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मेरी हिंदी चोदाई स्टोरी की पिछली कड़ी में आपने पढ़ा कि कैसे मैं अपनी सोती हुई चाची को चोद रहा था. जिसमें मैं पूरी ताकत से उनकी चुत में लंड पेल कर उन्हें चोद रहा था, वो भी पूरी स्पीड में.. जिससे पूरा बेड तेजी से हिल रहा था. पांच मिनट तक चोदने के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया. मैं चाची के ऊपर ही लेट गया. मेरा लंड अभी भी चाची की चूत में था.
मैं थक गया था तो मेरी आँखें बन्द होने लगी. पर मैंने सोचा मैं सोऊंगा नहीं, पूरी चुदाई के मजे लूंगा. इसी कशमकश में कब मेरी आंख लग गई मुझे पता ही नहीं चला. अब आगे..
फिर चाची करवट लेने के लिए हिलने लगीं तो झट से मेरी आंख खुल गई और मैं चाची के ऊपर से हट गया. मैं चाची के पीछे लेट गया और अपना एक पैर चाची की जाँघों पे चढ़ा लिया और अपना हाथ चाची की बाजुओं के ऊपर से होते हुए उनके मम्मों पर रख दिया और दबाने लगा.
मेरी नींद गायब हो चुकी थी. मेरा लंड चाची की गांड को छू रहा, जिससे लंड फिर से खड़ा होने लगा. थोड़ी देर तक मैं चाची की चूचियों को दबाता रहा और उनके गले और पीठ पर किस करता रहा. मेरा लंड कड़क हो चुका था तो मैंने पीछे से ही अपना लंड चाची की चूत में डाल दिया. क्योंकि चाची की चूत गीली थी इसलिए बिना किसी परेशानी के लंड एक ही बार में आराम से चाची की चूत में पूरा चला गया.
मैं चाची की चूचियां दबाते हुए चुदाई करने लगा. फिर मैंने सोचा क्यों ना चाची की गांड मारी जाए. फिर मैं उठकर बैठ गया. चाची के पैरों को समेट कर एडजस्ट किया, जिससे उनकी गांड पूरी तरह से खुल गई. फिर मैं अपना लंड चाची की गांड में डालने की कोशिश करने लगा. बहुत कोशिशों के बावजूद मैं अपना लंड चाची की गांड में घुसाने में असफल रहा. तो मैं उठा और क्रीम लेकर आया. मैंने अपने लंड में ढेर सारी क्रीम लगा ली. मैंने चाची को पेट के बल लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.
मैंने अपनी उंगली से चाची की गांड के छेद के चारों तरफ और गांड में उंगली डालकर अन्दर तक क्रीम लगा दी. फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा चाची की ग़ांड में टिकाकर धीरे से दबाया तो सुपारा उनकी गांड में घुस गया.
मैंने उनके दोनों चूतड़ों को हाथ से फैला कर हल्का धक्का दिया तो इस बार मेरा लंड लगभग दो इंच उनकी गांड में घुस गया. मैंने अपने दोनों हाथ उनके कंधे के पास बेड पर टिकाए और इस बार मैंने पूरी ताकत से जोरदार धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उनकी गांड को चीरते हुए अन्दर समा गया. चाची थोड़ा सा चिहुंकी जरूर, पर जागी नहीं.
मेरे लंड में जलन होने लगी थी.. ऐसा लग रहा था जैसे चाची की गांड ने मेरा लंड छील दिया हो. मैं चाची के ऊपर ही लेट गया. थोड़ा सामान्य होने के बाद मैं धीरे-धीरे आगे पीछे होने लगा. चाची की गांड बहुत कसी हुई थी, जिससे मेरा लंड बहुत टाईट जा रहा था.. पर मजा बहुत आ रहा था. थोड़ी देर में लंड ने अपनी जगह बना ली और अब आराम से जा रहा था. मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और पूरी ताकत से अपना 8 इंच का लंड चाची की गांड में पेल रहा था.
मैं दो बार पहले झड़ चुका था तो अब मैं जल्दी झड़ने वाला नहीं था. फिर मैंने तकिया उठाया और चाची की चूत के नीचे लगा दिया, जिससे चाची की गांड थोड़ा ऊपर उठ गई. मैं फिर से अपना लंड चाची की गांड में डाल के चोदने लगा.
देर तक चाची की गांड मारने के बाद मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूँ. मैंने अपना लंड उनके गांड से निकाल लिया. फिर चाची को सीधा किया और उनके मुँह में अपना लंड डाल के चोदने लगा. थोड़ी ही देर में मैंने उनका मुँह अपने वीर्य से भर दिया.
अब मैं काफी थक चुका था और मुझे नींद भी आने लगी थी. मैंने चाची की मैक्सी को खींच कर पैरों तक कर दिया, जिसे मैंने चुदाई करने से पहले गले तक चढ़ा दिया था. उनके मुँह से बहते हुए वीर्य को साफ़ कर दिया और मैं अपनी चड्डी पहन कर उनके बगल में ही लेट कर सो गया.
करीब 5 बजे मेरी नींद खुली तो देखा मेरा लंड पूरा तनतनाया हुआ था. चाची अभी भी करवट लेकर सोई हुई थीं और उनकी गांड मेरी तरफ थी. मन तो किया कि अभी उनकी गांड में लंड डाल दूं पर अब कुछ भी करना खतरे से खाली नहीं था. तो मैंने चाची की मैक्सी खींच कर उनकी गांड नंगी कर दी और अपना लंड चड्डी के ऊपर से ही उनकी चूत में छुआ दिया और उनके चूचों पर हाथ रखके फिर सो गया.
शाम को खाना आदि हुआ और फिर सो गया.
सुबह मेरी आंख तब खुली जब चाची ने मुझे जगाया और पूछा- क्या आज भी स्कूल नहीं जाना है? मैंने कहा- आज मेरा पूरा शरीर बहुत दर्द कर रहा है, मैं स्कूल नहीं जाऊँगा.
मेरा लंड अभी भी पूरा खड़ा था और चड्डी की बगल से थोड़ा बाहर निकल आया था. मैंने गौर किया कि चाची मेरे लंड को नजर छुपा कर देख रही थीं. मैं उठ कर बैठ गया तो मेरी नजर चादर पर पड़ी, जिसमें मेरे वीर्य के धब्बे थे.. जो रात में चाची की चूत और गांड से बहा था.
तभी चाची बोलीं- देख तूने कैसे चादर में दाग लगा दिया, अब मुझे इसे धोना पड़ेगा. मैंने कहा- नहीं चाची ये दाग मैंने नहीं लगाए.. शायद आपके बेटे ने पेशाब किया होगा. चाची बोलीं- ये पेशाब का दाग नहीं है.. ये उसका दाग है, जो तेरे वहाँ से निकला है.
चाची ने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा. मैं समझ गया कि चाची को मेरा लंड पसंद आ गया है इसीलिए वो मेरे साथ इतना खुल रही हैं. मैं तो यही चाहता भी था कि चाची अपनी मर्जी से मुझसे चुदवाएं क्योंकि ऐसे चोरी-छुपे नींद में मैं हमेशा तो उन्हें नहीं चोद सकता था और मम्मी के आने बाद तो ये बिल्कुल बंद हो जाता क्योंकि चाची फिर अपने घर में सोने लगतीं.
मेरे पास यही मौका था चाची को किसी तरह पटाने का और मैंने ये मौका जाने नहीं दिया. मैं बोला- क्या निकला है चाची.. और कहाँ से निकला है? चाची बोलीं- ज्यादा बन मत… तुझे सब पता है. मैं बोला- नहीं पता चाची सच में.. चाची बोलीं- चल हट, ज्यादा झूठ मत बोल. मैं खाना बनाने जा रही हूं.
इतना कह के चाची किचन में चली गईं. मेरी हिम्मत अब बढ़ चुकी थी. मैंने अपनी चड्डी को थोड़ा और ऊपर समेट कर लंड थोड़ा सा और बाहर निकाल लिया. अब मेरा आधा लंड यानि लगभग 4 इंच लंड चड्डी के बाहर लटक रहा था. मैंने लंड की खाल को पीछे कर लिया, जिससे लंड का गुलाबी सुपाड़ा पूरा खुल गया था.
मैं ऐसे ही सीधे किचन में घुस गया और चाची के बगल में खड़ा हो गया. मैंने कहा- चाची बताओ ना क्या निकलता है. जैसे ही चाची की नजर मेरे खड़े लंड पर पड़ी, वो चौंक गईं. फिर मेरी तरफ देख कर बोलीं- मैं क्या बताऊं क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? मैंने कहा- नहीं है चाची.. इसीलिए तो आपसे पूछ रहा हूं.
चाची बोलीं- देख, जब कोई लड़का किसी लड़की के पास सोता है तो उसके इसमें (मेरे लंड की तरफ उंगली करके) से सफेद रंग का गाढ़ा वीर्य निकलता है. मैंने कहा- सिर्फ सोने से वीर्य निकल आता है? चाची- चल जा यहाँ से.. मुझे खाना बनाने दे. अभी बच्चों को स्कूल जाना है.. तुझे तो जाना नहीं है.
मैंने कहा- बताओ ना चाची सिर्फ सोने से कैसे वीर्य निकल आता है? चाची- जब लड़का लड़की साथ में सोते हैं या लड़का जब सोते हुए किसी लड़की के बारे में सोचता है तो इस नुन्नू का साईज बड़ा हो जाता है और फिर इससे वीर्य निकलता है. मैंने कहा- हां मैं रोज आपके बारे में सोच के सोता था इसीलिए सुबह मेरा नुन्नू बड़ा हो जाता था. पर रोज तो अपने आप छोटा हो जाता था, आज तो ये अभी तक बड़ा है. आज छोटा क्यों नहीं हुआ.. और आज दर्द भी कर रहा है. चाची- तू तो बड़ा नालायक है.. मेरे बारे में ऐसा सोचता है? मैं- आप मुझे अच्छी लगती हो तो इसीलिए आपके बारे में सोचता हूँ इसमें गलत क्या है? चाची- आज तू मेरे पास मुझसे चिपक कर सोया था ना.. इसीलिए ये तेरा नुन्नू अभी तक खड़ा है.. और तूने टाईट चड्डी पहनी है ना.. इसीलिए तेरा नुन्नू टेढ़ा है और दर्द कर रहा है.
चाची मेरे साथ काफी खुल कर बातें कर रही थीं. मैंने भी मौके का फायदा उठाने की सोच ली थी. मैंने झट से अपनी चड्डी नीचे कर दी तो मेरा 8 इंची लंड तन कर 90 डिग्री में खड़ा हो गया.
चाची बोलीं- तुझे शरम नहीं आती क्या.. मेरे सामने नंगा हो गया. चड्डी ऊपर कर और यहां से जा! मैंने कहा- पर चाची मेरा नुन्नू दर्द कर रहा है और छोटा भी नहीं हो रहा है. ये कैसे छोटा होगा चाची? चाची बोली- नुन्नू को अपनी मुठ्ठी में पकड़ कर आगे-पीछे कर.. तो तेरा वीर्य निकल जाएगा. फिर ये अपने आप छोटा हो जाएगा. मैं बोला- तुम तो कह रही थीं कि किसी लड़की के पास सोने से वीर्य निकलता है. चाची- अरे बुद्धू, लड़की के पास सोने का मतलब है जब लड़का-लड़की एक-दूसरे को प्यार करते हैं और लड़का अपना नुन्नू लड़की की नुन्नू में डालता है या फिर इसे मुठ्ठी में पकड़ कर मुठ्ठ मारते हैं, तब वीर्य निकलता है, अब समझा? मैं बोला- चाची मुठ्ठ कैसे मारते हैं?
चाची ने मेरा लंड अपनी मुठ्ठी में पकड़ लिया और आगे-पीछे करने लगीं. मेरे जिस्म में जैसे करंट दौड़ गया. लंड को 8-10 बार आगे-पीछे करने के बाद चाची ने लंड छोड़ दिया और बोलीं- ऐसे ही थोड़ी देर करता रह, ये झड़ कर छोटा हो जाएगा. मैं बोला- चाची आप कर दो ना.. बहुत अच्छा लग रहा था, आपने छोड़ क्यूं दिया. चाची- पागल हो गया है क्या, खाना बनाने दे मुझे.
मैं चाची के सामने ही अपना लंड पकड़कर सहलाने लगा. मैं बोला- चाची ये लड़कियों की नुन्नू कैसी होती है? चाची- सब मुझसे ही पूछेगा क्या? एक गर्लफ्रेंड बना ले, उसी से सब पूछ लेना और देख भी लेना. मैं बोला- अब मुझसे गर्लफ्रेंड बनती ही नहीं.. तो मैं क्या करूं. आप ही मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ ना, आप ही दिखा दो अपनी नुन्नू. आप भी तो लड़की ही हो. चाची- शरम नहीं आती तुझे, मेरी नुन्नू देखेगा. मैं- इसमें शरम वाली क्या बात है आपने मेरी नुन्नू भी तो देखी है तो मैं आपकी क्यों नहीं देख सकता? चाची ने मेरे गालों पर धीरे से चांटा मारा और मुस्कुराकर बोलीं- बड़ी बातें आने लगी हैं तुझे?
मैंने चाची को पीछे से पकड़ लिया. मेरा लंड चाची के चूतड़ों की दरार में फंस गया. मैं चाची के पेट में हाथ फेरते हुए बोला- प्लीज दिखाओ ना चाची अपनी नुन्नू. चाची बोलीं- ठीक है पर सिर्फ दिखाऊँगी और कुछ नहीं करने दूंगी. मैंने कहा- ठीक है.
फिर चाची मेरी तरफ घूम गईं और उन्होंने अपनी मैक्सी ऊपर उठाई और अपनी चूत पर हाथ रख कर बोलीं- देख ये है मेरी नुन्नू. ऐसी ही होती है सारी लड़कियों की. मैंने कहा- क्या मैं आपकी नुन्नू छू सकता हूं? चाची बोलीं- नहीं, मैंने कहा था ना कि सिर्फ दिखाऊँगी और कुछ नहीं.
चाची की चूत और नंगी टांगें देख कर मेरा लंड फनफनाने लगा, मैं बोला- चाची अपनी नुन्नू में मेरा नुन्नू डालने दीजिये ना. बहुत दर्द कर रहा है.. इसका वीर्य निकल जाएगा तो ये छोटा हो जाएगा.
मेरी हिंदी चोदाई स्टोरी की इस कड़ी में इतना ही, आगे की कड़ी में बताउंगा कैसे मैंने चाची को दिन में जागते हुए चोदा. [email protected] कहानी जारी है.
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