प्रगति का अतीत- 3
मास्टरजी के घर से चोरों की तरह निकल कर घर जाते समय…
तीन पत्ती गुलाब-11
आज भी मैं थोड़ा जल्दी उठ गया था। मधुर ने बेडरूम में…
प्रगति का अतीत- 5
मास्टरजी और प्रगति गुसलखाने में गए और मास्टरजी ने उस…
तीन पत्ती गुलाब-12
“जिन खूबसूरत लड़कियों की ठोड़ी या होंठों के ऊपर तिल…
तीन पत्ती गुलाब-18
आइए अब योनि दर्शन और चूषण सोपान शुरू करते हैं… लोग…
तीन पत्ती गुलाब-15
रात्रि भोजन (डिनर) निपटाने के बाद मधुर ने मेरी ओर …
तीन पत्ती गुलाब-10
सुबह के लगभग 8 बजे हैं। रात को थोड़ी बारिश हुई थी …
तीन पत्ती गुलाब-13
मेरे प्यारे पाठको और पाठिकाओ! एक शेर मुलाहिजा फरमा…
तीन पत्ती गुलाब-16
प्रिय पाठको और पाठिकाओ! आइए अब लिंग दर्शन और चूसन क…
तीन पत्ती गुलाब-20
आज पूरे दिन बार-बार गौरी का ही ख़याल आता रहा। एकबा…