मुम्बई की गंध-2

तीन फुट ऊंचे, संगमरमर के फर्श पर, बहुत कम कपड़ों मे…

जिस्म की जरूरत-2

उनके मुड़ते ही मेरी आँखें अब सीधे वहाँ चली गईं जहा…

जिस्म की जरूरत-1

दोस्तो, मैं समीर चौधरी.. सत्ताईस साल का एक सामान्य य…

जिस्म की जरूरत-3

रैक के ऊपर के सारे बर्तन गंदे पड़े थे इसलिए वो झुक …

जिस्म की जरूरत-5

‘जी नहीं… यह हमारी मम्मी का हुक्म है और उनकी बात को…

जिस्म की जरूरत-7

उफ्फ… वो मखमली एहसास उन चूचियों का… मानो रेशम की द…

जिस्म की जरूरत-4

रेणुका तेज़ क़दमों के साथ दरवाज़े से बाहर चली गईं… म…

जिस्म की जरूरत-6

‘ठीक है समीर जी, अब तो रोज़ ही मिलना मिलाना लगा रह…

भोले लड़के ने माँ के साथ सेक्स किया

माँ सेक्स की इस कहानी में पढ़ें कि मेरे एक दोस्त, जो…

गर्मी की वह रात

प्रेषक : ऋतेश कुमार मित्रो, अंतर्वासना के लिए यह मेर…