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हैलो फ्रेंड्स, मैं आरती रांची से हूँ. मेरी पिछली स्टोरी भाई को सिड्यूस करके अपनी हवस पूरी की के लिए आप सभी के बहुत से मेल आए, उन सबके लिए धन्यवाद.
आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लिख रही हूँ. ये स्टोरी एक भाई-बहन की है. ये एक रियल चुदाई कहानी है.
मेरी कहानी पढ़ कर बहुत से मेल आए. आप जानते ही हैं बहुत से फ्रेंडशिप के लिए थे, बहुत से मुझे चोदने के लिए और बहुत से कंसल्टेंसी के लिए भी थे, जिसमें मुझसे कई लड़कियों ने अपने भाई से चुदवाना है कुछ हेल्प कर दो, की सलाह मांगी थी.
उन्हीं मेल में से एक मेल आया था नीतू श्रीवास्तव का, जो लखनऊ की रहने वाली है. उसने भी मुझसे हेल्प मांगी कि वो एक वर्जिन है और उसे उसका भाई बहुत पसंद है, वो उसके साथ सेक्स करना चाहती है.
उसने लिखा था कि वो दिखने में भी काफी आकर्षक है और ग्रेजुएशन करने के बाद घर पे ही रहती है. उसके घर में 4 लोग हैं, मम्मी-पापा और उसका एक छोटा भाई. छोटा भाई भी इंजीनियरिंग करने के बाद कम्पटीशन की तैयारी कर रहा है और वो भी घर पे ही रहता है. मम्मी-पापा दोनों गवर्नमेंट जॉब करते हैं तो दोनों सारा दिन घर पर अकेले ही रहते हैं.
अब आगे की कहानी नीतू की जुबानी:
हैलो मैं नीतू, मैं घर पर भाई के साथ दिन में हमेशा अकेली रहती थी. मेरा भाई तो मुझे शुरू से ही पसंद था. मेरी बहुत सारी सहेलियां उसे लाइन भी मारती थीं. जब वो छुट्टियों में घर आता था तो मेरी फ्रेंड्स का आना-जाना बढ़ जाता था.
मेरा भाई शाहिद कपूर हीरो टाइप दिखता भी है और जिम भी जाने से उसकी बॉडी और गठीली दिखती थी. पढ़ाई पूरी करके जब वो घर आया तो मेरी फीलिंग उसके लिए बढ़ने लगी. मुझे आज तक किसी लड़के ने टच भी नहीं किया था.
अब मैंने उसे सिड्यूस करने की सोची. मैं हमेशा बड़े गले वाला टॉप पहनती थी और अब तो मैंने घर पर ब्रा पहनना भी छोड़ दिया. मुझे पहले ये चैक करना था कि भाई मुझे नोटिस करता है या नहीं. कुछ दिन में पता चल गया कि वो भी मुझे घूरता रहता है. जब मैं झुकती वो मेरी लटकती चूचियों को देखने लगता.. इससे मुझे भी बड़ा मस्त फील होता.
यह तो पहला स्टेप था, अब आगे कैसे करूँ, मैं यही सोच ही रही थी. उसी समय मैंने अन्तर्वासना पर आरती जायसवाल की एक रियल चुदाई कहानी पढ़ी. उसमें लिखा था कि भाई को कैसे सिड्यूस करूँ.. कि वो चोद दे. मैंने आरती को मेल किया कि सेक्स स्टोरी बहुत अच्छी लगी और प्लीज मेरी भी हेल्प कर दो, मुझे भी मेरे भाई के साथ कुछ करना है.
आरती का रिप्लाई भी आ गया और अब तो हम अच्छे फ्रेंड्स भी बन गए हैं. वो जो बोलती थी, मैं वो करती थी. पहले तो उसने बोला कि अपने बूब्स झुक कर ज्यादा देर तक दिखाया करो. मैं भी वही करने लगी, जब मेरा भाई लैपटॉप पर कुछ करता मैं उसके करीब जाकर झुक के देखती और पूछती कि क्या कर रहे हो भाई.
एक दो बार ऐसा करके मैंने नोटिस किया कि भाई अब मेरे में ज्यादा इंटरेस्ट ले रहा है, वो हमेशा मेरे मम्मों को और मेरी बॉडी को घूरने लगा था.
फिर आरती ने मेरे मुझे एक फेक ईमेल आईडी बनाने का बोला और कहा कि अपने भाई को भाई-बहन वाली चुदाई कहानी के लिंक पोस्ट किया करो.. और देखो कि वो पढ़ता है या नहीं.
मैंने वही किया और नोटिस करने लगी कि भाई कहानी पढ़ता है या नहीं.
दूसरे दिन ही मैंने देखा कि भाई लैपटॉप में वो सेक्स स्टोरी पढ़ रहा है और उसका लंड एकदम से खड़ा है. वो पैन्ट के ऊपर से ही लंड मसल रहा है. मैं तो दिल ही दिल में खुश हो रही थी कि अब मेरा काम कुछ दिनों में पक्का हो जाएगा और फायनली मुझे भी लंड मिल जाएगा.
भाई मुझे उस मेल पर रिप्लाई भी करने लगा और हमारी अच्छी फ्रेंडशिप भी हो गई. उसने ये भी बताया कि उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है; और उसे भी उसकी बहन पसंद है लेकिन कुछ बोलने और करने में वो डरता है कि कहीं वो मम्मी-पापा को कुछ न बोल दे. अब तो हमेशा यही बात होती रहती थी कि कैसे बहन को सिड्यूस करना है.
मैं मन ही मन खुश होती कि चलो मेरा भाई भी मुझे चाहता है और उसे भी मेरे साथ मस्ती करना है.
मेल से पता तो चल गया कि भाई भी मेरे साथ कुछ करेगा लेकिन वो बोला कि वो सेक्स नहीं कर सकता है. ऐसा कोई काम नहीं करेगा, जिससे बाद में उसे गिल्टी की फीलिंग हो और वो अपनी बहन से नजर भी न मिला सके. वो बोला केवल ओरल और टचिंग तक मजा लेना ठीक रहेगा.
मैंने भी फिलहाल यही ठीक समझा. बाद में ऐसा न हो कि हम दोनों को एक-दूसरे को देखने में भी शर्म आए. इसी तरह हमारी बात होती रहीं और मैं फेक आईडी से अपने भाई से बात करती रही.
भाई मेल पर बोला कि वो अपनी बहन को नहाते हुए भी देखा करता है, उसने बाथरूम के दरवाजे में एक छोटा सा होल बनाया हुआ है.
मैंने जाकर देखा तो वो सही था, मतलब वो मुझे रोज नंगी नहाते हुए देखता था.
एक दिन मैंने मेल किया कि अपनी तुम बहन की चूची रोज देखते हो, कभी तुम भी उसे अपना लंड दिखाओ. मुझे भी भाई का लंड देखने का बहुत मन था.
भाई ने पूछा- ये कैसे होगा.
मैंने बोला- लंड खड़ा करके रखो और जब बहन तेरे रूम में आए उसी समय आंखें बंद करके मुठ मारने लगना, उसे ऐसा फील होगा तुम तो आँखें बंद किए हुए हो तो तुमने बहन को देखा ही नहीं.
दूसरे दिन उसने वैसा ही किया. मैं जब उसके रूम में गई, तो वो आंखें बंद करके मुठ मार रहा था. भाई का लंड देख कर मेरे होश उड़ गए. मेरे भाई का लंड बहुत बड़ा और मोटा था और वो काला भी नहीं था. मैं अपने भाई को लंड हिलाते हुए देखते रही. थोड़ी देर बाद भाई का माल निकल गया. मैं और थोड़ी नजदीक रहती तो उसके लंड के माल की पिचकारी मेरे चेहरे पे लग गई.
फिर भाई ने आंखें खोलीं और मुझे देख कर लंड छुपाने लगा. उसने तुरंत सॉरी बोला और अपने कपड़े पहन लिए. मैंने भी उसे शांत करने को बोल दिया- तुम बड़े हो गए हो… ये सब तो चलता ही है.
अगर मैं कुछ और बोलती तो हो सकता कि वो डर जाता और नेक्स्ट टाइम मुझे लंड के दर्शन भी न होते.
खैर.. भाई को मुठ मारता देख मेरी भी चूत गीली हो गई थी. मैं भी अपने रूम में आकर उसके लंड को याद करके उंगली अपनी चूत में करने लगी.
इसी तरह मैं उसे मेल करती और और वो वही करता. उसने अपनी बहन की आईडी मुझे दे दी और बोला- तुम उससे पूछ कर देखो कि उसे भाई-बहन की स्टोरी कैसी लगती है. उसे कहाँ मालूम था कि मुझे तो वही चाहिए.
फिर मैं उसे अपनी बॉडी अच्छे से दिखाने लगी.
एक दिन मैं सोफे पे बैठ के टीवी देख रही थी. वो भी आके मेरे सामने बैठ गया. मैंने सोचा कि इसे कुछ दिखाती हूँ. मैं बाथरूम में गई और अपनी पैन्टी निकाल कर आ गई और सोफे पर पैर को ऊपर करके बैठ गई. इससे मेरी जांघें और चूत के दर्शन उसे मिल रहे थे, वो टीवी के बजाए मेरी चुत की तरफ देख रहा था. वो कभी-कभी पैन्ट के ऊपर से अपने लंड को मसल भी दे रहा था. उसके पैन्ट के उभार से पता चल रहा था कि उसका लंड खड़ा हो गया है.
फिर कुछ देर देखने के बाद वो अपने रूम में चला गया और ये सारी बात मुझे ही मेरी फेक ईमेल आईडी पर बता दीं. मैं तो खुश हो रही थी कि कुछ बात आगे बढ़ रही है.
फिर मैंने उसे मेल पे ही बोला कि लग रहा है कि तुम्हारी बहन को भी मन है सेक्स करने का. तुम कुछ बोल्ड स्टेप्स लो, देखो क्या बोलती है. मैंने ही उसे सलाह दी कि जब वो सो जाए तो पहले कन्फर्म कर लो कि वो सोई है या नहीं और उसके बाद तुम उसकी चूची और चूत चूस सकते हो और मजे ले सकते हो.
ये मेल करके मैं रात का वेट करने लगी कि भाई आज कुछ करता है या नहीं.
रात में खाना खाने के बाद मैं रूम मैं आई और भाई से बोली- आज बहुत काम से थक गई हूँ, मैं सोने जा रही हूँ.
भाई भी खुश हो गया कि आज जल्दी ये सो जाए और मैं कुछ करूँ. मैं जल्दी ही सो गई और भाई के कुछ करने का वेट करने लगी. थोड़ी देर बाद भाई मेरा नाम पुकार रहा था, वो चैक कर रहा था कि मैं सोई हूँ या नहीं.
मैंने भी कोई रिप्लाई नहीं किया. फिर भाई मेरे पास आ गया और मेरे कंधे पे हाथ रख कर मुझे उठाने लगा. मैंने अपनी आंखें नहीं खोलीं. अब भाई पूरा श्योर हो गया था कि मैं सो रही हूँ.
उसने धीरे से अपना हाथ मेरी चूची पर रखा और धीरे-धीरे उसे सहलाने लगा. वो मेरे मम्मे को जोर से प्रेस नहीं कर रहा था, शायद उसे डर था कि कहीं मैं उठ न जाऊं. फिर भाई की थोड़ी हिम्मत बढ़ी और उसने मेरे टॉप को मेरी चूची तक उठा दिया. मैंने ब्रा तो पहनी नहीं थी.. मेरी दोनों नंगी चूचियां उसके सामने थीं. मेरा भाई पहले तो गौर से मेरी चूचियों को देखता रहा और फिर उसने हाथ लगाया और धीरे-धीरे चूची दबाने लगा.
तभी भाई ने झुक कर मेरी एक चूची के निप्पल को मुँह में ले लिया और चूसने लगा. मुझे बड़ा मजा आ रहा था. जिन्दगी में पहली बार मेरी चूची को कोई टच कर रहा था और चूस रहा था. मैं अभी भी आँखें बंद किए लेटी रही और मजे लेती रही.
फिर भाई उठ कर मेरे पैरों के पास बैठ गया और उसने मेरी स्कर्ट को धीरे-धीरे उठाता हुआ मेरे कमर तक कर दिया. अब मेरी पैन्टी उसके सामने थी. वो उस गीली पैन्टी को देखता ही रह गया. फिर वो धीरे-धीरे पैन्टी के ऊपर से ही मेरी चूत को टच करने लगा.
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, लेकिन फिर भी मैंने अपनी आँखें नहीं खोलीं.
फिर उसने मेरी पैन्टी उतार कर मुझे नीचे से पूरी नंगी कर दिया और मेरी चूत को थोड़ी देर देख कर उस पर किस कर लिया. फिर उसने मेरे पैरों को फैला कर मेरी चूत को सभी जगह टच किया और चूसने लगा.
अब मुझसे एक पल के लिए भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था, तो मैंने करवट ले ली. फिर भी वो डरा नहीं और उसने मेरी गांड की छेद पे किस किया और फैला कर देखने लगा.
फिर कुछ पलों बाद उसने अपना लंड निकाल कर पहले मेरी चूत और गांड पर रगड़ा और मेरे होंठों पर रगड़ने लगा. मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने फिर से करवट बदल ली. इस बार वो डर गया और मेरे कपड़े ठीक करके अपने बिस्तर पे जाकर लेट गया. मैं थोड़ी देर में उठी और बाथरूम जाकर पेशाब करके वापस आकर लेट गई. अब मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं बस उसके स्पर्श को फील कर रही थी. उस रात मुझे नींद नहीं आई.
सुबह भाई ने मेल करके फिर से मुझे बताया कि उसने रात में क्या-क्या किया. मैं खुश थी कि कुछ दिन में मुझे अपने भाई का लंड मिल जाएगा. मैंने उसे रिप्लाई किया कि अब मत कुछ करना, अगर तुम्हारी बहन को भी तुम्हारा लंड चाहिए तो वो कुछ करेगी.
उस दिन कुछ ज्यादा नहीं हुआ. बस मैं उसे अपनी चूची दिखाती रही और वो मेरे सामने ही अपना लंड पकड़ कर दबाता रहा. रात में मैंने सोचा कि मैं ही कुछ करती हूँ.
उसके सोने के बाद आज मैंने वही किया जो उसने मेरे साथ पिछली रात में किया था. मैंने उसके पैन्ट और अंडरवियर को निकाल दिया और उसके लंड से खेलती रही. कुछ देर हिलाने के बाद मैंने उसके लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी. लेकिन मुझे उसका टेस्ट अच्छा नहीं लगा तो मैंने मुँह से निकाल दिया और हाथ से लंड हिलाती रही. जब तक लंड हिलाया, जब तक उसका माल नहीं निकल गया.
उसका बहुत सारा माल निकला जो मेरी हाथों पर लग गया था. मैंने बाथरूम जाकर हाथ साफ किए और आकर उसके कपड़े ठीक करके सो गई.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था. इस तरह करने से किसी को गिल्टी फील भी नहीं हो रही थी.
अभी तक यही हुआ है अब आगे कुछ होने पर बताऊंगी कि आगे क्या क्या हुआ. फ्रेंड्स मेरी रियल चुदाई कहानी कैसी लगी, बताइएगा. आप आरती की इमेल पर ही अपने संदेश भेज सकते हैं. मेरी कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद. [email protected]
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