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जोसफ से शादी और फिर बच्चा पैदा करने के बाद मैं पहली बार राहुल से मिलने उसके ऑफिस गयी। राहुल मुझे जबरदस्ती नहीं चोदना चाहता था पर अब वो चाहता था कि मैं खुद उसको चोद कर उसके बच्चे की माँ बन उसको होने वाला बच्चा सौंप दू।
मै बिना कुछ बोले ऑफिस से चली गयी। एक गुनाह करने से मै बाल बाल बच गयी थी । पर मुझे राहुल को बहुत पहले ही रोक देना चाहिये था। उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मै खड़े खड़े कुछ नहीं कर पायी।
मै रूबी से मिली और उसको सब कुछ बताया.
रूबी: “तू जोसफ के साथ रहना चाहती हैं तो कोई बात नहीं, कम से कम राहुल को अपने प्यार की निशानी तो दे ही सकती हैं। जोसफ से बात करले, मुश्किल हैं पर शायद वो मान जाऐ।”
मैं: “कोई पति भला अपनी बीवी को किसी और के बच्चे की माँ क्युँ बनने देगा। अगर वो मेरी खातिर मान भी जाऐ तो भी हैं तो यह गलत ही”
रूबी: “तुझे दोनो में से किसी ना किसी का तो दिल तोड़ना ही हैं। राहुल का दिल तुमने कई बार तोड़ा हैं, एक बार और तोड़ दे फिर”
मैं: “मुझे किसी का भी दिल नहीं तोड़ना हैं। राहुल पहले ही प्यार में तड़प रहा हैं। पर इसमें जोसफ का क्या दोष हैं, बेवजह उस से मैं बेवफाई क्युँ करु?”
रूबी: “पूरी रात आराम से सोच ले। जिसको तू ज्यादा प्यार करती हैं, उसका दिल मत तोड़ना”
मैं: “प्यार तो मैने राहुल से ही किया हैं”
रूबी: “तो बस हो गया फैसला”
मैं: “तो फिर जोसफ को क्या बोलूंगी, कि यह बच्चा राहुल का हैं और उसको गिफ्ट करना हैं!”
रूबी: “जोसफ को क्या बोलना हैं बाद में सोच लेंगे, उसके लिए कुछ महीने बाकी हैं”
मैं: “पक्का? मै कुछ गलत तो नहीं करने जा रही हूँ? तू मेरी जगह होती तो क्या करती ?”
रूबी: “मै तेरी जगह होती तो आंख बंद कर इतने प्यार करने वाले से शादी कर लेती और जोसफ को छोड़ देती. उसको तो वैसे भी उसके प्यार की निशानी उसका बच्चा मिल ही गया हैं तूझ से ”
मैं: “नहीं, जोसफ ने कुछ गलत नहीं किया हैं, मै उसके साथ ही रहुंगी, पर अपने प्यार की खातिर मै राहुल के बच्चे की माँ बनुंगी। बाद में मै जोसफ को समझाने की कोशिश करुंगी। वो नाराज होगा तो मै उसकी नाराजगी सहन कर लुंगी”
रात को रह रह कर मेरी नींद टूट रही थी। अंदर से आवाज आ रही थी कि मै गलत करने जा रही हूँ। फिर अंदर सेएक आवाज आती कि मै सही कर रही हूँ। सुबह उठने पर मै क्लीयर थी कि मुझे राहुल के पास जाना था।
मैं: “रूबी बता क्या पहनु?”
रूबी: “कुछ भी पहन ले, वहां जाकर तो नंगा ही होना हैं”
मैं: “राहुल को मुझे साड़ी में देखना बहुत पसंद हैं पर वहां साड़ी पहनने और बंद करने में बहुत समय लग जाऐगा, मै कोई ड्रेस ही पहन लेती हूँ”
रूबी: “हां, ड्रेस एक झटके में खोलते ही उस पर कुद जाना और चुदवा लेना. शर्माना मत और अच्छे से चुदवाना, माँ जो बनना हैं”
मैं: “पहले मुझे ही उसे चोदना होगा, उसने बोला हैं कि मै ही पहल करुंगी”
रूबी: “तुम्हे तो प्रैक्टिस भी अच्छी हो गयी होगी, जोसफ को ऊपर चढ़ कर जो चोदती हो तुम. पर राहुल का लंड तो जोसफ से छोटा हैं, तुम्हे मजा बराबर नहीं आएगा”
मैं: “मैने लिया हैं मुझसे पूछो, राहुल का लंड सामान्य मर्दो से मोटा हैं, कसरती बदन जो हैं। उसके जैसा कोई नहीं चोद सकता. …मै भी कैसी बातें कर रही हूँ. अपने पति के लंड को अपने प्रेमी से तूलना कर रही हूँ”
रूबी: “तू दुनिया की पहली औरत नहीं हैं जो अपने पति और आशिक से हुयी चुदाई की तुलना कर रही हैं। मैं भी इतने सालो यही कर रही थी। तू बिंदास चुदने के मजे ले, अपने पति से छुप कर आशिक से चुदवाने का मजा ही कुछ और होता हैं।”
रूबी के ऑफिस में भी छुट्टी थी तो कोई परेशानी नहीं हुयी, वो बच्चो का ख्याल रखने वहीं रुक गयी। मै उसकी कार लेकर ही फार्म हाऊस जाने वाली थी।
मै अब ड्रेस पहन फार्म हाऊस पर राहुल से मिलने के लिए तैयार हो रही थी। मुझे पता था कि मै क्या करने जा रही थी पर मै सारे परिणाम भूगतने को तैयार थी।
मै फार्म हाऊस पहुंची. वहां का स्टाफ नहीं था, शायद राहुल ने हमेशा की तरह अपने स्टाफ को छुट्टी पर भेज दिया था। दरवाजा खुला ही था तो मै अंदर गयी।
सामने सोफे पर राहुल बैठा था, शायद उसे मेरा ही इंतजार था। मैंने दरवाजा बंद कर दिया। पीछे मुड़ी तो राहुल अपना शर्ट निकालने लगा।
फिर उसने पैंट निकालना शुरू किया और मैंने भी अपनी ड्रेस निकाल नीचे रख दी. मै अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी और सामने राहुल भी अंदर के कपड़ो में था।
हम दोनो ने एक साथ अपने अंदर के कपड़े भी खोले और एक दूसरे से दूर आमने सामने नंगे खड़े थे। राहुल पिछे मुड़कर अपने बेडरुम में चला गया। मै भी उसके पीछे गयी।
जब मै उसके बेडरुम में पहुंची तो वो अपने बिस्तर पर हाथ पैर फेलाएं पूरा नंगा लेटा था। मै बिस्तर के करीब पहुंची और फिर उसके मुंह की तरफ पीठ करके मै उसके सीने पर बैठ गयी।
फिर में आगे की तरफ झुकी और अपने मुंह में उसका लंड ले लिया और मुंह से चूस कर उसको रगड़ने लगी ताकि वो तैयार हो जाए। इस बीच मैंने अपनी गांड पीछे खिसकायी और मेरी चूत मैंने राहुल के मुंह पर रख दी।
उसने अपने होंठो से मेरी चूत के होंठो को चूमना चाटना शुरु कर दिया और मै भी मजे के मारे लंड चाटने लगी। इतने समय बाद हम एक दूसरे के अंगो को इस तरह चुम रहे थे तो अच्छे से चूसते हुए अपनी प्यास बुझा रहे थे।
अगले 10 मिनट तक हम एक दूसरे के अंगो को चूमते और चाटटे रहे, सिर्फ बीच बीच में कुछ सेकण्ड सांस लेने को रुकते रहे। राहुल का लंड लकड़ी की भांती कठोर हो चुका था और मेरी लार से चिकना हो तैयार था।
मेरी चूत का भी यहीं हाल था, पूरी गीली पड़ी थी पर राहुल उसे चाटें जा रहा था। बीच बीच में अपनी जुबान को रोल करके मेरी चूत के छेद में भी डाल कर अंदर बाहर करता तो मेरी झुरझुरी छूट जाती।
इसके पहले कि मै और देर चूस कर उसके लंड का पानी निकाल दू, मैंने सोचा अब उसको चोद ही देती हूँ। मैंने उसका लंड अब मुंह से बाहर निकाला।
उसका लंड इतना लंबा तो था ही कि मै पूरा मुंह में नहीं उतार सकती थी, इसलिए मैंने अपने हाथ से रगड़ कर उसके लंड के ऊपरी भाग को जो कि मेरी लार से चिकना था, उस चिकनाई को उसके पूरे लंड पर फैला दिया। लंड पूरा चिकना होना जरुरी था, वरना जब वो पूरा मेरी चूत में उतारेगा तो वो मुझे दर्द देगा।
मैने उसका लंड छोड़ दिया पर उसका तो मेरी चूत को चूमने से पेट ही नहीं भरा था। उसने दोनो हाथों से मेरी गांड पकड़े हुए मुझे उठने नहीं दिया।
मेरी चूत तो वैसे ही इतनी देर चूमने से नशे में मतवाली हो चुकी थी और करंट के झटके पर झटके मार रही थी। मै भी चाहती थी कि वो ऐसे ही मुंह से मजे दिलाता रहे पर मुझे पता था कि मेरी चूत की प्यास तो उसका लंड ही बुझाएगा और मुझे माँ भी बनाएगा।
मै अब उसकी पकड़ से छुटकर नीचे उतरी और फिर उसकी तरफ मुंह कर उसके लंड पर बैठ गयी। उसने दोनो हाथों से मेरे मम्मे दबोच लिए। मैंने थोड़ा शरीर ऊपर उठाते हुए उसके लंड को अपनी चूत में थोड़ा सा उतार दिया।
राहुल: “तुम मेरे साथ जबरदस्ती कर रही हो?”
मैं: “हां, जबरदस्ती कर रही हूँ, ताकि तुम बाप बन पाओ। क्युँ कि तुम्हारी ज़िद हैं कि माँ बनाओगे तो सिर्फ मुझे और किसी को नहीं। अब तुम मुझे माँ बनाओ या नहीं, मै खुद ही तुम्हारे बच्चे की माँ बन जाउंगी”
उसके आधे लंड को मेरी चूत की गर्मी मिलते ही वो शांत हो गया और थोड़ा सा मुंह खोले इंतजार करने लगा। मै धीरे धीरे नीचे बैठती गयी और उसका मोटा लंड अपनी चूत में उतारती गयी।
जब उसका लंड पूरा मेरी चूत में उतर गया तो उसका मुंह पूरा खुल गया था। मैंने अब ऊपर नीचे उछलते हुए उसके लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर रगड़ना शुरु किया।
शुरू की कुछ देर उसका लंड घिसट घिसट कर मेरी चूत में अंदर बाहर हो रहा था पर एक बार चिकनाई बनने के बाद वो ज्यादा आराम से मेरी चूत को रगड़ मार मुझे मजा दिला रहा था।
इतने समय तक जोसफ की दर्दनाक चुदाई की बाद राहुल का लंड मेरे लिए शान्ति भरी मजेदार चुदाई लेकर आया था। मै जोर लगाते हुए अपनी गति बढ़ाने लगी जिससे मैं आहें भरने लगी तो दुसरी तरफ राहुल की भी हल्की आहें शुरु हो चुकी थी।
उसने अब मेरे मम्मो को फिर से दबाना शुरु किया और मेरा मजा दुगुना कर दिया। चुदते हुए मम्मो में जो हलचल होती हैं उसको शांत करने के लिए उनको दबवाना जरुरी था।
अगले कुछ मिनट हम ऐसे ही चुदाई के मजे लेते रहे. फिर जब मै थोड़ा थकने लगी तो मै अपनी छाती उसके सीने पर चिपका कर लेटे लेटे आगे पिछे हो चुदती रही।
मेरे भारी मम्मे उसके सीने से दब कर शायद उसको भी सुकून दे रहे थे और मुझे भी। थोड़ी देर पहले मेरी चूत को चाट कर वो आधा मजा पहले ही दिला चुका था तो मेरा ज्यादा कम बचा नहीं था।
उसी तरह राहुल ने भी लंबे समय से किसी को चोदा नहीं था तो वो भी जड़ने के करीब आ गया था। जब मुझे लगा मै झड़ने के करीब हूँ तो मैंने अपनी हिम्मत जुटाई और अपने धक्को की गति बढ़ाई और राहुल के लंड को तेजी से अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी।
मेरे ऐसा करते ही राहुल की तेज सिसकियां निकलने लगी और फिर मै भी शुरु हो गयी “आंह आह” करते चिखने लगी। राहुल ने मेरी गांड और कमर के बीच से टाइट पकड़ लिया और अपना लंड कुछ ज्यादा ही मेरी चूत में घुसा दिया और मैंने भी उसको बाहर नहीं निकाला।
उसने अपना पानी मेरी चूत में खाली कर दिया और उसी वक्त मैंने अपनी चूत को सिकोड़ते हुए उसके लंड को निचोड़ सा दिया और खुद भी जड़ गयी।
दोनो ने जड़ने के बाद एक दूसरे के होंठो को चूमते हुए रस लेना शुरु किया. राहुल और मैंने एक दूसरे को धन्यवाद बोला और मै उसके ऊपर से हटी।
अगले एपिसोड में पढ़िए मैं और राहुल माँ बाप बनने के लिए और कितनी मेहनत करते हैं।
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