केले का भोज-6

ओ ओ ओ ओ ओ ह… खुद को शर्म में भिगोती एक बड़ी लहर, रो…

चिरयौवना साली-21

लेखिका : कमला भट्टी मेरे गाँव से थोड़ी दूर कोई 10-1…

केले का भोज-1

प्रिय पाठको, आपने मेरी पिछली कहानियों स्‍वीटी और पु…

केले का भोज-2

मुझे उसके दोस्तों को देखकर उत्सुकता तो होती पर मैं …

मेघा की तड़प-4

रात को दस बजे प्रकाश अदिति को लेकर घर आ गये थे। अद…

चिरयौवना साली-19

टीवी देखते देखते और एक दूसरे के साथ मस्ती करते सात…

केले का भोज-4

क्षितिज कहीं पास दिख रहा था। मैंने उस तक पहुँचने क…

केले का भोज-3

मैंने योनि के छेद पर उंगली फिराई। थोड़ा-सा गूदा घि…

पूरे हुए सपने- 2

कहानी का पिछ्ला भाग: पूरे हुए सपने-1 एक दिन हिम्मत…

केले का भोज-9

योनि खाली हुई लेकिन सिर्फ थोड़ी देर के लिए। उसकी अग…