राजा का फ़रमान-4
राजा ने फरमान सुनाया- इस लड़की ने मुझसे चुदने से इ…
चरित्र बदलाव-7
रात को करीब 11 बजे दरवाजे की घण्टी बजी और जब मैंने…
जागी सी सोई सोई !-1
बात उन दिनों की है जब मेरा दाखिला कॉलेज में हुआ ह…
यह तो होना ही था
मेरी भेजी हुई एक कहानी आपने पढ़ी होगी आठ साल बाद म…
जब मस्ती चढ़ती है तो…-2
प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक उसके बाद मेरे पत…
दूसरी सुहागरात-2
प्रेम गुरु की कलम से… सम्पादन सहयोगिनी : स्लिम सीमा …
जरा ठीक से बैठो-3
प्रेषक : हरेश जोगनी बड़ा अजीब नज़ारा था, दो गेंद जो …
जीजू ने बहुत रुलाया-3
प्रेषिका : मेघना सिंह मुझे उत्तेजना की वजह से पेशाब…
चरित्र बदलाव-6
अगले दिन सुबह 7 बजे मेरे कमरे का दरवाजा बजा, मैंन…
जीजू ने बहुत रुलाया-2
प्रेषिका : मेघना सिंह दिनभर मैं घर पर अकेली रहती थ…