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कुंवारी कॉलेज गर्ल की हिंदी सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि सुमन ने टीना और फ्लॉरा से उनकी सील टूटने की कहानी सुनने की इच्छा जाहिर की तो टीना ने बताना शुरू किया कि उसकी पहली चुदाई किसने की और कैसे हुई. अब आगे..
जब अंकल घर पे आए तो टीना ने उनको पानी लाकर दिया. टीना- अंकल आप चाय लोगे क्या? अंकल- नहीं टीना, आज चाय का मूड नहीं है, मुझे तो आज दूध पीना है. टीना- अच्छा मैं अभी लेकर आती हूँ. अंकल- अरे रुक तो.. कहाँ जा रही है? मुझे बकरी का या भैंस का नहीं, तुम्हारा दूध पीना है.. तेरे इन रसीले मम्मों का रस पीना है.
अंकल ने टीना को बांहों में भर लिया और उसके मम्मों को हल्के से दबा दिया. टीना- अंकल, ये आप क्या कर रहे हो? अंकल- बताया तो है मैंने कि आज मेरा इन तेरे कच्चे चुचों का दूध पीने का मन है. टीना- आप दूर रहो मुझसे, नहीं तो मैं मम्मी को आपका नाम बता दूँगी. अंकल- अरे तू इतनी नाराज़ क्यों है, ले मैं खुद तेरी माँ को बता देता हूँ.
अंकल ने टीना की मॉम को फ़ोन लगाया और फ़ोन को स्पीकर पर डाल दिया. गायत्री- नमस्ते जेठ जी.. कैसे फ़ोन किया.. मैं अभी मीटिंग में हूँ? अंकल- अरे जानता हूँ.. आप बिज़ी हो मगर 2 मिनट मेरी बात सुन लो. मैं घर आया हूँ, अब मेरा चाय पीने का मूड नहीं तो टीना को दूध के लिए कहा, मगर ये मना कर रही है. अब आप ही समझाओ अपनी लाड़ली बेटी को. फोन स्पीकर पर है लो बोलो उसे.
अंकल ने ऐसा गेम खेला कि टीना बस उसमें फंसती चली गई. गायत्री- ये क्या है टीना, तुम इतनी समझदार हो फिर ऐसी हरकत? टीना- नहीं मॉम, आप मेरी बात सुनो अंकल मेरे से दूध माँग रहे हैं. गायत्री- अरे मैं नहीं हूँ ना, तो तेरे से ही माँगेगे ना! टीना- मगर मॉम वो मुझे… गायत्री- बस टीना, अब ये अगर मगर रहने दो और अंकल जो माँगे उन्हें दे दो और बेटा उनको नाराज़ मत करना, तेरे पापा के बाद उन्होंने हमें संभाला है. तू मेरी समझदार बेटी है ना, चल अब रखती हूँ.
गायत्री ने फ़ोन काट दिया और टीना को अजीब उलझन में डाल गईं. इधर अंकल के चेहरे पर ख़ुशी साफ नज़र आ रही थी. अंकल- क्यों टीना मेरी बात अब समझ आ गई. अरे तेरी माँ भी यही चाहती है उन्होंने ही मुझे यहाँ भेजा है. चल अब देर मत कर.. आ जा मेरे पास और तेरे रसीले संतरे मुझे दिखा, मैं भी तो देखूं इनमें कितना रस भरा पड़ा है. टीना- नहीं माँ मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती हैं. नहीं ये ग़लत है प्लीज़ अंकल मत करो ना.. मुझे ये अच्छा नहीं लग रहा.
टीना मना करती रही और अंकल पे तो वासना सवार थी. वो उसके मम्मों को कपड़ों के ऊपर से मसलने लगे और एक हाथ से उसकी बुर को रगड़ने लगे. टीना- आह.. इसस्स नहीं प्लीज़ अंकल आह.. दुख़ता है.. नहीं करो प्लीज़ सस्स नहीं.. अंकल कहाँ मानने वाले थे, वो तो बस टीना को मसले जा रहे थे. फिर उन्होंने टीना को गोद में उठा लिया और कमरे में ले गए.
टीना- बस करो ना अंकल, मुझे ये अच्छा नहीं लग रहा है. अंकल- देखो गायत्री ने क्या कहा याद है ना.. और अभी तो मैंने दूध पिया ही नहीं. चल ये कपड़े उतार, जल्दी से मुझे तेरे रसीले दूध दिखा.
टीना ने थोड़ी देर ना नुकुर की, मगर अंकल ने उसको गायत्री के बारे में झूठ बोलकर नंगी होने के लिए मना लिया और टीना ने डरते डरते सारे कपड़े निकल दिए. अब वो अंकल के सामने एकदम नंगी थी. नागपुरी संतरे जैसे रसीले उसके चूचे और बड़ापाव जैसी फूली हुई बुर एकदम क्लीन.. बुर पर झांटें तो क्या रोंए भी नहीं थे, जिसे देख कर अंकल के मुँह में पानी आ गया.
अंकल- वाउ टीना, जैसा मैंने सोचा था तू उससे ज़्यादा कमसिन कली है. आज तो तेरी जवानी का मजा लूटने में मजा आ जाएगा.
टीना को बहुत शर्म आ रही थी. वो नजरें झुकाए खड़ी थी. फिर अंकल ने उसको बिस्तर पे लेटाया और उसके नर्म होंठों को चूसने लगे. उसके छोटे छोटे मम्मों को दबाने लगे. कभी उसके बटन जैसे निप्पलों को चूसते, तो कभी उसकी गर्दन को चूसने लगते.
ये ज़बरदस्त हमला टीना बर्दाश्त नहीं कर पाई. अब उसकी सुध-बुध खो चुकी थी. उसकी कमसिन जवानी अब मजा लेना चाहती थी. उसकी साँसें भी तेज हो गई थीं और वो भी अंकल के जिस्म पे हाथ घुमाने लगी. टीना- आह.. सस्स नहीं अंकल.. प्लीज़ रहने दो आह.. नहीं.. सस्स.
अंकल भी समझ गए कि अब चिड़िया जाल में पूरी तरह फँस चुकी है. अब उन्होंने टीना की बुर पे होंठ टिका दिए और जीभ से बुर के दाने को कुरेदने लगे. टीना के पूरे भागनासे को मुँह में लेकर चूसने लगे. टीना- आह.. अंकल नहीं.. मत एयेए करो आह.. ज़ोर से करो आह.. मुझे कुछ हो रहा है आह.. ससस्स छोड़ दो.. आह.. मेरी सूसू आ रही है आह.. नहीं.. टीना की बुर अब लावा उगलने को तैयार थी और ऐसी चुसाई एक कमसिन कली कहाँ तक बर्दाश्त कर सकती थी. वो कमर को हिला-हिला कर झड़ने लगी और उसका कामरस, वो कामांध अंकल कुत्ते की तरह चाटने लगा.
जब टीना शांत हुई तो उसको अहसास हुआ. वो नंगी अपने अंकल से बुर चटवा रही थी. उसको बहुत शर्म आई तो उसने अपना मुँह हाथों से छुपा लिया. अंकल- क्या बात है टीना.. अभी तो बड़े मजे ले रही थीं. अब शर्मा रही हो. देखो तो इधर मुझे बताओ मजा आया ना. टीना- नहीं प्लीज़ कुछ मत कहो मुझे शर्म आ रही है आपसे. अंकल- अरे अभी कहाँ मेरी जान अभी तो शुरुआत है, आगे आगे देख मैं तुझे कली से कमल बना दूँगा, फिर तेरी सारी शर्म निकल जाएगी समझी..!
ये सब बोलते हुए अंकल ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए. उनका 7″ का लंड एकदम तना हुआ टीना की बुर को ऐसे देख रहा था जैसे उसकी बरसों की उससे पहचान हो और आज वो उसमें बस समा जाएगा. अंकल फिर बिस्तर पे आए और टीना के हाथ हटा कर उसकी आँखों में देखने लगे, जो वासना की वजह से एकदम लाल हो चुकी थीं.
अंकल- टीना शर्मा मत, ये देख इसको लंड कहते हैं, चल अब इसको चूस कर मुझे मजा दे. फिर मैं तेरी सील तोड़कर तुझे आज चुदाई का मजा दूँगा.
जब टीना की नज़र अंकल के लंड पे गईं तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं. वो गौर से लंड को देखने लगी और इतना बड़ा लंड देख कर बिना चुदे ही उसकी गांड फट गई. अंकल के विशाल लंड को देख कर टीना के चेहरे पे भय के भाव आ गए हालाँकि उसको चुदाई का कुछ पता नहीं था मगर इतने बड़े लंड को देखकर डरना स्वाभाविक था. अंकल ने अपने लंड को मुठियाते हुए कहा- क्या हुआ मेरी रानी.. ऐसे देखती रहेगी या तू इसको चूसेगी भी? टीना- नहीं अंकल मुझसे ये नहीं होगा प्लीज़ अब मुझे जाने दो मुझे डर लग रहा है. अंकल- टीना अगर तू ना कहेगी तो तेरी माँ गुस्सा करेगी क्योंकि मैं अगर नाराज़ हुआ तो सारा काम बंद कर दूँगा, फिर तुम लोग गरीब हो जाओगे. फटे-पुराने कपड़े पहनोगे, खाना भी नहीं मिलेगा. इसलिए समझो बात को और जैसा मैं कहता हूँ, करो.. इसमें तुम्हें मजा भी आएगा जैसे अभी आया था.
अंकल की बात सुनकर टीना को वो पल याद आ गया जब वो झड़ी थी और ऐसा मजा उसको लाइफ में पहली बार मिला था मगर अगले ही पल उसने ध्यान हटाया और ना नुकुर करने लगी. अंकल भी पक्का इरादा बना चुके थे. उन्होंने साम दाम दंड भेद की नीति अपनाई और टीना पर ज़ोर दिया. उसको डराया, थोड़ा लालच भी दिया. बेचारी कमसिन कली कहाँ तक भेड़िया से बचती. उसने सब करने के लिए हाँ कह दी.
अंकल- ये हुई ना बात.. चल आ जा चूस लंड को, देख कितना मजा आता है. टीना ने लंड को चूसना शुरू किया. शुरू में तो उसको अजीब लगा, थोड़ा गंदा भी लगा.. मगर अंकल उसके मम्मों को सहला रहे थे और वो उत्तेजित हो रही थी. अब उसको भी मजा आने लगा था और वो मन से लंड को चूसने में लग गई. अंकल- आह.. चूस.. मजा आ रहा है ओफ्फ.. तेरे होंठ भी किसी बुर से कम नहीं.. आह.. चूसो मेरी जान आह…
थोड़ी देर ये खेल चलता रहा. फिर अंकल ने उसको अपने ऊपर उल्टा लेटा दिया. इससे दोनों 69 के पोज़ में आ गए थे और चुसाई का खेल फिर शुरू हो चुका था.
अंकल ने बुर को चाट चाट कर एकदम गीला कर दिया था और टीना ने उनके लंड को चूस कर चिकना बना दिया था. अब टीना एकदम उत्तेजित हो चुकी थी और चुदने के लिए एकदम तैयार थी. अंकल ने उसको सीधा लेटाया और उसके पैरों को मोड़ कर लंड को बुर पर सैट करके रगड़ने लगे.
टीना- आह.. सस्स अंकल मुझे कुछ हो रहा है आह.. ज़ोर से करो ना.. सस्स आह.. अच्छा लग रहा है आह.. करो ना. अंकल- हाँ टीना मेरी जान.. अब तेरी बुर लंड माँग रही है, अभी तुझे शांत करता हूँ.. बस तू ज़रा हिम्मत रखना.
अंकल ने ना जाने कितनी सील तोड़ी हुई थीं. वे कच्ची कलियों की सील तोड़ने में एकदम पीएचडी थे. उन्होंने उंगली से बुर को फैलाया और लंड का सुपारा बुर की फांकों के बीच फंसा कर धीरे से दबाव बनाया, जिससे सुपारा बुर में घुस गया.
टीना- एयेए एयेए नहीं अंकल.. उफ़फ्फ़ बहुत दर्द हो रहा है.. आह.. निकालो बाहर. अंकल- सब्र मेरी जान.. तेरे अंकल को सील तोड़ने में महारत हासिल है. मैं बहुत कम तकलीफ़ दूँगा तुझे.. और उसके बाद तेरे मजे ही मजे हैं.. समझी तू! अंकल ने धीरे-धीरे थोड़ा लंड आगे बढ़ाया. अब टीना की सील बीच में आ गई थी और वो दर्द से छटपटा रही थी. अंकल ने कमर को पीछे लिया और एक जोरदार धक्का मारा, जिससे टीना की सील टूट गई और लंड बुर में आधा घुस गया. वो अभी चीख पाती, उससे पहले उसके होंठ अंकल ने दबा लिए और उनको चूसने लगे.
बहुत देर तक बिना हिले अंकल टीना पर वैसे ही पड़े रहे और टीना के होंठ चूसते रहे. टीना की आँखों से जो आँसू निकले, वो भी उन्होंने चाट लिए थे. जब टीना को दर्द कम हुआ तो वो अंकल की पीठ पर हाथ घुमाने लगी.
अंकल- क्यों टीना रानी.. अब दर्द कम हुआ ना.. अब बस धीरे धीरे करूँगा ताकि तुझे दर्द ना हो, ठीक है जान..! टीना- आह.. अंकल ये बहुत मोटा है.. आह.. अन्दर बहुत जलन हो रही है प्लीज़ निकाल लो ना बाहर.. आह सस्स बहुत दुख रहा है. अंकल- अरे सील तो टूट गई अब कुछ नहीं होगा. तू देख तो सही, मैं कैसे प्यार से तेरी चुदाई करता हूँ.
अंकल का अब तक जितना लंड अन्दर गया था, उसी को हिलाने लगे. बहुत धीरे धीरे वो टीना को चोद रहे थे और अब टीना का दर्द कम हो गया और उत्तेजना बढ़ गई थी. टीना- आह.. ऐसे ही करो.. आह.. मजा आ रहा है उफ़फ्फ़ दर्द भी हो रहा है.. मगर अजीब सा करंट सा लग रहा है नीचे.. आह.. करो अंकल ओफ्फ.. एयेए आह…
अंकल बहुत बड़े चोदू थे. वो लंड को पीछे खींचते और धीरे से आगे झटका मार देते, जिससे लंड और अन्दर घुस जाता. मगर ये सब वो बहुत प्यार से कर रहे थे. दस मिनट की मेहनत के बाद उन्होंने पूरा लंड बुर की गहराई में घुसा दिया और टीना को पता भी नहीं लगा कि उसकी बुर 7″ का लंड निगल चुकी है.
अब टीना की उत्तेजना बहुत ज़्यादा बढ़ गई थी. उसकी बुर रिसने लगी थी. वो दर्द को भूल कर बस मजा लेने लगी थी और ना जाने क्या क्या बोले जा रही थी. अंकल समझ गए कि अब लंड महाराज बुर में सैट हो चुके हैं और टीना का पानी कभी भी निकल सकता है. उन्होंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी से झटके मारने लगे.
टीना- आह.. सस्स अंकल नहीं… आहह.. दर्द हो रहा है… ऊउन्न्ह.. ज़ोर से करो आह.. नीचे आह.. कुछ कुछ हो रहा है. अंकल- हाँ मेरी जान.. ले तेरी बुर में लंड का दम घुटा हुआ है.. अह.. ले चुद आज आह..
अंकल की स्पीड और बढ़ गई थी. अब वो टीना को दे दनादन चोदे जा रहे थे. अब टीना की कमसिन बुर ये झटके झेल नहीं पाई और उसका फुव्वारा फूट गया. साथ ही अंकल के लंड ने भी टीना की बुर में वीर्य की बरसात शुरू कर दी थी. चुदाई का ये खेल खत्म हो गया था मगर इधर तीनों की बुर पानी पानी हो गई थी.
अरे आप भूल गए क्या.. ये टीना अपनी कहानी सुना रही है.
मेरे प्यारे साथियो, आप कुंवारी कॉलेज गर्ल की बुर चुदाई की कहानी पर अपने कमेंट्स करें! [email protected] कहानी जारी है.
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