चिरयौवना साली-23

लेखिका : कमला भट्टी धीरे धीरे उन्होंने अपनी अंगुली …

मेघा की तड़प-4

रात को दस बजे प्रकाश अदिति को लेकर घर आ गये थे। अद…

चिरयौवना साली-19

टीवी देखते देखते और एक दूसरे के साथ मस्ती करते सात…

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केले का भोज-4

क्षितिज कहीं पास दिख रहा था। मैंने उस तक पहुँचने क…

केले का भोज-3

मैंने योनि के छेद पर उंगली फिराई। थोड़ा-सा गूदा घि…

पूरे हुए सपने- 2

कहानी का पिछ्ला भाग: पूरे हुए सपने-1 एक दिन हिम्मत…

केले का भोज-9

योनि खाली हुई लेकिन सिर्फ थोड़ी देर के लिए। उसकी अग…

केले का भोज-8

वह फिर मुझ पर झुक गई। कम से कम आधा केला अभी अन्दर …

पलक की चाची-1

आप सभी को नमस्कार आप सभी ने मेरी पहले भेजी हुई कहा…