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दोस्तो, इस सेक्सी कहानी के पिछले भाग में सुमन की सुहागरात यानि सीधी सादी कॉलेज गर्ल की पहली चुत चुदाई कैसे हुई, आपके सामने लाकर आपकी इच्छा मैंने अच्छी तरह पूरी कर दी थी. उम्मीद है कि आपको पसंद आई होगी.
ना ना.. अभी सेक्स स्टोरी खत्म नहीं हुई. वो तो एक राउंड हुआ था. अभी तो पूरी रात बाकी है. तो चलो जहाँ खत्म किया था, वहीं से शुरू करते हैं.
अगले 2 मिनट गुलशन जी ने फुल स्पीड से सुमन की चुदाई की और दोनों बाप बेटी एक साथ झड़ गए. झड़ने के बाद वो वैसे ही सुमन पर लेटे रहे. थोड़ी देर तो सुमन ने कुछ नहीं कहा मगर बाद में उसको लगा कि पापा को हटा दूँ और चुत का हाल देखूं कि क्या हुआ है.
ये सोच कर वो बोली- पापा अब हटो ना.. मुझे देखना है आपने मेरी चुत का क्या हाल किया है? पापा- हट तो जाऊंगा बेटा.. मगर एक बात बता देता हूँ तेरी सील टूटने से थोड़ा खून भी निकला होगा, तू घबराना मत. सुमन- मैं सब जानती हूँ पापा.. अब आप हटो तो सही.
गुलशन जी जब उठे तो फ्च्च की आवाज़ के साथ उनका लंड चुत से निकला और सुमन दर्द से सिसक उठी. सुमन- ऊ माँ… ये देखो आपने मेरी चुत का क्या हाल कर दिया है.. कैसे खून से लाल हुई पड़ी है और सूज कर कैसे फूल गई. पापा- अब पहली बार में ऐसा ही होता है मेरी जान.. चलो तुम्हें अभी आराम दिलाता हूँ, फिर कहना कि दर्द हो रहा है क्या?
गुलशन जी ने गर्म पानी से सुमन की चुत को साफ किया उसकी अच्छे से सिकाई की, उसके बाद दोनों बाप बेटी साथ में बैठ कर बातें करने लगे.
सुमन- पापा आप बहुत अच्छे हो.. मैंने सोचा नहीं था मेरी चुत आपके नाम लिखी हुई है. पापा- सब नसीब का चक्कर है बेटा. मैंने भी कहाँ सोचा था कि मुझे चोदने को तेरे जैसी कमसिन कली मिलेगी. सुमन- अब जो हुआ सो हुआ. ये बातें बंद करो. मुझे बहुत भूख लगी है. तैयार होने के चक्कर में मैंने खाना भी नहीं खाया और शायद आपने भी नहीं खाया होगा. पापा- हाँ सुमन मैंने भी नहीं खाया. वैसे मैं खाना लेकर आया हूँ. बस गर्म करना पड़ेगा. उसके बाद साथ में खाएँगे और उसके बाद फिर तेरी चुत को चाट कर चुदने को रेडी करूँगा. सुमन- नहीं पापा इसमें बहुत दर्द हो रहा है.. आज का हो गया बस. पापा- सुहागरात है बेटा.. इसको खराब मत कर.. आज मुझे जी भर कर चोदने दे, उसके बाद तू जैसा कहेगी.. वैसा होगा. सुमन- ठीक है पापा आज से आप मेरे पति भी हैं तो आपकी बात मानना ही पड़ेगा. अब चलो खाना गर्म करो, मेरी तो उठने की भी हिम्मत नहीं है. आपने अपने इस मूसल से मेरी टांगें फिरा दी हैं.
पापा- हा हा हा अभी कहाँ फिरी हैं मेरी जान.. अभी तो असली चुदाई बाकी है. सुमन- तो अभी क्या नकली चुदाई हुई थी. पापा- तो और क्या.. धीरे धीरे मजा कहाँ आता है. अबकी बार तुझे रेल बना दूँगा.. मैं तेरी चुत को रस से भर दूँगा तब देखना आएगा असली मजा. सुमन- ओके मेरे प्यारे पापा, जैसे मर्ज़ी चोद लेना. चुत को बाद में भरना पहले पेट को तो भर दो.
गुलशन जी ने खाना गर्म किया और दोनों ने मिलकर खूब मज़े से खाना खाया. उसके बाद गुलशन जी सुमन को गोद में उठा कर बिस्तर पर ले गए और उसके मम्मों को सहलाने लगे.
सुमन- पापा आज हमारी सुहागरात है ना.. तो आप मुझे कितनी बार चोदोगे? पापा- जब तक मेरे लंड में जान है तब तक चोदूँगा. सुमन- अच्छा ये बात है.. और कैसे कैसे चोदोगे वो भी बता दो. पापा- अभी तो सीधे लेटा कर ही शुरू करूँगा. उसके बाद तुझे घोड़ी बनाऊँगा गोद में लेकर चोदूँगा, फिर तुझे मेरे ऊपर कुदवाऊंगा.. तू बस मज़े लेना. सुमन- इतनी बार चोदोगे तो मैं मर नहीं जाऊंगी.. फिर कैसे मज़े? पापा- हा हा हा… ऐसे कैसे मरने दूँगा मेरी जान को.. अब तो यमराज भी आ जाएं तो उनसे लड़ जाऊंगा. मैं अपनी प्यारी बेटी को नहीं लेके जाने दूँगा.
दोनों में तकरार चलती रही और इस तकरार के साथ प्यार भी हो रहा था. अब गुलशन जी सुमन को बेदर्दी से रगड़ रहे थे. उसके मम्मों को ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे, कभी चूस रहे थे.
सुमन- उम्म्ह… अहह… हय… याह… पापा दुख़ता है.. आह.. नहीं उफ ऐसे चूसो.. मेरी चुत एयेए को भी चाटो ना आह.. सस्स आह…
अब दोनों उत्तेज़ित हो गए थे. गुलशन जी ने सुमन को ऊपर लेटा लिया और दोनों 69 के पोज़ में आ गए. अब ज़बरदस्त चुसाई शुरू हो गई और सुमन की चुत का सारा दर्द गायब हो गया. उसमें खुजली होने लगी, जो सिर्फ़ लंड से ही दूर हो सकती थी.
सुमन- आह.. सस्स पापा बस.. अब बर्दाश्त नहीं होता.. घुसा दो अपना अज़गर अपनी बेटी की चुत में.. उफ इसमें बहुत आग लगी है.
गुलशन जी ने सुमन के पैरों को कंधे पे रखा और लंड के सुपारे को चुत पे टिका कर हल्के से धक्का मारा. उनका आधा लंड चुत में चला गया और सुमन की चीख निकल गई.
गुलशन जी पर कोई असर नहीं हुआ उन्होंने लंड को पूरा बाहर निकाला और एक जोरदार झटका मारा, अबकी बार पूरा लंड चुत में समा गया.
सुमन- एयेए एयेए पापा आह.. आपने तो कहा था दूसरी बार दर्द नहीं होगा ओफ… मर गई.. पापा- मेरी बेटी ये थोड़ी देर होगा.. ले चुद अपने पापा से आह.. ले आह…
गुलशन जी ताबड़तोड़ चुदाई करने लगे और हर झटके पे सुमन की चीख निकल जाती.
करीब 20 मिनट तक गुलशन जी दे दनादन अपनी बेटी की चुदाई करते रहे, तब कहीं जाकर सुमन की चुत में लंड अड्जस्ट हुआ. अब दर्द मीठा हो गया था और चुत में पानी रिसने लगा था, जिससे लंड को अन्दर बाहर होने में आसानी हो गई. सुमन की चुत में खुजली भी बढ़ गई, अब वो भी मजा लेने लगी थी.
सुमन- आ आह.. फक मी पापा.. आह.. फक मी हार्ड आइआह.. सस्स फाड़ दो मेरी चुत को आह.. नहीं ज़ोर से करो पापा आह.. मेरी चुत गई पापा चोदो मुझे आह आह फास्ट करो पापा और फास्ट आ आह…
सुमन की उत्तेजना अब चरम पर पहुँच गई थी. उसकी चुत से रस की धारा बहने लगी. गर्म रस जब गुलशन जी के लंड से टकराया तो उन्होंने स्पीड और बढ़ा दी और सुमन को हावड़ा एक्सप्रेस की स्पीड से चोदने लगे.
सुमन का पानी निकल चुका था, वो बेजान सी होकर पड़ गई, मगर गुलशन जी अभी कहाँ झड़ने वाले थे, वो तो मज़े से सुमन की चुत चोदने में लगे हुए थे.
सुमन- आह.. पापा.. बस भी करो आह.. मेरी चुत में जलन होने लगी है.. थोड़ा रेस्ट तो दो आह.. प्लीज़ मान जाओ ना आह…
गुलशन जी को सुमन की हालत पर तरस आ गया, उन्होंने एक झटके में लंड बाहर निकाल लिया और फ़ौरन सुमन को बैठा कर उसके मुँह में लंड घुसा दिया. सुमन कुछ समझ ही नहीं पाई और गुलशन जी अब उसके मुँह को चोदने लगे.
थोड़ी देर सुमन ने मज़े से लंड को चूसा. उसके बाद इशारे से पापा को कहा कि अब वापस चुत में पेल दो. तब गुलशन जी ने उसको घोड़ी बनाया और उसकी गांड को कस के पकड़ कर शॉट मारने लगे. सुमन को अब मजा आने लगा था. वो गांड को हिला हिला कर चुदने लगी.
करीब 30 मिनट तक गुलशन जी सुमन की पलंगतोड़ चुदाई करते रहे. उस दौरान वो दो बार झड़ गई. उसके बाद गुलशन जी ने अपना सारा रस उसकी चुत में भर दिया.
इस चुदाई के बाद दोनों बिस्तर पे लेटे छत की तरफ़ देखने लगे. सुमन की हालत देखने लायक थी, वो लंबी लंबी साँसें ले रही थी उसके पापा ने चोद दिया था उसे… और गुलशन जी उसके सीने से चिपके हुए बस ऊपर देख रहे थे. सुमन मन ही मन सोच रही थी ” आखिर पापा से चुदवा लिया मैंने!” थोड़ी देर दोनों शांत रहे, उसके बाद फिर चुदाई का दौर शुरू हुआ. इस बार गुलशन जी ने सुमन को गोद में उठा लिया और हवा में उसकी चुदाई की. उसके बाद उसको अपने ऊपर कुदवाया. पूरी रात में गुलशन जी ने 5 बार अपने लंड का रस सुमन की चुत में भरा और सुमन का तो पता नहीं कितनी बार पानी निकला होगा. वो एकदम टूट गई, उसमें अब जरा भी हिम्मत नहीं थी, उसका सर चकराने लगा था. आख़िर में उसकी हिम्मत जवाब दे गई. वो बिस्तर पर पेट के बल बेसुध होकर सो गई. उसके साथ गुलशन जी भी ढेर हो गए और उससे चिपक कर सो गए.
दोस्तो, उम्मीद है आपको सुमन की सुहागरात पसंद आई होगी. आज सुमन रंडी बन चुकी है क्योंकि उसने अपने बाप से चुदवा लिया, अब रंडी बनने में बचा क्या है.. और जो बचा है वो आगे के पार्ट में पता चल जाएगा. अभी आपको कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए. मैं कहानी को कहीं इधर-उधर लेकर नहीं गई. सिर्फ़ सुमन पर टिका कर रखा. अब उसकी चुदाई तो हो गई तो चलो बाकी और भी बहुत कुछ बताना बाकी है.
रोज की तरह सुबह गोपाल आया तो मोना ने उसको बताया कि आज साधु बाबा आने वाले हैं और उसकी नीतू को चोदने की मुराद पूरी होने वाली है. ये सुनकर वो बहुत खुश हो गया और मोना को बांहों में लेकर झूमने लग गया, साथ ही उसने नीतू को पकड़ कर एक जोरदार किस भी किया.
मोना- अरे बस बस.. अभी से शुरू हो गए तुम.. चलो जल्दी से सो जाओ दोपहर में तुम्हें नीतू को चोदना है. अभी जागते रहोगे तो ठीक से चोद भी नहीं पाओगे. गोपाल- मोना, ये अचानक साधू कैसे आ रहा है. तुमने तो कहा था कि वो कुछ दिन बाद आएँगे? मोना- अरे मैंने बताया तो था कि वो बहुत ज्ञानी हैं. उनको पता लग गया कि तुम मान गए हो, इसी लिए वो आज सुबह सुबह आ गए और कुछ जरूरी चीजें बता कर गए हैं. अब दोपहर को वापस आएँगे फिर अपनी पूजा शुरू करेंगे. गोपाल- चलो जो भी है, आज नीतू की चुत मेरी होने वाली है.. बहुत मजा आएगा. मोना- एक बात कहूँ ऐसे तो तुम जल्दी झड़ जाते हो, फिर नीतू का मजा नहीं ले पाओगे. वो सेक्स पावर वाली गोली ले लेना ताकि उसका पूरा मजा ले सको.
दोस्तो उम्मीद है आपको अब कोई शिकायत नहीं होगी. इन दिनों बीमार होने से सब गड़बड़ हो गई. बस अब कोशिश करूँगी कि आपका मजा टूटने ना पाए, आपको सेक्स स्टोरी का मजा मिलता रहेगा.
तो दोस्तो, आप सब जल्दी से कमेंट्स करो. आज मोना और नीतू का खेल शुरू होगा. बाकी अगले पार्ट में यह सेक्सी कहानी जारी रहेगी. [email protected]
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