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मेरा नाम राजेश है। मेरी उम्र 50 साल है। मेरी बीवी का नाम छवी और मेरी बीवी 45 साल की है। हमारी शादी को बहुत साल हो गये है, हमने सेक्स करना बहुत कम दिया है।
हमारे बच्चे भी बड़े हो गए हैं। और एक की शादी हो गयी है और दूसरा पढने के लिए बैंगलोर गया है। मेरी बीवी का भरा पुरा शरीर है। कद 5 फुट है। तो सीधे अब कहानी पे आता हूँ।
एक दिन की बात है बीवी को किट्टी पार्टी में जाना था। तो वो नहाने चली गईं। मैं कमरे में इंतजार कर रहा था क्योंकि मुझे ऑफिस जाना था पर वो देर कर रही थी तो मैं त्यार होने लग गया फिर वो दौड़ते हुए बाथरूम से नीकली वो तौलीये मे थी और उसका दरवाजे में फसकर खुल गया।
क्या गोल गोल चुच्ची और बड़े बड़े नीप्पल और उसमें उसका सावंला रंग मैं उसे देखता ही रह गया। पुरे दिन आफिस में वही सोंच रहा था। फिर जब मैं घर गया तो मेरी नजर छवी से हठ ही नहीं रही थी। बहुत साल बाद मुझे ऐसा महसुस हो रहा था।
जब मैं छवी को देख ही रहा था तो उसने मुझे देखा और पुछा -“ऐसे क्या देख रहे हो?”
मैंने बताया कि मेरे मन में क्या चल रहा हैं।
उसने हस के बोला-“बुढापे में बहुत जवानी था रही हैं, अचानक क्या हुआ आप को?”
इसके बाद मेरे से रहा नहीं गया और मैंने उसे किस्स कर दिया। वो भी अचानक गर्म हो गयी और मुझे कसकर पकड़ लिया। हम ऐसे किस्स कर रहे थे जैसे एक दूसरे को खा जाएगें।
फिर हम अचानक से अलग हो गए और एक दूसरे को घुलने लगे। फिर मैंने उसकी मैक्सी फाड़ दी, और उसकी चुच्ची जोर जोर से दबाने लगा।
फिर उसे उठाकर बेडरूम ले गया और बेड पर लेटा दिया, फिर उसकी चुच्ची चाटने लगा, उसके निप्पल को दांत से काटने लगा और वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी। मगर फिर भी वो मुझे और करने कह रही थी।
अबतक उसकी पुरी चुच्ची दांत के निशान से भर गयी थी। अब मैंनें उसे पुरा नंगा कर के, उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रखा और उसकी चुत चाटने लगा, अपने जीव को चुत के अंदर बाहर करने लगा। और उसकी चुच्चीयों को थप्पड़ मारने लगा।
वो पागलों की तरह आंहें भर रही थी और मेरे सर को अपने चुत तले दबाकर ऊपर नीचे होने लगी और मेरा चेहरा उसकी चुत के पानी से गीला हो चुका था।
फिर मैं उठा और उसे कि अब करने लगा, उसे किस्स करते हुए उसकी चुत को थप्पड़ मारने लगा, थप्पड़ का जोर बढने लगा पर उसने मुझे रोका नहीं क्योंकि उसे मजा आ रहा था।
जब उसे दर्द हुआ तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। फिर मैं लेट गया और वो मेरा लंड चुसने लगी। जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने उसके सर को पकड़ कर अपने लंड के ऊपर दबाया और पुरा लंड उसके गर्दन में उतार दिया।
कुछ देर बाद उसने मुझे धक्का मर कर अलग हो गयी। वो जोर जोर से हाफ रही थी पर उसके चेहरे पर मुस्कान थी।
फिर मैंने अपना लंड उसके मुह में डालकर गर्दन तक उतार दिया और जोर लगा कर चोदने लगा, वो छुड़ाने की कोशिश करने लगी फिर भी मैं नहीं रूका।
फिर अचानक से जब मैंने उसे छोड़ा तो उसके मुह से थुक मेरे लंड पर गिर रहा था। उसके बाद मैं अपने बैग से एक लंड मोटा करने वाला तेल निकाला और छवी को पकड़ा दिया।
वो उस तेल से मेरे लंड की मालीश करने लगी। मेरा लंड इतना मोटा हो गया था कि छवी की मुट्ठी में नहीं समा रहा था, यह देखकर छवी हैरान हो गयी। उसने मेरा लंड अपने मुह में लेकर गर्दन में उतारने की कोशिश करने लगी पर नहीं कर पाई।
फिर मैंने अपना लंड उसकी चुत में डाला मगर पहली बार में नहीं घुसा तब मैंनें जोर लगाया, छवी की चीख निकल गई पर लंड अंदर जा चुका था।
फिर मैंने धीरे धीरे पुरा लंड चुत में डाल दिया। अब मैं धक्का मारने लगा, धीरे धीरे मेरे धक्के तेज होते गये। छवी जोर जोर से ‘आह आह!’ की आवाज करने लगी।
जब मैंने अपना लंड निकाला तो देखा कि छवी का चुत इतना फट चुका था कि अंदर तक दिख रहा था। मैंने अपना बेल्ट लिया और उसके गले में डाल कर उसका गला दबाने लग और साथ ही साथ चोदने लगा।
उसे मजा आ रहा था, अचानक वो झड़ने लगी। वो छटपटाने लगी फिर कुछ देर बाद रुक गई। फिर मैंने उसे उल्टा लेटा दिया और उसके गांड ऊपर कर के बेल्ट से मारा ‘सटाक!’, वो चादर को अपनी मुट्ठी में दबाकर चिल्लाई ‘आह!’।
फिर छवी ने मुझको बोला और मारो, फिर मैंने उसके गांड को मार मारकर लाल कर दिया और वो चिखती रही। इसके बाद मैंने उसके गांड के छेद पर अच्छे से तेल लगाया और पहले एक उंगली डाली और उसके बाद धीरे से दूसरी उंगली भी डाल दी।
और उसे अंदर बाहर करने लगा, फिर मैंने अपना लंड उसके गांड के छेद पर रखा और डालने की कोशिश करने लगा। मेरा लंड उसके गांड के लिए बहुत ही मोटा था।
मैंने पुरा जोर लगाया और एक बार में ही लंड का सुपाडा डाल दिया। छवी को ज्यादा दर्द नहीं हुआ क्योंकि वो बहुत ही जोश में थी, इतना की उसके चुत से पानी टपक रहा था।
फिर मैंने अपने लंड पर और तेल लगाया और उसकी गांड पर रखकर ऐसा धक्का मारा की आधा लंड अंदर चला गया। मैंने जब लंड निकाल कर देखा तो छवी का गांड कुछ हद तक खुल चुका था।
अब मैं फिर से उसकी गांड चोदने लगा, चोदते चोदते पुरा लंड अंदर जा चुका था। अब मैं पीछे से उसके बालों को पकड़ कर खीचा और जोर जोर से उसकी गांड मारने लगा।
मैं पागलों की तरह उसकी गांड मार रहा था, वो जोर जोर से आवाज करने लगी। अब मैंनें और दम लगाकर उसके बालों को खीचा और गांड मारने लगा।
अबतक उसकी गांड बहुत ही ढीली हो चुकी थी, जब मैंने अपना लंड निकालकर देखा तो छवी के गांड का छेद बहुत बड़ा हो गया था। ये देखकर मैं और गर्म होता जा रहा था।
अब मैं उसकी गांड मारते हुए चुच्ची चुस रहा था। मैंनें उसकी चुच्ची को जोर से दबाया और निप्पल में सेफ्टी पीन चुभो दिया,निप्पल से फिर एक दुध का फवारा निकला।
छवी इतनी मदहोश हो गई थी कि उसे पता ही नहीं था उसके साथ क्या हो रहा है। फिर मैंने दो बार और सेफ्टी पीन चुभोया और दुध पीने लगा।
दुध पीने के बाद मैंनें पीन उसके निप्पल में चुभोकर छोड़ दिया। इसके बाद जब मैंने लंड निकाला तो छवी का गांड का छेद बहुत ही खुल गया था ऐसा लग रहा था मानो किसी ने डीप बोरिंग कि हो।
अब मैं छवी के निप्पल से पीन निकाला, पीन निकालते ही दुध के दो तीन बुंद निकल गई। फिर मैंने छवी का बाल पकड़ा और उसे खींचते हुए ड्रेसिंग टेबल के पास ले गया, फिर उसे सर जमीन पर रखवाकर गांड ऊपर करवाया और मैंने पैराशूट कोकोनट आय्ल के 300 मि. ली. का बोतल लिया और उसे छवी के गांड में डालने लगा।
बोतल पुरा उसके गांड में चला गया, बस ढक्कन नजर आ रहा था । मैंने अपना लंड भी उसके चुत में डाला तो उसका चुत थोड़ा कसा हुआ महसूस हो रहा था क्योंकि उसके गांड में बोतल था।
छवी की चुत को मैंने पुरी जोश के साथ चोदने लगा। छवी के गोल गोल गांड को थप्पड़ मारने लगा, फिर छवी जैसे ही झड़ना शुरू हुई, उसके गांड से बोतल निकल गई और वो मच्छली की तरह छटपटाने लगी।
उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाला और अपना दोनो पैर उसके सर के ऊपर रखकर उच्छल उच्छल कर चोदने लगा था।
ऐसा मैंने आज तक नहीं किया था और सोंचा भी नहीं था कि छवी इतना सह पाएगी मगर अब छवी को दर्द में भी आनंद आने लगा था।
फिर मैंने छवी उठाया और सारा माल उसके मुह में दे दिया और वो पुरा पी गई, मेरे लंड को भी चुसकर साफ कर दिया। लेकिन छवी का जोश अब तक ठंडा नहीं हुआ था।
तो मैंने उठाकर बेड पर लेटा दिया और उसे अपना लंड चुसाने लगा, थोड़ी देर में मेरा लंड एकदम तन गया।
फिर छवी कि चुत को ऊंगली करने लगा, मेरे चारों ऊंगली उसके चुत में आसानी से चले गए, फिर मैंने पांचवीं ऊंगली भी डालकर आगे पीछे करने लगा।
उसके बाद अपने हाथ में तेल लगा के छवी के चुत में जोर लगाकर डालने लगा, कुछ देर बाद मेरी पुरी मुट्ठी उसके चुत में समा चुकी थी और छवी पागल हुए जा रही थी।
मैं अपनी मुट्ठी को तेजी से अंदर बाहर करने लगा और वो बहुत ही जोर से चीखने लगी थी। अब मेरा लंड गर्म हो गया था, मैंने अपना हाथ निकाला और लंड छवी के गांड में डालकर चोदने लगा, हम दोनो एक दूसरे के आंखों में देख रहे थे।
मैंने छवी के गाल पर दो तीन थप्पड़ मारे, तो उसने मेरा हाथ पकड़कर अपने गले पर रखा और कहा-“मेरा गला दबाओ”।
मैंने उसका गला दबाकर जोर जोर से चोदने लगा। फिर दोनों एक साथ झड़ गए। झड़ने के बाद जब मैंने अपना लंड निकाला तो छवी के गांड से मेरा माल लावा कि तरह निकल रहा था।
मेरी कहानी पडने का धन्यावाद। अगला भाग जल्द ही आएगा।
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