प्यासी उर्वशी

प्रेषक : करन सिंह सभी आदरणीय पाठकों को मेरा अभिवाद…

उसने रोक दिया

हरजिन्दर बरार दोस्तो, मैं जानता हूँ कि आप सभी लोग …

प्यासी दुल्हन -4

हमने एक दूसरे को बाँहों में भरकर 10-12 प्यार भरी प…

मिस यू सोनिया

हेल्लो दोस्तो, मैं राजवीर एक बार फिर से हाजिर हूँ ए…

तू नहीं और सही-2

प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा उसकी गीली झांटों से मेरे …

बस दो ही कमियाँ हैं

मैं अन्तर्वासना का नियमिक पाठक हूँ। मैं आप सब को अप…

सीढ़ियों में पटा कर छत पे चोदा

मैं आज आपको अपनी जिन्दगी की दो साल पुरानी एक घटना …

शीशे का ताजमहल-2

कहानी का पहला भाग : शीशे का ताजमहल-1 शबनम ने दीव…

प्यासी दुल्हन -3

रात के सात बज रहे थे, भाभी के साथ मैंने खाना बनाय…

ये दिल … एक पंछी-2

प्रेषिका : निशा भागवत “ओह्ह्ह ! मैं तो गई…” “प्लीज नि…