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अब तक की इस चुत लंड की कहानी में आपने पढ़ा था कि सुमन अब मॉंटी के लंड को ठीक करने के बहाने से देखने लगी थी. अब आगे..
मॉंटी के लंड को देखकर सुमन के मुँह में पानी आ गया. डर तो उसे भी लग रहा था मगर मॉंटी को देख कर उसने सोचा कि जब ये खुद इतना शर्मा रहा है तो मुझे थोड़ा खुलना चाहिए. सुमन ने आराम से मॉंटी के लंड को ऊपर-नीचे करके देखा और फिर उसे सहलाने लगी. अब ऐसी मालिश से किसी नामर्द का ही खड़ा ना होता होगा, मगर मॉंटी का तो पूरा तन गया था.
मॉंटी- आह दीदी.. ये लूली तो बड़ी हो गई.. उफ़ अब अच्छा लग रहा है आह ऐसे ही करो आह.. सुमन- क्यों मज़ा आ रहा है ना.. अब देखना धीरे-धीरे और मज़ा आएगा. तू बस ऐसे ही आराम से लेटा रह ओके! मॉंटी- ओके दीदी.. आह उस दिन वो गीला-गीला क्या था आह उसमें बहुत मज़ा आ रहा था, दीदी आप प्लीज़ वैसे ही करो ना. सुमन- अच्छा वैसे चाहिए तो ऐसा करो अपनी आँख बंद कर लो और देखो खोलना मत ओके.. नहीं मैं दोबारा मज़ा नहीं दूँगी ओके!
मॉंटी ने सुमन की बात मान ली और आँखें बंद करके सीधा लेट गया. अब सुमन को भी इसी मौके का इन्तजार था. उसने एक ही पल में उसके खड़े लंड को मुँह में भर लिया और मज़े से चूसने लगी. मॉंटी- सस्स आह… दीदी आह… ऐसे ही हाँ बहुत मज़ा आ रहा है उफ़ सस्स कितना मज़ा आ रहा है दीदी.. आह ऐसे ही करो बस.. सुमन तो खुद https://www.antarvasnax.com/chudai-kahani/dosti-lund-ki-pyasi-roshni-1/लंड की प्यासी थी वो पूरे लंड को ऊपर-नीचे करके चूस रही थी. कभी होंठ दबा कर चूसती, तो कभी अपनी जीभ पूरे लंड पर घुमाती.
मॉंटी तो मज़े की दुनिया में ऐसा खोया कि बस पूछो मत.. वो बस मादक सिसकारियाँ ले रहा था. सुमन अब बेकाबू हो गई थी, वो लंड चूसने के साथ-साथ अपनी चुत भी रगड़ रही थी. उसके मुँह से भी मादक सिसकारियाँ निकलने लगी थीं, जो शायद मॉंटी के कान तक भी गई. बस फिर क्या था मॉंटी ने आँखें खोल लीं और जो नजारा उसने देखा तो उसको यकीन ही नहीं हुआ. सुमन उसका लंड पूरा मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी.
मॉंटी का मज़ा तो दुगुना बढ़ गया अब वो भी सुमन को देख रहा था और आहें भर रहा था. जल्दी ही उसकी नसें फूलने लगीं. इधर सुमन को भी पता लग गया कि लंड का पानी आने वाला है तो वो और तेज लंड पर चुप्पे मारने लगी थी. मॉंटी- एयेए आह दीदी आह… मुझे कुछ हो रहा है आह.. उफ़फ्फ़ रूको आह शायद आह मेरा सूसू आ जाएगा नहीं आह आ आह..
मॉंटी कुछ समझ पाता, तब तक देर हो चुकी थी. उसके लंड से पिचकारी निकलने लगी थी और सुमन को ये पता था तो उसने पहले ही लंड को गाल की साइड कर लिया था. लंड से एक के बाद एक पिचकारी निकलती रहीं और सुमन ने सारा रस गटक लिया, तब कहीं जाकर उसने लंड को आज़ाद किया. जब उसने मॉंटी की तरफ़ देखा वो उसे घूर रहा था.
सुमन- मैंने आँख खोलने से मना किया था ना.. फिर क्यों खोलीं? मॉंटी- दीदी सॉरी मगर आप बहुत अच्छी हो.. मुझे कितना मज़ा आया कैसे बताऊं आपको? और मेरी लूली से कुछ निकला था ना? सुमन- चलो कोई बात नहीं.. हाँ तेरा रस रुक रुक निकला था.
मॉंटी के लंड से एक बूँद और निकली.. जिसे सुमन ने उंगली पे लेकर मॉंटी को दिखाई और फिर चाट गई. मॉंटी- ये क्या था वाइट सा.. कहीं यही तो रस नहीं था क्या? सुमन- हाँ यही रस था, अब तुम किसी को ये बताना मत.. ओके! मॉंटी- ओके दीदी नहीं बताऊंगा. मगर अपने मेरी लूली को मुँह में क्यों लिया? सुमन- क्यों तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या? मॉंटी- नहीं बहुत मज़ा आया मगर मुँह में लेने से क्या होता है. सुमन- तुम मज़ा लो, बाकी सब जाने दो. मॉंटी- अच्छा ठीक है दीदी.. ये तो बताओ आप बार-बार नीचे खुजा क्यों रही हो.. आपको भी मेरी तरह खुजली हो गई क्या? सुमन- हे भगवान तुम कितने सवाल करते हो.. अब बस भी करो.
टीना- अरे बस क्यों.. जो बात है इसे बता दे ना.. बेचारा सही तो पूछ रहा है. टीना बहुत देर से इन दोनों के खेल को देख कर मज़े ले रही थी.
सुमन- उह दीदी, आप आ गईं. अब आप ही बता दो इसके सवाल ख़त्म ही नहीं होते हैं. टीना- अच्छा ये बात है तो सुन मेरे सोना.. तुम्हें जो मज़ा मिला ना वो एक थेरपी है, जो दीदी ने तुमको दी. इससे खुजली मिट जाती है. अब जाहिर सी बात है दीदी को भी खुजली हो रही होगी. तभी ये बार-बार खुजा रही है. अगर तुम दीदी को थैंक्स बोलना चाहते हो तो तुम भी इनको मज़ा दे दो.. हिसाब बराबर हो जाएगा.
सुमन- ये आप क्या बोल रही हो दीदी? नहीं मुझे कुछ नहीं हुआ. मॉंटी- अरे आप झूठ मत बोलो.. मैंने देखा है आप नीचे खुजा रही थीं. फिर आपकी आवाज़ भी मैंने सुनी थी. टीना- हाँ सुमन आज मौका है.. चटवा लो.. मॉंटी से तुम्हें आराम भी मिल जाएगा. सुमन- नहीं दीदी, प्लीज़ मुझे नहीं करना.. मैं ठीक हूँ. टीना- अच्छा ठीक है मत कर.. मॉंटी ऊपर के कमरे में जाकर टेबल पे एक बैग रखा है.. तू वो लेकर आ.
टीना ने अचानक से ये बात कही जो ना सुमन के समझ आई ना मॉंटी के. मॉंटी- कैसा बैग दीदी.. और उसमें क्या है? टीना- तुझे जितना कहा है वो कर.. ज़्यादा सवाल मत काट.. जा अब.
मॉंटी ने अपने कपड़े ठीक किए और वहाँ से चला गया.
टीना- पागल है तू क्यों बार-बार मना कर रही है, ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा. सुमन- दीदी मैं मॉंटी के सामने कैसे नंगी हो सकती हूँ और फिर चुत चटवाना.. नहीं नहीं.. सोच कर ही अजीब लग रहा है. टीना- अरे यार चुत चटवाना हर किसी के नसीब में नहीं होता.. तू उंगली से मज़ा लेकर देख चुकी. आज ये भी ट्राई कर ले और फिर मॉंटी तो घर का ही है उससे कोई ख़तरा भी नहीं होगा. सुमन- मगर दीदी मुझे शर्म आएगी.
टीना- अच्छा अभी जो उसका लंड मज़े से चूस रही थी.. तब तेरी शर्म कहाँ गई थी? सुमन- व्व..वो उस टाइम पता नहीं चला फिर आप भी नहीं थी ना यहाँ! टीना- अच्छा ये बात है तो चल मैं फिर बाहर चली जाऊंगी मगर तू खुल कर मज़े लेना.. समझी! इसे अपना टास्क ही समझ.. अब बस तू बहुत करीब है पास होने के.. उसके बाद सब टास्क ख़त्म और तू हमारे जैसी फास्ट हो जाएगी. सुमन- सच दीदी ऐसा हो जाएगा क्या? टीना- अरे हाँ ऐसा ही होगा.. आज तू एक नई दुनिया में जाएगी. मॉंटी का और तेरा ये पहली बार है.. देखना जब दो अनाड़ी मिलते हैं तो कैसा मज़ा आता है. सुमन- ठीक है दीदी मगर कुछ होगा तो नहीं ना? टीना- कुछ नहीं होगा तुझे वो वीडियो याद है ना.. बस सब कुछ वैसे ही करना और पहले अपने निप्पल मॉंटी से चुसवाना. सुमन- दीदी मुझे पूरी नंगी होना पड़ेगा. मैं तो समझी कि मॉंटी से बस चुत चटवानी होगी. टीना- अरे पागल डायरेक्ट चुत चटवाने में क्या मज़ा आएगा.. खुल कर मज़ा ले. फिर देख कितना मज़ा आता है. अब देख मॉंटी आ रहा है.. बस जैसा मैं कहूँ वैसा ही करना ओके!
टीना ने जल्दी-जल्दी सुमन को कुछ समझाया कि उसे क्या करना है.
मॉंटी- क्या दीदी वहां कोई बैग नहीं था.. आप भी ना कहीं और रख दिया होगा आपने. टीना- हाँ शायद कहीं और रखा होगा मैंने.. जाने दे तू बैठ यहाँ.
टीना ने सुमन को इशारा किया तो वो शुरू हो गई. वो कभी अपने मम्मों पे खुजाती, तो कभी नीचे चुत पर जिसे मॉंटी ने भी देख लिया.
टीना- अरे अरे ऐसे मत खुजा.. बाद में दिक्कत हो जाएगी.. मैं बोल रही हूँ.. तू मॉंटी से इलाज करवा ले ना! मॉंटी- हाँ दीदी प्लीज़ मान जाओ.. नहीं आपको भी मेरी तरह लाल दाने हो जाएँगे. सुमन- हाँ करवा तो लू मॉंटी.. मगर बाहर किसी को पता लगेगा तो सब मेरा मजाक उड़ाएंगे और हँसेंगे. टीना- अरे बाहर किसी को पता नहीं लगेगा, जैसे मैं मॉंटी की दीदी हूँ तुम भी तो वैसी ही हो. अब मॉंटी अपनी दीदी का मजाक बनवाएगा क्या.. हाँ? मॉंटी- हाँ दीदी मैं किसी को नहीं बताऊंगा. आपको यकीन नहीं तो दीदी की कसम.. बस मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा.
टीना और सुमन समझ गईं कि मॉंटी अब फँस गया है, वो किसी को कुछ नहीं बताएगा. टीना- ये हुई ना बात.. अच्छा ठीक है मैं माँ के पास जाती हूँ मॉंटी तुम अच्छे से दीदी का इलाज करना हाँ.. जैसा ये कहें.. वैसे ही करना तुम समझे मेरे सोना..
मॉंटी ने ‘हाँ’ में गर्दन हिला दी. फिर टीना वहाँ से बाहर चली गई और मॉंटी बस सुमन को देखने लग गया.
सुमन- क्या हुआ? तू मुझे ऐसे क्यों देख रहा है मॉंटी? मॉंटी- अरे दीदी, जल्दी आप कपड़े निकालो तो मैं इलाज करूँ ना आपका. सुमन- हा हा हा बड़ा आया डॉक्टर.. मेरा इलाज करेगा, चल पहले अपने सारे कपड़े निकाल तू.. फिर मैं निकालूंगी. मॉंटी- अरे मैं क्यों निकालूँ.. इलाज आपका करना है मेरा नहीं. सुमन- तू तो कपड़े पहने होगा और मुझे नंगी होने को बोल रहा है.. ऐसे मुझे शर्म आएगी. मॉंटी- अच्छा ये बात है.. मैं भी नंगा रहूँगा तो आपको शर्म नहीं आएगी तो ठीक है.. ये लो अभी निकाल देता हूँ.
मॉंटी ने झट से अपने कपड़े निकाल दिए अब वो पूरा नंगा सुमन के सामने खड़ा था. मॉंटी- चलो अब आप भी जल्दी से निकाल दो. सुमन- तू पहले मुँह उधर कर ना. मॉंटी- अरे इतना भी क्या शर्माना दीदी.. अभी मुँह उधर कर लूँगा, फिर इलाज के टाइम तो आपको देखूँगा ना.. और वैसे भी उस रात मैंने आपको देखा था. चलो अब अपने कपड़े जल्दी से निकाल दो. सुमन- नहीं तू मुँह उधर कर.. बाद में चाहे देख लेना समझे. मॉंटी- अच्छा ठीक है लो उधर मुँह कर लिया.. आप भी नहीं मानोगी.
मॉंटी ने अपना चेहरा दूसरी तरफ़ घुमा लिया था. अब सुमन के होंठों पे एक हल्की मुस्कान आ गई थी.
सुमन- देखना मत तुम ओके.. मैं जब कहूँ तभी मुड़ना. मॉंटी- अच्छा ठीक है दीदी, जब तक आप नहीं बोलोगी मैं पीछे नहीं देखूँगा.
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[email protected] चुत लंड की कहानी जारी है.
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