पहले पिछवाड़ा !

प्रेषक : लवर बॉय दोस्तो, मेरा नाम बताना ज़रूरी तो नह…

रचना का खेल

कुट्टी सर के साथ मस्ती करके दिल्ली से वापिस आने के च…

पंजाबी लौड़ा

प्रेषक : गुरप्रीत सिंह हेलो ! आप सब भाभियों और औरतो…

तीसरी कसम-7

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना “जिज्जू ! एक बात सच बोलूँ…

तीसरी कसम-9

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना मैं जैसे ही बेड पर बैठा …

तीसरी कसम-3

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना ‘पलक…’ ‘हुं…’ ‘पर तुम्हें…

तीसरी कसम-8

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना रेशम की तरह कोमल और मक्खन…

तीसरी कसम-5

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना ‘बस सर, अब वो वो… जल थेर…

शरीर के अंग

एक बार आंख और दिल में लड़ाई हो गई. दिल- देखते तुम …

किरायेदार-7

मैं सोमवार रात को 10 बजे आया, सुरेखा और दिन की तर…