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प्रिय पाठको, यह कहानी अन्तर्वासना की सबसे पुरानी कहानियों में से एक है. लेकिन इसकी भाषा बहुत खराब थी. इसे पुनः संपादित करके प्रकाशित किया जा रहा है.
दोस्तो, मैं कबीर हूँ, अभी 20 साल का हूँ. मैं एक आभिजात्य *** परिवार से हूँ और मुंबई में रहता हूँ.
मेरी ये सेक्स स्टोरी आज से दो साल पहले शुरू हुई थी, जब मैं 18 साल का नया नया जवान हुआ था. मैं अपने पेरेंट्स की अकेली औलाद हूँ.
हमारी सारी फैमिली, जिसमें मैं मेरी अम्मी, मेरी चाची चाचा कजिन्स.. सब वाटर पार्क घूमने गए. सिर्फ मेरे अब्बू नहीं गए थे. वो बिजनेस के किसी काम से मुल्क से बाहर थे.
हम सब पानी में खेल रहे थे, मेरी चाची वाटर स्लाइड में बैठने से डरती हैं और मेरी मॉम को बहुत स्लाइड पर बैठने का बहुत शौक है. मेरी मॉम ने मेरी चाची को बहुत फ़ोर्स किया मगर वो नहीं मानी. मुझे भी स्लाइड का बहुत शौक था. हम लोग अकसर ट्रेन बना कर स्लाइड पर सरकते हुए पानी में कूदा करते थे.
मेरी मॉम की उम्र 42 साल है, उनका साइज़ 40-38-42 का होगा. मेरी मॉम ने मुझे बुलाया और कहा- आओ स्लाइड पर मजा लेते हैं. मैं मॉम के साथ गया, वहाँ पर रश बहुत था मगर हमें जगह मिल गई.
फिर मॉम ने कहा- तुम मेरे आगे बैठो. तो मैंने मना किया और कहा- मुझे डर लगता है. फिर मॉम ने कहा- ठीक है, चलो पीछे बैठ जाओ. मैंने कहा- ठीक है.
और मैं अपनी मॉम के पीछे टांगों से पकड़ कर बैठ गया. उस वक्त मुझे कुछ अजीब सा लगा. मैं अपनी मॉम से बिल्कुल चिपक कर बैठा था. मुझे मज़ा आने लगा. आज से पहले मैंने अपनी मॉम के बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा था. आहिस्ता आहिस्ता मेरा 6 इंच का लंड खड़ा होने लगा. मॉम इस बात से बेखबर थीं, वो अपनी मस्ती में थीं.
फिर मैंने अपने दोनों हाथों से मॉम को पकड़ लिया और मेरे हाथ अपनी मॉम के मम्मों पर जम गए थे. इसे मुझे और भी मज़ा आने लगा. फिर हमने स्लाइड से सीधा पानी में जा गिरे, जिससे मेरा मुँह सीधा मॉम की कमीज़ में चला गया, मेरा मुँह मॉम के मम्मों से रगड़ने लगा.
फिर हम बाहर निकले तो मॉम ने कहा- अब मैं एक सिंगल स्लाइड लेकर आती हूँ. तो मैंने कहा- मैं भी चलता हूँ.
मॉम ने मना कर दिया, फिर मॉम स्लाइड लेने गईं.. लेकिन वो पानी मैं गिरीं तो वो सीधा दीवार से जा टकराईं, इससे मॉम को चोट लग गई. मॉम की कमर और मॉम के हाथ में दर्द होने लगा.
फिर हम लोग जल्दी से घर के लिए रवाना हुए. मेरे चाचा की फैमिली को शादी में जाना था, वो लोग घर जाते ही फ़ौरन निकल गए. अब घर में मैं और मॉम अकेले थे. मॉम को नहाना था तो मॉम ने मुझे आवाज़ दी- मुझे बाथरूम तक छोड़ आ. मैं मॉम को अपने कंधों का सहारा देकर बाथरूम तक छोड़ आया. मॉम ने दरवाजा उड़का रहने दिया
थोड़ी देर बाद मॉम ने आवाज दी- बेटा गर्म पानी नहीं है, तो गर्म पानी ले आ, मेरी कमर में दर्द है.. मैं उठ नहीं पाऊंगी. मैं पानी लेकर बाथरूम के पास पहुँचा, दरवाज़ा खटखटा कर कहा- मॉम पानी ले आया हूँ. मॉम ने कहा- बेटा अन्दर ले आ. मेरे हाथ में भी बहुत दर्द है. मैं पानी ले कर अन्दर गया तो शॉक हो गया. मेरी मॉम सिर्फ ब्रा में थीं. उफ़्फ़… मैंने अपनी नज़रें घुमा लीं. मैं बाहर जाने लगा तो मॉम ने आवाज दी कि बेटा इधर आ. मैं परेशान हो गया.
मॉम ने कहा- बेटा मेरी ब्रा खोल दे, मेरा हाथ नहीं मुड़ रहा. मैं परेशान सा हुआ तो मॉम बोलीं- बेटा क्या हुआ.. जल्दी करो? मेरे हाथ काँप रहे थे. मैं मॉम की ब्रा खोलने लगा, तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया. मैंने उस वक्त लुंगी पहनी हुई थी. मेरा लंड मॉम की गांड पर लगने लगा.
मॉम कुछ नहीं बोलीं, बल्कि उन्होंने कहा- ब्रा खोल कर पीछे मुड़ जाना और बाहर चले जाना. मैं ब्रा खोल कर बाहर जाकर मॉम के कमरे में बैठ गया. थोड़ी देर बाद मॉम ने फिर आवाज दी कहा- बेटा मेरा ब्रा का हुक लगा दे. मैं बाथरूम में गया तो मॉम की 38 इंच की चूचियां मेरे सामने थीं, मगर मॉम ने सलवार पहन रखी थी.
मैंने जल्दी से ब्रा का हुक लगाया और बाहर चला गया. थोड़ी देर बाद मॉम बाहर आईं उन्होंने सफेद सलवार कमीज पहना हुआ था, जिसमें से उनकी ब्रा और और पेंटी भी जोकि काले रंग की थी, साफ़ नज़र आ रही थी. मॉम ने कहा- थैंक्स फॉर हेल्प.
फिर हम दोनों ने साथ में डिनर किया. अब सोने का वक्त आया तो मॉम बोलीं- बेटा, थोड़ी सी टागें दबा दे. मैं मॉम की टागें दबाने लगा. फिर से मेरा लंड खड़ा होने लगा. मॉम बोलीं- जरा मेरी कमर भी दबा दे. मॉम ने अपनी कमीज ऊपर उठाई तो उनकी कमीज ब्रा तक उठ गई.
मैं मॉम की कमर दबाने लगा. इस वक्त मॉम की ब्रा ने मेरा बुरा हाल किया हुआ था. मेरा लंड पेंट में टेंट की तरह उठ गया था.
मॉम बोलीं- जा अब थोड़ा तेल लेकर आ और तेल से मालिश कर दे.. इससे जल्दी आराम मिल जाएगा. मैं तेल लेकर आया और मॉम की टांगों की मालिश करने लगा. इसके बाद मैंने मॉम के हाथों की मालिश की. फिर मेरी मॉम ने कहा- कमर की भी कर दे. मैंने कमर की भी मालिश की. मॉम की चिकनी कमर मुझे बहुत मस्त लगी. मैं मालिश करता ही गया.
मॉम बोलीं- बेटा बस अब जाँघों पर मैं खुद कर लूंगी. तो मैंने कहा- मैं ही कर देता हूँ ना. मॉम बोलीं- नहीं मैं खुद कर लूंगी. मैंने कहा- ठीक है. फिर मॉम बोलीं- तू बाहर जा, मैं मालिश कर लूँ.
मैं बाहर चला गया.
थोड़ी देर बाद आवाज आई, तो मैं अन्दर गया. मॉम ने कहा- बेटा मेरे हाथ में बहुत दर्द हो रहा है, पीछे नहीं मुड़ रहा है तू ही लगा दे. मैंने मॉम से कहा- मैंने तो आपसे पहले ही कहा था, आप समझी कहां. मॉम ने कहा- अच्छा बस अब मालिश कर दे. मैंने मालिश शुरू कर दी. फिर मॉम बोलीं- सुन चादर ले आ और मेरे ऊपर डाल दे. चादर लाकर उसके अन्दर हाथ डाल कर मालिश कर दे, अगर ऐसे ही मेरी सलवार उतार देगा तो मैं बिल्कुल ओपन हो जाऊंगी और कुछ भी हो सकता है. मैंने मॉम से पूछा- कुछ भी का क्या मतलब? मॉम ने कहा- तू अभी बच्चा है, तू नहीं समझेगा.
मैं गया और चादर ले आया. मॉम के ऊपर डाल दी. फिर मॉम की सलवार का नाड़ा खोलने लगा, मगर नाड़ा नहीं खुल रहा था. मॉम हंसने लगीं.
मैंने कहा- पता नहीं कहां से खोलूँ.. नज़र नहीं आ रहा. मॉम ने कहा- अच्छा चादर हटा कर देख ले. मैंने चादर हटाई और मॉम से कहा- ज़रा कमीज ऊपर करो.
मॉम ने कमीज ऊपर की, मैंने नाड़ा खोला और दोबारा चादर मॉम की टांगों पर डाल दी. अब मैं मालिश करने लगा मेरा लंड पहले ही टेंट बना हुआ था. मॉम की चिकनी जाँघों पर हाथ फेरते वक्त मेरे मुँह में पानी आ रहा था.
अब मैंने मालिश जोर से करना शुरू कर दी. थोड़ी देर बाद मॉम चिल्लाईं, मैंने पूछा- क्या हुआ? मॉम बोलीं- बेटा हिप पर दाना था, उसे तूने दबा दिया.
मैंने देखा तो चादर में खून आ रहा था. मैंने मॉम से कहा- मॉम खून निकल रहा है.. लगता है दाना फट गया.
मॉम ने कहा- जल्दी से रुई ले आ और साफ़ कर दे. मैं झट से रुई ले आया और मॉम से कहा- मॉम चादर ऊपर उठा लूँ? मॉम ने कहा- हाँ जल्दी कर खून बह रहा है.
मैंने चादर ऊपर उठाई तो मॉम की गांड मेरे सामने थी. मैंने देखा मॉम ने पेंटी पहनी हुई थी.
मैंने कहा- मॉम थोड़ी सी आपकी पेंटी को हटा देता हूँ ताकि उस पर खून ना लगे. मॉम ने कहा- हटा दे. मैंने मॉम की पेंटी हटाई और खून साफ़ किया.
फिर थोड़ी देर बाद खून बंद हो गया. मैं पूरा आउट ऑफ़ कंट्रोल हो चुका था. मेरा लंड लुंगी को फाड़ने पर तुला था.
मैंने मॉम से कहा- मॉम अब थोड़ी सी मालिश सही तरीके से कर देता हूँ. मॉम ने कहा- अच्छा कर दे. फिर मैंने मॉम से कहा- कमीज़ ऊपर कर लो, मैं कमर की भी ढंग से मालिश कर देता हूँ.
मैं मॉम के ऊपर बैठ कर उनकी कमर की मालिश करने लगा. इस वक्त मेरा लंड मॉम की गांड को हथौड़े की तरह लग रहा था.
मॉम बोलीं- ये मेरे दाने पर तूने क्या रखा है. मैंने देखा तो वो मेरा लंड था. मैंने मॉम से कहा- कुछ भी नहीं. मैंने पलट कर देखा और कहा- क्या था?
अचानक मेरी मॉम की नज़र मेरे खड़े लंड पर पड़ी. जोकि इस वक्त 90 डिग्री की पोजीशन में था. मॉम बोली- या खुदा, ये क्या है? मैं कुछ नहीं बोला. फिर मॉम बोलीं- पहली दफ़ा देखा है क्या किसी औरत को..?
मैं परेशान था मैंने कोई जवाब नहीं दिया. मॉम बोलीं- बता ना? मैंने कहा- हाँ. मॉम बोलीं- कब से तेरा खड़ा होने लगा है? मैंने कहा- बहुत दिनों से. मॉम बोलीं- अच्छा.. एक बात बता ये इस वक्त क्यों खड़ा है.. क्या तुझे मेरी गांड अच्छी लगी? मैं हिचकिचाता हुआ बोला- हाँ मॉम बोलीं- सच? ‘हाँ मॉम..’ तो मॉम बोलीं- चल तो अब तू मेरी गांड पूरी तरह देख ले, मेरी पेंटी भी उतार दे. मैंने जल्दी में पेंटी फाड़ दी. मॉम बोलीं- नुकसान कर दिया ना. मैंने कहा- मॉम फर्स्ट टाइम देखी है ना. मॉम हंस दीं. फिर मैंने मॉम को कहा- मॉम मैं आप की चूत चाटूं? मॉम बोलीं- सिर्फ चाटना, उसके अलावा कुछ नहीं करेंगे.. कंट्रोल में रहना ओके! मैंने कहा- ठीक है.
मैंने माँ की चूत चाटना शुरू की. मॉम ने मादक आवाजें निकालना शुरू कर दीं. मैंने उनकी चुत को और तेज़ चाटना शुरू कर दिया. कुछ ही पलों में मॉम की चुत का पानी निकल गया.
उफ़्फ़.. क्या गर्म पानी था.. मॉम आउट ऑफ़ कंट्रोल हो गईं. उन्होंने अपनी आँखें बंद कर लीं.
मैंने मौके का फायदा उठा कर अपना लंड मॉम की चुत पर रख दिया.
मॉम ने कुछ नहीं कहा तो मैंने ज़ोरदार झटका लगा दिया. मेरा पूरा लंड माँ की चूत में चला गया.
लंड का अहसास होते ही मॉम चिल्लाईं- उईई.. मार डाला.. मादरचोद.. मैं तेरी माँ हूँ.. रंडी नहीं.. साले भोसड़ी के आराम से चोद मादरचोद.
फिर मैंने जोर से चोदना शुरू किया. थोड़ी देर बाद मैंने मॉम से कहा- मॉम मेरा पानी निकलने वाला है. मॉम ने कहा- अन्दर ही निकाल दे.
मैंने अपना पूरा माल मॉम की चुत के अन्दर ही छोड़ दिया.
थोड़ी देर में मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैंने मॉम से कहा- मॉम मुझे आपकी गांड मारनी है. मॉम बोली- हट मादरचोद.. गांड है कोई तबला नहीं.. मैं तेरी मॉम हूँ.. रंडी नहीं दूर हट. मैंने मॉम से कहा- एक बार मॉम..
फिर मॉम औंधी लेट गईं, मैं जाकर मॉम के ऊपर चढ़ गया और अपना लंड माँ की गांड में घुसाने लगा. मॉम चिल्लाईं- मत कर दर्द हो रहा है. मैं नहीं माना और आखिरकार मैंने अपना लंड मॉम की गांड में घुसा दिया. मॉम चिल्लाने लगीं- निकाल बाहर.. बाहर निकाल कमीने..
मैंने और तेज़ चोदना शुरू कर दिया. फिर 15 मिनट बाद मैंने अपना पानी मॉम की गांड में छोड़ दिया. उस दिन के बाद मैं मॉम को हफ्ते मैं 3 या 4 मरतबा ज़रूर चोदता हूँ.
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