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अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि टीन गर्ल टीना ने मॉंटी को उसकी इस बात को लेकर बहुत झाड़ा कि वो सोने का नाटक करते हुए उसकी लूली पर दवा लगवाते वक्त मजा ले रहा था. अब आगे..
टीना की बात सुनकर सुमन और मॉंटी दोनों टेंशन में आ गए.. क्योंकि वो बहुत ज़्यादा गुस्से में थी. मॉंटी की आँखों से आँसू निकल आए वो बहुत डर गया था. इधर टीना भी खड़ी उसको घूर रही थी.. वो भाग कर टीना के पास गया और उससे लिपट कर जोर से रोने लगा- मुझे माफ़ कर दो दीदी, सॉरी मुझसे ग़लती हो गई प्लीज़ दीदी.. आगे से मैं ऐसा कभी नहीं करूँगा.
दोस्तो, उस रात आप बड़ा बोल रहे थे ना ऐसी नींद किसी की नहीं होती कि कोई लंड को ऐसे चूसे, मसले और आँख ना खुले.. लो आपकी बात सच हो गई. ये मॉंटी भी जाग गया था.. भले ही ये नासमझ हो मगर वो इतना भी छोटा नहीं था कि लंड चुसाई को एंजाय ना करे, वही इसने किया. चलो अब आगे देखो क्या होता है.
टीना- अरे मेरा सोना तो रोने लगा.. चल अब बस चुप हो ज़ा, नहीं करती गुस्सा..
टीना और सुमन दोनों ने उसको काफ़ी देर तक चुप करवाया तब कहीं वो चुप हुआ. फिर उसको पानी पिलाया और बेड पे अपने पास बिठा कर टीना उसके बालों में हाथ घुमाते हुए सुमन को इशारा किया कि वो जैसे कहे तू हाँ कह देना, सुमन भी समझ गई.
टीना- सोना, अब बोल तू ठीक है ना? मॉंटी- हाँ दीदी.. मैं ठीक हूँ सॉरी दीदी.. टीना- अरे अब जाने दे, तू जब उठ गया था तो कुछ बोला क्यों नहीं, बस इसी लिए मुझे गुस्सा आया और सुमन जो कर रही थी, मैंने ही तो इसे कहा था ताकि तुझे आराम मिले. उस दिन कैसे तुझे खुजली हो रही थी.. बस उस रात भी कुछ ऐसा ही हुआ था, तुझे पता नहीं लगा. क्यों सुमन तू बता ना? सुमन- हाँ मॉंटी, तू नींद में बहुत परेशान हो रहा था मैं इसी लिए तो आई थी.. टीना दीदी ने मुझे बुलाया था. मॉंटी- अच्छा ये बात है मगर दीदी ने आपको क्यों बुलाया? उस दिन तो दीदी ने खुद तेल लगाया था? टीना- अरे बुद्धू ये सुमन को खुजली का इलाज करना आता है.. तेल से कुछ देर में आराम मिलता है मगर इसको दूसरा तरीका पता है, बस ये वही कर रही थी. मॉंटी- उह अच्छा.. मगर दीदी इन्होंने कपड़े क्यों निकाले हुए थे?
टीना- वो इलाज ऐसे ही होता है, अब तू सवाल करना बंद कर.. पहले ये बता तू जगा कब था और तुझे कैसे पता लगा कि उस रात ये बिना कपड़ों के थी? मॉंटी- दीदी मैं तो आराम से सो रहा था मगर अचानक मेरी लूली में दर्द हुआ तो मेरी आँख खुल गई. ये सुमन दीदी को देख कर मैं बहुत डर गया और जल्दी से मैंने आँख बंद कर ली. फिर मैं सोचने लगा कोई भूत तो नहीं आ गया मगर आपकी आवाज़ सुनी, फिर सुमन दीदी की आवाज़ सुनी.. तब मुझे लगा आप जाग रही हो और आपकी कोई फ्रेंड मेरे साथ कुछ कर रही है. बस फिर मुझे बहुत मज़ा आने लगा और मैं चुप पड़ा रहा.
टीना- अच्छा जब तेरी आँख खुली तो सुमन कहाँ थी और तूने क्या आवाज़ सुनी? मॉंटी- दीदी मेरी आँख खुली तब सुमन दीदी मेरे पैरों के पास बैठी हुई थीं और इनके बाल मेरे ऊपर थे. ये शायद मेरी लूली पे कोई गीली सी चीज लगा रही थीं. मुझे कुछ समझ नहीं आया फिर मेरी लूली से पता नहीं क्या निकला.. वो सूसू तो नहीं थी लेकिन कुछ निकला था, मुझे ऐसा लगा. फिर दीदी ने आपको कुछ कहा.. कुछ रस चाटने की बात की. मुझे ठीक से समझ नहीं आया. फिर आपने भी रस की बात की. थोड़ी देर बाद आप दोनों दूर हो गईं. तब मैंने आँख खोल कर देखा तो सुमन दीदी एकदम नंगी थीं.. मैं फिर डर गया कहीं आपने देख लिया तो आप गुस्सा हो जाओगी तो मैं सो गया. मैंने बहुत देर तक आप दोनों की हल्की आवाजें सुनी मगर कुछ समझ नहीं आया. फिर पता नहीं मैं कब सो गया.
टीना ने दिमाग़ पर जोर डाला तो उसे याद आ गया कि मॉंटी कब उठा होगा. चलो आप भी देख लो कुछ समझ आ जाए.
सुमन की चुत एकदम आग का गोला बन गई जो किसी भी पल फटने वाले थी और उसी जोश में वो लंड को पूरा मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगी. वो साथ में अपनी चुत को रगड़ने लगी, उसी पल मॉंटी ने आँख खोली थी.
दोनों का फुव्वारा साथ में छूटा मगर इस बार सुमन जोश में थी तो मॉंटी का सारा रस वो गटक गई और अपनी चुत का रस अपने हाथ पे लेकर वहीं ज़मीन पे निढाल होकर बैठ गई.
टीना जल्दी से उसके पास आई और उसके हाथ को चाटकर उसका रस पीने लगी. वो भी कब से तड़प रही थी. अब उसके बर्दाश्त के बाहर हुआ तो उसने सुमन का रस चाट लिया.
सुमन- उह दीदी.. सच कहा था आपने.. लंड रस बड़ा टेस्टी होता है. अबकी बार मैंने पूरा पी लिया मगर अपने मेरा रस क्यों पिया? टीना- अरे तेरा रस वेस्ट ना हो इसलिए पी लिया मेरी जान.. अब चल मॉंटी के कपड़े ठीक कर और वहां बेड पर चल, वहीं बातें करेंगे. सुमन- रूको मैं वॉशरूम होकर आती हूँ दीदी.. फिर हम दोनों बातें करेंगे.
अब आपको समझ आ गया ना.. मॉंटी कब उठा था तो चलो अब आप आगे का सब हाल भी जान लो.
टीना- अच्छा ये बात है.. तब जगा तू… क्यों सुमन कुछ याद आया तुझे? सुमन- हाँ दीदी, सब कुछ याद आ गया. मॉंटी- दीदी प्लीज़ बताओ ना.. आपने कपड़े क्यों निकाले हुए थे और मेरी लूली पर आपने गीला-गीला क्या लगाया था.. वो बहुत अच्छा लग रहा था और ये रस कहाँ से आया था.. बताओ ना प्लीज़?
मॉंटी की बात सुनकर दोनों खिलखिला कर हंसने लगीं और मॉंटी बेचारा उन्हें देखता रहा. जब बहुत देर तक दोनों ने जवाब नहीं दिया वो नाराज़ हो गया- हँसो आप.. जाओ मैं आपसे बात नहीं करता.. अब कभी बात नहीं करूँगा. टीना- हा हा हा अरे तेरे पर नहीं हंस रहे.. अच्छा सॉरी सुन, तुझे सब बताती हूँ. पहले मेरा एक काम कर.. जा बाहर से दो कोल्ड ड्रिंक लेकर आ, पता नहीं सीने में जलन हो रही है और तू अपने लिए भी कुछ ले आना.
टीना ने मॉंटी को पैसे दे दिए और वो चला गया. उसके बाद सुमन और टीना एक-दूसरे को देखने लगीं.. दोनों के मन में कुछ चल रहा था. अब देखो इन दोनों में पहले शुरूआत कौन करती है.
सुमन- दीदी अब क्या होगा.. मॉंटी ने मुझे बिना कपड़ों के देख लिया. अब आप उसके सवाल का जवाब क्या दोगी? टीना- अरे अभी तूने देखा नहीं, मैंने कैसे उसको उल्लू बनाया है. वो सीधा है यार.. उसको इतना समझ नहीं आएगा. सुमन- फिर भी दीदी कभी किसी को बोल दे तो.. हम उसे ऐसे लाइटली नहीं ले सकते. टीना- बात तो ठीक है तुम्हारी.. और वैसे भी मैं आज सोच ही रही थी कि जमाने में इतना सीधा होना भी ठीक नहीं, तो इसको कुछ सिखाऊं मगर मौका नहीं मिला. अब आज इसने खुद मौका दे दिया तो हम आज इसे सिखा ही देते हैं.. क्यों, क्या बोलती है? सुमन- क्या सिखा देते हैं.. मैं कुछ समझी नहीं दीदी?
टीना- अच्छा ये बता उसका लंड चूसने में मज़ा आया था ना तुझे? सुमन- हाँ दीदी बहुत मज़ा आया था. टीना- आज दोबारा मज़ा लेगी उसके रस का? सुमन- मन तो है मगर आज कैसे, अब तो उसको पता चल गया है? टीना- अरे पगली हम उसको झूठी कहानी बता कर ऐसा फँसा लेंगे, फिर वो किसी को कुछ नहीं बताएगा और तुम उसका रस भी मज़े से चख लेना. सुमन- वो कैसे दीदी पहले आप मुझे बताओ.
टीना ने अपना आइडिया सुमन को बताया तो वो उसको अच्छा लगा फिर दोनों काफ़ी देर तक उसी टॉपिक पे बात करती रहीं.
मॉंटी कोल्ड ड्रिंक ले आया था. अब वो वहीं बैठा हुआ था. टीना ने कोल्डड्रिंक का घूँट भरा और कहा- हाँ अब सुकून मिला मुझे.. तो अब बोल तू क्या बोल रहा था? मॉंटी- दीदी अपने बताया नहीं, उस रात दीदी नंगी क्यों थीं और वो रस क्या था? टीना- मेरे सोना.. तेरी खुजली से सुमन को भी खुजली हो गई थी. तब मैंने पहले इसको तेल लगाया था.. बाद में इसने तेरा इलाज किया. मॉंटी- अच्छा और वो रस वाली बात..? टीना- वो तेरी लूली से निकला था मगर ये बात तू किसी को बताना मत, नहीं सब तेरा मजाक उड़ाएंगे समझे. मॉंटी- क्यों दीदी ऐसा क्यों और लूली से कैसा रस निकला था? टीना- सुन मेरे भाई.. सुमन अभी तुझे सब करके बता देगी मगर तू ये बात किसी को नहीं बोलेगा. पहले तू मेरे सर की कसम खा.
टीना ने मॉंटी को बातों में फँसा लिया और उससे कसम भी ले ली. वो जानती थी मॉंटी उसकी कसम कभी नहीं तोड़ेगा. बस फिर क्या था.
उसने सुमन को कहा- शुरू हो जा, तब तक मैं मॉम को देख आती हूँ. सुमन- दीदी उस रात ये सोया था मगर अभी ये जगा है मुझे थोड़ा अजीब लग रहा है.. मैं कैसे कर पाऊंगी? टीना- मॉंटी अब खड़ा क्या है.. चल सारे कपड़े निकाल दे, आज सुमन दीदी तुम्हें कुछ सिखाएगी और उसमें तुझे मज़ा भी आएगा. मॉंटी- दीदी सारे कपड़े क्यों? मुझे आप दोनों से शर्म आएगी ना! टीना- ले भाई इधर ये शर्मा रही है और अब तू भी शर्मा रहा है.. तब हो गया इलाज, अब मेरे गुस्सा होने का वेट कर रहा है क्या.. चल जल्दी निकाल कपड़े!
टीना की भारी आवाज़ से मॉंटी डर गया उसने 2 मिनट भी नहीं लगाए और नंगा होकर बेड पर अपने पैर सिकोड़ कर बैठ गया.
टीना- गुड ब्वॉय.. अब तुम्हें भी अलग से इन्वाइट करना पड़ेगा क्या? चल मॉंटी को बता कि तूने कैसे उसका इलाज किया था?
सुमन को शर्म आ रही थी मगर मॉंटी को नंगा देख कर उसकी वासना भी जाग गई थी. फिर टीना ने इशारे से उसको समझाया कि वो नादान है उसको कुछ पता नहीं.. तू आराम से एंजाय कर, मैं अभी आती हूँ.
टीना ने दरवाजा बंद किया और वहां से चली गई. उसके बाद सुमन बेड पे बैठ गई.
सुमन- अरे तुम ऐसे क्यों बैठे हो.. आराम से बैठो, मुझे देखने दो अब कोई दाना तो नहीं है ना.. मेरे इलाज के बाद तुम्हें फ़र्क पड़ा या नहीं.
मॉंटी ने शर्माते हुए टाँगें सीधी कर दीं, उसको लंड सोया हुआ था.
मेरे प्यारे साथियो, आप मुझे मेरी इस सेक्स स्टोरी पर मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें.
[email protected] कहानी जारी है.
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