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प्रिय अन्तर्वासना पाठको, मेरा नाम मनोज है, मैं आगरा का रहने वाला हूँ. मैं गत कई वर्षो से अन्तर्वासना की सेक्सी कहानी का नियमित पाठक हूँ. दोस्तो, यहाँ बहुत सी कहानियां पढ़ने के बाद मुझे भी अपनी आपबीती जवान लड़की की कामुकता की कथा आप तक पहुंचाने की इच्छा हुई. यह मेरी सच्ची घटना है.
मुझे जॉब के सिलसिले में कई बार बाहर जाना पड़ता है तो एक बार करीब एक वर्ष पहले मैं मध्यप्रदेश के एक छोटे से शहर नीमच 15 दिन के लिये गया. वहाँ हमारी कंपनी के दो लोग दीपक और शशांक थे जिनके साथ मुझे नीमच और आस पास के मार्किट को देखना था. मैंने तीन दिन तक शशांक के साथ उसका पूरा मार्केट देखा और फिर दीपक के साथ उसके मार्केट जाने का प्लान बनाया.
अगले दिन मैं उसके साथ मार्केट में घूमा और पूरा मार्केट देखने के बाद उसके साथ एक छोटे से बार में जाकर बियर पी. फिर दीपक ने मुझे अपने घर पर जो मेरे होटल से थोड़ी सी ही दूर था, खाने पर बुलाया. मैं उसके घर रात 9 बजे के करीब पहुँच गया. वहाँ पहुँच कर मैंने देखा कि वो उसकी बीवी, और एक लड़की जो उसके चाचा की लड़की थी, साथ रहते थे. उसकी चाचा की लड़की रजनी (मुझे उसका नाम बाद में पता चला था) बहुत मस्त सेक्सी मोटे चूचों वाली थी.
रजनी हमारे लिए चाय लेकर आई. उसको देखकर मेरे मन में बहुत कुछ होने लगा.
फिर थोड़ी देर तक ऑफिस की बातें करने के बाद उसकी बीवी और चाचा की लड़की रजनी ने खाना लगाया, हम सबने साथ बैठ कर डाइनिंग टेबल पर खाना खाया.
रात करीब 11 बज चुके थे. मैंने अब जाने की इच्छा जताई तो दीपक बोला- सर, काफी रात हो गयी है तो आज रात आप यहीं रुक जाइये, वैसे भी हमें सुबह जल्दी ही मार्केट निकलना है तो सीधे यहीं से नहा कर और नाश्ता करके निकल लेंगे. मुझे अन्दर ही अन्दर अच्छा फील हुआ और मैंने भी धीमी सी आवाज में रुकने के लिए हाँ कर दी.
दीपक और उसकी बीवी उनके कमरे में सोए और मुझे बाहर ही कमरे में जिसमें हमने डिनर किया था वहीं पड़े बेड पर सुलाया. मेरे कमरे के बराबर में ही उसके रजनी का कमरा था, वो वहाँ चली गयी.
मैं मन ही मन उस लड़की रजनी के बारे में सोच रहा था.
तभी एकदम से फ्रिज खुला जो उसी कमरे में था जहाँ में लेटा हुआ था. मैंने धीरे से देखा तो एक लड़की मस्त गाउन में खड़ी फ्रिज से पानी की बोतल निकाल रही थी. वो पानी की बोतल लेकर मेरे पास आई और धीरे से बोली- सर, आपके लिए बोतल यहीं रख दूँ? मैंने सोने का नाटक करते हुए उसे कोई जवाब नहीं दिया.
उसने ऐसे ही दो तीन बार आवाज लगायी पर मैंने कोई जवाब नहीं दिया. फिर उसने मुझे हिलाया और पानी के लिए बोला तो मैंने नींद के नाटक करके ही उसके हाथ को पकड़ा और बोला- कौन? “सर, मैं हूँ रजनी… आपसे पानी के लिए पूछ रही हूँ. बोतल यहीं रख दूँ या आप फ्रिज से निकाल कर पी लेंगे?” मैंने बोतल वहीं रखने को बोला और वो रख कर चली गयी.
फिर थोड़ी देर बाद मैं उठा और रजनी के कमरे के सामने जो वाशरूम बना हुआ था, वहाँ पेशाब करने के लिए गया. मैंने रजनी के कमरे की तरफ हल्की सी नजर से देखा तो बहुत हल्की सी लाइट में रजनी की टाँगें नजर आयीं जिनके ऊपर से गाउन भी उठा हुआ था. मैं वहीं खड़ा रहा, फिर देखा कि रजनी अपने मोटे चूचों को दबा रही है. यह देख कर मेरे लंड में कुछ होने लगा. मैं वहीं खड़े होकर सब देख रहा था, तभी रजनी ने वहीं खिड़की की तरफ करवट ली. मैं उसे देखने में मशगूल था तो वहाँ से हटने का ध्यान ही नहीं रहा. रजनी खड़ी हुई और कमरे का दरवाजा खोला, बोली- सर, आप यहाँ खड़े होकर क्या कर रहे हैं? मुझे थोड़ी शर्म सी महसूस हुई, मैंने कांपती हुई आवाज में कहा- कुछ नहीं. वो बोली- मुझे पता है, आप मुझे ही देख रहे थे न?
मुझे पता चल गया कि ये कुंवारी लड़की भी चुदाई की बहुत प्यासी है. पर फिर भी मैंने कोई जवाब नहीं दिया. उसने धीरे से मेरे कान के पास आकर कहा- आप चाहें तो अन्दर आ सकते हैं. मैंने उसकी आँखों में देखा तो उसने धीरे से सर हिला दिया. मैं समझ गया और मैं यही तो चाहता था.
हम दोनों अन्दर गए और रजनी ने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया. मैंने रजनी से कहा- अगर दीपक उठ गया तो? वो बोली- नहीं उठेंगे, भैया बहुत गहरी नींद में सोते हैं.
मैंने रजनी को पकड़ कर उसके गाल पर एक किस किया और फिर उससे लिपटने लगा. वो भी मेरी पीठ को पकड़ कर मुझसे लिपट गयी. फिर मैंने उसके होठों को कस कर चूम लिया, कामुकता वश वो मुझे और तेजी से पकड़ने लगी और मुझसे लिपट गयी.
इधर मस्त सेक्सी रजनी को अपनी बाँहों में पाकर मेरा काला नाग फन फेलाने लगा. मैंने रजनी के चूचों को कस कर दबाया और उसके होठों पर एक मस्त किस किया. रजनी ने धीरे से सीईईई… की आवाज से साथ मेरे कान में कहा- सर थोड़ा धीरे!
फिर मैंने उसे पलंग पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया. उसने मेरे बनियान उतार दी मैंने भी उसके गाउन और उतार कर अलग फेंक दिया, वो काली ब्रा और पेंटी में मस्त लग रही थी. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके निप्पल को कस कर चूसने लगा. फिर रजनी के बराबर में लेट कर उसके चूचों से खेलने लगा.
तभी रजनी ने मेरा पजामा उतार दिया और मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी. उसके मुख से सीईई ईई उफ्फ्फ की आवाज आ रही थी.
तभी मैंने उसकी पेंटी में हाथ घुसा दिया और उसकी मस्त चिकनी चूत पर अपना हाथ रगड़ने लगा. रजनी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी और इस समय पूरी तरह से मस्त होकर मेरे लंड से खेल रही थी और कामुक आवाजें ‘ओह्ह ह्ह सरर्रर… बहुत मस्त लंड है आपका… कितना बड़ा है और मोटा भी.
मैंने देर न करते हुए तुरंत रजनी की चड्डी उतार दी और उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए रजनी के मुख से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआह ह्हह उह्ह हह्ह सर्रर…’ की आवाज निकल रही थी और बोल रही थी- सर, अब प्लीज चोद भी दीजिये, रहा नहीं जा रहा!
मैंने अपना लंड उसकी चिकनी चूत पर रखा और एक जोर से धक्का लगा कर अन्दर पेल दिया और मेरे मुख से भी निकल गया- रज्नीईई साली बहुत मस्त है तू… तेरी आज फाड़ दूंगा! रजनी भी मजे लेते हुए बोल रही थी- सर, फाड़ दीजिये न… मेरी चूत का भोसड़ा बना दो सर! चोद दो न सर!
मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा और करीब 5 मिनट के बाद रजनी ने अपना पानी छोड़ दिया और थोड़ी ही देर में मैंने भी अपना पानी उसके चूचों पर और उसके मुँह में छोड़ दिया, रजनी मेरा सारा पानी पी गयी.
दोस्तो, कैसी लगी जवान लड़की की कामुकता की कथा? मुझे जरूर लिखना! [email protected]
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