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नमस्कार दोस्तो, मैं अन्तर्वासना की कहानी काफी दिनों से पढ़ रही हूँ, मुझे यहाँ कहानियां पढ़ने में बहुत आनंद आता है इसलिए सोचा अब अपनी भी सच्ची कहानी लिख कर आप लोगों को मजा दूँ. यह मेरी सच्ची कहानी है. बहुत कम लोग ऐसी कहानियों पर विश्वास करते हैं. आप लोग यकीं करो या ना करो मगर सत्य यही है कि यह मेरी सच्ची कहानी है.
मेरा नाम आरती है और मैं देहरादून की हूँ. मेरी उम्र 22 साल है, मेरे घर में मैं, पापा, मॉम, मेरा भाई, चाचा, ताऊ, ताई, और ताऊ जी का बेटा और बेटियां सब साथ में जॉइंट परिवार में रहते हैं.
मेरी पिछली कहानी मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी मॉम को खेत में चोदा पर बहुत से मित्रों ने टिप्पणियाँ की हैं, उन सबका आभार प्रकट करती हूँ. उस कहानी में आपने पढ़ा कि एक दिन मैंने मेरी मॉम को खेतों में मेरे ही बॉयफ्रेंड से चुदते हुए देखा था तो यह नजारा देख कर मेरा भी बहुत दिल किया अपनी चूत चुदवाने का लेकिन मैं क्या कर सकती थी. मेरी मॉम ने मेरे बॉय फ्रेंड यश को रात में हमारे घर पर बुलाया हुआ था रखा था तो मैं रात की प्रतीक्षा करने लगी.
आज मेरे भाग्य में शायद चुदाई लिखी थी, रात हुई, मैंने अपने छोटे भैया के संग भोजन किया और हम अपने अपने रूम में सोने के लिए चले गए. मेरा भैया तो सो गया लेकिन मेरी आँखों से नींद कोसों दूर थी. साधे दस से ऊपर का वक्त हो चला था, कि तभी मेरी मॉम के रूम में से कुछ आहट सुनाई दी तो मैं बाहर आई, मेरा बॉयफ्रेंड यश आ गया और वह मॉम के रूम में चला गया, मैं भी उसके पीछे ही चली गई और दरवाज़े के छेद से झाँकने लगी. यश के आते ही मॉम उसे अपनी बांहों में लेकर उसका चुम्बन करने लगी. मेरी मॉम ने उस वक्त बेबीडॉल जालीदार नाइटी पहनी हुई थी. मॉम की बड़ी बड़ी चूची साफ़ दिख रही थी; बहुत सेक्सी माल लग रहीं थीं. अगर मैं लड़का होता तो मैं खुद अपनी मॉम को चोद लेती… नाइटी के गले में से मॉम की चूचियां बाहर निकलने के लिए मचल रही थी… चिकनी, गोरी और बड़ी बड़ी चूचियां… क्या बदन था… ऐसे बदन को कौन नहीं चोदना चाहेगा… मेरी तो इतनी बड़ी बड़ी थी ही नहीं… पापा भी खूब मजा लेते होंगे मॉम की चूचियां दबाने का!
कुछ देर तक वे दोनों ऐसे ही एक दूसरे को चूमते-चाटते रहे. कुछ देर के बाद यश ने खड़े हुए ही मॉम की नाइटी ऊपर उठाई और मॉम की बालों वाली चूत को सहलाने लगा. मॉम मदहोश होकर आहें भर रही थी; और यश के फड़फड़ाते लंड को अपना हाथ नीचे ले जा कर सहलाने लगी.
मैं भी काफी उत्तेजित हो रही थी, मेरा दिल करने लगा कि मैं अपने भैया के कमरे में जाकर उसके लंड को हाथ में लेकर मुंह में चूसूं और अपनी टाईट चूत में डाल के अपनी सील तुड़वाऊं. मेरे भैया की आयु 18 वर्ष है और इस आयु के लड़कों के लौड़े अक्सर सख्त ही रहते हैं. मैंने सोचा थोड़ा और मजे लेती हूँ.
मॉम और यश ऐसे ही एक दूसरे को चूमते चाटते रहे; उन्हें भनक भी नहीं थी कि मैं भी उन दोनों की मस्त चुदाई का सीन देख रही हूं. मेरी बुर बिनचुदी थी. इसने अभी तक एक भी लंड का टेस्ट नहीं लिया था. इतनी ही देर में मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी मॉम को नंगी कर दिया. हे भगवान… क्या गदराया बदन था मॉम का… किसी बुड्ढे का लंड भी खड़ा हो जाये. 36-32-38 ऐसा जिस्म हर किसी को नहीं मिलता. इसीलिए तो गाँव में हर कोई मॉम पर बुरी नज़र लगाये रखता था.
यश नीचे बैठे कर मेरी मॉम की गर्म चूत को चाटने लगा. यह दृश्य बहुत सेक्सी था; मॉम खड़ी थी और यश उन की चूत को नीचे बैठ कर चाट रहा था, मॉम अपनी चूचियां अपने आप दबा रही थी और आहें भरती जा रही थी. बहुत मस्ताना और सेक्सी नजारा था, मैं कुछ ज्यादा उत्तेजित होने लगी, मैं अपनी उंगली कभी अपनी चूत में और कभी अपने मुख में देने लगी.
मॉम भी काफी गर्म हो रही थी, उन्होंने कहा- यार यश, अब रहा नहीं जा रहा… बस अब तो लंड डाल के मेरी चूत को फाड़ दे और मेरी मचलती चूत लंड से ठण्डी कर दे! यश ने जवाब दिया- पहले मेरे लंड को चूसने का मजा तो ले मेरी डार्लिंग!
मॉम यश की पैन्ट खोल कर उसके लम्बे, मोटे लंड को हाथ से सहलाने लगी, कुछ देर तक सहलाने के बाद मुख में लेकर चूसने लगी. यश का बड़ा लंड पूरा मेरी मॉम के मुख में जा नहीं रहा था, मेरी मॉम उसे बड़ी कठिनाई से चूस रही थी. मुझ से रहा ही नहीं गया, मैंने अपने लोअर के अन्दर हाथ डाल कर चूत में उंगली घुसाई तो देखा कि मेरी बुर काफी गीली हो गई थी. अपनी कामुकता मिटाने के लिए मैं क्या करूँ, मुझे कुछ समझ नहीं आया, अपनी चूत में लंड लेने का बहुत दिल कर रहा था तो मैंने एकदम से दरवाजा खोल कर सीधी मॉम के कमरे में घुस गई.
दोनों मुझे कमरे में देख कर घबरा गये, दोनों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी थी. मॉम घबराते हुए बोली- आरती बेटी तू यहां? मैंने कहा- मॉम, अब ये वक्त सवाल जवाब का नहीं है, मैं बहुत देर से तुम दोनों का यह खेल देख रही हूँ. और तो और… तुम लोग खेतों में जो करते हो वो भी मैंने देखा है. मॉम बोली- हे राम, तूने हमें खेतों में भी देखा था? मैं बोली- हां मेरी चुदक्कड़ मॉम!
मॉम अपनी सफाई में बोलने लगी- तो क्या करूँ मैं? तुझे तो पता है कि तेरे डैड साल में सिर्फ एक बार कुछ दिनों के लिए आते हैं, और इतने कम वक्त में मेरी चुदास पूरी शांत नहीं हो पाती. मैंने कहा- मॉम जी, अब जो हो गया सो हो गया, अब मेरा कुछ ख्याल करो, तुम दोनों को चुदाई करते देख मेरी भी चूत लंड मांग रही है, बहुत आग लग रही है मेरी चूत में, खुजली हो रही है. यश पहले मेरी बुर चोदेगा, बाद में तुम्हें!
मॉम ने कहा- अरे बेटी तू ये क्या कह रही है? यह सब अभी से? नहीं बेटी अभी नहीं! मैंने कहा- मुझे कुछ नहीं पता, बस मुझे भी चुदना है. मैंने बहुत जिद की तो उन दोनों को मानना पड़ा.
वे दोनों तो पहले से ही पूरे नंगे हो चुके थे तो मैं यश से बोली- यार, मुझे नंगी कर ना! तो उसने पहले मेरी कुर्ती उतारी और फिर लोअर… मैंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी लेकिन कच्छी पहनी हुई थी.
यश तो मेरी चूचियों को ताकता ही रह गया, वो बोला- इतना मस्त चीज मेरे सामने रही और मैं चूतिया कुछ कर ही नहीं पाया. कितनी मदमस्त चूचियां हैं तेरी! यश ने मेरे स्तनों की बहुत प्रशंसा की. मॉम भी बोली- आरती, सचमच में तेरी चूचियां तो बहुत सेक्सी और गोलमटोल हैं. जब मैं तेरी उम्र की थी तो मेरी भी ऐसी ही थी.
अब यश से रुका नहीं गया, उसने मेरी चूचियाँ दबानी शुरू की और मैं तो पहले से ही गर्म हुई पड़ी थी. यश ने मेरी चूची के निप्पल को मुख में लेकर चूसना शुरू किया तो मेरी हालत और खराब हो गई, यश मेरी चूची चूस रहा था और मेरी चूत पानी छोड़ रही थी.
इतने में मेरी रंडी मॉम ने कहा- मुझे पेशाब आई है मैं मूतने जा रही हूँ. मैंने कहा- नहीं मेरी माँ, तू यहीं हम दोनों के सामने मूत, नहीं जाना बाथरूम में ! मॉम ने कहा- यहां कहां करूँ पागल लड़की? मैंने कहा- मेरे मुख में मूतो, भर दो मेरा मुंह अपने पेशाब से; मुझे सेक्स में हर तरह का मजा चाहिए.
लेकिन मॉम मानी नहीं… मैंने भी जिद नहीं छोड़ी. यश ने भी कहा तो कहीं जाकर मॉम मानी, मॉम ने अपनी जांघें चौड़ी की और मेरे और चेहरे पर मूतने लगी, मुझे गन्दा तो बहुत लगा था लेकिन बाद में मजा भी आया. मॉम के मूत से मेरा पूरा शरीर गीला हो गया था, यश मेरे मूत से भरे शरीर को चाटने लगा. मॉम ने कहा- तुम दोनों को तो नहीं आ रही पेशाब क्या? मैंने कहा- मुझे आ रही है… तो मॉम कहने लगी- तो अब तू कर मेरे ऊपर पेशाब!
मैं बेड पर चढ़ गयी और खड़ी होकर मॉम की चूत मुख, चूची पर पेशाब कर दिया.
फिर यश ने मुझे और मामी को ऐसी पोजीशन में बिस्तर पर लेटाया कि मेरे मुख में यश का लंड, यश का मुख मॉम की चूत पर और मॉम का मुख मेरी चूत पर…
अब हम सब एक दूसरे के यौन अंगों को चूसने में लग गए. क्या आनन्द मिल रहा था. काफी देर तक हम तीनों एक दूसरे को ऐसे ही चूस चूस कर मजा लेते रहे. फिर हम अलग हुये तो यश ने कहा- अब तुम माँ बेटी दोनों थोड़ी देर आपस में लेसबीयन सेक्स करो.
मैं मॉम के नंगे बदन के ऊपर आ गई और उनकी बड़ी बड़ी, सेक्सी चूचियों को दबाने, चूसने लगी. चूची से खेलते खेलते मैं नीचे होकर मॉम की नाभि को और फिर और नीचे होकर चूत को चाटने लगी. यह सन करने का मेरा पहला अनुभव था, मुझे बहुत मजा आ रहा था. मॉम की चूत पर काफी लम्बे लम्बे झांट थे, मैंने पूछा- यार मॉम, तूने कभी इन झांटों को काटा या नहीं? मॉम ने कहा- नहीं. तो मैंने कहा- तू जब कल नहाने जाएगी तो मुझे बुला लेना, ना मैं तेरी चूत की झांट साफ़ करके तेरी चूत को चिकनी कर दूँगी.
फिर मैंने दो उँगलियों से अपनी मॉम की चूत खोल कर चौड़ी की और अंदर तक अपनी जीभ डाल कर चाटने लगी, मॉम की दोनों टागें उठा के उनकी चूत का रस पान करने लगी. मॉम को ज़न्नत का सा आनन्द मिल रहा था, उसके मुख से सिसकारियां निकलने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह्ह मेरी बिटिया रानी, क्या चूस रही है तू… चूस बेटी चूस… इसे चूस चूस के अपनी मॉम की चूत को लाल कर दे… अहह ओह उन्हह!
काफी देर तक मैं मॉम की चूत चाटती रही. जब मॉम झड़ गई तो मैंने चूत का सारा रस पी लिया, खट्टा नमकीन सा था… स्वाद अजीब था.
मॉम उठ कर खड़ी हुई, मुझे अपने गले से लगा कर मेरे लबों को चूसते हुए बोली- बेटी, तूने मुझे बहुत मज़ा दिया. अभी तक तो मैंने सिर्फ लंड का स्वाद ही लिया था.
फिर मॉम ने यश से कहा- यश बेटे, मेरी बेटी को वैसे ही खूब मजा देना, जैसे मुझको देता है… जम के चुदाई करना इसकी चूत की… एक मर्द के लंड का पूरा सुख देना मेरी कुंवारी बेटी को! मैं तो अपने यार यश के लौड़े के लिए कब से तड़प रही थी, मैं उस का लंड हाथ में लेकर सहलाने लगी. जब लंड को मुंह में लेने का प्रयत्न किया किन्तु वो मेरे मुंह में गया ही नहीं… मैं सोचने लगी कि अगर ये मेरे मुंह में नहीं जा रहा तो मेरी नन्ही सी कुंवारी बुर में कैसे जाएगा. मैंने बहुत प्रयत्न किया पर यश का लंड मेरे मुंह में नहीं गया.
फिर मैं लंड को बाहर से ही चाटने लगी, मुझे यश के गर्म लौड़े का स्वाद बहुत भाया और मैं मजा लेकर उसे चाटने लगी.
कुछ देर बाद यश ने मुझे बेड पर लिटाया, मेरी दोनों टाँगें चौड़ी की और लंड का अगला मोटा भाग मेरी चूत के छेड़ पर टिका कर अंदर घुसाने लगा. जो लंड मेरे मुंह में नहीं गया, वो मेरी बुर में कैसे जा सकता था और वो भी कुंवारी बुर में… मुझे बहुत दर्द महसूस हुआ.
यश ने मेरी मॉम से कहा- इसकी बुर तो बहुत कसी है, लंड अंदर घुस ही नहीं रहा. तब मॉम तेल लेकर आई और काफी सारा तेल यश के लौड़े पर और मेरी बुर में डाला, मॉम ने यश का लंड की खूब मालिश की और उससे कहा- एक ही धक्के में पूरा लंड अन्दर घुसा देना, इसे दर्द तो काफी होगा पर इसे सहन तो करना ही पडेगा.
मैं घबरा गई थी की मैं तो चुदाई का मजा लेने आई थी और ये मॉम तो दर्द की बात कर रहीं हैं. मैं घबरा कर रोने लग गयी.
मॉम ने कहा- बेटी रो मत, दर्द तो सिर्फ पहली बार होगा, एक बार तेरी सील टूट गई तो उसके बाद दर्द नहीं होगा.
मॉम ने यश को लंड मेरी चूत में घुसाने का इशारा किया और अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका दिए. अब मॉम मेरी चूची दबा रही थी और होंठ भी चूस रही थी. यश ने एक ही जोर के धक्के में अपना पूरा लंड मेरी बेचारी सी बुर में घुसा दिया. मेरी बड़ी जोर की चीख निकली… इतना ज्यादा दर्द… मेरी जान ही निकल गई, मेरी चूत चिर गई जैसे, मेरी आँखों से झर झर आंसू बहने लगे, मेरी चूत से बहुत खून निकलने लगा, मैं घबरा गयी तो मॉम ने कहा- डर मत बेटी, ये खून तेरी चूत की सील टूटने की वजह से निकला है.
कुछ देर तक यश ने अपने लंड को मेरी चूत में ही टिका कर रखा. जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो यश धीमे धीमे लंड अन्दर बाहर करके धक्के मारने लगा, मुझे चोदने लगा. जैसे जैसे लंड अंदर बाहर होता रहा, मेरा दर्द कम होता गया और मजा बढ़ने लग गया. मॉम मेरी चूचियाँ दबा रही थी और मेरे लबों को भी चूस रही थी.
धीरे धीरे यश ने मेरी चूत चोदने की स्पीड बढ़ाई… अब मुझे मजा आने लगा, मेरे आनन्द की कोई सीमा नहीं थी, आह… म्म्म्ह आहहा हां… हां… ओह… मेरे मुख से लगातार सिसकारियां निकलने लगी, मैं गर्म साँसें छोड़ने लगी. मेरे मुझ से अंट शंट निकलने लगा- ऊईई माँ री… मर गई… फाड़ डाला रे इस कुत्ते ने… फाड़ दी मेरी चूत जालिम ने… और चोद ना… चोद… मेरी बुर फाड़ दे…मेरी माँ चोद दी तूने, अब बेटी को जी भर के चोद..
यश ने भिन्न भिन्न आसन में मुझे जी भर के चोदा. यश ने मुझको घोड़ी बना कर पीछे से चोदा तो सच में मुझे बहुत मज़ा आया उस आसन में… क्या चोद रहा था मेरी माँ का यार… जिन्दगी का सारा मजा तो बस तभी मिल रहा था.
बाद में मैं यश के ऊपर आयी और अपने हाथ से पकड़ कर उसके लंड को अपनी चूत में घुसवा लिया. अब मैं ऊपर नीचे झूल रही थी. इस आसन में यश को बहुत मजा आ रहा था और मैं तो जैसे सातवें आसमान में उड़ रही थी. आज मेरी चूत तृप्त हो गई… यश के चोदते हुए ही मैं कई बार झड़ गई.
यश भी अब झड़ने को हुआ तो उसकी गति तेज हो गई, मैंने उसे कहा- यश डार्लिंग, अपने लौड़े का गर्म वीर्य मेरी चूत में गिरा के मुझे अपने बच्चे की मां बना दे!
यश के गर्मागर्म वीर्य ने मेरी बुर को इस प्रकार से भरा कि मज़ा आ गया. उसका कुछ वीर्य मेरी चूत से बाहर बहाने लगा तो उसे मेरी कुतिया मॉम ने चाट लिया.
कुछ देर तो यश मेरे नंगे बदन के ऊपर वैसे ही लेटा रहा.
इस कहानी में इतना ही! बहुत जल्द नई कहानी लेकर आऊँगी. मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. धन्यवाद. आप सबकी चहेती आरती [email protected]
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