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अब तक की इस देसी सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि मोना ने नई लौंडिया नीतू को काम पर रखा था. वो कमसिन कली थी और अब तक नीतू के शरीर को खुद उसने भी नहीं छेड़ा था. मोना ने उसको और खुद को नंगी करके नहाने की बात की. अब आगे..
मोना उसको लेकर बाथरूम में चली गई और पहले दोनों ने अच्छे से शावर लिया. फिर बड़े प्यार से मोना उसको साबुन लगाने लगी और उसके एक-एक अंग को छू कर मज़ा लेने लगी.
मोना- वाउ यार, नीतू तेरे बदन में कितनी चिकनाहट है.. साबुन फिसलता जा रहा है. नीतू- दीदी, मैं भी आपको साबुन लगाऊं? मोना- अरे हाँ लगा ना.. और ये मेरे मम्मों को भी दबाना.. और भी मज़ा आएगा.
नीतू ने मोना के कहे अनुसार मम्मों को दबाना शुरू किया. फिर निपल्स भी दबाए. अब दोनों एक-दूसरे को साबुन लगा रही थीं. मोना ने जब नीतू की चुत पर साबुन लगाया तो वो सिहर उठी. उसकी देसी चुत पर किसी और का हाथ पहली बार लगा था.
मोना ने वहीं बस नहीं किया.. वो चुत को प्यार से सहलाने लगी और उंगली से उसकी फांकों को खोलने की कोशिश करने लगी. नीतू- आह सस्स दीदी.. नहीं दुख़ता है.
मोना ने फिर कोई हरकत नहीं की और दोनों अच्छे से नहाकर बाहर आ गईं. फिर नीतू को नया फ्रॉक और हाफ चड्डी पहना कर मोना ने खुद उसके बाल संवारे.. उसको बहुत प्यार से रेडी किया. ये सब नीतू को बहुत अच्छा लग रहा था. फिर मोना ने नीतू की मदद से खाना बनाया और दोनों ने अच्छे से खाना खाया और मोना उसे अपने कमरे में साथ ले गई.
मोना- नीतू वो सामने वाला कमरा तेरा है.. मगर रात को तेरे जीजू तो आते नहीं हैं.. इसलिए तू मेरे पास ही सोया कर. नीतू- दीदी आप बहुत अच्छी हो.. मैंने सोचा था पता नहीं आप कैसी होगी. मुझे मारेगी या ज़्यादा कम करवाएंगी.. मगर आप तो मेरा इतना ख्याल रख रही हो. इतना तो मेरी माँ ने भी शायद ना रखा होगा. मोना- अरे बस बस.. तू मेरी इतनी भी तारीफ मत कर. बस मैं जैसे कहूँ, करती जाना. फिर देखना मैं तुझे और ज़्यादा प्यार करूँगी. नीतू- ठीक है दीदी.. आप जो भी कहोगी, मैं करूँगी. आप सच में बहुत अच्छी हो.
मोना- अच्छा नीतू तूने कहा था ना तू सर को अच्छा दबाती है. नीतू- हाँ दीदी सही है.. आपका सर दबाऊं क्या? मोना- अरे नहीं मैं बस पूछ रही हूँ. तू सिर्फ़ सर ही अच्छा दबाती है या हाथ-पाँव भी अच्छे से दबा लेती है? नीतू- हाँ दीदी मैं सब अच्छे से दबा देती हूँ. आप एक बार अपना शरीर दबवा कर देखो तो मालूम चलेगा. मोना- अच्छा चल ठीक है तू मेरे पैर दबा.. फिर तुझे बताती हूँ तुझे कि तूने कैसे दबाए.
नीतू तो बस मोना की ‘हाँ’ का वेट कर रही थी.. वो फ़ौरन शुरू हो गई और धीरे-धीरे वो मोना की पिंडलियां दबाने लगी. मोना- आह तेरे हाथों में तो सच में जादू है नीतू.. अब धीरे-धीरे ऊपर की तरफ़ आ.. मेरी जांघें बहुत दुख रही हैं.
नीतू ने अपने हाथ ऊपर की तरफ़ चलाने शुरू किए. अब वो मोना की जांघें दबा रही थी और मोना और ऊपर और ऊपर करके उसे चुत के एकदम पास दबाने को बोल रही थी. अब नीतू बेचारी को क्या पता कि ये मोना की चाल है. आज तो सिर्फ़ ट्रेलर है.. असली फिल्म तो कल से शुरू होगी.
थोड़ी देर ऐसे ही दबवाने के बाद मोना ने उसे रुकने को कहा और उसे वापस अपने पास लेटा लिया.
मोना- नीतू सच में तूने कमाल कर दिया मगर ये कमाल तुझे कल दिखाना होगा. तेरे जीजू रात भर काम करके थके-हारे घर आते हैं. बस तू अच्छे से उनके पैर दबा कर उनको आराम देना. नीतू- ठीक है दीदी.. आप देखना मैं कैसे उनको आराम देती हूँ. मोना- अच्छा सुन, वो मना करेंगे मगर तू सिर्फ़ मेरी बात मानना, जैसे मेरे पैर दबाए ना ऊपर तक.. उनके भी ठीक वैसे ही दबाना. उनको पैरों के ऊपर वाले हिस्से में ज़्यादा तकलीफ़ होती है, तो तू ऊपर ज़्यादा दबाना.. ठीक है ना..! नीतू- हाँ दीदी ठीक है.. आप चिंता मत करो.. मैं अच्छे से दबा दूँगी.
मोना ने कुछ देर और नीतू को अच्छे से समझाया कि कल उसको क्या करना है.. फिर वो दोनों सो गईं.
दोस्तो इनको सोने दो, हम थोड़ा पीछे जाते हैं. शाम को और भी तो कांड हुए होंगे, उन पर भी हमें नज़र डालनी चाहिए ना.
टीना की मस्त चुदाई के बाद जब संजय घर पहुँचा तो उसकी माँ ने लेट आने की वजह पूछी तो संजय ने बहाना बना दिया. फिर लंच करके वो ऊपर गया तो देखा पूजा आराम से लेटी हुई थी. संजय- हैलो माय स्वीट डार्लिंग, क्या तुम सो रही हो? पूजा- नहीं मामू, मैंने अपना होमवर्क किया है. आप आज देरी से क्यों आए? संजय- अरे दोस्त के साथ था. तू बता क्या हाल है.. रात की चुदाई कैसी लगी तुझे.. तेरा मन भरा या नहीं? पूजा- नहीं मामू रात को अपने बहुत थका दिया था.. आज नहीं और वैसे भी आज स्कूल में मुझे नींद आ रही थी. अब होमवर्क तो हो गया.. बस अब कोई काम नहीं है.. मैं आराम से सोऊँगी. संजय- चल सो जा, मैं भी थका हुआ हूँ तो मुझे भी अच्छी नींद आएगी.
पूजा- अरे मामू बातों-बातों में मैं आपको एक ज़रूरी बात बताना तो ही भूल गई.
संजय- अच्छा वो कौन सी बात है.. ज़रा बता तो..! पूजा- आज स्कूल जाते टाइम ना उस लड़के ने फिर मेरे पीछे अपना लंड टच किया. संजय- अच्छा तो तूने क्या किया.. मैंने जो बताया था वो किया या नहीं? पूजा- हाँ मामू मैंने वही किया. रूको आपको शुरू से बताती हूँ.. मज़ा आएगा. संजय- चल ठीक है बता? पूजा- आज ना मैं बस में सबसे लास्ट में थी और वो मेरे पीछे खड़ा था. फिर उसने लंड टच करना शुरू किया तो मैंने भी गांड को पीछे करके उसे इशारा दिया. बस फिर क्या था वो जोर-जोर से लंड रगड़ने लगा. फिर ना मैंने हाथ पीछे करके उसके लंड को पैन्ट के ऊपर से पकड़ लिया और सहलाने लगी.
संजय- गुड फिर क्या हुआ? पूजा- होना क्या था वो एकदम कड़क हो गया. और पता है कमीने ने मेरे मम्मों को भी टच किया. मैं जोर-जोर से उसका लंड सहलाती रही. जब कुछ देर बाद उसका लंड एकदम गर्म हो गया और उसकी साँसें तेज हो गईं. आपने कहा था ना.. मैंने वैसे ही जोर-जोर से किया. वो मेरा हाथ हटाने लगा मगर मैंने सहलाना जारी रखा. फिर झट से उसका पानी निकल गया.. मुझे जब हल्का सा अहसास हुआ तो मैंने हाथ हटा लिया. फिर पीछे मुड़कर देखा तो उसकी पैन्ट आगे से गीली हो गई थी और वो बहुत घबरा गया था. संजय- वाउ फिर क्या किया तुमने? पूजा- करना क्या था.. मैं पीछे मुड़ी और जोर से बोली कि अमित ये क्या किया तुमने.. खड़े खड़े सूसू कर दिया?
बस मेरे कहने की देर थी कि पूरी बस उसी को देखने लगी और सब जोर-जोर से हंसने लगे. सब उस पे कमेंट्स मारने लगे. संजय- बहुत अच्छा किया मगर किसी को पता नहीं लगा कि वो सूसू है या कुछ और? पूजा- छोटे बच्चों को तो सूसू ही लगा.. मगर जिनको पता था वो समझ गए और उनके कमेंट भी वैसे ही थे. ‘कैसे कमेंट्स थे?’ ‘एक ने कहा साले पीछे खड़े होकर बच्ची के मज़े ले रहा था क्या.. फिर दूसरा बोला बड़ा कमीना है, मज़ा लिया तो कंट्रोल करता.. अब निकल गया ना..’
संजय- हा हा हा बहुत मस्त.. अब आगे से वो ध्यान रखेगा. पूजा- सुनो तो मामू… बस में हमारी एक मैडम भी होती हैं.. उन्होंने उसे इतना डांटा और उसी वक़्त बस रुकवा कर नीचे उतार दिया और उसके पेरेंट्स को उसके साथ लाने को कहा. संजय- बहुत खूब ऐसे कमीने के साथ ऐसा ही होना चाहिए था. पूजा- सब आपके आइडिया का कमाल है मामू… चलो अब सो जाते हैं.. मुझे नींद आने लगी. संजय- अच्छा सुन वो लड़का अब चिड़चिड़ा हो गया है… उसके पास भी मत जाना.. बात भी मत करना समझी.
पूजा को समझा कर वो दोनों सो गए.
शाम को सुमन का दिल बहुत बेचैन था आज की संजय की हरकतें उसे बार-बार याद आ रही थीं और दूसरी तरफ़ उसके पापा का टेंशन भी उसको सता रहा था. फिर वो रेडी हुई और टीना से मिलने जाने लगी, तभी हेमा ने उसको रोक लिया.
हेमा- सुमन बेटा आई एम सॉरी मैंने गुस्से में तुझे डांट दिया तूने कुछ नहीं खाया है.. प्लीज़ कुछ खा लो. सुमन- नहीं.. मैं टीना के घर जा रही हूँ.. वहीं कुछ खा लूँगी.
हेमा आगे कुछ बोलती तब तक सुमन वहां से निकल गई और सीधे टीना के घर जा पहुँची. वहां उसकी माँ से मिली उनका हाल पूछा, फिर टीना के कमरे में गई. टीना भी उसी वक़्त उठी थी, उसके हाथ में चाय और बिस्कुट थे.
टीना- अरे आओ.. सही टाइम पे आई.. ले तू भी नाश्ता कर ले. सुमन- भूख तो मुझे भी बहुत है.. लाओ दे दो और मेरी चाय कहाँ है? टीना- तू बैठ.. तेरे लिए अभी लाती हूँ.
दोनों ने नाश्ता किया. फिर टीना ने डोर बंद कर लिया और सुमन को देखने लगी.
सुमन- क्या हुआ दीदी आप मुझे ऐसे क्यों देख रही हो? टीना- देख रही थी ऐसे तो बहुत भोली बनती है तू मगर आज जो संजय के साथ मज़े ले रही थी.. मुँह से एक आवाज़ भी नहीं निकाली.. तूने इतना कैसे कंट्रोल किया? सुमन- ओह दीदी प्लीज़ चुप रहो ना… वो बात दोबारा याद मत दिलाओ. टीना- क्यों.. चुत में कुछ कुछ होता है क्या तुझे हा हा हा हा.. सुमन- हाँ दीदी, सच में मॉंटी और संजय के साथ करने में बहुत फ़र्क है.
टीना- अच्छा तू कहे तो अबकी बार तुझे बिना आँख बंद किए मज़ा दिलवा दूँ. सुमन- नहीं दीदी, प्लीज़ आप संजय को कुछ नहीं बताओगी प्लीज़, वरना मैं आपसे कभी भी बात नहीं करूँगी. टीना- अच्छा ठीक है जब तेरा मन हो, बता देना. यही पट्टी वाला खेल दोबारा कर लेंगे और ये बता तुझे लाइव चुदाई देख कर मज़ा आया या नहीं? सुमन- बहुत मज़ा आया दीदी.. आपकी चुदाई देख कर तो मैंने दोबारा पानी निकाल दिया था. टीना- चुदाई देख कर इतना एंजाय किया, जिस दिन खुद चुदेगी ना.. तब मेरी जान तुझे और ज़्यादा मज़ा आएगा. सुमन- हाँ दीदी, लगता तो ऐसा ही है.. एमेम मगर..
बस दोस्तो, अब सुमन का मगर कल देखना.
मेरे प्यारे साथियो, आप मुझे मेरी देसी सेक्स स्टोरी पर भद्दे कमेंट्स ना करें. [email protected] देसी सेक्स स्टोरी जारी है.
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