभी का नाम सुमन है. मेरी भाभी दिखने में बहुत सेक्सी हैं, मुझे उन के होंठ चूचे और चूतड़ बहुत सेक्सी लगते हैं. उनका साइज होगा करीब 34 30 36… हाईट भी अच्छी थी पांच फुट साढ़े चार इंच. गोरा रंग, तीखे नयन नक्श… जैसे पुरानी हिरोइन सायरा बानो दिखती थी. भाभी के बाल भी काफी लम्बे थे. भाभी हर दो तीन हफ्ते बाद ब्यूटी पार्लर जाती थी, अपना और अपने रूप का बहुत ध्यान रखती थी.
बारहवी की परीक्षा के बाद मैं फ्री हो गया था तो मैं भाभी से बात करने लगा था और कुछ खुलने लगा था.
मुझे महसूस हुआ कि भाभी मेरे में कुछ ज्यादा ही रूचि लेने लगी हैं, मेरी ओर आकर्षित हो रही हैं. भाभी कभी बातों बातों में मेरे गाल पकड़ लेती तो कभी कभी मजाक में मेरी पीठ पर हाथ मारतीं. उस समय मुझे सेक्स की समझ तो थी पर मैं अनुभवी ना होने के कारण से मैं भाभी की कामुकता से भरपूर हरकतें समझ नहीं पाया.
मैं कॉलेज में आ गया था, बी ए जॉइन कर लिया. मुझे कॉलेज की हवा लगी तो मुझे भाभी की हरकतों का मतलब समझ आने लगा था. मेरी कामुकता भी अब जवान होने लगी थी.
एक बार मेरे मम्मी पापा कुछ दिनों के लिए मेरे मामा के घर गए हुए थे. मेरे अलावा मेरे भैया और भाभी ही घर पर रुके थे. भाई सुबह ही जॉब पर चले जाते तो घर में भाभी और मैं ही रहते थे तो मैं और भाभी ज्यादातर बातें करते रहते थे.
अब भाभी का कामुक बदन मेरी नज़र में चढ़ गया, मुझे लगने लगा कि भाभी मेरी प्यास बुझा सकती हैं.
फिर मम्मी पापा वापस आ गए.
अब मैं घर पर ज़्यादा नहीं पढ़ता था, मैं भाभी की तरफ ज्यादा आकर्षित होने लगा. भाभी तो पहले से ही मेरी तरफ आकर्षित थीं, पर मेरी तरफ से ही कोई प्रति उत्तर ना देने के कारण से भाभी खुल नहीं पाई थीं.
एक दिन भाभी अपने कमरे में आराम कर थीं तो मैं भी उन के पास चला गया और हँसी मजाक करने लगा. मैंने मजाक मजाक में भाभी का चुम्बन ले लिया, तो उन्होंने मुझ से कुछ नहीं कहा. बस ‘अरे… अरे… सनी क्या कर रहे हो?’ कह कर शांत हो गईं.
मैंने ऐसे ही मजाक मजाक में एक दो बार और भाभी को चुम्बन कर लिया तो भाभी कुछ नाराज नहीं हुई, बस अपने दोनों हाथों से अपने गालों को छुपा लिया. मैं जब भी भाभी का चुम्बन लेने के लिए आगे बढ़ता तो भाभी अपने दोनों हाथ अपने गालों पर रख लेती. मैंने भाभी से कहा- भाभी, एक चुम्मा तो और लेने दो ना! भाभी ने मना कर दिया तो मैंने कहा- जब तक एक और चुम्मा नहीं दोगी, मैं यहाँ से नहीं जाऊंगा. लेकिन भाभी ने मना कर दिया. मैं भी ज़िद पर अड़ गया तो भाभी मान गईं.. और मैं बड़े प्यार से भाभी के गालों की चुम्मी लेकर चला गया.
अब जब भाभी मुझे अकेले में मिलतीं, मैं उन्हें चूम लेता. शायद भाभी को भी मेरी ऎसी हरकत से मजा आता था. ऐसे ही मेरी और भाभी की किसिंग चलती रही.
एक दिन मैं और भाभी उन के कमरे में बैठे बातें कर रहे थे तो बातों के बीच में भाभी ने मुझ से पूछा- सनी, तुम यह तो बताओ कि तुम मुझे क़िस क्यों करते हो? तो मैंने कहा- बस भाभी… आप मुझे अच्छी लगती हो. इसलिए! भाभी ने कहा- क्यों तुम्हारी गर्लफ्रेंड अच्छी नहीं है क्या? उसे तुम किस नहीं करते?
मैंने भाभी को खुश करने के लिए कहा- भाभी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है. भाभी ने कहा- ऐसा हो ही नहीं सकता कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं हो. तुम तो इतने सुन्दर हो, स्मार्ट हो! तुम पर तो लड़कियां मरती होंगी.
मैंने कहा- भाभी, कॉलेज में मुझे कोई लड़की पसंद नहीं है, मुझे तो बस आप ही बहुत अच्छी लगती हो और सेक्सी भी.. भाभी मुस्कुराने लगीं और कहा- मुझ में तुम्हें क्या सेक्सी लगता है? बताओ ज़रा? मैंने कहा- भाभी… आपके होंठ… भाभी- और? मैंने कहा- और… आपके बूब्ज़! भाभी मुस्कुराने लगीं और पूछा- और क्या क्या? सब बता दो आज! मैंने कहा- आप की बैक भी.. तो भाभी हंसने लगीं और बोलीं- अब बस करो.
मैंने कहा- सच में भाभी, आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो.
इतना कह कर मैंने भाभी के होंठों पर चुम्बन कर लिया. ये मेरा भाभी के होंठों पर पहला चुम्बन था. भाभी बोलीं- अर्र… अरे ये नहीं.. मैं फिर भाभी के गाल पर क़िस करने लगा तो भाभी ने कहा- सनी, यार मान जाओ… कोई आ जाएगा.
मैं हट गया और इस तरह मैं कभी भाभी के गाल पर किस करता तो कभी भाभी के होंठों पर.. कभी कभी तो मैं भाभी की बैक पर हाथ फेरता रहता था, भाभी बस मुस्कुरा देती थीं. मेरी हिम्मत बढ़ती गई.
एक दिन मैं रसोई में पानी लेने गया था तभी भाभी भी वहां आ गईं, तो मैंने हिम्मत कर के भाभी के गाल पर चुम्मा करते हुए भाभी के मम्मों को भी छू दिया. भाभी चौंक गईं और जल्दी से अपने कमरे में चली गईं. मैं थोड़ा सा डर गया था कि कहीं भाभी भैया या मम्मी से कुछ कह नहीं दें, पर भाभी ने कुछ नहीं कहा.
इस तरह से अब मैं कभी कभी भाभी के मम्मों को भी दबाने लगा. मैंने देखा कि भाभी भी इस का मजा लेती थीं.
उन दिनों गर्मियों का मौसम था, ज्यादातर घर वाले छत पर सोना पसंद करते हैं और मैं भी. भाभी और मम्मी नीचे सोती थीं क्योंकि भैया रात में 11-12 बजे तक आते थे क्योंकि आजकल उनके ऑफिस में ज़्यादा काम चल रहा था.
एक दिन मम्मी और भैया एक साथ किसी काम से आउट ऑफ स्टेशन चले गए थे. पापा भाभी और मैं ही घर पर बचे थे. उस दिन दिन भर कॉलेज में रहने से मैं थक गया था सो घर आ कर सो गया. जब उठा तो घर के काम में लग गया. इसी वजह से मुझे भाभी के साथ टाइम नहीं मिल पाया.
शाम को मैं अपने दोस्तो के साथ घूमने चला गया. जब रात में आया तो भाभी खाना बना कर सोने चली गई थीं. मैं भी खाना खा कर छत पर सोने के लिए जा रहा था तो पापा ने कहा- आज तुम नीचे सो जाओ, तेरी भाभी नीचे अकेली है.
मैं नीचे सोने के लिए चला गया. दिन में सो लेने की वजह से मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं टीवी देखने लगा, तभी लाइट चली गई तो मैं बोर होने लगा था. अचानक मेरे दिमाग में भाभी के बारे में याद आया कि मैं और भाभी नीचे अकेले हैं, तब मैंने सोचा कि क्यों ना आज अपनी किस्मत को आजमा कर देखा जाए.
मैंने भाभी के रूम के पास जा कर देखा कि भाभी गहरी नींद में सो रही हैं तो मैं भाभी के पास बेड पर जा कर लेट गया. मैं ज्यादातर सोते टाइम सिर्फ़ शॉर्ट पहनता हूँ और कुछ नहीं, यहाँ तक कि अंडरवियर भी नहीं पहनता हूँ.
मैंने धीरे धीरे भाभी के मम्मों को सहलाना स्टार्ट कर दिया. कुछ देर मम्मों को सहलाने के बाद मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने भाभी के कुर्ते को ऊपर कर दिया. भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी, ये देख कर मैं और पागल हो गया.
भाभी दिन भर थकी होने के कारण बहुत गहरी नींद में सो रही थीं. ये उन्हें देख कर ही लग रहा था.
अब मैंने भाभी के एक चूचे को मुँह में लेकर चूसना आरम्भ कर दिया. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि ये मेरा पहला एक्सपीरियन्स था. मुझ से कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और ज़ोर जोर से उनके चूचे चूसने लगा. कुछ ही देर में भाभी की आँख खुल गईं और उन्होंने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया. अपने मम्मों को कुर्ते से छुपा लिया- ये क्या कर रहे हो सनी? मैं- भाभी, आज आप मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी तो मैं खुद पर कंट्रोल नहीं रख पा रहा था. भाभी- नहीं सनी, ये सब इतनी जल्दी नहीं. मैं- भाभी प्लीज आज मुझ से कंट्रोल नहीं हो रहा है. भाभी- नहीं सनी, तुम्हारे भाई आने वाले हैं. मैं- अभी नहीं आएंगे क्योंकि अभी सिर्फ़ दस बजे हैं. भाभी- नहीं, सनी जाओ और जा कर सो जाओ. मैं- नहीं भाभी आज मैं आप को प्यार कर के ही जाऊंगा. भाभी- नहीं सनी प्लीज़ जाओ सो जाओ. मैं- नहीं भाभी मैं आज नहीं सोऊंगा.
ये कह कर मैंने भाभी को बांहों में भर लिया और चुम्बन करने लगा. भाभी- नहीं सनी प्लीज़.. तुम्हारे भाई आ जाएंगे. मैं- नहीं भाभी आज कोई नहीं आएगा. भाभी- सनी आख़िर तुम आज करना क्या चाहते हो? मैं- आज मैं आपके साथ सेक्स करूँगा. भाभी- नहीं सेक्स नहीं सनी… तुम्हारे भाई आ जाएंगे. मैं- देखो भाभी कंट्रोल नहीं हो रहा है.
मैंने भाभी को अपने शॉर्टस के ऊपर से अपना छह इंच लंबा और तीन इंच मोटा लंड दिखाते हुए कहा, जो शॉर्टस में तम्बू बना रहा था. भाभी- जाओ सनी इसे अपने हाथ से ठण्डा कर लो. मैं- नहीं भाभी, आज मैं इसे अपने हाथ से ठण्डा नहीं करूँगा आज तो इसे आप ही ठण्डा करेंगी. भाभी- अच्छा सनी, मैं तुम्हारा लंड अपने हाथ से ठण्डा कर देती हूँ. मैं- हाथ से तो मैं भी अपना लंड ठण्डा कर सकता हूँ तो फिर आप की क्या जरूरत. भाभी- अच्छा तो मैं अपने मुँह से चूस कर तुम्हारा लंड ठण्डा कर दूँगी.
मैंने सोचा कि आज ये ब्लोजोब का एक्सपीरियन्स भी ले कर देखा जाए और मैं तैयार हो गया. भाभी- अपनी शॉर्टस तो उतारो. मैं- आप अपने हाथों से उतारो!
भाभी ने अपने हाथों से मेरा शॉर्ट उतार दिया तो मेरा लंड उछल कर बाहर आया और भाभी को सैल्यूट करने लगा. मैंने नोटिस किया कि मेरा खडा लंड देख कर भाभी का चेहरा कामुकता से लाल हो गया था. भाभी- सनी तुम्हारा लंड बहुत ही लंबा और मोटा है, तुम्हारी पत्नी तुम से बहुत ही खुश रहेगी. बस भाभी ने इतना कहा और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं. मैं- आआअहह.. भाभी और प्यार से आआअहह.. भाभी.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… भाभी- उउन्न्ं आहह.
भाभी मेरा लंड चूस रही थीं और मैं भाभी के मम्मों को दबा रहा था. मैंने देखा भाभी भी गर्म होने लगी थीं. मैं भी बहुत गर्म हो गया था. भाभी- बस अब मेरा मुँह तुम्हारा लंड चूसते चूसते थक गया है. मैं- भाभी बस कुछ देर और मैं कुछ ही देर में शांत हो जाऊंगा. लंड चुसाई फिर शुरू हो गई.
‘आहह उउउन्ननह..’ मैं- भाभी, मैं झड़ने वाला हूँ, मेरा सारा माल अपने मुँह में ही लेना, मेरा लंड अपने मुँह से निकालना नहीं.. आअहह… मेरा पानी निकलने वाला है. भाभी- आंआहह ऊंउउहह..
फिर मैं भाभी के मुँह में झड़ गया और भाभी ने मेरे पूरा वीर्य अपने अंदर कर लिया. मैं शांत हो गया और कुछ देर बाद मैं अपने कमरे में सोने चला गया.
मुझे आशा है आपको मेरी यह मुँह चुदाई की कहानी अच्छी लगी होगी. [email protected]
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