रैगिंग ने रंडी बना दिया-104

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दोस्तो आ गई मैं नए पार्ट के साथ, अब कहानी में अलग मोड़ आ गया है तो चलो देखते हैं आगे क्या हुआ. जहाँ पिछला पार्ट खत्म हुआ था, वहीं से शुरू करते हैं.

पापा- हमें बहुत सोच कर कदम उठना पड़ेगा; और हाँ, तुमने वो टीना के भाई के बारे में बताया था ना.. क्या नाम था उसका? सुमन- वो मॉंटी है पापा.. मगर उसका इसमें क्या हाथ हो सकता है? पापा- नहीं, उसका कोई हाथ नहीं, मगर उसकी बहन का पूरा हाथ है. वो एक तीर से दो शिकार कर रही है. एक तरफ़ तुझे बिगाड़ रही है और दूसरी तरफ़ अपने भोले भाई को फास्ट बना रही है. अब हम भी उसी की चाल पर चलेंगे और उनके सारे प्लान उन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल करेंगे समझी. सुमन- नहीं पापा, मैं इतना ज़्यादा नहीं समझी.. आप मुझे ठीक से बताओ. पापा- तुझे ऐसे समझ नहीं आएगा. अब जो बोलता हूँ ध्यान से सुन, तब सारी बात तेरी समझ में आ जाएगी.

दोनों बाप बेटी ने काफ़ी देर बातें की और एक ज़बरदस्त प्लान बनाया, जिससे संजय का वार उसी पे हो जाएगा. उसके बाद दोनों मजे लेने लगे. दोस्तो ये पिछले पार्ट में था मगर कुछ बातें रह गई थीं तो रिपीट करना पड़ा. अब आगे..

रात को गुलशन जी ने फिर जमकर सुमन की चुदाई की उसके बाद दोनों सो गए.

सुबह का सूरज आज कुछ नए अंदाज में निकाला था. आज एक खास दिन था आज गुलशन जी और सुमन ने जो प्लान बनाया था, उसको शुरू करने का दिन आ गया था.

वैसे तो इतनी चुदाई के बाद सुमन की टांगें फिरी हुई थीं और उसकी चाल भी बिगड़ गई थी. कोई भी देख कर बता सकता था कि इसको मस्त ठोका गया है. खास कर उसकी गांड को क्योंकि सुमन की गांड में अभी भी दर्द था और वो कुछ अलग ही अंदाज में चल रही थी. मगर गुलशन जी ने उसको एक आइडिया दिया, जिससे किसी को शक ना होने पाए.

सुमन रेडी होकर टीना के घर गई और वो थोड़ा झुक कर चल रही थी, जैसे अक्सर पीठ में दर्द होने पर चलते हैं. सुमन ने आज पिंक टॉप और येलो स्कर्ट पहनी थी, जिसमें उसका निखार अलग ही नज़र आ रहा था.

टीना- ओह आ गई मेरी जान वाउ.. आज तो कयामत बन के आई हो तुम.. मगर ये ऐसे क्यों चल रही है और तेरी आँखें भी सूजी हुई हैं, जैसे पूरी रात जागी भी हो और रोती भी रही हो. सुमन- आपने सही कहा दीदी मैं पूरी रात रोती रही हूँ.. और सोने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता, बस जैसे तैसे मैंने रात काट ली. टीना- अरे ऐसा क्या हुआ मुझे टेंशन हो रही है यार.. जल्दी से बता क्या हुआ? सुमन- क्या बताऊं दीदी, रात को खाने के बाद पापा का फ़ोन आ गया तो उनको अर्जेंट कहीं जाना पड़ा, वो बोल कर गए कि तुम सो जाना, मुझे आने में देर होगी.

टीना- अच्छा फिर क्या हुआ तू रोई क्यों? सुमन- यार पापा के जाने बाद मैं सो गई थी, थोड़ी देर बाद कुछ अजीब सी आवाजें आईं, जिसे सुनकर मैं डर गई और पापा को देखने गई कि वो आए या नहीं, मगर वो नहीं आए थे. मैं वापस अपने कमरे में आ रही थी तो पता नहीं कहाँ से एक बिल्ली आ गई, जो जोर से मेरे सामने से भागी और मैं इतनी डर गई कि मेरी समझ में ही नहीं आया कि क्या करूँ. मैं भी चिल्ला कर भागी और ऐसी गिरी कि पीठ और पैर में चोट लग गई, इतना दर्द हो रहा था क्या बताऊं आपको.. पापा तो आए ही नहीं और मैं दर्द से पूरी रात रोती रही.

टीना- ओह गॉड तेरे पापा पागल हैं क्या.. तुझे अकेला छोड़ गए और अब तक वापस नहीं आए. ऐसा क्या काम आ गया था उनको? सुमन- अरे ऐसा मत कहो दीदी, दुकान का माल आया होगा शायद.. वो अक्सर ही ऐसे जाते हैं. टीना- अरे ठीक है, मगर तू मेरे पास आ जाती या मुझे कॉल ही कर लेती. सुमन- रात को अकेली कहाँ से आती और कॉल के लिए मोबाइल भी होना चाहिए ना. टीना- यार, तू पापा को बोल दे मोबाइल के लिए.. ऐसे कैसे काम चलेगा? तेरी मॉम भी नहीं हैं अगर कुछ हो जाता तो.. तुझे ज़्यादा चोट लग जाती तो क्या करती? ये सब बातें अपने पापा को बताना ताकि वो मोबाइल लेकर दे दें.

सुमन- ठीक है दीदी बता दूँगी, अब चलो हमें देरी हो जाएगी. टीना- तू पागल है क्या, ऐसी हालत में कॉलेज जाएगी क्या? चल तू आराम कर आज कहीं मत जा. सुमन- नहीं दीदी, पापा भी नहीं हैं और मैं घर पर अकेली बोर हो जाऊंगी, इससे अच्छा कॉलेज ही जाते है ना. टीना- एक काम कर.. तू यहीं आराम कर ले, माँ की तबीयत ठीक नहीं है, वो सोई हुई हैं और मॉंटी भी घर पे ही है उसकी छुट्टी है. आज तू उसके साथ थोड़ा मजा मार लेना, उससे पीठ की मालिश भी करवा लेना, आराम मिलेगा तुम्हें और उसको भी अच्छा लगेगा.

सुमन- लेकिन यहाँ आंटी आ गईं तो? टीना- अरे पागल, तुझे माँ की बीमारी का अच्छी तरह पता है, दिन में 20 घंटे वो सोती हैं.. कभी कभी ही जागती हैं. सुमन- अच्छा ठीक है, आप भी रुक जाओ ना दीदी.. साथ में रहेंगे तो अच्छा लगेगा. टीना- नहीं यार मेरा जाना जरूरी है संजय को कुछ काम है मुझसे. मैं आकर तुझसे ढेर सारी बात करूँगी ना. सुमन- अच्छा ठीक है, मैं भी घर जाकर चेंज कर लेती हूँ. इन कपड़ों में मैं कैसे आराम करूँगी?

टीना- अरे पागल लड़की, मेरे कपड़े पहन ले. इतनी सी बात के लिए वापस जाएगी क्या और मॉंटी बाथरूम में है, आता ही होगा. उसको नाश्ता करवा देती हूँ. तब तक तू कपड़े बदल ले ओके. सुमन- ठीक है दीदी अच्छा आप एक काम करना.. आते वक़्त फ्लॉरा को साथ लेकर आना. टीना- अच्छा ले आऊंगी, चल तू चेंज कर ले जल्दी से, नहीं तो मॉंटी आ जाएगा.. और तुझे नंगा देख कर उसका लंड खड़ा हो जाएगा. फिर वो सुबह सुबह तुझे फिर चूसने को कहेगा हा हा हा हा.

दोनों खिलखिला कर हंसने लगीं और टीना हंसते हंसते वहां से बाहर चली गई. सुमन ने अलमारी से टीना की एक नाइटी पहन ली और बेड पे लेट गई.

टीना ने मॉंटी को नाश्ता करवा दिया और उसको बता भी दिया कि सुमन की तबीयत ठीक नहीं है तो उसको ज़्यादा परेशान मत करना. उसके बाद वो सुमन से मिलकर कॉलेज चली गई. मॉंटी- हैलो दीदी, गुड मॉर्निंग कैसी हो आप? सुमन- गुड मॉर्निंग मॉंटी.. मैं ठीक हूँ. तू बता तेरी लाइफ में क्या चल रहा है? मॉंटी- कुछ नहीं दीदी कितने दिन से आप आई भी नहीं और दीदी भी मेरी बात नहीं सुनती हैं. अब आप ही बताओ मैं ऐसे अकेले अकेले कैसा रहूँगा. सुमन- अच्छा तो मेरा मॉंटी उदास है. चल बता मैं क्या कर सकती हूँ तेरे लिए? मॉंटी- रहने दो दीदी, आपकी तबीयत ठीक नहीं है. कुछ कहूँगा तो दीदी आकर मुझ पर गुस्सा करेगी. सुमन- अरे इतनी भी बीमार नहीं हूँ जो मेरे मॉंटी को मजा ना दे सकूँ. मॉंटी- थैंक्स दीदी, आप सच में बहुत अच्छी हो; आई लव यू दीदी.

सुमन- अच्छा इतना प्यार करता है मेरे से.. चल आज मैं तुझे स्पेशल मजा दूँगी. मॉंटी- वाउ दीदी.. सच में कैसा मजा दोगी प्लीज़ बताओ ना मुझे. सुमन- बताऊंगी नहीं.. करके दिखाऊंगी.. मगर तुम्हें अपनी माँ की कसम खानी होगी कि ये बात तू टीना को बिल्कुल नहीं बताएगा. मॉंटी- ठीक है दीदी मैं माँ की कसम ख़ाता हूँ कि दीदी को नहीं बताऊंगा. सुमन- अब ठीक है चल दरवाजा बंद कर दे और निकाल दे कपड़े.. आज तुझे मैं पूरा मर्द बनाती हूँ.

मॉंटी ने दरवाजा बंद कर दिया और दोनों नंगे हो गए.

सुमन- बोल पहले चुत को चाटेगा या मैं तेरा लंड चूस कर मजा दूँ. मॉंटी- दीदी, वो खास मजा दो ना आप.. मुझे उसके बाद जो चाहे करना. सुमन- अरे पागल वो मजा पहले नहीं बाद में दिया जाता है. पहले चूस कर तुझे मजा दूँगी.. समझा तू. मॉंटी- फिर आप मेरा लंड चूसो, उसके बाद मैं आपकी चुत चाटूँगा.. ठीक है ना दीदी. अरे वाह आज तो तू सीधे लंड चुत बोलना सीख गया है. मॉंटी शर्मा गया.

सुमन- तो ठीक है.. चल तू यहाँ खड़ा हो जा, मैं बैठी बैठी ही तुझे मजा दूँगी. मॉंटी खड़ा हो गया और उत्तेजना में उसका लंड तो पहले ही खड़ा था, जिसे सुमन ने मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी. मॉंटी- आह.. दीदी मजा आ रहा है उफ़.. ऐसे ही चूसो ना.. आह.. ससस्स ऐसे ही चूसो दीदी.. बहुत अच्छा चूस रही हो आप एयेए ऐसे ही जोर जोर से चूसो.

सुमन तो अब लंड चूसने में एक्सपर्ट हो चुकी थी. अब तो मॉंटी का लंड उसको बहुत छोटा लग रहा था. वो उसको जड़ तक चूस रही थी और साथ ही साथ उसकी छोटी छोटी गोटियों को भी सहला रही थी, जिससे मॉंटी का मजा दुगुना हो रहा था. वो आँखें बंद करके बस मजा ले रहा था.

थोड़ी देर लंड चूसने के बाद सुमन ने होंठों को टाइट कर लिया और मॉंटी को आगे पीछे करने को कहा.

मॉंटी को सुमन की बात समझ आ गई और वो सुमन के मुँह को चोदने लगा धीरे धीरे अपने आप वो हिलने लगा और मुख चोदन करने लगा. अब बेचारा मॉंटी ऐसे ज़बरदस्त मज़े के आगे कहाँ टिक पाता.

मॉंटी- आह.. आह.. सस्स दीदी मेरा निकलने वाला है आह…

मॉंटी अपने आप तेज हो गया, अब वो जोर जोर से सुमन का मुँह चोदने लगा. थोड़ी ही देर में उसका वीर्य निकल गया, जिसे सुमन गटक गई और उसने लंड को चूस कर आख़िरी बूँद तक निचोड़ डाली.

मॉंटी- आह.. दीदी आज तो बहुत मजा आया.. आपका ये वाला सर्प्राइज़ बहुत अच्छा था. सुमन- ये तो सिर्फ़ झलक थी मेरे भाई.. असली मजा तो अब आएगा. चल जल्दी से मेरी चुत को चूस, फिर तुझे असली मजा दूँगी. मॉंटी- क्या इससे भी ज़्यादा मजा आएगा? तब तो जल्दी करो ना दीदी.. मुझे वो मजा लेना है.

सुमन ने मॉंटी को कहा कि पहले तू चुत को चूस के मजा दे.. उसके बाद तुझे मैं असली मजा दूँगी और मॉंटी भी उसका गुलाम बन चुका था, वो शुरू हो गया और चुत को अच्छे से चाटने लगा. सुमन के कहने पर वो जीभ को नोक से चुत को कुरेदने लगा.

सुमन- आह.. सस्स मॉंटी.. उफ़.. मजा आ रहा है.. चाट उफ़.. जोर से चाट सस्स आह.. ऐसे ही चाट.. मुझे बहुत ज़्यादा मजा दे रहा है.

दस मिनट तक सुमन चुत चटवाती रही. अब वो बहुत उत्तेज़ित हो चुकी थी और उसकी चूत को जरूरत है एक लौड़े की… उसने मॉंटी को चुत चाटने से मना कर दिया- बस मॉंटी अब रुक जा, अब तुझे असली मजा देने का टाइम आ गया है.

मॉंटी भी सुमन की चुत चूसने से गर्म हो चुका था और उसका लंड भी अब वापस खड़ा हो चुका था. सुमन ने दोबारा उसको चूस कर गीला कर दिया. फिर खुद लेट गई और घुटनों को मोड़ कर चुत को फैला दिया और मॉंटी को पैरों के पास बैठने को कहा, मगर मॉंटी तो अनाड़ी था उसको समझ ही नहीं आ रहा था कि कैसे बैठे, तो सुमन ने उसको समझाया कि कैसे बैठना है, तब कहीं मॉंटी सही पोज़िशन में आया.

सुमन- मॉंटी आज तेरी पहली चुदाई है. देख जैसे मेरे मुँह को चोद रहा था ना.. वैसे ही यहाँ करना है. चुत पे उंगली लगा कर सुमन ने मॉंटी को बताया कि यहाँ अपना लंड घुसा दे और जोर जोर से झटके देना, जैसे अभी कमर को हिला हिला कर दे रहा था.

मॉंटी- नहीं दीदी आपको दुखेगा.. उस दिन भी ग़लती से ये इसमें घुस गया था तो आपको दर्द हुआ था.

अब बेचारा मॉंटी कहाँ जानता था कि उस दिन सुमन कुँवारी थी और आज ये 10″ का लौड़ा खा चुकी है. अब मॉंटी के छोटे से लंड से इसको कहाँ दर्द होगा.

सुमन- उस दिन की बात अलग थी भाई.. आज दर्द नहीं होगा. मैंने इसका इलाज कर लिया है. तू बस चुत में जोर जोर से करना, फिर देख तुझे भी इसमें बहुत मजा आएगा. मॉंटी- दीदी, ये चुत में घुसने से क्या मजा आएगा. आप मुँह से लंड चूसती हैं तब ज़्यादा मजा आता है, अब ये चुत थोड़े ही लंड को चूसने वाली है. सुमन- अरे पागल ये चूसती नहीं, निचोड़ डालती है लंड को.. तू एक बार इसका स्वाद लेकर देख, फिर तू सारे मज़े भूल जाएगा. मॉंटी- ठीक है दीदी, आप कह रही हो तो ट्राइ करता हूँ मगर मुझे अभी भी कुछ समझ नहीं आ रहा है.

मॉंटी तो चुदाई से एकदम अनजान था उसको समझ ही नहीं आ रहा था कि इसमें लंड घुसेड़ने से क्या मजा मिलेगा. मगर सुमन की बात को वो टाल भी नहीं सकता था तो उसने लंड को हाथ में लिया और चुत को देखने लगा.

सुमन- सोच मत.. अब डाल दे जल्दी से.. मेरी चुत में बहुत खुजली हो रही है. मॉंटी लंड डालता, इससे पहले बाहर से उसको जोरदार आवाज़ सुनाई दी.

ये लो अब ये कैसी आवाज़ आ गई रुक गया ना मॉंटी.. ना जाने अब क्या आफ़त आ गई है.

बस दोस्तो, आज का पार्ट यहीं तक, अब अगले पार्ट में पता लगेगा कि मॉंटी ने अपनी बहन की सहेली की बुर की चोदाई या नहीं.

आप अपने कमेंट्स दो ताकि मैं आपको जल्दी से आगे का पार्ट जल्दी भेज दूँ. [email protected]

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