लिफ़्ट देने के बाद
प्रेषक : स्वप्निल हेलो दोस्तो, मेरा नाम नील है, मैं प…
जन्मदिन का उपहार और सज़ा
मैं अमित शर्मा एक बार फिर लेकर आया हूँ अपनी सच्ची द…
इकलौते रह गए
शहजादा सलीम- हमारी अम्मी, अब्बू हमसे इतना प्यार करती…
कुछ बन कर दिखाओ
बेटी- पापा, मैं माँ बनने वाली हूँ। पापा- बदतमीज, …
कारनामा पूरा ना करने की सजा
सवेरे फिर मित्र से बात हुई… वो बोले- रात में जो नह…
पड़ोस वाले चाचा चाची के गुलछर्रे
प्रेषक : प्रणय हेलो दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है। म…
Auntychod Fir Maderchod
Ye kahani zarur mere bhai logon ko muth marne pe …
आम हारे, चीकू जीते
अपना पिछला करतब करने के बाद मेरी तबीयत नासाज हो ग…
आसान काम नहीं है-1
सुबह दूध वाले भैया को तड़पाने के बाद मैंने अपने मि…
डर और दर्द में भी मज़ा है
जब मैं एक एक करके अपने कपड़े उतार रही थी तब अजीब स…