फ़ौज़ी अंकल
प्रेषक : शक्ति कपूर मैं उस समय लगभग अट्ठारह साल की थ…
रीना ने अपनी सील तुड़वाई
हैलो दोस्तो, मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि …
अधखिला पुष्प
मेरी शादी हुये लगभग चार साल हो चुके थे। कुछ अभागी…
हो गई बल्ले बल्ले
प्रेषक : हर्ष हेल्लो दोस्तो, सभी को प्यार भरा नमस्कार !…
पहला गैंगबैंग
प्रेषक : प्रकाश कुमार सभी अन्तर्वासना के पाठकों को प्र…
मदनराग रंग लायो..
तन के मिलन की चाह बडी नैसर्गिक है। सुन्दर स्त्री की द…
खेल खेल में चोदा
प्रेषक : संजय शर्मा अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा…
अपने ही ऑफिस में रंडी बनकर चुदी
प्रेषिका : कोमल मित्तल सभी अंतर्वासना पढ़ने वाले पाठ…
इंग्लैंड आकर बन गई मैं टैक्सी-1
लेखिका : रूही सिंह सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को र…
अनजानी लड़की
मेरा नाम राजवीर है, प्यार से लोग मुझे वीरू बुलाते …