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मैंने हिंदी में देसी चुदाई की कहानी की बेस्ट साईट अन्तर्वासना की कई सेक्स स्टोरी पढ़ी हैं. मैंने सोचा कि मैं अपनी भी कहानी लिख कर आप सभी से साझा करूँ. मेरा नाम सौम्य है.. मेरा कद 5’10 है. मेरा रंग सफेद और दिखने में मैं बहुत सुंदर हूँ. मैं एक जॉइंट फैमिली में रहता हूँ. मेरी फैमिली में मेरे मामी-पापा और मेरे भाई के अलावा मेरी 3 चाचा और 3 चाचियां भी हैं. मैं जिन चाची की बात कर रहा हूँ, वो मेरी सबसे बड़ी चाची हैं.
मेरी बड़ी चाची दिखने में एकदम गोरी हैं, उनका फिगर साइज़ 34-28-34 का है. माँ कसम मेरी चाची एक माल हैं. उनको देख कर किसी की भी नियत खराब हो जाए.
ये बात एक साल पुरानी है. तब तक मैंने ये नहीं सोचा था कि मैं अपनी चाची को चोदूँगा.. पर ये कैसे हुआ, मैं आपको बताता हूँ. हमारे घर में जॉइंट फैमिली के कारण सभी कमरों में हम लोग बिना बेझिझक चले जाते थे.
एक दिन मैं अपने बड़ी चाची के छोटे बेटे को पढ़ा रहा था. तभी बड़ी चाची अन्दर आ गईं. वो इस वक्त नहा कर निकली थीं. मैं उन्हें सिर्फ गीले कपड़ों में देख कर वहाँ से निकल आया. पर कुछ ही पलों बाद जब मैं अपना पेन लेने वापस अन्दर गया, तो देखा कि चाची ऊपर से एकदम नंगी थीं. उन्होंने कपड़े चेंज करने के लिए ऊपर का गीला कपड़ा उतार दिया था.
मैं ये नजारा देख कर वहाँ से चला तो गया. पर अब मेरी नज़र से चाची की ये छवि जा ही नहीं रही थी. मैंने चाची को अपनी गोरी-गोरी चूचियों को मसल कर साफ करते हुए जो देख लिया था. मैंने पहली बार चाची की चूचियों को याद करके 2 बार नॉन स्टॉप मुठ मारी.
इसके बाद से मैं कोई ना कोई बहाना ढूँढ रहा था कि कैसे फिर से चाची की चूचियों के दर्शन हों. कुछ दिनों तक कुछ भी नहीं हुआ.. पर किस्मत ने मेरा साथ दिया. हुआ यूं कि जब मैं चाची को देखने की जुगत लगा रहा था, तब मुझे ये मालूम हो गया था कि वो नहाते वक़्त अपने बाथरूम का दरवाजा खुला रखती थीं.
एक दिन मैं मूतने के लिए चाची के टॉयलेट में गया था. कमरे में आते ही मैंने टॉयलेट के दरवाजे की खुली झिरी से उनकी नंगी जवानी को देखने की प्यास बुझाई.
मैंने देखा कि चाची एकदम नंगी होकर नहाती थीं और बार-बार अपनी चूचियां और चुत को रगड़ कर धोती थीं.
फिर मैंने इसका फ़ायदा उठाया और रोज जिस वक्त वो नहाती थीं, उसी वक्त मैं कोई भी बहाना बना कर बाथरूम की तरफ जाता था. दोस्तो मैं वहीं खड़े होकर उन्हें झाँक कर देखता था और मुठ मार लिया करता था. चाची पानी में नंगी नहाते हुए बहुत ही हॉट और सेक्सी लगती थीं.
इसी तरह मैंने पूरा एक महीना गुजार दिया. अब चाची को बिना देखे मुझे नींद नहीं आती थी. ऐसे ही एक दिन उन्होंने मुझे मुठ मारते वक़्त देख लिया.. तो उन्होंने मम्मी को बता दिया.
तब से मैंने उन्हें झाँक कर नहीं देखा. कुछ भी ऐसा-वैसा नहीं किया.. पर एक दिन वो खुद फिर से नहाने गईं और हर बार की तरह आज भी चाची ने दरवाजा खुला छोड़ा था. मैंने छुपी निगाहों से ये सब देख लिया था. उनके पति यानि चाचा जी बिजनेस के पीछे पागल थे. वो चाची को सेक्स के लिए टाइम नहीं दे पाते थे. इसलिए चाची शादी के बाद से ही सेक्स के लिए बहुत भूखी थीं. शायद उस दिन चाची की नजर मुझ पर आ गई थी कि मैं उनकी प्यास बुझा सकता हूँ.
एक दिन कब वो कपड़े चेंज कर रही थीं, तब मैं चुपके से उनको देखने लगा था. उस दिन चाची ये बात जान गई थीं. उन्होंने मुझे अपने पास बुलाकर अपना ब्लाउज का हुक खोलने को बोला. मैंने चाची के ब्लाउज के बटन खोल दिए. ब्लाउज खुलते ही चाची पलट गईं. अब जो सीन मैंने देखा, तो मैं एकदम से हक्का-बक्का रह गया. मैंने देखा कि चाची ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी, मुझे उनके दूध नज़र आ रहे थे. मैंने चाची की आँखों में देखा तो वे मुस्कुरा रही थीं. मैं खुद को और कंट्रोल कर नहीं पाया और मैंने उनके मम्मों को दबाने लगा. पहले तो चाची थोड़ा नाराज़ सी हुईं. पर मैंने भी चाची की चूचियों को दबाना नहीं छोड़ा.
कुछ देर बाद उन्होंने भी मेरा साथ दिया. मैंने अब तक उनकी चूचियों को रगड़ कर मसल चुका था. चाची की एक चूची को मैंने मुँह में भर लिया था.
फिर उन्होंने धीरे से मेरे लंड के ऊपर हाथ फेरा, मेरा लंड काफी लंबा है और इसकी मोटाई भी अच्छी है. फिर चाची ने मेरा लंड निकाला और चूसने लगीं. मैंने पहली बार किसी के होंठ अपने लंड पर लगवाए थे. इतना अधिक मजा आ रहा था कि मैं बस कुछ मिनट में ही चाची के मुँह झड़ गया.
अब मैंने चाची को लिटा दिया और उनकी चुत को चाटना शुरू किया. क्या चुत थी बाप रे बाप.. एकदम मलाई की तरह लग रही थी. उन्होंने भी कुछ मिनट बाद पानी छोड़ दिया. तब तक मेरा लंड वापस खड़ा हो गया था. मैंने उनकी चुत में लंड लगा दिया और चाची को हचक कर चोदा. चाची की आहें और मस्त मादक कराहें निकलती रही और वे मुझसे पूरी मस्ती से अपनी चुत चुदाई करवाती रहीं.
मैं भी उनकी गर्म चुत में अपना लंड रगड़ता गया. वो ‘उफ उफ्फ.. आहह मर गई..’ जैसी आवाज़ निकाल रही थीं. उनकी इस कामुक आवाज से मैं और जोश में आ गया और उन्हें जम कर चोदने लगा. कुछ ही देर में चाची की चुत ने पानी फेंक दिया और वे मुझसे रुकने को कहने लगीं. मुझे अभी भी चुदास चढ़ी थी और लंड एकदम गुस्से में था. तो मैंने उनकी चूचियों के बीचे में लंड फंसा कर ‘टिट फक’ भी करवाया. जब मेरा लंड झड़ा तो चाची ने लंड की धार को सीधे अपने कंठ में ले लिया.
हम दोनों एक बार तृप्त हो चुके थे. मैं चाची से लिपट कर लेट गया. इसके बाद फिर से चुदाई का दौर शुरू हुआ और ऐसा करते-करते मैंने उन्हें 3 घंटे में 5 बार चोदा था. उनकी चुत बहुत प्यासी थी. पांच बार चुदने के बाद चाची मुझसे अलग हुईं.
तब से लेकर आज तक मैं जब भी मौका देखता हूँ, उन्हें चोद देता हूँ. जब चुदाई का मौका नहीं होता था तो उनकी चूचियों से ही खेल लेता था. अब मैं उनसे एक हसीन गर्ल फ्रेंड के जैसे शरारत भी कर लेता हूँ और चाची भी मुझे अपना ब्वॉयफ्रेंड मान कर मेरे लंड से मजा लेती रहती हैं.
तो ये थी मेरी चाची की चुत संग सच्ची चुदाई की कहानी.
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