कॉलेज गर्ल से दोस्ती करके चोदा

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अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले मेरे प्यारे पाठको, यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. आशा है आप सभी को पसंद आएगी.

मेरा नाम राज है और मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ. मेरा लंड 7″ लम्बा व खूब मोटा है. मुझे चुत के साथ गांड मारना भी बहुत पसंद है. जिन्हें चुदाई के साथ पूरी मस्ती करने की जानकारी लेनी हो, वो मुझे [email protected] पर सम्पर्क कर सकते हैं. उनकी उम्र चाहे कोई भी हो.. मेरी तरकीब से आपको चुदाई में पूरा मजा मिलेगा.

अब सीधा चुदाई की कहानी पर आते हुए बताना चाहता हूँ कि संजना मेरी फ्रेंड थी. मेरी उससे मुलाकत कालेज में हुई थी. मैंने कहीं से उसका मोबाईल नम्बर लेकर दोस्ती करने के लिए कहा, जिसे उसने जल्द ही स्वीकार कर लिया. हमारी फोन पर देर रात तक बातें होने लगीं जो कि धीरे-धीरे सेक्स तक पहुँच गई.

अब मैं उसे उस हद तक प्यार करना चाहता था, जिसे आजकल के लोग चुदाई का नाम दे चुके हैं. मैं उससे अकेले में मिलना चाहता था, जिसके लिए अब वो भी तैयार थी. शायद वो भी यही चाहती थी.

एक दिन मुझे मेरे एक दोस्त का फोन आया, जिससे मुझे पता चला कि उसके घर वाले किसी जरूरी काम से बाहर गए हुए हैं. मैंने तुरंत उससे एक कमरे का इंतजाम करने को कहा तो वो कुछ समय के लिए अपना कमरा देने को तैयार हो गया.

मैंने संजना को फोन करके अकेले में मिलने को कहा और बताया कि बड़ी मुश्किल से कमरा मिला है, नहीं तो ये मौका भी हाथ से जा सकता है.

वो तुरंत तैयार हो गई, शायद वो भी चुदना चाहती थी. सजंना अपने घर वालों से बहाना बनाकर आ गई और बस स्टैंड के नजदीक आकर उसने मुझे फोन किया. तो मैं तुरंत बाईक पर उसे लेने के लिए पहुँच गया.

आज तो वो मुझे और भी सेक्सी लग रही थी. मन तो कर रहा था कि वहीं पर पटक कर चोद दूँ, लेकिन खुद पर काबू रखते हुए मैं उसे अपने दोस्त के घर ले गया. दोस्त ने हमें कमरा दिखाते हुए अन्दर भेज दिया, वो खुद बाहर बैठ गया ताकि किसी के अचानक आने पर हमें सूचित कर सके.

अब मैं और संजना बिल्कुल अकेले एक आजाद पंछी के जोड़े की तरह थे. मैंने संजना को बिल्कुल अपने नजदीक किया, वो थोड़ा शर्मा रही थी. मैंने उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और चूमने लगा. कुछ समय बाद वो भी मेरा साथ देने लगी.

अब धीरे-धीरे संजना पर भी मदहोशी छाने लगी थी और तब तक मेरा दायां हाथ उसके स्तनों तक पहुंच चुका था. मैं अपनी जीभ उसके मुँह में डालकर घुमा रहा था, जिसमें वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. तभी मैंने संजना का हाथ पकड़ कर पैन्ट के ऊपर से अपने लंड पर रखा तो उसने वापस खींचने की कोशिश की, लेकिन मैंने फिर से लंड पर रख कर दबा दिया. इस बार उसने हाथ हटाने की कोशिश नहीं की.

अब जैसे मैं जोर से उसके चुचे मसलता, तो वो भी लंड पर अपना दबाव बढ़ा देती.

इसी बीच कब हम दोनों के कपड़े बदन से अलग हुए, पता ही नहीं चला. मैंने धीरे से उसकी चुत पर हाथ रखा तो पता चला कि चुत बहुत ज्यादा पानी छोड़ रही थी, जिससे उसकी पैंटी पहले से ही गीली हो चुकी थी.

संजना की चुत बिल्कुल सफाचट थी क्योंकि मैं जब भी उससे बात करता था तो उसे बोलता था कि हम जब भी मिलेगें तो अपनी चुत के बाल साफ करके आना, मैं तुम्हारी चुत चाटना चाहता हूँ. शायद इसी लिए संजना ने अपनी चुत चमका रखी थी क्योंकि शायद उसे पता था कि आज उसकी चुदाई होने वाली है.

अब गरदन से होते हुए उसके स्तनों तक पहुँच चुका था और बड़ी ही मस्ती से चूम रहा था. संजना के मुँह से बार बार आह निकल रही थी ‘आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… जानू आई लव यू आहह..’

अब मैं अपना मुँह धीरे से पेट पर चूमते हुए उसकी चुत पर लेकर गया और अचानक से सीधा चुत को चूमने लग गया. मैं उसकी चूत के होंठ खोल कर अंदर तक चाट रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने उसकी भगनासा को अपनी जीभ से बहुत कुरेदा, मैं अपने दिल की हर ख्वाहिश कि ‘इस तरह से गर्लफ्रेंड की चूत चाटूंगा, उस तरह से चूत चाटूंगा’ पूरी कर रहा था. संजना को भी खूब मजा आ रहा था, वो लगातार अपने चूतड़ उछाल कर आहें भर रही थी. मैंने उसकी चूत चाट चाट कर लाल कर दी थी. मैं कई दिनों से इसी पल का इन्तजार कर रहा था. मजा तो बहुत आ रहा था लेकिन मुझे चुदाई के लिए भी बेचैनी बहुत हो रही थी. संजना भी काफी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी.

आखिर उसकी चूत चाटना छोड़ कर मैंने उठकर संजना के हाथ में अपना लंड थमा दिया. उससे लंड चूसने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया.

यह हमारी पहली चुदाई थी इसलिए मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया. अब वो मेरे लंड अपने हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी और बोली- जानू, ये इतना मोटा और बड़ा मेरे अन्दर कैसे जाएगा? इसे मैं नहीं ले सकती.. मुझे बहुत दर्द होगा.

लेकिन वो मेरे समझाने पर जल्द मान भी गई और फिर मैंने देर न करते हुए लंड उसकी चुत में घुसा दिया. उसे थोड़ा दर्द तो हुआ लेकिन वो सह गई.

चुत के पानी छोड़ने से अन्दर तक चिकनी हो गई थी, इसलिए लंड आराम से पूरा अन्दर चला गया.

फिर तो चुदाई का जो मजा आया वो शायद मैं शब्दों में भी ब्यान नहीं कर सकता. वो मस्ती में आकर जोर-जोर से करने को कह रही थी.. और मैं मजे से अपने चुदाई के नियम अपनाते हुए उसे चोद रहा था. उसके बाद मैंने दो राउंड चुदाई के और लगाए.. और फिर वापिस उसे छोड़ आया.

उसके बाद मुझे चुत चाटने और चोदने का चस्का लग चुका था. चाहे इसके लिए कितनी दूर भी जाना पड़े.

मैं अब जिन्दगी मैं किसी शादीशुदा औरत के साथ मस्ती करना चाहता हूँ. क्योंकि मेरा मानना है कि सभी को जिससे दिल चाहे, मजे करने चाहिए. अकेले चुत में उंगली करने से अच्छा है मनपसन्द लंड से चुदो.

मेरी इस सेक्स कहानी पर अपने मेल भेजिएगा. [email protected]

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