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अन्तर्वासना की पुरानी कहानी का पुनः सम्पादन करके पुनः प्रकाशन
दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी पापा ने अपनी सगी बेटी को चोद दिया पढी. यह मेरी सच्ची कहानी है. उस दिन मैंने बहुत ही एन्जॉय किया था; इतना कि मैं यहाँ आपको बता नहीं सकती हूँ. पिछली कहानी पढ़ कर आप लड़कों ने मुठ मारी होगी.. है न..क्यों सही कह रही हूँ ना..!
खैर दोस्तो, इस बार अपने वायदे के मुताबिक मैं अपनी दूसरी कहानी लेकर आई हूँ. और यह अभी हाल ही की घटना है जब पापा ने मुझको एक बहुत ही हॉट ब्लू फिल्म यानी क्सक्सक्स मूवी दिखाई और मुझ को यानि अपनी बेटी को हचक हचक कर चोदा.
पर उससे पहले आपकी नज़र एक सेक्सी सा शेर अर्ज किया है.. जीवन के तीन सत्य हमेशा याद रखना. 1. गरीब और चूचे हमेशा दबते हैं. 2. मुसीबत और लंड कभी भी खड़े हो सकते हैं. 3. किस्मत और ब्रा कभी भी खुल सकती है. पसंद आया शेर…?!?
एक बात और दोस्तो, कभी अपनी फैमिली मेम्बर जैसे बहन, मौसी, माँ, चाची, पड़ोसन आदि को चोद कर देखना, बहुत मजा आएगा.
तो अब इस नई कहानी पर आती हूँ. कसम से इस बार मेरी चुत को बहुत मजा आया.
तो एक शाम पापा ने कहा कि सुमि क्या तुमने कभी ब्लू फिल्म देखी है? मैंने कहा- ब्लू फिल्म? ये क्या होता है? पापा ने बताया कि ब्लू फिल्मों में लौंडा लौंडिया को चुदाई करते हुआ दिखाते हैं. मैंने कहा- अरे वाह पापा.. मुझे भी वो फिल्म देखनी है. पापा बोले- एक शर्त पर दिखाऊंगा कि तुम उसी स्टाइल में मुझसे चुदवाओगी. मैंने कहा- पापा मेरी जवानी सिर्फ आप के लिए ही है, मेरी चुत में सिर्फ आपके ही लंड को घुसने की इजाज़त है. पापा ने कहा- तो फिर आज रात तुमको मैं वो फिल्म दिखाऊंगा.
तो शाम के 6 बजे पापा xxx ब्लू फिल्म की सीडी ले आए. मैं तो गर्म होती जा रही थी, मेरी चुत तो फूली नहीं समा रही थी. आखिर इसको तो भी पापा के लंड का इन्तजार था.
खाना खाने के बाद पापा ने वो फिल्म शुरू कर दी. नाम वाम आने के बाद जो देखा तो मेरी तो साँसें ही रुक गईं.. पता नहीं क्या था.
उसमें एक लड़की नहा रही थी. उसकी चूचियां बड़ी बड़ी और बहुत ही मस्त थीं. पर मेरी चूचियों से छोटी थीं. हाँ तो मैं देख रही थी कि वो पटाखा सी लौंडिया नहा रही थी कि तभी एक अफ्रीकन लड़का कमरे में आता है और लड़की के बाथरूम में जाकर उसको नहाते देख कर लंड मुठियाने लगता है.
पापा के पास बैठ कर फिल्म देख रही थी. पापा ने मेरी चूचियों को नीबू की तरह निचोड़ना शुरू कर दिया. मैं तो पापा से चूचियां दबवा कर निहाल हो गई.
तभी लड़की उसको लंड हिलाते देख लेती है.. और उस काले हब्शी को बाथरूम में बुला कर उसका मोटा लम्बा लंड पकड़ लेती है. लंड 13 इंच का था.. साले का लंड नहीं बिल्कुल लोहे का सरिया था. लड़की लंड का सुपारा चाटने लगती है.
खैर.. अब तक पापा का लंड भी जोश में आ चुका था. उनके खड़े लंड को देख मेरी मुनिया ने पानी गिराना शुरू कर दिया. पापा बोले- क्या बात है आज तुम पहले ही झड़ गई? मैंने कहा- पापा मैं झड़ी नहीं, ये तो मुनिया ने पेशाब कर दिया है.
पापा जल्दी से उठ कर मेरी टांगों के बीच आ गए और मेरी टांगों को चौड़ी करके मेरी चुत को चूसने लगे. ‘ऊऊ.. उफ़्फ़.. क्या नशा छा रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे पापा की जीभ मुझको जन्नत में घुमा रही हो.’
पापा ने चुत पे लगी पेशाब की बूंदों को पी लिया और फिर से उसको बुरी तरह से चूसने लगे.
मैं तो मादक सिसकारियां भरने लगी ‘ऊऊऊईइ.. स्सस्सस्स.. स्सीईई.. पापा मजा आ रहा है.. आह्हह्ह.. शाबाश ऐसे ही चूसोऊऊ.. जीभ पूरी अन्दर करके से चोदो पापा मुझको.. सीईईई.. अह्ह.. सीई..’
तभी मैंने टीवी की ओर देखा तो पता चला कि वो मादरचोद लड़का उस लड़की की छोटी से चुत में अपना घोड़े सा लंड घुसा रहा था.. और वो कुतिया लड़की चीखने के बजाए उसको उकसा रही थी ‘याह.. फ़क मी ऊऊओह्ह.. फ़क मी हार्डर न फ़क मी.. योर डिक इस सो लॉन्ग.. ऊउ.. सीई..ई अह्ह’
ऐसी मादक आवाजें उसके मुँह से निकल रही थीं. तभी पापा उठ गए और बोले- बिटिया, अब तुम्हारी बारी है. मैं उनका इशारा समझ गई और उनको बैठा कर उनके खड़े लंड को प्यार करने लगी.
पापा का लंड अकड़ता ही जा रहा था. मैंने लंड को एक चुम्मा लिया. पापा बोले- सुमि बेटी, चुम्मे से काम नहीं चलेगा, इसको तुम्हारे रसीले होंठों का प्यार चाहिए.
मैंने लंड को मेरे गुलाबी होंठों के बीच पकड़ लिया और अपने गले की गहराइयों को नापने लगी. पापा के लंड को चूसने में बहुत मजा आ रहा था. मैंने लंड को अपने थूक से भिगो दिया. भीगा हुआ लंड बहुत ही सुन्दर लग रहा था. लंड की नसें उभर आई थीं.
पापा कुछ ज्यादा ही जोश में आ गए थे.. आखिर उनको मेरी जवान चूत जो मिली थी.
पापा ने मुझको उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और खुद भी उछल कर बिस्तर पर आ गए. पापामेरी चुत पे अपनी तोप तान दी. टीवी पर पापा ने देखा कि लड़का लड़की को जोर जोर से पेल रहा है और लड़की लंड खाते हुए हंस रही थी. पापा ने मेरी चुत की घुंडी पर अपना लंड रगड़ा और तभी पापा का लंड मेरी चुत में एकदम से समा गया.
मुझे थोड़ा दर्द हुआ. मैंने कहा- पापा एक मिनट के लिए प्लीज़ इसको निकाल लो. पापा बोले- तू तो जानती है कि अभी तू दूसरी बार ही चुद रही है, तो लंड घुसाते वक्त तो दर्द होगा ही.
पापा ने अपने लंड के धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी देर बाद कमरा मेरी कामुक सिसिकारियों की आवाज से गूँजने लगा. ‘सीईई.. ऊऊउईई.. माँआआ.. पापा जोर से चोदो.. हाँ ऐसे ही.. सीईईई.. अह्हह्ह.. सीईई.. यस चोदो पापा चोदो फाड़ डालो मेरी चुत को.. सीई..’
पापा ने अपने धक्कों की रफ्तार और बढ़ा दी. मैंने कहा- पापा, पूरा लंड डाल कर चोदो. पापा बोले- पूरा लंड डाल दिया है. मैंने कहा- मेरी चुत और अन्दर तक लंड मांग रही है. पापा बोले- इसका तो काम ही है लंड को खा जाना, मैं तो इसकी माँ चोद दूंगा.
पापा ने अपनी स्पीड कायम रखी.
पापा के साथ साथ अब मैं भी अपनी कामुक आहों ‘आआआह्ह अह्ह.. सीईई..’ के साथ भी अपने चूतड़ों को हवा में उछाल रही थी. क्या मस्त समा था, एक तरफ़ टीवी पर काला लंड चुत को चोद रहा था और इधर पापा का लंड मेरी बुर को भोसड़ा बनाने में लगा था.
मैं भी जोर जोर से लंड पर बार बार चूत मार रही थी. तभी पापा ने लंड बाहर निकाल लिया, मुझको लगा जैसे मेरी चुत की सबसे प्यारी चीज छीन ली गई हो.
मैंने कहा- स्सीई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… पापा रहम करो इस पर.. इसकी प्यास बुझा दो. पापा बोले- नहीं, अब तुमको टीवी पर जैसा दिखाया, वैसे ही चोदूँगा.
मैंने टीवी की ओर देखा तो टीवी पर वो लड़का, लड़की को कुतिया बना कर चोद रहा था. मैं भी जल्दी से कुतिया की तरह बन गई और बोली- आने दो पापा.. पापा बोले- बेटी सयानी हो गई.. ये लो मेरी छिनाल..
और उनका लंड मेरी चुत के अन्दर आ गया. इस स्टाइल में तो मेरे पापा का लंड चुत की गहराई तक जा रहा था. पापा का लंड मेरे बच्चेदानी तक चोट मार रहा था.
मैंने पापा से कहा- उफ़्फ़.. और.. स्सस्सह पापा स्सस्सीईईई जोर जोर से चोदो अह्ह.. आपका लंड सीई मेरे गर्भाशय तक जा रहा है.. अह्हह्ह.. यस चोदो.. पापा बोले- अभी और मजा दूँगा.
पापा का हर धक्का अब मुझको बहुत ही मजा दे रहा था. मेरी सिसकारियां भी बढ़ने लगी थीं- सीईई.. आआईइऊ.. सीईई.. ऊऊफ़्फ़.. यस चोदो जोर जोर से चोदो.. राहुल.. पापा चोदते हुए बोले- हैं..? ये राहुल कौन है.. मैं सिसकारी लेती हुई बोली- सीई.. पापा राहुल, आआह्हह्ह.. जोर से चोदो ना.. मेरा दोस्त है. पापा बोले- उसको कभी अपनी कटोरी की मलाई चखाई है? मैंने कहा- नहीं.. पापा बोले- लगता है मेरा लंड तुझको अच्छा लगता है.. पर बेटी कभी उसको घर बुलाओ.. तुमको 2-2 लंड से चुदवाने का मजा मिलेगा. मैं राजी हो गई.
पापा बोले- अब मैं झड़ने वाला हूँ. स्सस्सीईई.. मैं बोली- पापा 10 मिनट और चोदो सिई.. मेरी प्यास अभी अधूरी है.. सीईईइ जम के चोदो मेरे राजा.. सीईई.. आअह्ह.. लंड से चोदो.. पापा मजा आ गया.. कब चोदोगे राहुल के साथ..? पापा बोले- कल उसको बुला लो फिर देखता हूँ.
तभी मैं सिसकी- पापा मैं तो अब गई.. सीईई.. उह्ह.. आह्ह.. झड़ने वाली हूँ. अपने वादे के अनुसार आप अपना पानी मेरी चुत में झड़ाना.. सीईई… अह्ह.. पापा मैं तो गई.. तभी पापा ने अपनी गति और बढ़ा दी और वो बोले- ले बेईईटीई.. मेरे लंड का पानी अपनी चुत को पिला ले..
पापा का लंड पिचकारी छोड़ने लगा. मैं अपनी चुत की गहराई में पापा के लंड का गर्म गर्म पानी महसूस कर रही थी. पापा उठने लगे तो मैंने मना कर दिया कि अभी थोड़ी देर लंड चुत में पड़े रहने दो.. जब तक आप मेरी चूचियां चूसो..
फिर 2 मिनट बाद पापा खड़े हो गए. उनका लंड मुरझा गया. मैंने देखा आज मेरी चुत पापा के लंड का पानी पीकर बहुत सुन्दर लग रही थी. मैं पापा का लंड पकड़ कर चूसने लगी और इस तरह पापा के लंड ने मुझको एक बार फिर अपना दीवाना बना दिया.
अगली बार राहुल और पापा से एक साथ चुदने का प्रोग्राम बन जाएया तो आप सभी को अपनी चुत की चुदाई की कहनी जरूर सुनाऊंगी. आपके मेल की प्रतीक्षा में हूँ. [email protected]
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