तीन पत्ती गुलाब-33

भाभी धीरे-धीरे अपने भारी और मोटे नितम्बों को नीचे …

तीन पत्ती गुलाब-37

मुझे पहले तो थोड़ा संशय था पर अब तो मैं पूरे यकीन …

नशा, हवस और प्यार

लेखक : रौनक मेहता अन्तर्वासना के सभी साथियों को मेर…

तीन पत्ती गुलाब-34

भाभी ने अपने दोनों हाथ भैया की पीठ पर कस लिए और अ…

तीन पत्ती गुलाब-30

गौरी की कसी खूबसूरत गुलाबी गांड मारने के लिए मैं …

तीन पत्ती गुलाब-35

अब भाभी बैड पर पेट के बल लेटी गई थी और भैया ने उन…

चूत की खिलाड़िन-6

कुछ देर बाद उसने मेरी चूत में 3-4 धक्के और मारे और…

तीन पत्ती गुलाब-38

हे लिंग देव !!! आज तो तुमने सच में ही लौड़े लगा ही…

तीन पत्ती गुलाब-40

मैंने कसकर गौरी की जांघें पकड़ ली। गौरी का शरीर अब…

तीन पत्ती गुलाब-41

मैंने गौरी को अपनी गोद में उठा लिया। “ओह… रुको तो…