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जीजू की चचेरी बहन की बुर चोदन की कहानी-1
मेरी इस कहानी में आपने अब तक पढ़ा कि मैंने रीना से अपनी मुहब्बत का इजहार कर दिया और थोड़ी बहुत चूमा चाटी भी हो गई. अब आगे..
अब मैं भी नीचे ही दूसरे रूम में सो रहा था.. और सोच रहा था कि कैसे इस माल का बुर चोदन कैसे करूं? ये सब सोचते हुए मेरे लंड ने उठना शुरू किया.. फिर लंड को शांत करने के लिए मैंने मुठ मारी और फिर सो गया.
अगली सुबह जब उठा तो 8 बज गए थे. अब दोपहर तक बातों के अलावा कुछ भी नहीं हुआ.
रात को मैं अपने कमरे में लेटा हुआ था और आज मैंने सोच ही लिया था कि आज तो कैसे भी करके कुछ जरूर करूँगा. क्योंकि कल शायद रीना चली जाए. रात के 11 बज चुके थे. मैं मोबाइल में गेम खेलता रहा, जिससे नींद न आए.
अब करीब 12 बज चुके थे.. मैं उठा और रीना के रूम की तरफ गया. जहाँ दीदी और जीजू भी सोए हुए थे. रूम का गेट खुला ही था.. दीदी अक्सर गेट खुला ही रख कर ही सोती थीं.
मैं धीरे-धीरे कमरे की तरफ गया और जैसे ही अन्दर गया.. तो देखा कि पूरे रूम में घुप्प अँधेरा था, कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. मुझे डर भी लग रहा था कहीं कोई उठ न जाए.
मैं कुछ देर वहीं खड़ा रहा और फिर मैंने अपने मोबाइल पर हथेली रख कर हल्का सा उजाला किया. अब मुझे जो देखना था, वो दिखाई दे गया. मैंने मोबाइल बंद कर लिया. मैंने देखा था कि एक साइड जीजू और फिर दीदी और फिर कोने में रीना सो रही थी.
मैं धीरे-धीरे पलंग के नीचे से गया और दूसरी तरफ कोने में जा पहुँचा. मेरी सांसें बहुत तेज हो गई थीं. मैं जैसे ही रीना को छूने के लिए हाथ बढ़ाता.. मेरा हाथ कांपने लग जाता.
मैं वहीं बैठा रहा, कुछ पल खुद को कण्ट्रोल में किया.. फिर अपना एक हाथ उसके मुँह पर ले गया ताकि वो एकदम से चिल्ला न दे. फिर एक हाथ से उसे हिलाने लगा, जिससे कि वो उठ जाए.
मैंने कुछ देर में उसे ऐसे करते हुए उठाया, वो बड़ी मुश्किल से जागी.. अभी कुछ कहती कि मैंने तुरंत अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया और धीरे से कहा- मैं हूँ जय..! वो भी चुप रही और कहने लगी- यहाँ क्यों? कोई उठ जाएगा प्लीज जाओ आप..! पर मैं आज नहीं मानने वाला था. मैंने उसे जोर से बिना आवाज किए किस किया और वो हल्की सी ‘आअह..’ की आवाज के साथ कहने लगी- प्लीज जाओ.. मैंने कहा- आप भी बाहर आओ. उसने मना किया- नहीं कोई उठ जाएगा. पर मैं नहीं माना. तब जाकर उसने ‘हाँ’ कहा- अच्छा आप जाओ.. मैं आती हूँ.
मैं बाहर आया और गेट के पास जाकर खड़ा हो गया.
मेरी सांसें तेज हो रही थीं. कुछ पल में ही रीना मेरे पास आ गई.. मैंने तुरंत उसे गले से लगाया और ‘आई लव यू.. आई लव यू..’ कहते हुए उसे किस करने लगा. उसने भी ‘आई लव यू टू..’ कहते हुए मुझे जोर से बांहों में भर लिया. वो कहने लगी- मुझे कभी छोड़ कर मत जाना. मैंने भी कह दिया- कभी नहीं जाऊंगा. कुछ पल ऐसे ही रहने के बाद उसने कहा- अब जाओ सो जाओ आप.. कोई उठ जाएगा प्लीज..
पर मैं कहाँ मानने वाला था. मेरे लंड में तो तूफान उठ रहा था और मैं आज ये मौका नहीं छोड़ना चाहता था. मैं उसे अपने कमरे में ले जाने लगा, पर रीना ने कहा कि नहीं कोई जाग गया तो..! पर मैंने कहा- क्या इतना ही प्यार है आपका?
तब रीना मेरे पीछे-पीछे कमरे में चल दी. रूम में आने के बाद मैंने गेट लगा लिया और नाईट बल्ब चालू कर दिया. इस हल्की सी रोशनी में हम दोनों करीब से एक-दूसरे को साफ दिखाई दे रहे थे. इस वक़्त मुझे बिल्कुल डर नहीं लग रहा था कि कोई जाग गया तो क्या होगा.. क्योंकि मुझे यो मौका छोड़ना नहीं था. जब 18 उम्र की कमसिन लड़की बांहों में हो तो ऐसा मौका कोई नहीं छोड़ना चाहता है.
मैंने भी वही किया. मैंने उसे बिस्तर पे बिठाया, कुछ पल बात की. फिर मैंने अपने दोनों हाथ उसके कंधे पे रखे और धीरे से उसे बिस्तर पे लिटा दिया. मैं भी उसके पास ही लेट गया. रीना ने कहा- कोई उठ जाएगा, अब मैं जाती हूँ.
पर मैंने उसे नहीं जाने दिया. मैंने अपने होंठ को उसके होंठों पे रखे और चूसने लगा. उसके मुँह से ‘ऊऊऊह्ह..’ की आवाज निकली और फिर चुप हो गई, पर अब भी वो मेरा साथ नहीं दे रही थी.
मैंने अपने हाथों को बढ़ाया और उसके मम्मों पर रख दिए. इस बार रीना ने मेरे हाथ नहीं पकड़े.. इससे मुझे और हिम्मत मिल गई.. और मैं शर्ट के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाने लगा. उसके मम्मे बहुत सॉफ्ट लग रहे थे. मैंने अब अपने हाथों से उसकी चूचियों को मसलने की स्पीड बढ़ा दी. ‘आह्ह ऊऊऊह्ह अजीब लग रहा है.. अब बस रहने दो आप..’
वो इस तरह से मुझसे कह रही थी.. पर मैं नहीं रुका और अपनी जीभ गर्दन से होते हुए सीने पे चला रहा था. मेरी इस हरक़त से उसकी साँसें तेज हो रही थीं. अब मैं और ज्यादा लेट नहीं होना चाहता था. मैं साइड में हुआ.. मैंने अपनी शर्ट और बनियान निकाल दी और कुछ पल रीना से चिपक गया.
रीना मुझसे चुदना तो चाहती थी लेकिन ये बात वो मुझसे कह नहीं पा रही थी. मैं भी तय कर चुका था कि आज इसकी बुर चोदन का मजा लेना ही है.
फिर मैंने अपने एक हाथ से उसकी शर्ट को ऊपर करना शुरू कर दिया.. और शर्ट उसकी गर्दन तक कर दी. उसने रेड कलर की ब्रा पहन रखी थी. मैंने उसे किस करना जारी रखा और अपने हाथ उसकी पीठ पर लेकर गया और उसकी ब्रा का हुक जैसे ही खोला, वो मेरी बांहों में कसमसा गई और कहने लगी- नहीं ऐसा मत करो. मैंने कहा- मैं सिर्फ प्यार कर रहा हूँ आपको और आपको बुरा लगेगा तो हम नहीं करेंगे.. और हम जब तक ऐसा कुछ नहीं करेंगे, जब तक आप ना कहो.
यह सुन कर उसने अपने आपको ढीला छोड़ दिया और मैंने ब्रा उसके जिस्म से अलग कर दी. उसके एप्पल जैसे चूचे बाहर मेरी आँखों के सामने नंगे थे.. और फिर मी एक झटके से उसकी शर्ट भी उतार दी. अब वो ऊपर से मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी. उसका एकदम गोरा जिस्म मेरे सामने था. मैंने उसे अपने जिस्म से चिपका लिया और अपने जिस्म को रगड़ने लगा. मेरे जिस्म की हर रगड़ के साथ उसके मुँह से ‘ऊऊऊह्ह..’ की आवाज आ रही थी. अब मैंने उसके एक चूचे को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा और एक हाथ से उसके दूसरे चूचे को पकड़ कर दबाने और मसलने लगा. वो- आअह्ह जय ऊऊह्ह्ह धीरे कुछ हो रहा है.. अह.. आराम से आआआहह..
पर मैं ऐसे ही करता हुआ उसके पेट तक आ गया और जैसे ही उसके पेट पर गहरा चुम्मा करता.. वो अपनी कमर को उछाल देती.
अब मैंने अपने एक से उसकी सलवार का नाड़ा खोला.. और एक हाथ से मम्मों को दबाता रहा. मेरा हाथ उसकी सलवार में डलते ही उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा- नहीं ये नहींईई प्लीज.. मैंने कहा- सिर्फ प्यार करना है, ऐसा-वैसा नहीं करूँगा.. जब तक आप न कहो..
पर उसने मेरा हाथ नहीं छोड़ा. अब तक मेरे हाथ की उंगलियां उसकी बुर को छू गई थीं. मैं धीरे-धीरे अपनी उंगलियों को बुर पे घुमाने लगा. ‘सिस्स्सस्स ऊओह्हह्ह..’ के साथ उसके हाथ की पकड़ कमजोर हो गई और मैंने हाथ उसकी मखमली बुर पर फेरना चालू रखा. मुझे बुर पर गीला सा महसूस हुआ मैं समझ गया कि अब इसे भी अच्छा लग रहा है.
अब मैंने देर ना करते हुए उसकी सलवार को एक झटके में नीचे कर दिया और पैरों से अलग कर दूर फेंक दिया.
मैं फिर से उसके ऊपर लेट कर उसे यहाँ-वहाँ हर जगह चूमने लगा. इसी बीच मैंने भी अपना पजामा उतार दिया. अब हम दोनों चड्डी में थे. मेरा लंड पूरा तन चुका था.. और अब दर्द भी करने लग गया था. मैंने उसके मम्मों को चूमना शुरू कर दिया था.. वो बस अपने चेहरे को इधर-उधर घुमा रही थी. इससे मुझे लग गया कि रीना बहुत गर्म हो चुकी है. मैंने देर ना करते हुए उसकी पेंटी भी निकाल दी. अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी.. और कम रोशनी में भी उसका जिस्म चमक रहा था. मैं उसे चूमता हुआ पेट तक आया और अपने हाथों से उसके मम्मों को दबाता रहा. उसके मम्मे बहुत टाइट हो चुके थे और कुछ लाल भी..
अब मैं उसके पेट से होता हुआ नीचे आया और उसकी बुर पर जैसे ही नजर पड़ी.. मेरा लंड तो जैसे फटने वाला हो गया. उसकी बुर पर कुछ हल्के-हल्के से बाल थे. उसने शायद कुछ दिन पहले ही साफ़ किए थे. उसकी बुर की फांकें एक-दूसरे से चिपकी हुई थीं और एक लकीर दिखाई दे रही थी.
मैंने अपने एक हाथ उसकी बुर पे रखा और उसकी बुर में अन्दर बुर के दाने पे ले गया. दाने पर उंगली का स्पर्श पाते ही उसने मेरा हाथ जोर से पकड़ लिया- आआअह्ह ह्हह.. बस प्लीज जय.. मैं मर जाउंगी.. ये क्या हो रहा है.. मुझसे सहन नहीं हो रहा है! मैंने उसे समझाया- पहली बार में होता है.. कुछ पल रुको.. बहुत मजा आएगा.. और अगर बुरा लग रहा है, तो मैं हट जाता हूँ. पर उसने तुरंत कहा- नहीं..
उसने अपना हाथ हटा लिया और खामोश हो गई. अपनी आँखें उसने बिल्कुल बंद कर लीं. मैंने भी कुछ कहना ठीक नहीं समझा और उसकी बुर पर अपनी उंगली घुमाता रहा. फिर जैसे ही मैंने एक उंगली को बुर में डाला, वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाज के साथ उछल पड़ी.. उसने मेरे बालों को जोर से पकड़ लिया.
मेरी उंगली बड़ी मुश्किल से बुर में अन्दर-बाहर हो रही थी. मेरी इस हरक़त से उसकी बुर से पानी निकलने लगा, जो मेरे हाथ में मुझे महसूस हो रहा था.
तभी रीना ने मेरे बालों को ‘ऊऊऊह्ह आअह्ह ऊओह्ह ओह्ह्ह आआअह..’ की आवाज के साथ जोर से पकड़ लिया. मैं समझ गया कि अब ये झड़ रही है. मैंने भी तुरंत अपनी चड्डी उतार फेंकी. इस वक्त रीना की साँसें बहुत तेज चल रही थीं.. और वो बिस्तर पर बिल्कुल बेदम होकर पड़ी थी.
मुझे डर था कि कहीं मेरा लंड भी पानी ना छोड़ दे. इसलिए मैं उसके ऊपर चढ़ गया और मेरे ऊपर चढ़ते ही उसने मुझे जोर से अपनी बांहों में जकड़ लिया. कुछ पल ऐसा ही शांत माहौल रहा, मैं अपने हाथ उसकी पीठ पर चलता रहा.
कुछ पल बाद मैं फिर से उसे चूमने-चाटने लगा और उसकी बुर पर फिर से हाथ घुमाने लगा. अबकी बार मैंने उसके ऊपर से उतर कर अपने होंठों को उसकी बुर पर रख दिया और जैसे ही जीभ से बुर को चाटा, वो सिहर उठी. उसने कहा- अह.. नहीं प्लीज ये गन्दी जगह है.. ये मत करो.
मैं मान गया और उंगली को उसकी बुर के अन्दर-बाहर करने लगा.
कुछ देर बाद उसने अपनी गांड उठाते हुए कहा- अब मुझसे सहन नहीं हो रहा, कुछ करो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी. मैंने कहा- ओके हनी, जो करूँगा उसके लिए बुरा मत मान जाना. उसने भी कह दिया- अब जल्दी करो जो भी करना है. इतना कुछ हो गया, उसमें नहीं माना बुरा तो अब क्यों मानूँगी.
उसने ये कह कर अपनी आँखें बंद कर लीं. अब इतनी बात के बाद मैं भी लेट नहीं होना चाहता था क्योंकि हमें एक घंटे से ज्यादा होने को आया था.
मैं उठा और पहले अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगा कर उसके पैरों को मजबूती से अपने हाथों में पकड़ लिया. फिर उसकी चिकनी हुई पड़ी बुर पर लंड के सुपारे को सैट किया.. और अपना एक हाथ उसके मुँह पर रखते ही एक जोर का धक्का बुर के अन्दर दे मारा.
लंड क्या घुसा, उसके मुँह से एक चीख सी निकलने को हुई, जो मेरे हाथ से दब कर रह गई. मेरा सुपारा बुर के अन्दर जा चुका था. चूंकि उसकी बुर काफी गीली हो चुकी थी इसलिए सुपारे के साथ ‘सट..’ से लंड भी बुर में घुसता चला गया था.
उसने दर्द से मचल कर कमर को इधर-उधर घुमाया और छूटने की कोशिश की, पर मैंने उसे छूटने नहीं दिया. इसी बीच मैंने एक और झटका दे मारा. मेरे इस बार के धक्के से रीना काँप उठी, उसके मुँह से सिर्फ ‘ऊऊऊह्ह.. ऊऊह्ह उह्ह..’ की आवाज निकल रही थी और वो बेहद तड़फ रही थी. इधर मुझसे रुका नहीं जा रहा था, मेरा लंड बुर के अन्दर फड़क रहा था. मैंने इस बार उसके पैरों को और अधिक फैलाया और थोड़ा सा लंड बाहर निकालकर फिर से जोर से धक्का मार दिया.
इस बार मेरा पूरा 7 इंच का लंड बुर को चीरता हुआ जड़ तक अन्दर पहुँच गया. लंड अन्दर घुसेड़ कर मैं तुरंत उसके ऊपर पूरा लेट गया.. और उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर उसके मम्मों को दबाने लगा.
हालांकि मेरे इस प्रहार से तो मेरा लंड भी जलने लगा था. इधर रीना की आँखों में हल्के आंसू निकल आए थे. वो मुझसे छूटने की भरपूर कोशिश में थी, पर मैंने नहीं छोड़ा, मैं लंड को मूसल की तरह बुर में ठोके हुए ऐसे ही लेटा रहा.. उसके चूचुक चूसता रहा.
कुछ पल में वो नॉर्मल हुई.. और मैंने अब उसके होंठों को भी अपने होंठों से जुदा कर दिया. वो कहने लगी- प्लीज नहींईई अब निकाल लो.. मुझे लग रही है. पहले तो मैं समझा नहीं और पूछने लगा- कैसे लगी.. क्या हुआ? पर फिर से उसने यही कहा- बहुत दर्द हो रहा है.. मेरी उसमें जलन हो रही है.
तब मेरी समझ में आया कि बुर में लंड है तो जलन तो होगी ही.. और वो भी पहली बार लंड घुसा है तो ये सामान्य सी बात है. मैंने धीरे से लंड को बाहर खींचा.. तो मुझे लंड पर कुछ गीला सा महसूस हुआ.
मुझे समझ आ गया कि ये खून है. ये समझते ही मुझे बहुत खुशी हुई कि मैंने ही मेरी रीना की सील तोड़ी है. अब मैं लंड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा. ‘आआह्ह्ह… ऊऊओह्ह… सिस्स्स… जय ऊओह्ह्ह… धीरे से… लग रही है आह्ह्ह जय!’
उसकी आवाजें उसके मुँह से आ रही थीं. उसकी कामुक सीत्कारें सुनकर तो मेरा जोश और बढ़ गया और अब मैं और तेज गति से अपने लंड को उसकी बुर में अन्दर-बाहर करने लगा. शायद अब रीना को भी मजा आ रहा था.. क्योंकि उसने मुझसे खुद से चिपका लिया था. जैसे वो मेरे जिस्म में समाना चाह रही हो.
कुछ मिनट की चुदाई के बाद ‘आआह्ह आआह्ह ह्हह सिस्स स्स.. सीस्स्स ऊऊओह्हह आआअह्ह्ह जय जय.. मैं मर गई..’ उसने अपनी कमर को एक-दो झटके दिए और मेरे लंड पर मुझे कुछ तरल सा महसूस हुआ. मैं समझ गया कि उसकी बुर झड़ गई है. इसके 2 मिनट बाद ही मैं भी तेज झटकों के साथ उसकी बुर में ही झड़ गया. उसने मुझे और मैंने उसे जोर से बांहों में भर लिया. हमारी साँसें बहुत तेज चल रही थीं. कुछ ही पलों में मेरा लंड भी उसकी बुर से सरकता हुआ बाहर आ गया.. साथ ही मेरा वीर्य भी बाहर निकलने लगा.
रीना के चेहरे पर एक विजयी सी मुस्कान थी.. मैं समझ गया कि वो संतुष्ट हो चुकी है.
अब 2 बजने को थे.. क्योंकि हम एक-दूसरे की बांहों में ही लेटे रहे थे. रीना उठी, पर उसे खड़े होने में परेशानी हो रही थी. मैंने उसे सहारा दिया और बाथरूम तक पहुँचा कर एक-दूसरे को साफ़ किया.. और उसने उसी रात वो चादर धोई.. जो कि वीर्य और खून के धब्बों से सन चुकी थी.
फिर उसने मुझे हग किया और अब वो सोने चली गई. अगले दिन वो अपने शहर चली गई.
तो दोस्तो, यह थी एक कुंवारी लड़की की बुर चोदन की सच्ची घटना. इस आपबीती को मैं 4 घंटों में पूरा लिख पाया हूँ, क्योंकि रीना की बुर की चुदाई की कहानी लिखते समय मैंने दो बार मुठ भी मारी थी. इसके बाद मैंने 4 बार और रीना को चोदा और उसकी बुर भी चाटी.. सच में बहुत अच्छा लगा.
आपको यह कहानी कैसी लगी ये तो आप सब ही बता सकते हो. तो मुझे मेल जरूर करना ताकि आपको और भी चोदन कहानी भेज सकूं.. सबको मेरा प्यार.
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