मेरा गुप्त जीवन- 113

थोड़ी देर में मधु मैडम झड़ने के करीब पहुँच गई थी, उ…

मेरा गुप्त जीवन- 168

मैं बड़ी धीरे धीरे चुदाई कर रहा था ताकि ऊषा पुनः ग…

मेरा गुप्त जीवन- 135

चाची भी बहुत अधिक गरमा चुकी थी तो वो भी जल्दी ही झ…

मेरा गुप्त जीवन- 149

मैं अपने खड़े लंड को हाथ में पकड़ कर धीरे से लाजो क…

मेरा गुप्त जीवन- 179

नंदा भाभी की जम कर चुदाई करने के बाद हम सब थक हार…

मेरा गुप्त जीवन- 189

पम्मी की आँखें एकदम विस्फारित हुई पड़ी थी, वो डरते ह…

मेरा गुप्त जीवन- 110

कम्मो मुस्कराते हुए बोली- मैं उस दिन ही समझ गई थी क…

आनन्द भरा सुहाना सफ़र

मिताली और उनके पति पंकज सहारनपुर में रहते थे, पंक…

मेरा गुप्त जीवन- 162

मैंने भी उसके मोटे चूतड़ों को हल्के से मसल दिया और …

चूत मेरे ही घर में थी

हाय दोस्तो, मैं आकाश.. कैसे हैं आप सब! मैं कानपुर,…