बाथरूम का दर्पण-2

मैंने सोचा कि बाथरूम में जाकर दर्पण का मुआयना करूँ…

मासूम यौवना-8

लेखिका : कमला भट्टी जीजाजी को अपनी उखड़ी सांसें सही…

बाथरूम का दर्पण-4

मैं आपको बता दूँ कि मैंने कभी किसी को मजबूर करके …

मासूम अक्षतयौवना-1

यह कोई मनघड़न्त कहानी नहीं, मेरी आपबीती है। मैं अजम…

दो जवान बहनें पिंकी और रिंकी-5

प्रेषक : राजवीर सूरज उठा और कपड़े पहने और चला गया। …

बाथरूम का दर्पण-5

मैं रोनी सलूजा एक बार फिर आपसे मुखातिब हूँ। मेरी …

मुझे मोटी गोरी लड़कियाँ, औरतें पंसद हैं

मेरा नाम करण सिंह (परिवर्तित नाम) है, मैं जोधपुर क…

महकती कविता-1

रोहण अपने तबादले पर कानपुर आ गया था। उसे जल्द ही ए…

बाथरूम का दर्पण-3

मेरे होंठ उसके गाल पर थे और हाथ चुची पर! मैंने पू…

रायपुर की दो सहेलियाँ

अपने सभी पाठकों का सादर धन्यवाद जिन्होंने मेरी सारी…