निशा का नशा
प्रेषक : संजू बाबा अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा…
नानाजी का प्यार-2
प्रेषिका : पायल सिंह तब नानाजी ने अपने धोती में से…
नव वर्ष की पूर्व संध्या-2
प्रेषिका : शालिनी कोई आधे घण्टे तक उसके लंड को चूसन…
काशीरा-लैला -1
चचाजान का खत आया कि वो तीन चार दिन के लिये हमारे …
अगर उस दिन मैं दरवाजा खोल देती
कई बातें ऐसी होती हैं जो बीत जाने के बाद बरसों तक…
अमरुद का पेड़
प्रेषिका : पायल सिंह नेहा अपनी बारहवीं की परीक्षा क…
मोबाईल से बिस्तर तक
मेरा नाम रितेश है, मैं जयपुर रहता हूँ, कद 5’10” ए…
ननद भाभी-2
बीच रात में मैं बाथरूम जाने के लिए उठा। इस कमरे म…
पहला आनन्दमयी एहसास -3
अन्तर्वासना के सभी पाठकों का एक बार फिर से मेरा तहे…
Hostel – Part II
Dusre din jab dono uthe to dono ne roshni ko baha…